अक्षरधाम मंदिर का इतिहास | Akshardham Temple History In Hindi

दिल्ली शहर लोगो को आकर्षित करने वाला शहर है, यहाँ की संस्कृति और धर्म दोनों ही लोगो को आकर्षित करते है। आकर्षण की एक और वजह यहाँ बना अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Temple भी है जो स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

यह मंदिर विश्व के विशालकाय मंदिरों में से यह एक है। इसका विशाल आर्किटेक्चर इसके इतिहास को बयाँ करता है। आइये इस मनमोहक और विशाल मंदिर की कुछ बातो को जानते है –

Akshardham Temple Delhi

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास – Akshardham Temple History In Hindi

अक्षरधाम या स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर एक हिन्दू मंदिर है और भारत के नयी दिल्ली में स्थापित साहित्यिक-सांस्कृतिक स्थान है। यह मंदिर दिल्ली अक्षरधाम या स्वामीनारायण अक्षरधाम के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में लाखो हिन्दू साहित्यों और संस्कृतियों और कलाकृतियों को मनमोहक अंदाज़ में दर्शाया गया है।

दिल्ली में आने वाले 70% यात्रियों को अक्षरधाम मंदिर आकर्षित करता है। इस मंदिर को डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 6 नवम्बर 2005 को शासकीय रूप से खोला था।

यह मंदिर यमुना के तट पर बना हुआ है और 2010 में खेले जाने वाले कामनवेल्थ गेम्स भी दिल्ली के इसी भाग में खेले गए थे। कॉम्प्लेक्स के बीच में बना यह मंदिर वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र के अनुसार बना हुआ है।

इस कॉम्प्लेक्स में अभिषेक मंडप, सहज आनंद वाटर शो, थीम गार्डन और तीन प्रदर्शनी (Exhibition) सहजआनंद दर्शन, नीलकंठ दर्शन और संस्कृति दर्शन है।

स्वामीनारायण में हिन्दुओ के अनुसार अक्षरधाम शब्द का अर्थ भगवान के घर से है और भगवान के भक्तो का ऐसा मानना है की अक्षरधाम भगवान का निवास स्थान हुआ करता था।

अक्षरधाम मंदिर – Akshardham Mandir

स्वामीनारायण अक्षरधाम कॉम्प्लेक्स का मुख्य आकर्षण अक्षरधाम मंदिर है। यह 141 फूट (43 मी.) ऊँचा, 316 फूट (96 मी.) फैला और 356 फूट लंबा (109 मी.) है। यह जटिलतापूर्वक इसे फूलो, पशु, नर्तको, संगीतकारों और अनुयायियों से सजाया गया है।

महर्षि वास्तु आर्किटेक्चर के अनुसार ही इसे डिजाईन किया गया है। इसे मुख्य रूप से राजस्थानी गुलाबी पत्थरो से और इतालियन कार्रारा मार्बल से बनाया गया। इसका निर्माण हिन्दू शिल्प शास्त्र के अनुसार ही किया गया है और साथ ही दुसरे इतिहासिक हिन्दू मंदिरों की तरह ही इसमें भी मेटल का उपयोग नही किया गया है। इसे बनाते समय स्टील और कोंक्रीट का उपयोग भी नही किया गया।

इस मंदिर में 234 आभूषित किये हुए पिल्लर, 9 गुम्बद और 20000 साधुओ, अनुयायियों और आचार्यो की मूर्तियाँ है। मंदिर के निचले भाग में गजेन्द्र पीठ भी है और हाथी को श्रधांजलि देने वाला एक स्तम्भ भी है और हिन्दू साहित्य और संस्कृति में इसे बहुत महत्त्व दिया जाता है। इसमें 148 विशाल हाथी बनाये गए है जिनका वजन तक़रीबन 3000 टन होगा।

मंदिर के बीच के गुम्बद के निचे 11 फूट (3.4 मी) ऊँची स्वामीनारायण भगवान की अभयमुद्रा में बैठी हुई मूर्ति है।

स्वामीनारायण मंदिर जातिगत गुरुओ के विचारो की प्रतिमाओ से घिरा हुआ है। स्वामीनारायण में बनी हर एक मूर्ति हिन्दू परंपरा के अनुसार पञ्च धातु से बनी हुई है। इस मंदिर में सीता-राम, राधा-कृष्णा, शिव-पार्वती और लक्ष्मी-नारायण की मूर्तियाँ भी है।

अक्षरधाम मंदिर का इतिहास – Akshardham Temple History

अक्षरधाम मंदिर के पीछे संस्था BAPS का हात है, जिसका अर्थ बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था से है। इसके प्रमुख स्वामी महाराज ने मंदिर को बनाने में मुख्य भूमिका निभाई है।

आज अक्षरधाम मंदिर दिल्ली शहर का मुख्य आकर्षण केंद्र बन चूका है और वर्तमान में अक्षरधाम मंदिर के बिना दिल्ली शहर की कल्पना करना मुश्किल ही नही नामुमकिन है।

भारत में अक्षरधाम मंदिर जैसे बहोत से इतिहासिक मंदिर बने हुए है, आज यही मंदिर भारत के इतिहासिक और इतिहासिक कलाकृतियों की बयाँ करते है। हमें भारत के इन मंदिर पर हमेशा गर्व होना चाहिए और गर्व होना चाहिए की आज भी हम एक ऐसे देश में रहते है जहाँ के लोग सदियों पुरानी परम्पराओ को आज भी मानते है।

अक्षरधाम मंदिर की कुछ रोचक बाते –Interesting Facts About Akshardham Temple In Delhi

1. अक्षरधाम मंदिर का एक और आकर्षण गार्डन ऑफ़ इंडिया है, मुख्य रूप से यह मंदिर के क्षेत्र में बना हरा लॉन है। इस गार्डन में बहुत सी कांसे की मूर्तियाँ बनी हुई है जो देश के कुछ महापुरुषों को श्रधांजलि देते हुए नजर आते है जैसे सैनिक, बाल हीरो और महान महिलाये और महापुरुष देशभक्त।

2. अक्षरधाम मंदिर की मुख्य ईमारत एक सरोवर से घिरी हुई है जिसे नारायण सरोवर कहा जाता है, जिसमे देश की तक़रीबन 151 विशाल सरोवर और नदियों का पानी भरा हुआ है। सरोवर के पास ही में 108 गौमुख भी बने हुए है और माना जाता है की यह 108 गौमुख 108 हिन्दू भगवान का प्रतिनिधित्व करते है।

3. इस सुन्दर और मनमोहक मंदिर में आकर्षित करने वाला एक म्यूजिकल फाउंटेन शो भी है। यह शो हर शाम 15 मिनट तक होता है। इस शो में जीवनचक्र भी दिखाया जाता है, जो इंसान के जन्म से शुरू होता है और मृत्यु पर खत्म होता है, इसे दिखाते समय ही म्यूजिकल फाउंटेन का उपयोग किया जाता है।

4. अक्षरधाम मंदिर में एक और आकर्षित गार्डन है जिसे कमल बाग़ भी कहा जाता है, इसका नाम इसके आकार के आधार पर ही रखा गया है। यह गार्डन पवित्रता का स्वरुप है। कहा जाता है की इतिहास के कई महापुरुष, दर्शनशास्त्री और वैज्ञानिक इस गार्डन में आये थे।

5. गिनीज बुक और वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अक्षरधाम मंदिर का नाम शामिल है। अक्षरधाम मंदिर को विश्व का सबसे विशाल हिन्दू मंदिर माना जाता है। इस मंदिर की एक और विशेष बात यह है की इसे बनाने में सिर्फ पाँच साल का समय लगा था, यह निश्चित ही आश्चर्यदायक बात है। तक़रीबन 11000 कलाकारों और अनगिनत सहयोगियों ने मिलकर इस विशाल मंदिर का निर्माण किया था, नवम्बर 2005 में इस मंदिर की स्थापना की गयी थी।

6. अक्षरधाम में दर्शनार्थियों के आकर्षण के लिए बहोत से आकर्षण है। इस मंदिर में बहोत सी इमारते और आकर्षित स्तम्भ बने हुए है। जो भारतीय इतिहास की महानता और संस्कृति को दर्शाते है। इस मंदिर में एक फिल्म स्क्रीन भी लगी हुई है जिसमे भगवान स्वामीनारायण के जीवन पर आधारित फिल्म दिखायी जाती है।

7. अक्षरधाम मंदिर में यग्नपुरुष कुण्ड भी है, जिसे विश्व का शबे बड़ा कुण्ड भी कहा जाता है। कमल के आकार में बने इस कुण्ड में 108 छोटे तीर्थस्थान और 2870 सीढियाँ बनी हुई है। कहा जाता है की इस कुण्ड का आकार ज्योमेट्री के हिसाब से एकदम परफेक्ट है। और यह कुण्ड भारतीय इतिहास के महान गणितग्यो की महानता को दर्शाता है।

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7 thoughts on “अक्षरधाम मंदिर का इतिहास | Akshardham Temple History In Hindi”

  1. vzeet ramola

    Nice and informative, please also mention when this temple was made ..! I am gonna bookmark this website

  2. अक्षरधाम मंदिर में मुझे बेहद सुकून भरे और मनमोहक दृश्य देखने को मिले, यहाँ का वाटर शो आज भी मेरे सामने झलकता है।
    काश एक बार फिर से इस पवित्र मंदिर के दर्शन कर पाता।

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