Founder and CEO of Inmobi Naveen Tewari Success Story
कहते हैं जब कोई काम सच्ची मेहनत और लगन के साथ किया जाता है तो सफलता जरूर मिलती है। इस बात को साबित कर दिखाया है युवा बिजनेस मैन नवीन तिवारी ने, जिन्होंने बिजनेस वर्ल्ड में इनके हुनर और प्रतिभा के लिए जाना जाता है।
नवीन तिवारी इनमोबी के संस्थापक हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए नवीन जी को तमाम तरह के संघर्ष और समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमेशा आगे बढ़ते रहे। और यही वजह है कि आज इनकी कंपनी InMobi, दुनिया की बेहद सफल कंपनियों की लिस्ट में शुमार है। आइए जानते है इनके बारे में –

भारत के युवा बिजनेसमैन – नवीन तिवारी की प्रेरणादायक कहानी – Founder of Inmobi Naveen Tewari Success Story
नवीन तिवारी एक साधारण परिवार से हैं, जिन्होंने आईआईटी कानपुर से मैक्निकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने साल 2000 में मैकिन्से एंड कंपनी में अपनी पहली जॉब ज्वाइन कर अपने करियर की शुरुआत की। इस टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ काम करने के अलावा नवीन भारतीय निगम के लिए गो-टू मार्केट रणनीति विकसित करना चाहते थे।
इस कंपनी के साथ करीब 3 साल काम करने के बाद उन्होंने साल 2003 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में MBA के लिए एडमिशन लिया। इसी दौरान नवीन अपने साथी स्टूडेंट्स के लिए भारत का एक ट्रिप आयोजित करने का मौका मिला। इसी ट्रिप के बीच उन्हें मोबाइल डील्स और मोबाइल सर्च से जुड़ा एंटरप्रेन्योरशिप का आइडिया आया।
वहीं जब वह हॉवर्ड में पढ़ रहे थे, तभी नवीन ने साल 2005 में एक गैर लाभकारी संगठन “इंडिया स्कूल हाउस” फंड की स्थापना की, जो कि ग्रामीण भारत में स्कूलों के लिए फंड जुटाता है और स्थापना करता है। वह इस संगठन के चैयरमेन भी हैं।
इसके अलावा नवीन ने कई टेक कंपनियों के टॉप मैनेजमेंट के साथ भी काम किया और फिर वेंचर कैपिटल फर्म, चार्ल्स रिवर वेंचर्स ज्वॉइन की। यहां नवीन भारत में निवेश की रणनीति तैयार करने का काम किया करते थे और इसमें उनकी समझ काफी ज्यादा विकसित हो गई थी, जिसका फायदा उन्हें आगे चलकर मिला।
अपने महान आइडिया, विचार और अनुभवों को साथ लेकर नवीन ने साल 2007 में अपनी कंपनी की नींव रखी और एसएमएस आधारित सर्च सर्विस पर फोकस करते हुए कंपनी का नाम एमखोज रखा।
कंपनी की स्थापना के लिए उन्हें एंजेल फंडिंग से मिला 5 लाख डॉलर का फंड काफी मददगार साबित हुआ। इसके बाद आगे चलकर 2009 में नवीन तिवारी ने कंपनी को मोबाइल-डिवाइस एडवरटाइजिंग फर्म में बदल कर, इसका नाम इनमोबी रख दिया।
इसके बाद उनकी कंपनी इनमोबी लगातार सफल होती चली गई। आपको बता दें कि गूगल के एडमॉब नेटवर्क के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल एडवरटाइजिंग नेटवर्क के रूप में इनमोबी ने अपनी पहचान विकसित की है। इनमोबी आज भारत की नहीं बल्कि यूके, यूएस, चीन और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के 165 से भी ज्यादा देशों मे देश के करोड़ों से भी ज्यादा यूजर्स तक अपनी पहुंच बना चुकी है।
इस तरह कुछ नया करने की सोच रखने वाले नवीन तिवारी आज दुनिया के सबसे सफल बिजनेसमैन में से एक हैं। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कई जोखिम भी उठाने पड़े। दरअसल, इनमोबी के लॉन्च के बाद भी कई चुनौतियां उनके सामने आईं, अब की तुलना में पहले देश के निवेशकों को आकर्षित कर पाना बेहद मुश्किल था।
विदेशी निवेशकों को यह समझाना कि भारत में भी अच्छे प्रॉडक्ट (सॉफ्टवेयर) बनाए जा सकते हैं, सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन नवीन अपनी मेहनत और अनुभव के दम पर सभी का चुनौतियों का डटकर सामना करते रहे, और आगे बढ़ते रहे।
वहीं शुरुआत के चार महीनों तक निवेशकों और ग्राहकों को आकर्षित करने के काफी कोशिशों के बाबजूद नवीन फंड जुटाने में कामयाब हुए। आज कंपनी पूरी दुनिया में 1200 मिलियन से भी ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स को जोड़ने में सफल हो पाई है। यही नहीं एमआईटी के टेक्नोलॉजी रिव्यू में इनमोबी को दुनिया की 50 सबसे चर्चित रहने वाली कंपनियों में शामिल किया गया है।
जिस तरह एन्टरप्रेन्योर बनने की चाहत रखने वाले नवीन तिवारी ने अपनी मेहनत और ईमानदारी के दम पर सफलता हासिल की है, यह वाकई तारीफ-ए-काबिल है और प्रेरणास्त्रोत भी है।
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Very inspiring story
क्या बात हैं| ऐसी कहानी पढ़कर बहुत कुछ सीखता हु|