जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है.जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है. यही सापेक्षता है.

जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है.जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है. यही सापेक्षता है.

जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है.जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है. यही सापेक्षता है.

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