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मेरा विद्यालय पर निबंध – Essay on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi

स्कूल यानि की बच्चों का दूसरा घर होता है और इसे ज्ञान का मंदिर भी कहा जाता है, क्योंकि स्कूल में ही बच्चे के अंदर ज्ञान और कौशल का विकास होता है। स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं।

स्कूल, सफलता हासिल करने की पहली और सबसे अहम सीढ़ी होती है। हर किसी की जिंदगी में स्कूल की काफी अहमियत होती है। स्कूल वो पाठशाला होती है जहां उसका मानसिक विकास होता है और दुनिया भर की चीजों को समझने की क्षमता विकसित होती है। स्कूल हर किसी की जिंदगी का एक बेहद अहम हिस्सा होता है, क्योंकि इसके बिना कोई भी सफल बनने के सपने नहीं संजो सकता है, इसलिए स्कूल के महत्व को हर किसी को समझना चाहिए।

प्राइमरी क्लास के बच्चों को अक्सर मेरे स्कूल पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है या फिर कई बार एग्जाम में भी यह प्रश्न आता है, ताकि बच्चे स्कूल के महत्व को समझ सके। आज हम आपको अपने इस लेख में अलग-अलग शब्द सीमा पर स्कूल पर निबंध उपलब्ध करवाएंगे, ताकि अभिभावक और बच्चों को इससे मद्द मिल सके।

मेरा विद्यालय पर निबंध – Essay on My School in Hindi

Essay on My School

माय स्कूल निबंध नंबर 1 (650 शब्द) – Essay on My School for Class 8 (600 words)

मेरे स्कूल का नाम रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल पब्लिक स्कूल है। यह लखनऊ में स्थित है, इसकी कई सारी शाखाएं भी हैं यही नहीं बच्चों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए इस स्कूल की अपनी एक अलग पहचान है। मेरे इस स्कूल की बनावट इस तरह की गई है कि यह देखने में बेहद सुंदर और आर्कषक दिखाई देता है।

रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल स्कूल की इमारत चार मंजिला हैं, जिसमें बेसमेंट से लेकर चौथे फ्लोर तक बड़ी-बड़ी कक्षाएं भी हैं और हर एक कक्षा में बच्चों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इसे अच्छी तरह से व्यवस्थित भी किया गया है।

स्कूल में सिर्फ कक्षा ही नहीं बल्कि इसका प्रेयर हॉल और ऑडिटोरियम भी काफी अच्छा है। इसके अलावा स्कूल के बीचों-बीच लगे पेड़-पौधे मानो स्कूल की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं।

मेरे स्कूल का वातावरण बेहद शांत और उत्तम है, यहां हमेशा सकारात्मक विचार मेरे मन में उत्पन्न होते हैं और मुझे हमेशा अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

स्कूल का हर एक दिन मेरे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार करता है। वहीं स्कूल में बच्चों की पढ़ाई के अलावा खेल-कूद और अन्य गतिविधियों के लिए भी अच्छी व्यवस्था की गई है।

मेरे स्कूल मे कक्षा 1 (Class 1) से लेकर कक्षा 12 (Class) तक की पढ़ाई होती हैं। वहीं हर एक क्लास को तीन सेक्शन में बांटा गया है। आपको बता दें कि स्कूल की चार मंजिला इमारत में करीब 55 कमरे बने हुए हैं , जिसमें से कुछ कमरे कम्यूटर लैब, कैमेस्ट्री लैब और फिजिक्स लैब में घिरे हुए है जबकि उसमें से कुछ कमरे प्रिंसिपल ऑफिस, एडमिन डिपार्टमेंट और स्टॉफ रूम में भी हैं बाकि अन्य कक्षाएं हैं, जिसमें पंखा, लाइट, फर्नीचर की अच्छी व्यवस्था की गई हैं इसके अलावा कुछ कमरों में एसी भी लगी हुई है।

हम आपको बता दें कि मेरे स्कूल में करीब 60 टीचर हैं, इसके अलावा भी दस अन्य स्टॉफ भी है। यही नहीं स्कूल में पेड़-पौधों की देखरेख के लिए माली, साफ-सफाई के लिए एक आया, गेट कीपर, समेत क्लर्क और अन्य स्टॉफ भी शामिल हैं।

यही नहीं मेरे स्कूल का लैब काफी बड़ा और अच्छा है, इसमें कई हजार किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा इसमें NCERT की किताबें समेत अलग-अलग विषयों की अलग-अलग लेखकों की किताबें भी उपलब्ध हैं।

इसके अलावा मेरे स्कूल का ऑडिटोरियम भी काफी अच्छा है। इसमें 15 अगस्त, 26 जनवरी और गांधी जयंती पर स्पेशल फंक्शन आयोजित करवाए जाते हैं।

इसके अलावा मेरे स्कूल का एनुअल फंक्शन भी काफी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाता है जिसमें कई आलाधिकारी इसमें बतौर चीफ गेस्ट भी शिरकत करते हैं।

वहीं कई बार कई बड़े नेता भी शामिल होते हैं, मेरे स्कूल द्धारा भेजे गए स्पेशल इनविटेशन पर कई स्पेशल गेस्ट भी शिरकत करते हैं और स्कूल के होनहार बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी करते हैं और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं।

शिक्षा की गुणवत्ता की बात करें तो मेरा स्कूल पिछले कई सालों से शहर में पहले नंबर पर टिका हुआ है। क्योंकि इस स्कूल से निकले ज्यादातर स्टूडेट्स आज किसी न किसी बड़ी कंपनी में जॉब कर रहे हैं या फिर उच्च पदों पर काबिज हैं और तो और इस स्कूल से पढ़े कई बच्चे विदेश में भी नौकरी कर रहे हैं।

हर साल इस स्कूल का रिजल्ट काफी अच्छा रहता है। वहीं सबसे अच्छी बात यह है कि सभी विद्यार्थी काफी अच्छे नंबरों से पास होते हैं।

टीचर भी काफी अनुभवी और अच्छे हैं, जो कि बच्चों का अच्छी तरह से पढ़ाते और उनसे जुड़ी हर एक एक्टिविटी का अच्छी तरीके से रिकॉर्ड रखते हैं।

इसके साथ ही हर विषय को बेहद रोचक और आसान टिप्स के साथ समझाते हैं, ताकि बच्चों को अपने विषय के बारे में अच्छी तरह से ज्ञान मिल सके।

मै रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल स्कूल में पढ़ने से बेहद संतुष्ट हूं क्योंकि मेरे स्कूल के सभी अध्यापक बहुत सपोर्टिव हैं, इसके साथ ही मेरे स्कूल का वातावरण इतना अच्छा है कि मुझे अपने स्कूल में बेहद अच्छा लगता है।

मेरा स्कूल दुनिया के बेहतरीन स्कूलों में से एक है।

मेरी पाठशाला निबंध नंबर 2 (500 शब्द) – Meri Pathshala Essay in Hindi (500 words)

स्कूल को बच्चे का दूसरा घर कहा जाता है, जहां बच्चे का सही तरीके से विकास होता है। घर में तो बच्चा सिर्फ बड़ा होता है लेकिन सही मायने में बच्चे का विकास स्कूल में ही होता है, यह हर किसी की जिंदगी का बेहद अहम हिस्सा होता है, जिस पर जिदंगी में सही दिशा में आगे बढ़ने और सफलता का आधार टिका होता है।

स्कूल से ही हमारे अंदर ज्ञान और कौशल का संचार होता है। अपनी बेहतर जिंदगी जीने के लिए और सफल इंसान बनने के लिए हम स्कूल जाते हैं।

स्कूल का वातावरण काफी अच्छा होता है, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियां भी शामिल होती हैं। स्कूल से ही हमारे अंदर आदर, शिष्टाचार और अनुशासन की भावना विकसित होती है।

क्योंकि रोज सुबह हम अपने स्कूल में टीचर के पैर छूते हैं या फिर उनसे नमस्कार करते हैं और उन्हें विश करते हैं, जिससे हमारे अंदर दूसरे के प्रति सम्मान की भावना का विकास होता है।

इसके साथ ही स्कूल में रोज सुबह 25 मिनट की प्रार्थना होती है, जिसमें हम सरस्वती मां की आराधना करते हैं, जिससे हमारे अंदर धार्मिक भावना का विकास होता है। इसके अलावा प्रेयर के समय राष्ट्रगान और छुट्टी के दौरान वंदे मातरम और नारों से राष्ट्रहित की भावना जागृत होती है।

कक्षा में सही तरीके से काम करने और सीखने की क्षमता का विकास होता है, इसके साथ ही अनुशासित भी बनते हैं।

इसके अलावा स्कूल में होने वाला इंटरवल में दोस्तों के साथ खाना शेयर करना और उनके साथ खेल-कूद करना समेत दोस्तों से अपनी मन की बातें शेयर करने से बेहद अच्छा लगता है और इससे हमारे अंदर समाजिकता का भाव भी पैदा होता है इसके साथ ही हमें अच्छे मित्र बनाने का मौका भी मिलता है।

बच्चों में खेल-कूद की भावना विकसित करने के लिए समय-समय पर कई स्पोर्ट्स एक्टिविटीज भी आयोजित करवाई जाती हैं, जिससे खेल-कूद में रुचि रखने वाले छात्रों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिल सक।

इसके अलावा देश-दुनिया की जानकारी के लिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता और बच्चों में रचनात्मक क्षमता का विकास करने के लिए आर्ट्स से संबंधित प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती हैं।

यही नहीं स्कूल की तरफ से अन्य कई ऐसी गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता है, जिससे बच्चों को तेजी से आगे बढ़ने में मद्द मिलती है। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्र में उन्हें अपना ज्ञान और कौशल बढ़ाने में भी मद्द मिलती है।

मेरे स्कूल में साफ-सफाई रखने और अनुशासन में रहने पर भी काफी जोर दिया जाता है। यही नहीं रोज स्कूल में प्रेरणात्मक संदेश भी दिए जाते हैं, जिससे आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है और अपने लक्ष्य को हासिल करने में भी मद्द मिलती है।

स्कूल में होने वाली तमाम तरह की गतिविधियों से न सिर्फ मनोरंजन होता है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी अपने कौशल का विकास करने में मद्द मिलती है। पीटी समेत कई तरह की एक्टिविटी से शारीरिक विकास भी होता है।

वहीं आज के युग में तकनीकी के महत्व को समझते हुए मेरे स्कूल में तकनीकी शिक्षा के रूप में कम्प्यूटर सिखाने पर भी जोर दिया जाता है। इसके अलावा फिजिक्स और कैमेस्ट्री जैसे विषयों की प्रक्टिकल नॉलेज के लिए भी कई तरह के एक्सपेरिमेंट करवाए जाते हैं, जिससे काफी कुछ सीखने में मद्द मिलती है। वहीं स्कूल परिसर में लगे हरे-हरे पेड़ पौधों को देखकर भी मन अच्छा होता है, इससे प्रकृति के महत्व को समझने में भी मद्द मिलती है।

मेरा विद्यालय पर निबंध नंबर 3 (700 शब्द) – Mera Vidyalaya Essay in Hindi

मुझे अपने स्कूल से बेहद लगाव है और यहां मुझे बेहद अच्छा लगता है, क्योंकि स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ मुझे खेल-कूद, सांस्कृतिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेने का मौका मिलता है, जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

आपको बता दें मेरा स्कूल मेरे घर से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर एक शांत जगह पर स्थित है, जहां आस-पास कई सारे पेड़-पौधे लगे हुए हैं और शहर के प्रदूषण और शोर-शरावा नहीं सुनाई देता है, जिससे मेरा स्कूल बेहद स्वच्छ और शांतिपूर्ण दिखाई देता है।

मै रोज सुबह स्कूल बस से अपने स्कूल तक जाता हूं, वहीं मेरी इस यात्रा का भी स्कूल बेहद ख्याल रखता है, मेरे स्कूल से घर पहुंचने और घर से स्कूल पहुंचने का पूरा रिकॉर्ड मेरे स्कूल टीचर के पास होता है।

यानि की मेरी सुरक्षा का पूरा ख्याल मेरे स्कूल वाले रखते हैं, जो कि मुझे और मेरे अभिभावक को काफी अच्छा लगता है।

मेरा स्कूल काफी बड़ा है जिसमें करीब 2800 छात्र पढ़ते हैं, खास बात यह है कि हर छात्र के साथ समान तरह का व्यवहार किया जाता है और उनके बेहतर भविष्य बनाने पर पूरी तरह फोकस किया जाता है।

मेरे स्कूल में छात्रों की सुख – सुविधाओं पर भी खासा ध्यान दिया जाता है, ताकि किसी भी प्रकार का कष्ट विद्यार्थियों को न हो और वह पूरे लगन के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें।

आपको बता दें कि मेरे स्कूल की स्थापना साल 1991 में हुई थी, और तब से लेकर अब तक इस स्कूल में काफी विकास हुआ हीं शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर मेरा स्कूल शहर में पहले पायदान पर है।

इस शहर में रहने वाले ज्यादाकर अभिभावक मेरे स्कूल में अपने बच्चों के एडमिशन करवाना चाहते हैं, क्योंकि इस स्कूल का अभी तक का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है, उम्मीद करता हूं कि आगे भी मेरे स्कूल पहले नंबर पर ही बना रहे।

वहीं स्कूल की बनावट की बात करें तो मेरे स्कूल की बहुमंजिला इमारत देखने में काफी सुंदर लगती है और हर किसी को अपनी तरफ आर्कषित करती है।

इस स्कूल में करीब 50 कमरे हैं, जिसमें हर एक कमरे में लाइट की अच्छी व्यवस्था की गई है, इसके साथ ही खिड़कियां भी हैं, जिससे बच्चे पढ़ाई के दौरान प्राकृतिक हवा का भी आनंद ले सकें वहीं खिड़कियों से पर्याप्त रोशनी भी आती है, वहीं हर क्लासरूम में व्यवस्थित तरीके से बैंच की व्यवस्था की गई है।

इसके अलावा हर क्लासरूम में एक ब्लैडबोर्ड और एक व्हाइट बोर्ड भी है, जिसके माध्यम से टीचर बच्चों को किसी भी टॉपिक के बारे में जानकारी देते हैं।

इसके अलावा मेरे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान है, जिसमें बास्केट बॉल कोर्ट, क्रिकेट नेट, स्केटिंग और टेबिल टेनिस की भी सुविधा उपलब्ध है।

मेरे स्कूल में तकनीकी कौशल को विकसित करने के लिए कम्यटूर लैब भी है, जिसमें बच्चों को कम्यटूर के बेसिक्स सिखाए जाते हैं और उन्हें इससे संबंधित शिक्षा दी जाती है, ताकि वह अपने भविष्य में इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकें।

मेरे स्कूल में लैब भी हैं, जिसमें कई हजार किताबें रखी हुईं हैं, यह काफी बड़ा हैं, जिसमें एक समय में कई बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ सकते हैं। लैब टीचर हमें नई-नई किताबों के बारे में बताती हैं और इन्हें घर लाकर पढ़ने की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।

कई बार मै तो अपने कोर्स से संबंधित किताबें भी लैब से लेकर घर ले आता हूं, जिससे मुझे किसी विशेष टॉपिक पर जानकारी हासिल करने में मद्द मिलती है।

मेरे स्कूल में एक बड़ा गार्डन भी है, जिसमें कई तरह के पेड़-पौधे लगे हुए हैं, जिन्हें देखकर बेहद अच्छा लगता है और स्कूल को भी प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है, इससे विद्यार्थियों के अंदर अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने की भी भावना पैदा होता है।

मेरे स्कूल में सभी मजहब और धर्मों के लोग एक साथ पढ़ते हैं, जिससे समानता का भाव पैदा होता है और मिलजुल कर रहने की सीख मिलती है।

मेरा स्कूल सरकार से मान्यता प्राप्त एक निजी स्कूल है, जिसमें कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक बच्चे पढ़ सकते हैं। इसके अलावा मेरा स्कूल प्रशासन भी साफ-सफाई को लेकर काफी गंभीर है। आपको बता दें कि मेरे स्कूल ने मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन में भी अपना योगदान दिया है।

टीचर्स काफी योग्य, बुद्धिमान और अनुभवी हैं, जो बच्चों को बेहतर और आसान तरीके से सभी विषयों की जानकारी देते हैं, ताकि उन्हें हर विषय पर ज्ञान प्राप्त हो सके।

मेरे स्कूल में एक ऑडिटोरियम भी है, जिसमें समय-समय पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आय़ोजन होता है। इसके लिए हमारे देश के राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती के दौरान बच्चे भाषण देते हैं, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता समेत तमाम प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है।

मेरे स्कूल में सभी सुख-सुविधाएं हैं और पढ़ाई का तरीका भी बेहद प्रगतिशील और रचनात्मक है, इसलिए मेरा स्कूल सबसे बेहतरीन स्कूल है।

माय स्कूल निबंध निबंध नंबर 4 – Essay on My School 4

मनुष्य जन्म से ही बुद्धिमान या फिर गुणवान पैदा नहीं होता, इस धरती पर आकर ही उसे ज्ञान की प्राप्ति होती है, और यह ज्ञान उसे अपने विद्यालय से मिलता है।

किसी भी मनुष्य को उसके जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ाने और सफलता हासिल करवाने में स्कूल अपना अहम रोल अदा करता है।

पढ़ाई और स्कूल के महत्व को समझते हुए हर अभिभावक शुरु से ही अपने बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि वह ज्ञान अर्जित कर अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें।

स्कूल से सिर्फ मानसिक विकास ही नहीं होता है बल्कि मिलजुल कर रहने और एकता का भाव भी बच्चों में प्रकट होता है, क्योंकि स्कूल एक ऐसी जगह है, जहां सभी धर्मों और जाति के लोग ज्ञान प्राप्ति के लिए आते हैं और सभी का एक ही लक्ष्य और उद्देश्य होता है।

वहीं स्कूल में सभी लोगों के साथ एक सामान व्यवहार किया जाता है, किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता और बच्चों का आगे बढ़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाया जाता है।

स्कूल की संरचना और बनावट –

मेरा स्कूल शहर में एक शांत जगह पर स्थित है, जहां आस-पास हरे पेड़- पौधे लगे हुए हैं और यह शहर के प्रदूषण और शोर-शऱावे से एकदम दूर है, जिससे हमें शांत और शुद्ध वातावरण में पढ़ने का मौका मिलता है।

मेरे स्कूल की मेरे घर से दूरी करीब डेढ़ किलोमीटर है। हमारे स्कूल में करीब 50 कमरे हैं, हर क्लासरुम को 3-3 सेक्शन में बांटा गया है। मेरे स्कूल में करीब 3 हजार बच्चे पढ़ते हैं।

स्कूल में एक खेल का मैदान, गार्डन और कैंटीन भी है। जहां हम अपना खाली समय अपने दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। इसके अलावा मेरे स्कूल में प्राइमरी क्लास के बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं, ताकि वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपना मनोरंजन भी कर सकें।

इसके अलावा कम्यूटर लैब, कैमेस्ट्री लैब और फिजिक्स लैब भी है जिसमें बच्चों को अलग-अलग तरह के प्रयोग सिखाए जाते हैं। इसके अलावा एक बड़ा सा ऑडिटोरियम भी है, जिसमें समय-समय पर कई अलग-अलग तरह के प्रोग्राम बनाए जाते हैं।

मेरे स्कूल में शिष्टाचार और अनुशासन –

मेरा स्कूल अनुशासन पर खास ध्यान देता है। सबसे पहले हम स्कूल में जाकर अपने टीचर को प्रणाम करते हैं और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं, इसके बाद सरस्वती वंदना करते हैं और राष्ट्रगीत गाते हैं फिर अपनी पढ़ाई की शुरुआत करते हैं।

इसके अलावा मेरे स्कूल में हम सभी बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए एक ड्रेस तय की गई हैं इसके अलावा हमारी ड्रेस की साफ-सफाई को लेकर भी स्कूल में खास जोर दिया जाता है। मेरा स्कूल अनुशासन को लेकर बेहद सख्त है।

मेरे स्कूल में टीचर का व्यवहार और पढ़ाने का तरीका –

मेरे स्कूल के सभी टीचर्स बेहद रचनात्मक और सरल तरीके से हर विषय की जानकारी देते हैं। उनके पढ़ाने का तरीका एकदम अलग है, जिससे कठिन से कठिन सवाल भी बेहद आसानी से समझ में आ जाता है।

मेरे स्कूल के टीचर्स बच्चों से बेहद नम्रता से पेश आते हैं और उनकी हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान करने में उनकी मद्द करते हैं।

इसके अलावा मेरे स्कूल के प्रिंसिपल सर भी बहुत अच्छे हैं, वे हर बच्चे की परेशानी को समझते हैं और प्रेम भाव से समझाते हैं। मुझे अपने स्कूल के सभी टीचर्स बेहद पसंद हैं।

मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ खेलकूद गतिविधियां –

मेरे स्कूल में पढ़ाई के अलावा खेल-कूद गतिविधियां भी समय-समय पर आयोजित करवाई जाती हैं। इसके साथ ही खेल कूद के महत्व को भी बताया जाता है।

और स्कूल के सभी बच्चों को खेल-कूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कहा जाता है, जिसके वह इस क्षेत्र में भी खुद को साबित कर सकें।

इसके साथ ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत भी किया जाता है, जिससे उनका मनोबल बढ़ सके और उसका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। वहीं जिस तरह से पढ़ाई जरूरी होती है, उसी तरह से खेल-कूद भी मनुष्य के जीवन में उतने ही जरूरी होते हैं।

उपसंहार –

हम सभी विद्यार्थियों को स्कूल के महत्व को समझना चाहिए और अपने गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही स्कूल की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

अपने गुरुजनों की आज्ञा का पालन करना चाहिए और स्कूल में साफ-सफाई और अनुशासन बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए। स्कूल से ही हमारे जीवन की राहें आसान होती हैं और हम अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।

इसलिए हमें अपने स्कूल के प्रति सच्चा भाव रखना चाहिए और रोज ईमानदारी से स्कूल जाना चाहिए और स्कूल में सभी का आदर करना चाहिए।

जय हिन्द!

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