गवि गंगाधरेश्वर मंदिर उर्फ़ गविपुरम गुफा मंदिर | Gavi Gangadhareshwara Temple

Gavi Gangadhareshwara Temple – गवि गंगाधरेश्वर मंदिर उर्फ़ गविपुरम गुफा मंदिर भारतीय पुरातात्विक आर्किटेक्चर का एक उत्तम उदाहरण है, जो भारत के कर्नाटक राज्य के बैंगलोर में स्थित है। यह मंदिर रहस्यमयी पत्थरो की डिस्क के लिए प्रसिद्ध है।

Gavi Gangadhareshwara Temple

गवि गंगाधरेश्वर मंदिर उर्फ़ गविपुरम गुफा मंदिर – Gavi Gangadhareshwara Temple

बेंगलुरु का यह गुफा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। जिसका निर्माण 16 वी शताब्दी में केम्पे गोवडा ने किया था, जो बेंगलुरु के संस्थापक भी थे। बेंगलुरु के प्राचीनतम मंदिरों में से यह एक है।

गवि गंगाधरेश्वर मंदिर का निर्माण केम्पे गोवडा ने रामा राया की कैद से पांच साल बाद रिहा होने की ख़ुशी में करवाया था। अग्निमुर्थी मूर्ति के भीतर दूसरी मूर्तियाँ भी है, जिनमे 2 सिर, सांत हाँथ और तीन पैरो वाली एक मूर्ति भी शामिल है।

कहा जाता है की जो लोग इस मूर्ति की पूजा करते है उन्हें आँखों से संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही यह मंदिर अखंड स्तम्भ, डमरू, त्रिशूल और विशालकाय आँगन के लिए भी प्रसिद्ध है।

गविपुरम की प्राकृतिक गुफा में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित और अखंड स्तंभों में बना हुआ है। मंदिर के आँगन में बहुत से अखंड स्तम्भ बने हुए है।

मंदिर के परिसर में पाए जाने वाले ग्रेनाइट पिल्लर ही आकर्षण का मुख्य कारण है। इन दो पिल्लरो को सूरज और चन्द्रमा का प्रतिक माना जाता है।

गुफा मंदिर के अंदरूनी भाग को पत्थरो से सुशोभित किया गया है। इन्हें कुछ इस तरह से बनाया गया है की सूर्यप्रकाश सीधे शिवलिंग पर ही पड़े।

मकर संक्रांति के अवसर पर शाम में हमें एक अद्वितीय घटना के दर्शन होते है जिसमे सूर्यप्रकाश नंदी के दो सींगो के बीच से होकर सीधे गुफा के भीतर स्थापित लिंग पर पड़ता है और सम्पूर्ण मूर्ति को अद्भुत रौशनी से प्रकाशित कर देता है।

इस दिन पवित्र और धार्मिक मंत्रो का जाप किया जाता है। कहा जाता है की धार्मिक मंत्रो का जाप कर शिवजी को खुश किया जा सकता है।

Read More: 

I hope these “Gavi Gangadhareshwara Temple” will like you. If you like these “Gavi Gangadhareshwara Temple” then please like our Facebook page & share on Whatsapp. and for latest update download: Gyani Pandit free Android app.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top