जलमहल का रोचक इतिहास | Jal Mahal History In Hindi

Jal Mahal – जलमहल भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के मान सागर सरोवर के बीच में बना हुआ है। 18 वी शताब्दी में आमेर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने यहाँ पैलेस और जलमहल का निर्माण किया था। “जलमहल को आँखों को भने वाले मनमोहक रूप में बनाया गया है।”

Jal Mahal

जलमहल का रोचक इतिहास – Jal Mahal History In Hindi

पारंपरिक वृन्दावन के नाविकों ने यहाँ राजपूत स्टाइल में लकडियो की नावो (नाव) को भी बनाया है। पानी में छप-छप करता हुआ नाविक ही आपको जलमहल ले जाता है। महल में बने रास्तो को भी सजाया गया है और यदि आप थोडा उपर जाओ तो आपको चमेली बाग़ भी देखने को मिलता है जिसकी खुशबू निश्चित ही आपका मन मोह लेगी।

सरोवर के आगे आपको विशाल पर्वत देखने मिलेंगे, जिसके उपर इतिहासिक मंदिर और किले बने हुए है और सरोवर के दूसरी तरफ आपको गुलाबी शहर जयपुर देखने मिलेगा।

जलमहल का सबसे आकर्षक बदलाव खुद सरोवर ही है। क्योकि सरोवर में जमा हुआ कचरा और मैला निचे से बहा दिया जाता है। तक़रीबन 2 तन टॉक्सिक को बहाया जाता है और साथ ही सरोवर के पानी को शुद्ध रखने के लिये वाटर सिस्टम भी विकसित किया गया है। इस सरोवर पर आपको अलग और सुन्दर पक्षी भी देखने को मिल सकते है।

अभी जहा सरोवर है पहले उस जगह का उपयोग पानी को इकट्टा करने के लिये किया जाता था। 1596 AD के समय में इस क्षेत्र में पानी का अकाल पड़ा हुआ था।

तभी आमेर के शासक ने एक डैम बनाने का निर्णय लिया ताकि वे बर्बाद हो रहे पानी को इकट्टा कर सके। योजना के अनुसार डैम का निर्माण किया गया और आमेर पर्वत और अमागढ़ पर्वत से पानी इकट्टा कर के इसके जमा किया जाने लगा।

कुछ समय के लिये बने इस डैम को 17 वी शताब्दी में पत्थरो का बनाया गया। और आज यह डैम तक़रीबन 300 मीटर (980 फीट) लंबा और 28.5-34.5 मीटर (94-113 फीट) गहरा है। पानी बहाने के लिये आतंरिक 3 गेट का निर्माण भी किया गया है।

ताकि जरुरत पड़ने पर खेती के लिये पानी को स्थानांतरित किया जा सके।

तभी से यह डैम स्थानिक लोगो में काफी प्रसिद्ध हो गया और इसके बाद राजस्थान के बहोत से शासको ने समय-समय पर इसकी मरम्मत भी करवाई और 18 वी शताब्दी में आमेर के जय सिंह द्वितीय ने इसका पुनर्निर्माण करवाया।

उस समय और भी बहोत सी इतिहासिक इमारते वहा थी, जैसे की आमेर किलानाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला, खिलानगढ़ किला और कनक वृन्दावन घाटी। राजस्थान की ये सभी इमारते और स्मारक पर्यटकों के लिये आकर्षण का मुख्य केंद्र बनी है।

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