”मानव कम्प्यूटर” शकुंतला देवी जी का जीवन परिचय

Shakuntala Devi Ki Jivani

शकुंतला देवी जी असाधारण प्रतिभा वाली महान गणितज्ञ, लेखिका, भारतीय वैज्ञानिक और समाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्हें पूरी दुनिया मानव कंप्यूटर और मेंटल कैलकुलेटर के नाम से जानती हैं। वे गणित की कठिन से कठिन गणना महज कुछ सैंकंड्स में ही हल कर देती थीं। उनकी मानसिक गणना की अलौकिक प्रतिभा के चलते उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है।

इसके इसके अलावा वे होमोसेक्सुएलिटी के विषय पर लिखने वाली पहली भारतीय महिला थीं। तो आइए जानते हैं महान गणितज्ञ शकुंतला देवी जी के जीवन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें-

”मानव कम्प्यूटर” शकुंतला देवी जी का जीवन परिचय – Shakuntala Devi in HindiShakuntala Devi

शकुन्तला देवी की जीवनी एक नजर में – Shakuntala Devi Biography in Hindi

वास्तविक नाम (Name) शकुंतला देवी
जन्म (Birthday) 4 नवंबर, 1929, बैंगलोर, मैसूर
विवाह (Husband Name)  परितोष बनर्जी (साल 1960 में शादी और साल 1979 में तलाक)
बच्चे (Childrens) अनुपमा बनर्जी
मृत्यु (Death) 21 अप्रैल, 2013, बैंगलोर , कर्नाटक

शकुंतला देवी जी का जन्म, बचपन, प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा – Shakuntala Devi Information

शकुंतला देवी जी 4 नवंबर, साल 1929 में बैंगलरू में एक रुढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में जन्मीं थीं। उनके पिता सर्कस में करतब दिखाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। वहीं जब वे 3 साल की छोटी सी उम्र में अपने पिता के साथ कार्ड्स खेलती थीं, उस दौरान उनके पिता ने अपनी बेटी के टैलेंट को भाप लिया था, उनके पिता ने गौर किया कि शकुंतला के अंदर कई तरह के नंबरों को याद करने की क्षमता के साथ बड़े से बड़े कैलकुलेशन को चुटकियों में हल कर देने की विलक्षण कला है।

इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के टेलैंट को अपने सर्कस कार्यक्रमों के माध्यम से बाहर लाने की कोशिश की। महज 6 साल की उम्र में शकुंतला देवी ने मैसूर यूनिवर्सिटी में मानसिक गणित हल करने की अनूठी प्रतिभा को प्रदर्शित किया।

वहीं शकुंतला देवी के इस असाधारण टैलेंट क चलते उनके पिता को साल 1944 में लंदन जाने का मौका मिला था।

इसके बाद शकुंतला देवी अपने मानसिक गणित के सवालों को हल करने के लिए साल 1950 में यूरोप की यात्रा करने का मौका मिला। अपनी इस यात्रा के दौरान शकुंतला देवी नें अपनी गणना करने की प्रतिभा को प्रदर्शित किया इसके बाद उन्होंने साल 1976 में न्यूयॉर्क का और साल 1988 में यूएस का दौरा किया। इस दौरान शकुंतला देवी ने कई कठिन घनमूल और वर्गमूल जैसी गणनाओं को पलक झपकते ही कर अपनी मानसिक गणना के टैलेंट का लोहा विदेशों में भी मनवाया।

साल 1977 में शकुंतला जी के असाधारण टैलेंट को परखने के लिए उनकी परीक्षा ली गई, जिसमें उनसे बेहद कठिन गणना करवाई गई, जिसे शकुंतला जी ने महज कुछ सैकेंड्स में ही हल कर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया।

इसके बाद 18 जून, साल 1980 को शकुंतला देवी जी अद्भुत कला को फिर से लंदन के इंपीरियल कॉलेज में परखा गया।

इस दौरान उन्होंने 13 अंकों की दो बड़ी संख्याओं का गुणा करने के लिए कहा गया, इस बार भी कुछ सैकेंड्स में ही सही जवाब देकर शकुंतला ने अपनी प्रतिभा को साबित कर दिया। उनके इस प्रदर्शन के बाद साल 1982 में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मं दर्ज किया गया।

एक लेखिका के रुप में शकुंतला देवी जी – Shakuntala Devi As Writer

शकुंतला देवी जी न सिर्फ एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ थी, बल्कि वे एक विख्यात लेखिका भी थी, जिन्होंने कई बेहतरीन किताबें लिखीं, उन्होंने न सिर्फ होमोसेक्सुएलिटी के मुद्दे को अपनी किताबों के माध्यम से उठाया, बल्कि ज्योतिष शास्त्र पर भी उन्होंने कई किताबें लिखीं।

इसके अलावा उन्होंने मेंटल केलकुलेटर पर भी कई किताबें लिखीं थीं। शकुतंला देवी जी द्वारा लिखीं गईं कुछ प्रमुख किताबें की सूची इस प्रकार है-

  • शकुंतला देवी जी द्वारा लिखी गई फिगरिंग – द जॉय ऑफ नंबर भी काफी प्रसिद्ध किताब थी। उन्होंने अपनी इस किताबें में मानिसक गणनाओं की प्रतिभा के बारे में काफी विस्तार से लिखा था। इस किताब में उन्होंने यह समझाने की कोशिश की थी कि किसी भी तरह के नंबरों के साथ आसानी से खेलकर बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन सैकेंड्स में की जा सकती है।
  • साल 1977 में शकुंतला देवी जी ने ”द वर्ल्ड ऑफ होम सेक्सुअल” किताब लिखी। होमो सेक्सुएलिटी के मुद्दे पर किसी भारतीय द्वारा लिखी गई यह पहली किताब थी, उन्होंने अपनी इस पुस्तक में समलैंगिकता के विषय को काफी अच्छी तरह से समझाने की कोशिश की थी, दरअसल यह किताब उन्होंने अपने निजी जीवन से प्रभावित होकर लिखी थी, दरअसल उनके पति भी होमोसेक्सुअल थे।

इसके अलावा शकुंतला देवी जी ने एस्ट्रोलॉजी फॉर यू, मैथ्ब्लीट, पजल्स टू पजल्स यू, फन विद नंबर्स,  समेत तमाम किताबें लिखीं।

शकुंतला देवी का वैवाहिक जीवन एवं बच्चे – Shakuntala Devi Life History

साल 1960 में शकुंतला देवी जी ने परितोष बनर्जी से शादी की, जो कि कोलकाता के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे, हालांकि उनकी यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। शादी के करीब 19 साल बाद दोनों नें एक-दूसरे को तलाक दे दिया, कई सूत्रों के मुताबिक पति को तलाक देने की सबसे बड़ी वजह उनके पति का होमोसेक्सुअल होना माना जाता है। वहीं शादी के बाद उन की अनुपमा बनर्जी नाम की बेटी भी हुई थी।

राजनीति में शकुतंला देवी – Shakuntala Devi As Politician

शकुंतला देवी जी बहुमुखी प्रतिभा वाली महान शख्सियत थीं, जिन्होंने 1980 के दशक में देश की पहली महिला मुंख्यमंत्री इंदिरा गांधी जी के खिलाफ स्वतंत्र रुप से चुनाव लड़ा था, हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें बैंगलोर वापस आ गईं थी।

शकुंतला देवी को मिले अवॉर्ड्स और पुरस्कार – Shakuntala Devi Awards

  • शकुंतला देवी जी को साल 2013 में उनकी मृत्यु से करीब 1 महीने वाले लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
  • साल 1988 में मैंटल कैलकुलेटर शकुंतला देवी जी को अमेरिका के तत्कालीन भारतीय राजदूत द्वारा रामानुज मैथमेटिकल जीनियस अवॉर्ड से नवाजा गया था।
  • साल 1982 में मानव कंप्यूटर शकुंतला देवी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए सबसे बेहतरीन गणितज्ञ के रुप में दर्ज किया गया था, उन्होंने दो 13 अंकों की संख्या को गुणा करने के लिए दुनिया के सबसे तेज कंप्यूटर को भी मात दी थी।
  • साल 1970 में शकुंतला देवी जी को फिलिपिंस यूनिवर्सिटी द्वारा मोस्ट डिस्टिंग्विश्ड वुमेन ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इसके अलावा भारत की महान गणितज्ञ शकुंतला देवी को जी बीबीसी न्यूज द्वारा मानव कंप्यूटर की उपाधि दी गई थी।

शकुंतला देवी जी का निधन – Shakuntala Devi Death

मानव कंप्यूटर कहलाने वाली शकुंतला देवी जी को अपने जीवन के आखिरी दिनों में सांस और किडनी सबंधित बीमारी हो गई थी, जिसकी वजह से उनकी काफी तबीयत खराब रहने लगी थी और इसी के चलते 21 अप्रैल, साल 2013 में उनकी मृत्यु हो गई।

Shakuntala Devi Doodle

शकुंतला देवी के बारे में एक नजर में कुछ मुख्य बाते – Shakuntala Devi History In Hindi

  • जिस समय उनके पिता को शकुंतला देवी / Shakuntala Devi की मानसिक प्रतिभा की झलक दिखी उस समय वह केवल 3 साल की ही थी। ताश के खेल में हर बार वह अपने पिता को हराती थी। उनके पिता अचंभित थे की कैसे कोई इतनी कम उम्र में ताश के क्रम को याद रखकर आगे की चाल समझ सकता है।
  • 6 साल की आयु में मैसूर विश्वविद्यालय में उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था। और बाद में 2 साल बाद अन्नामलाई विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया था। बाद में वे प्रदर्शन करने के लिए ओस्मानिया विश्वविद्यालय और हैदराबाद और विशाखापट्टनम गयी। बचपन में ही वह अपनी अलौकिक प्रतिभा के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गईं थीं।
  • 1944 में, शकुंतला अपने पिता के साथ लंदन चली गयी। बहुत सी संस्थाओ में देवी ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, ये सब वह तब तक करती रही जब तक की अंग्रेजी मीडिया उन्हें पहचान न ले।
  • 5 अक्टूबर 1950 को BBC ने शकुंतला / Shakuntala Devi के साथ अपना एक कार्यक्रम भी रखा। कार्यक्रम के समय होस्ट लेस्ली मिचेल ने उन्हें हल करने के लिए गणित के कठिन प्रश्न दिये। जिसमे मिचेल के अनुसार उन्होंने कुछ ही सेकंड में जवाब दे दिये थे लेकिन जवाब सही नही थे। लेकिन पुनः जांच करने के बाद शकुंतला के उत्तरो को सही माना गया। और ये खबर पूरी दुनिया में तेज़ी से फ़ैल गयी और शकुंतला को “मानव कंप्यूटर” की उपाधि दी गयी।
  • 1977 में, दक्षिणी विश्वविद्यालय, डल्लास, USA ने शकुंतला को आमंत्रित किया। जहां उन्हें 201 (Digit Number) का 23 वां रुट बताने के लिये कहा गया। जो उन्होंने सिर्फ 50 सेकंड में ही बता दिया। उनका उत्तर Univac 1101 कंप्यूटर में देखने के लिए US ब्यूरो ऑफ़ स्टैण्डर्ड को विशेष प्रोग्राम तैयार करना पड़ा था।
  • उन्होंने किताबो के साथ ही ज्योतिषशास्त्र के बारे में भी लिखा, वैज्ञानिक अंको, पहेलियो के बारे में भी लिखा। इस क्षेत्र में उनके महान कार्यो में आपके लिये ज्योतिषशास्त्र (2005) इत्यादि शामिल है।
  • बौद्धिक रूप से होशियार होने के साथ ही शकुंतला देवी एक लेखिका भी थी। उनकी किताब, दी वर्ल्ड ऑफ़ होमोसेक्सुअल (1977) समलिंगकामुकता पर लिखी गयी पहली किताब थी।
  • 1969 में फ़िलीपीन्स विश्वविद्यालय ने उन्हें वुमेन ऑफ़ दी इयर का दर्जा देते हुए सम्मानित किया था। उन्हें रामानुजन गणित ज्ञाता का भी पुरस्कार दिया गया।

Note: अगर आपके पास Shakuntala Devi Biography In Hindi मैं और Information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे।
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4 thoughts on “”मानव कम्प्यूटर” शकुंतला देवी जी का जीवन परिचय”

  1. savita rathore

    Point me bataiye shakuntala devi human computer ke baare me short and point me jaankari bataiye plz…Plz..

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