कौन है ‘Botany’ के जनक – संपूर्ण जानकारी

Father of Botany

जीव विज्ञान की बदौलत आज हमे हमारे आस-पास ही नही बल्की विश्वभर मे मौजूद जैव विविधता के बारे मे जानने को मिलता है। वनस्पति विज्ञान के वजह से हमे हमारे परिवेश मे मौजूद लगभग सभी पेड पौधो के विषय मे विस्तार से जानकारी प्राप्त होती है। पर क्या कभी आपने सोचा है के वनस्पति विज्ञान के जनक किसे कहाँ जाता है, तथा कौन है जिन्हे ये दर्जा मिला हुआ है? यहाँ आपको ठीक इसी विषय पर जानकारी प्राप्त होनेवाली है।

लेख मे हम आपको वनस्पति विज्ञान के जनक का परिचय तथा उनके द्वारा इस विषय मे किए गए कार्य की संक्षेप मे जानकारी देंगे। इसके अलावा आपको वनस्पति विज्ञान से जुडी कुछ नई जानकारी भी जानने को मिलेगी।

हमे पुरा विश्वास है के इस जानकारी को पढकर आपको भविष्य मे लाभ होगा तथा ये जानकारी आपके लिए काफी मजेदार भी होगी।

कौन है ‘Botany’ के जनक – संपूर्ण जानकारी – Father of Botany in Hindi

Father of Botany in Hindi
Father of Botany in Hindi

वनस्पति विज्ञान के जनक का संक्षेप मे परिचय – Information About Father of Botany

संपूर्ण नाम (Full Name)थिओफ्रास्टस।
जन्म (Date of Birth)इसवी सदी पूर्व ३७१।
जन्मस्थान (Birth Place)एरेसोस (ग्रीस)
प्रमुख पहचान (Well known For)वनस्पति विज्ञान के जनक, जीव विज्ञानी, भौतिक विज्ञानी।
वनस्पति विज्ञान की मुख्य किताबे (Books of Boatny)हिस्टोरिया प्लैंटरम, कैरेक्टर्स, ऑन द कॉझेस ऑफ़ प्लांटस इत्यादि।
मृत्यू (Death)इसवी सदी पूर्व २८७।

थिओफ्रास्टस के पूर्व जीवन के बारे मे जानकारी – Information About Theophrastus

जीव विज्ञान की प्रमुख शाखा वनस्पति विज्ञान के बारे मे शुरुवात से विश्वभर मे संशोधन कार्य शुरू था पर सबसे बडी दिक्कत ये थी की वनस्पतियो की पहचान करना तथा उनको वर्गीकृत करना।

ठीक इन सभी कमियो को पुरा करने का कार्य थिओफ्रास्टस ने किया जिस वजह से इन्हे विश्वभर मे वनस्पति विज्ञान के जनक के रूप मे जाना जाता है। बात करे इनके शुरुवाती जीवन की तो थिओफ्रास्टस का जन्म ग्रीस देश मे एरेसोस नामक जगह पर इसवी सदी पूर्व ३७१ को हुआ था।

थिओफ्रास्टस के गुरु एरिस्टोटल थे तथा इनके द्वारा प्रेरणा से ही थिओफ्रास्टस को विभिन्न विषयो पर संशोधन हेतू प्रेरणा मिली थी। शुरुवात से ही वनस्पति विज्ञान और भौतिक विज्ञान की तरफ थिओफ्रास्टस का झुकाव अधिक था, जिसमे उनके द्वारा विभिन्न वनस्पतीयो के अध्ययन और संशोधन द्वारा प्राप्त तथ्यो को किताबो के माध्यम से उन्होने सबके सामने रखा गया था।

आगे जानेंगे की किस प्रकारसे वनस्पति विज्ञान मे थिओफ्रास्टस का महत्वपूर्ण योगदान रहा तथा उनके द्वारा लिखी गई किताबो द्वारा उपलब्ध हुई जानकारी कितनी बहुमुल्य साबित हुई।

थिओफ्रास्टस और वनस्पति विज्ञान – Theophrastus and Botany

  • थिओफ्रास्टस द्वारा वनस्पति विज्ञान संबंधी दो महत्वपूर्ण किताबे लिखी गई थी जिनके लगभग ९ से १० संस्करण थे, इन किताबो मे इनके द्वारा अध्ययन किए गए वनस्पतियो का जिक्र मौजूद है, तथा प्रत्येक वनस्पती के बारे मे इन्हे प्राप्त हुए तथ्य दिए गए है। इसके अलावा छोटे तौर पर बने किताबो मे भी उनके वनस्पति विज्ञान संबंधी खोज के बारे मे जानने को मिलता है।
  • वनस्पतीयो का वर्गीकृत प्रारूप करना तथा उन्हे व्यवस्थित तौर पर जानकारी के माध्यम से रखने वाले थिओफ्रास्टस तत्कालीन समय मे एक मात्र इंसान थे जिस वजह से उन्हे इस क्षेत्र मे काफी आदर भाव से देखा जाता है।
  • कार्ल लिनिअस जो के खुद वनस्पति वर्गीकरण से जुडे हुए बडे संशोधक थे उन्होने थिओफ्रास्टस द्वारा रखे गए तथ्य और वर्गीकरण को पढा तो आदरपूर्वक थिओफ्रास्टस को वनस्पति विज्ञान का जनक कह दिया था।
  • थिओफ्रास्टस की किताब ‘एनक्वायरी इन टू प्लांट्स’ मे विभिन्न वनस्पती प्रजातीयो का वर्गीकरण पिढी के तरीके, परिवेश, आकार, उपयोग, उपयोग के प्रकार जैसे के फल रस या जडी बुटी आदि आधारो पे किया गया था। इससे विशिष्ट वनस्पती के विशेष गुण जानने और समझने मे मदद मिली।
  • वनस्पति के अंकुरण से संबंधित बातो का थिओफ्रास्टस ने बहुत समय तक अवलोकन किया तथा ये तथ्य निकाला के किसी भी बीज से पौधा अंकुरित होने हेतू जमीन का प्रकार तथा वातावरण की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। तत्कालीन समय मे ये तथ्य सामने रखना सराहनीय बात माना गया था।
  • विभिन्न वनस्पतियो का अवलोकन करने हेतू थिओफ्रास्टस ने संपूर्ण ग्रीस मे भ्रमण किया था जिसमे उन्होने यहाँ पाए जानेवाले लगभग सभी पेड पौधो की प्रजातीयो का अध्ययन किया था।
  • थिओफ्रास्टस ने ना केवल वनस्पति के अंकुरण के तथ्य दुनिया के सामने रखे बल्की पेड पौधो के घाव/जख्म इत्यादि के बारे मे भी अपने किताब मे चर्चा की जिस से उनका इन बातो की तरफ लगाव साफ तौर पर स्पष्ट होता है।

इस प्रकार से अपने जीवन का अधिकतर समय थिओफ्रास्टस ने वनस्पति विज्ञान के अध्ययन और संशोधन को दिया जिसमे से अधिकतर बाते काफी सटीक और ठीक साबित हुई। विज्ञान जगत मे इनके द्वारा वनस्पति शास्त्र संबंधी दिए योगदान को अमुल्य माना गया इसिके बदौलत इन्हे समुचे विश्व मे वनस्पति विज्ञान का जनक माना जाता है।

इस प्रकार से अबतक आपने वनस्पति विज्ञान के जनक के बारे मे संक्षेप मे जाना, जिसमे इनके जीवन से जुडे प्रमुख बातो के साथ वनस्पति विज्ञान मे इनके योगदान को हमने आपके सामने रखा। आशा करते है के दी गई जानकारी आपको काफी पसंद आई होगी, इसे अन्य लोगो तक पहुचाने हेतू लेख को अवश्य साझा करे। हमसे जुडे रहने हेतू बहुत बहुत धन्यवाद..

वनस्पति विज्ञान के जनक के बारे मे अधिकतर बार पुछे जाने वाले सवाल – Quiz on Father of Botany

Q. विश्व मे वनस्पति विज्ञान के जनक किसे कहाँ जाता है? (World widely who is well known as a father of Botany?)

जवाब: थिओफ्रास्टस।

Q. वनस्पति विज्ञान के जनक का जन्म कौनसे देश मे हुआ था? (Where had born father of Botany?)

जवाब: ग्रीस।

Q. थिओफ्रास्टस द्वारा लिखे गए वनस्पति विज्ञान से जुडे कौनसे दो किताबो को महत्वपूर्ण समझा जाता है? (Which two books are known as a important books in Botanical science written by Theophrastus?)

जवाब: ऑन द कॉझेस ऑफ़ प्लांटस और हिस्टोरिया प्लैंटरम।

Q. थिओफ्रास्टस का जन्म कब हुआ था? (Where did born Theophrastus?)

जवाब: इसवी सदी पूर्व ३७१।

Q. वनस्पति विज्ञान के जनक थिओफ्रास्टस के गुरु कौन थे? (Who was the mentor of Theophrastus?)

जवाब: एरिस्टोटल।

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