डगलस बैडर की प्रेरणादायक कहानी | Motivational Kahani In Hindi

आज हम यहाँ एक ऐसे इन्सान की कहानी पढ़ेंगे जिसे पढ़कर आपको याद आयेंगी किसी ने कही वो बातें – “लहरों से डरकर नौका पार नही होती और कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती” तो पढ़ते है डगलस बैडर की प्रेरणादायक कहानी – Douglas Bader Motivational Kahani In Hindi –

Motivational Kahani

डगलस बैडर की प्रेरणादायक कहानी – Motivational Kahani In Hindi

1930 में यूनाइटेड किंगडम में युवा पायलट जिनका नाम डगलस बैडर था वे वहाँ उडान भरने के लिए रहते थे। उन्हें एक बहुत बढ़िया पायलट कहां जाता था और वे अपने प्लेन से कई अद्भुत स्टंट भी करते थे जिसे साधारण पायलट करने का कभी सोच भी नही सकते थे, साधारण पायलट सिर्फ इसका सपना देखते थे।

दुर्भाग्यवश एक हादसे की वजह से उन्हें पैरो में चोट लग गयी थी और उन्हें घुटनों तक अपने पैरो को काटना पड़ा था। बहुत से लोगो के लिए ऐसा होना मतलब अपनी उडान भरने के दिनों का खत्म होना ही होता है लेकिन डगलस बैडर उन लोगो में से नही थे।

इस हादसे के बाद उन्होंने सिर्फ प्लेन ही नही उड़ाया बल्कि WW2 के समय उन्होंने पायलट को प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) भी दिया था और युवा पायलट के वे हीरो और आदर्श बन चुके थे। जर्मन प्लेन पर डायरेक्ट हिट से आक्रमण करने का उनका रिकॉर्ड वाकई लाजवाब था। उन्हें दुश्मनों के इलाके में जाकर उनसे लड़ने की हिम्मत की थी लेकिन गोली लगने की वजह से उन्हें पकड़ लिया गया फिर भी जर्मन लोग उनका काफी सम्मान करते थे और उन्होंने विशेष अनुमति से डगलस को खाली पैरो की जोड़ी भी दी थी।

विकलांग होने के बावजूद वे युद्ध भूमि के कारावास से दो बार भागने में सफल हुए थे। उनमे अटूट हिम्मत और साहस का समावेश था इसीलिए यूनाइटेड किंगडम के सभी लोग उन्हें सम्मान देते है और उनकी इज्जत करते है। विकलांग होने के बावजूद उन्होंने कभी भी अपनी कमी को अपनी कमजोरी नही बनने दिया।

यह उनकी हिम्मत, दृढ़निश्चय और देशप्रेम और अपने काम के प्रति उनका प्रेम ही था जिस वजह से उन्होंने इतनी ऊंचाई पर पहुचकर देश की सेवा की। और ऐसा करते ही उन्होंने पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल खड़ी कर दी की चाहे जीवन में कोई भी परिस्थिति आये यदि हम उसका सामना पूरी ताकत और हिम्मत के साथ करे तो हम किसी भी काम में सफलता जरुर पा सकते है।

डगलस ने यह साबित कर दिया की इंसान किसी भी परिस्थिति में अगर वो चाहे तो काम कर सकता है। आज वर्तमान में लोग काम ना करने के कई बहाने बनाते है और अपने काम से बचने की कोशिश करते है। उनके जीवन से हमें यह सिख मिलती है की हमें भी अपने जीवन में परिस्थितियों से घबराने की बजाए उनका डटकर सामना करना चाहिए।

किसी ने 101% सही कहा है की, ‘हिम्मते मर्दा तो मदते खुदा’…….

अर्थात किसी भी परिस्थिति को सुलझाने की यदि इंसान कोशिश करे तो उपर वाला भी उसकी सहायता करने को तैयार हो जाता है। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण डगलस है। जिन्होंने एक हादसे में दोनो पैर खोने के बावजूद प्लेन उड़ाना नही छोड़ा। उनकी तरह हमें भी अपने जीवन और अपने काम से प्यार करते रहना चाहिए। तभी हम जीवन में आगे बढ़ पाएंगे।

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4 thoughts on “डगलस बैडर की प्रेरणादायक कहानी | Motivational Kahani In Hindi”

  1. Dipali Tikhile

    hello sir, aapne jo douglas bader ki jo prandayk kahani likhi he. usase hame bahut achhi jankari mili he. Usme jo do line he. “laharo se darakar nouka par nahi hoti koshish karanevalo ki kabhi har nahi hoti” isase hame Bahut acchi prerna milti he. thanks sir.

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