गुरु नानक देव जी के सुविचार

Guru Nanak Quotes in Hindi

गुरु नानक देव जी के वाणी से निकला हर एक शब्द अमृत के समान है, उनके विचार आपके जीवन में सुख और शांति लेते है, कुछ चुनिन्दा गुरु नानक देव जी के सुविचार हिंदी में अनुवादित – Guru Nanak Quotes in Hindi आपके लिए यहा पब्लिश कर रहें है…

गुरु नानक देव जी के सुविचार – Guru Nanak Quotes in Hindi

Guru Nanak Dev Quote In Hindi
Guru Nanak Dev Quote In Hindi

“जिसे खुद पर विश्वास नही है वह कभी भगवान पर विश्वास कर ही नही सकता

“सांसारिक प्यार को जला दे, अपनी राख को घिसे और उसकी स्याही बनाये, अपने दिल को कलम (पेन) बनाये, अपनी बुद्धि को लेखक बनाये, और वह लिखे जिसका कोई अंत ना हो और जिसकी कोई सीमा न हो।”

Guru Nanak Dev Quote

Guru Nanak Dev Quote
Guru Nanak Dev Quote

“शांति से अपने ही घर में खुद का विचार करे तब आपको मृत्यु का दूत छु भी नही पायेगा

“सिर्फ और सिर्फ वहि बोले जो शब्द आपको सम्मानित करते है।”

Guru Nanak dev Thoughts

Guru Nanak dev Thoughts
Guru Nanak dev Thoughts

“ये दुनिया एक नाटक है जिसे सपनो में प्रस्तुत करना होता है

“वे लोग जिनके पास प्यार है, वे उन लोगो में से है जिन्होंने भगवान को ढूंढ लिया।”

Guru Nanak ke Anmol Vachan

Guru Nanak ke Anmol Vachan
Guru Nanak ke Anmol Vachan

“योगी को किस बात का डर होना चाहिए? पेड़, पौधे सभी उसीके अंदर और बाहर होते है

“बंधुओं! हम मौत को बुरा नहीं कहते, यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है।”

Guru Nanak Dev Quote in Hindi

Guru Nanak Quotes in Hindi
Guru Nanak Quotes in Hindi

“आप चाहे किसी भी प्रकार के बीज बोये, लेकिन उसे उचित मौसम में ही तैयार करे, यदि आप ध्यान से इन्हें देखोंगे तो पाएंगे की बीज के गुण ही उन्हें ऊपर लाते है

“ना मैं एक बच्चा हूँ, ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ।” 

Guru Nanak Quotes

Guru Nanak Quotes
Guru Nanak Quotes

“तुम्हारी दया ही मेरा सामाजिक दर्जा (ओहदा) है

“ना मैं पुरुष हु, ना ही महीला और ना ही नपुंसक, मैं तो बस एक शांतिवाहक हु जिसमे अपार आत्मविश्वास, साहस और अनंत ज्योति है।”

Guru Nanak Thoughts in Hindi

Guru Nanak Thoughts in Hindi
Guru Nanak Thoughts in Hindi

“ये पूरी दुनिया कठनाइयो में है, वह जिसे खुद पर भरोसा है वही विजेता कहलाता है

“वह सब कुछ है लेकिन भगवान केवल एक ही है. उसका नाम सत्य है, रचनात्मकता उसकी शख्सियत है और अनश्वर ही उसका स्वरुप है, जिसमे जरा भी डर नही, जो द्वेष भाव से पराया है, गुरु की दया से ही इसे प्राप्त किया जा सकता है।”

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