Essay on Terrorism in Hindi
आज आतंकवाद जिस तरह से पूरे विश्व में अपनी जड़े फैला रहा है, और लोगों के अंदर भय पैदा कर रहा है, यह वाकई चिंतनीय है। आतंकवाद का मुद्दा आज पूरे दुनिया में एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है, वहीं अगर जल्द ही आतंकवाद के प्रति लोगों के अंदर जागरुकता नहीं फैलाई गई और इसे काबू पाने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में इसका काफी बुरा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
आतंकवाद जैसे अतिसंवेदनहीन मुद्दों के प्रति बच्चों की समझ विकसित करने के उद्देश्य से आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अलग-अलग शब्द सीमा पर आतंकवाद पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –
आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi
आतंकवाद की समस्या अब वैश्विक स्तर पर फैल चुकी है, जिससे चलते कई गैरकानूनी अमानवीय और हिंसक कृत्य जन्म ले रहे हैं, जिससे आमजन के मन में डर बैठ रहा है, तो वहीं इस पर काबू पाने की बजाय कई राजनेता, अपने वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं और जाति, धर्म और संप्रदायिकता के मुद्दों को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं बढ़ती जंनसंख्या और बेरोजगारी की वजह से भी आतंकवाद की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं।
आतंकवाद का अर्थ – Terrorism Meaning
हिंसात्म कुकृत्यों द्धारा आम लोगों के अंदर भय पैदा करना ही आतंकवाद कहलाता है। गैरकानूनी तरीके से सरकार से अपनी अनुचित बात मनवाना, सामाजिक हिंसा को बढ़ावा देना अथवा राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सरकार और आम-जनता में भय पैदा करना ही आंतकवाद का मुख्य मकसद होता है।
या फिर दूसरे शब्दों में कहें तो आतंकवाद एक तरह का माहौल है जिसके तहत लोग अपनी धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक ज़रूरत की पूर्ति के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं।
वहीं आतंकवादी वो होते हैं, जो अमानवीय, हिंसात्मक गतिविधियों का समर्थन करते हैं और अपने कृत्यों से लोगों को भयभीत करते हैं।
आपको बता दें कि आतंकवादियों की न कोई जाति होती है, न कोई धर्म होता है और न हीं उनका कोई देश होता है।
आतंकवादी, सिर्फ हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, मासूम बच्चों, निर्दोष महिलाएं, बेकसूर बूढ़े और जवानों की निर्मम तरीके से जान ले लेते हैं, और देश में आराजकता का माहौल पैदा करते हैं।
वहीं आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जो भी अधिकारी हिमाकत करता है, आतंकवादी उसे हिंसक तरीके से अपने रास्ते से हटा देते हैं अथवा उनकी जान ले लेते हैं। ताकि, उनके डरकर कोई भी अपनी आवाज न उठा सके और चुपचाप आतंकवादियों के अत्याचारों को सहते रहें।
आतंकवादी संगठन गुप्त जगहों पर अपना ठिकाना बनाते हैं, ताकि कोई परिंदा भी उनके ठिकानों पर अपना पर नहीं मार सके और वे गुपचुप तरीके से अपने अमानवीय कृत्यों को अंजाम देने की तैयारी कर सकें।
आतंकवाद का खात्मा करने के लिए हमारी सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। लेकिन इन सबके बाबजूद भी आतंकवाद, एक संक्रामक बीमारी की तरह पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है।
यही नहीं, कई आतंकवादी संगठनों द्धारा आतंक का प्रभाव और तेज करने के लिए कई ऐसे बेकसूर और सामान्य लोगों को आतंकवादी बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है, साथ ही हिंसक कृत्यों को करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
वहीं अगर इस तरह आतंकवाद बढ़ता रहा तो आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है, इसलिए हम सभी लोगों को एकजुट होकर इसके खिलाफ कदम उठाने चाहिए और अपनी लालची प्रवृत्ति को छोड़ना चाहिए, अर्थात ऐसे लोगों की बातों में नहीं आना चाहिए जो लालच देकर दंगे – फसाद समेत कई हिंसात्मक गतिविधियों करने के लिए विवश करते हैं, तभी आतंकवाद पर काबू पाया जा सकेगा।
आतंकवाद पर निबंध नंबर 2 – Aatankwad Par Nibandh
आतंकवाद का मुद्दा आज का सबसे गंभीर मुद्दा बन चुका है, इसकी वजह से देश-दुनिया के विकास की गति धीमी हो गई है। मनुष्य के दिल – दिमाग में इसका गलत असर पड़ रहा है और यह सम्पूर्ण दुनिया में भय का माहौल पैदा कर रहा है।
आतंकवादी विनाशकारी हथियारों के बल पर न सिर्फ कई बेकसूर लोगों और मासूमों की जान ले रहे हैं, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों को तबाह कर रहे हैं। वहीं पिछले कुछ सालों में भारत में आतंकवाद तेजी से पनपा है।
आतंकवाद के कई रुप –
आतंकवाद कई रुपों में आज पूरी दुनिया में फैल रहा है, जैसे कि – अपराधिक आतंकवाद, सांप्रदायिक आतंकवाद और राजनीतिक आतंकवाद आदि।
सांप्रदायिक आतंकवाद को कट्टर धार्मिक, संकीर्ण और छोटी मानसिकता वाले लोग जन्म देते हैं,ऐसी विचारधारा वाले लोग अक्सर किसी दूसरे धर्मों के प्रति असहज महसूस करते हैं और उनके धर्म नहीं मानने वाले लोगों को बर्दाश्त करना पसंद नहीं करते हैं।
यही नहीं धर्म के नाम पर अलग-अलग राज्य बनाने की कोशिश करते हैं और अन्य धर्मों के प्रति नफरत फैलाते हैं। उस धर्म का गलत तरीके से प्रचार-प्रसार करते हैं या फिर अन्य धर्म के लोगों से उनके धर्म को अपनाने के लिए विवश करते हैं।
इस तरह धार्मिक सांप्रदायिकता की भावना बड़े स्तर पर आतंकवाद को जन्म देती है।
वहीं अपराधिक आतंकवाद के अंदर, कई लालची प्रवृत्ती के लोग गैर कानूनी तरीके से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपहरण, चोरी, डकैती आदि कर पैसों की मांग करते हैं।
जबकि राजनीतिक आतंकवाद के तहत, कुछ लोग जनता का वोट अपनी झोली में करने के लिए, और अपनी स्वार्थ की पूर्ति के लिए जाति-धर्म आदि की राजनीति करते हैं और जनता में डर का माहौल पैदा करते हैं। इसके साथ ही कुछ लालची लोगों को पैसों का लालच देकर दंगा-फसाद करवाते हैं, जिससे देश की एकता तो कमजोर होती है और इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ता है और आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है।
भारत में आतंकवाद की समस्या
भारत में आतंकवाद जिस तरह तेजी से बढ़ रहा है, वह न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल रहा है बल्कि देश के विकास को भी रोक रहा है। धर्म, जाति, समुदाय आदि के आधार पर हुए राष्ट्रों के विभाजन ने लोगों के अंदर हिंसा, नफरत, अलगाववादी, आतंकवाद आदि की भावना पैदा कर दी थी, जिसके चलते आजादी के इतने सालों बाद भी लोगों की नफरतें खत्म नहीं हुई और आतंकवाद ने एक बड़ा रुप ले लिया।
ब्रिटिश शासकों की फूट डालो, शासन करो की नीति के बाद भी भारत में आतंकवाद का स्तर बढ़ा है। इसके अलावा नागालैंड समेत बांग्लादेश औऱ पाकिस्तान के भारत से विभाजन के बाद आतंकवाद की शुरुआत हुई और कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के लिए भी कई नए आंतकवादियों ने जन्म लिया, जो कई अमानवीय कुकृत्यों द्धारा भारत में आतंक को बढ़ा रहे हैं और लोगों के मन में खौफ पैदा कर रहे हैं।
भारत को नुकसान पहुंचाने और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों पर कब्जा करने समेत भारतीय जनता में भय का माहौल पैदा करने के उद्देश्य से कई बार ऐसे आतंकवादी हमले करवाए जाते हैं, जिससे देश के कई बेकसूर और बेगुनाह लोग मारे जाते हैं।
साथ ही भारत की सुरक्षा पर सेंध लगाने के उद्देश्य से भारतीय सुरक्षा बलों समेत भारतीय सैनिकों पर भी हमले किए जाते हैं, जिससे लड़ाई करते हुए कई सीमा पर तैनात भारतीय जवान शहीद हो जाते है।
इसके अलावा आतंकवादियों द्धारा भारत के कई सार्वजनिक स्थलों पर भी बम-बिस्फोट समेत कई हिंसात्मक और अमानवीय गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है।
वहीं भारत में आतंकवाद की मूल वजह बढ़ती जनसंख्या, गरीबी, अशिक्षा भुखमरी असमानता और बेरोजगारी है।
वहीं भारत में कई बडे़ आतंकी संगठनजैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, उल्फा, तालिबान, ISIS आदि सक्रिय हैं, और यह संगठन भारत के बेरोजगारों और गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं, जिससे भारत में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है।
वहीं भारत में आतंकवाद तो पहले सिर्फ कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था जैसे कि जम्मू कश्मीर। लेकिन पिछले कुछ सालों में आतंकवाद, भारत में काफी फैल चुका है। इसके बड़े उदाहरण 26/11 मुंबई आतंकी हमला, जयपुर विस्फोट, मुंबई ट्रेन धमाका, दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट, 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट, कोयंबटूर धमाका, भारतीय संसद पर हमला आदि हैं।
उपसंहार
आतंकवाद जिस तरह से पूरे संसार में अपनी जड़े फैला रहा है, यह गंभीर चिंता का विषय है। अगर इस पर जल्द काबू नहीं किया गया तो, आने वाली पीढ़ी के लिए यह बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।
इसलिए, आतंकवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है।
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आतंकवाद पर निबंध – Essay on Aatankwad in Hindi
आतंकवाद से जिस तरह से लोगों के बीच भय पैदा हो रहा है, यह काफी खतरनाक है। अब बम बिस्फोट, अपहरण, दंगे-फसाद की घटनाएं आम हो गई हैं। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कई आतंकी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं और सामान्य लोगों को भी आतंकवादी बनने के लिए विवश कर रहे हैं। इसलिए हर किसी को इसके कारण, दुष्परिणाम और इसे रोकने के उपायों के बारे में जरुर जानना चाहिए।
आतंकवाद के कारण – Causes of Terrorism
- जाति, धर्म की दूषित राजनीति करना।
- धर्म को बढ़ावा देने के मकसद से हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम देना।
- बढ़ती जनसंख्या
- गरीबी
- अशिक्षा
- कुसंगति
- सामाजिक, राजनैतिक व्यवस्था
- भ्रष्टाचार
- आर्थिक विषमता
- जातिवाद
- आर्थिक असामनता
- बंदूक, तोपें, हाइड्रोजन बम, मशीन गन, परमाणु हथियार,एटम बम, मिसाइल, समेत कई विनाशकारी हथियारों का निर्माण होना।
आतंकवाद के परिणाम – Effects of Terrorism
- आतंकवाद से किसी भी देश के विकास और अर्थव्यवस्था पर गलत प्रभाव पड़ता है।
- आतंकवाद की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान किसी भी देश के आम नागिरकों को होता है और कई बेगुनाहों लोग और मासूम बच्चे इसकी भेंट चढ़ जाते हैं।
- आतंकवाद से लोगों के बीच डर का महौल पैदा होता है और लोगों के अंदर असुरक्षित होने की भावना का विकास होता है।
- आतंकवाद एक ऐसा ज्वलंत मुद्दा है, जिसे किसी भी देश की सरकार को गिराया जा सकता है।
- आतंकवाद के सामने किसी भी देश की सरकार की नींव कमजोर हो जाती है, जिससे लोगों का सरकार के ऊपर से भरोसा उठ जाता है।
- आतंकवादी हमले से करोड़ों रुपए की संपत्ति नुकसान होती है।
- बढ़ते आतंकवाद का बुरा असर आज की युवा पीढी पर बढ़ रहा है, जिससे कई नए आतंकवादी पैदा हो रहे हैं।
आतंकवाद पर काबू पाने के उपाय – Measures to Overcome Terrorism
- शिक्षा का प्रचार-प्रसार की जरूरत
- सरकार को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
- गरीबी की समस्या का समाधान करने की जरूरत
- सीमा सुरक्षा बल को मजबूत करने की जरूरत
- जातिवाद जड़ से खत्म करने की जरूरत
- रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए
- राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करने की जरूरत
- धर्म को सही ढंग से समझना होगा।
- आर्थिक विषमता को समाप्त करना होगा।
- जाति, धर्म की दूषित राजनीति को खत्म करना होगा।
उपसंहार
आतंकवाद का जड़ से खात्मा करने के लिए जातिवाद, बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा समेत तमाम बुराइयों को दूर करने के लिए प्रयास कर सामाजिक परिवर्तन करना होगा, तभी बढ़ रही आतंकवाद की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
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