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अनिता देसाई की सर्वश्रेष्ठ किताबें | Anita Desai Books

Anita Desai Books

अनिता देसाई, जिन्होनें अपने लेखन के जरिए भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अंग्रेजी साहित्य में एक अलग पहचान बनाई है। अनीता देसाई का जन्म 24 जून 1937 में भारत में हुआ। अनिता देसाई ने दिल्ली के “क्वीन मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल” से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की इसके बाद साल 1957 में उन्होनें दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन की है।

अनीता देसाई का पहला उपन्यास “क्राई द पीकॉक” 1963 में प्रकाशित हुआ। इसके साथ ही उन्हें बुकर पुरस्कार के लिए तीन बार चुना अंतिम सूची में भी चयनित किया जा चुका है। आपको बता दें कि अनीता देसाई कई उपन्यास और किताबें लिख चुकी हैं वहीं सााहित्यिक योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।

Anita Desai Books

अनिता देसाई की सर्वश्रेष्ठ किताबें – Anita Desai Books

Book Review: Fire On the Mountain (फायर ऑन द माउंटेन की समीक्षा )

अनिता देसाई को साल 1977 में इस उपन्यास के लिए “Winifred Holt by Memorial” पुरस्कार मिला। उनका ये उपन्यास पूरी दुनिया में मशहूर है। आपको बता दें कि अनिता देसाई का फायर ऑन द माउंटेन उपन्यास कसौली में रहने वाली तीन महिलाएं और उनके जीवन के अलग-अलग अनुभवों पर आधारित है। जिसे पाठकों द्धारा बेहद पसंद किया जाता है। ये उपन्यास पाठकों को शुरुआत से अंत तक इसके पात्रों के साथ बांधे रखता है।

Book Review: Clear Light Of Day ( क्लीयर लाइट ऑफ द डे समीक्षा )

लेखिका अनिता देसाई का साल 1980 में मशहूर उपन्यास, द क्लीयर लाइट ऑफ द डे आया। ये उपन्यास प्रख्यात लेखिका अनिता देसाई की जिंदगी से प्रभावित है। आपको बता दें कि इस उपन्यास में अनिता देसाई ने भारत के विभाजन के समय पुरानी दिल्ली के एक मध्यवर्गीय हिंदू परिवार की कहानी बयां की है।

आपको बता दें कि कहानी का मुख्य चरित्र, बिम (बिमला) के चारों ओर घूमता है। जो कि अपने घर में मानसिक रूप से कमजोर भाई बाबा के साथ रहती है। उसकी बहन तारा और उसके बड़े भाई अपने परिवार को अकेले छोड़ कर चले गए, जिससे उसे अकेले ही घर की सारी समस्याएं और जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं। कुल मिलाकर य़े उपन्यास अनिता देसाई जी का आंशिक रूप से पुरानी यादों पर आधारित है।

Book Review: Fasting Feasting ( फास्टिंग, फीस्टिंग समीक्षा )

1999 में फास्टिंग, फीस्टिंग, बुकर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया अनिता देसाई का एक शानदार उपन्यास है। इसमें लेखिका ने एक ऐसे भारतीय परिवार की कहानी बयां की है जो कि पश्चिमी प्रभाव के बावजूद भी पूर्वी परंपराओं से बंधा हुआ है।

अनीता देसाई ने इस उपन्यास को दो भागों में बांटा है। उन्होंने इस उपन्यास के पहले भाग में उमा नाम की लड़की पर ध्यान केन्द्रित किया है। उमा, जो ऐसे परिवार से संबंधित है जहां लड़की और लड़के में भेदभाव की वजह से उसे अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ती है, साथ ही वह खुद को भूखा भी रखती है।

वहीं इस उपन्यास में उमा की बहन ने इन सबसे बचने के लिए विवाह तो कर लिया था लेकिन वो भी अपनी जिंदगी से खुश नहीं थी। हालांकि उनका परिवार, पश्चिमीकृत मोर्चे से प्रभावित है जिससे साफ है कि विशेषाधिकारी लड़कों के लिए ही आरक्षित हैं।

दरअसल जब उमा के छोटे भाई का जन्म हुआ था तो उमा से उसकी छोटे भाई की देखभाल करने के लिए उसके कॉन्वेंट स्कूल की पढ़ाई छोड़ने की भी उम्मीद की गई। जबकि इस उपन्यास के दूसरे भाग में देसाई ने अरूण की कहानी बयां की है जिसमें अरूण एक विशेषाधिकार प्राप्त बेटा है, जो अपने पिता की अपेक्षाओं से परेशान है।

हालांकि इस उपन्यास में देसाई ने उमा से अरूण की कहानी को काफी अच्छे से बयां किया है साथ ही उन्होनें इस संस्कृति में परिवारों को अपने बच्चों को पालने में अक्षमता के बारे में बहुत कुछ कहा।

Book Review: The Village By the Sea by Anita Desai ( द विलेज वाइ द सी समीक्षा)

यह बॉम्बे से 14 मील दूर एक गांव थुल के एक गरीब छह सदस्यों के परिवार की कहानी है । इस उपन्यास को 1982 में अनिता देसाई ने लिखा। आपको बता दें कि देसाई ने इस उपन्यास में समुद्र के पास रहने वाले एक गरीब भारतीय परिवार की जीवनशैली को बयां किया है। जिसमें वे परिवार सिर्फ मछली पकड़ना और पाम ट्री के सहारे अपना जीवन यापन करते हैं।

आपको बता दें कि इस परिवार में बच्चों के पिता बेरोजगार और काफी शराब पीने वाला था जबकि बच्चों की मां एनीमिया से पीड़ित थी और हर समय बिस्तर पर बनी रहती थी। जबकि परिवार की लील, सबसे बड़ी बेटी जिसकी उम्र महज 13 साल की है जिसने अपने परिवार की परिस्थितियों को तेजी से समझ लिया, और वो अपने 12 साल के भाई हरि के साथ मिलकर अपना परिवार का पालन-पोषण करती है। जबकि कहानी में इस परिवार में बेला और कमल अभी भी बच्चे थे।

वहीं इस परिवार में एक और सदस्य की कहानी बयां की गई है जिसमें उसके कुत्ते का नाम पिंटो है। जिसे बाद में उसके पड़ोसी द्दारा जहर खिलाकर मार दिया जाता है।

यही कुछ इस उपन्यास के मुख्य पात्र थे जिस पर देसाई ने पूरा फोकस किया है। लेखक को समुद्र के पास रहने वाले मछुआरों के जीवन शैली के फायदे और नुकसान पर चर्चा करने की जरूरत थी। इसके साथ ही समुद्र के पास रहने वालों की जिंदगी मानसून किस तरह बुरा प्रभाव डालता है इस पर भी बताना चाहिए था।

ये कहानी धीरे-धीरे बढ़ती प्रतीत होती है, लेकिन यह कहानी पाठकों के भावनात्मक रूप से इसके पात्रों के साथ लेकर चलता है। फिलहाल कहानी का अंत अच्छा और सकारात्मक है।

इस उपन्यास में देसाई ने कई चीजें कहने की कोशिश की है। इसके साथ ही लेखक इसमें बॉम्बे के झोपड़ीवालों के बारे में भी बयां किया है कि मानसून ने उनकी दैनिक जीवनी को किसा तरह प्रभावित किया है।

हालांकि यह अनीता देसाई का बच्चों के लिए पहला उपन्यास है, और इसे 1982 में गार्जियन चिल्ड्रन फिक्शन अवार्ड से भी नवाजा गया है।

मशहूर किताबों और उपन्यासों के लिए पुरस्कार / सम्मान

प्रख्यात लेखिका अनीता देसाई के कुछ महत्वपूर्ण किताबें और उपन्यासों में, वेअर शैल वी गो दिस समर, गेम्स ऐट ट्वाइलाइट एंड अदर स्टोरीज, विलेज बाय द सी, इन कस्टडी, बॉमगार्टनर की बॉम्बे, इन जर्नी टू इथाका, डायमंड डस्ट और फास्टिंग फिस्टिंग शामिल हैं। इसके साथ ही अनीता जी के उपन्यासों को बुकर पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है।

आपको बता दें कि साल 2004 में अनीता जी का उपन्यास “जिग जैग वे” प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही अनीता देसाई को कई साहित्यिक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है, जिसमें द गार्जियन अवार्ड फॉर चिल्ड्रन फिक्शन, ‘द विलेज बाय द सी’ और 1978 में नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर अवार्ड्स एवं ‘फायरऑन द माउंटेन’ उपन्यास शामिल हैं । आइए इनके महत्वपूर्ण उपन्यासों के लिए मिले पुरस्कारों पर डालतें हैं एक नजर –

अनीता देसाई साहित्य राजकीय समाज की एक सदस्य है और वे अमेरिका में रहती है जहां वे Massachusetts Institute of Technology में पढ़ाती है। आपको बता दें कि हर साल वह भारत और कैम्ब्रिज ब्रिटने में अपना समय भी बिताती है।

अनीता देसाई जी की बेटी किरण देसाई को 2006 में अपने उपन्यास ‘इनहेरिटन्स ऑफ लॉस’ मैन बुकर पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।

Read More:

  1. Half Girlfriend Book
  2. 7 Habits of Highly Effective People
  3. The secret book in Hindi

Please Note: अनीता देसाई के द्वारा लिखी गईं किताबें – Anita Desai Books in Hindi इस लेख में कुछ चुनिन्दा किताबे यहाँ दी है। पर ये किताबे आपको उतनाही पसंद आयेगी इसका कोई दावा हम नहीं करते। ये लेख मात्र Books के बारे में जानकारी देने हेतु है। पर एक बात साथ में ये भी बता दे की Book पर खर्च किये पैसे कभी भी बर्बाद नहीं होते।
नोट: अगर आपके पास और भी अच्छे किताबों के बारे में जानकारी है तो जरुर कमेंट में बताये अच्छे लगने पर हम उन्हें Anita Desai Books in Hindi इस Article में जरुर शामिल करेगें।

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