कवी ऐसे व्यक्ति होते है जो एक व्यक्ति और समाज पर काफ़ी गहरा असर डालते है। वो ख़ुद के कविता के माध्यम से समाज का असली रूप सामने लाने में हमेशा प्रयास करते रहते है। कवी अपनी कविता का अलग अलग ढंग से इस्तेमाल करते है। कवी कभी कविता को लोक गीत में तो कभी यमक के रूप में इस्तेमाल करते है।
ज्यादातर लोग तो कविता में यमक कविता को ही सब कुछ मानते है। लेकिन ऐसे भी कुछ महान कवी जिन्होंने यमक के अलावा भी कविता के अलग अलग रूप रचनाये बनाई। उन रचना को पढ़ते समय पढने वाले इन्सान को ऐसा लगता है की वो ख़ुद उस कविता को महसूस कर रहा है। उस कविता की दुनिया जाने पर वो बाहर की सारी दुनिया भूल जाता है। यह सब बाते जहा महसूस की जाती वही असली कविता मानी जाती है।
भारत के इतिहास के पन्ने देखे तो हमें कई सारे कवी मिल जाते है जिन्हें ना केवल अपने देश में प्रसिद्धि मिली बल्की अंतर्राष्ट्रीय स्थर पर भी मान्यता मिली।
तो चलिए जानते है ऐसे ही भारत के कुछ महान कवी जिन्होंने हिंदी साहित्य में बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है। निचे कुछ भारत के महान और सर्वश्रेष्ठ हिंदी कवी की सूचि दी गयी है।
लोकप्रिय भारतीय कवी – Hindi Poets Biography in Hindi
माखनलाल चतुर्वेदी एक भारतीय कवी, निबंधकार, लेखक, और नाटककार थे। उनका का जन्म 4 अप्रैल 1889 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बावई ग्राम में हुआ थ। उनकी सभी रचनाये सरल भाषा और भावनापूर्ण हैं। वे सच्चे देशप्रमी थे और असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए थे। माखनलाल चतुर्वेदी जी की कविताओं में देशप्रेम के साथ साथ प्रकृति और प्रेम का भी वर्णन होता हैं।
माखनलाल चतुर्वेदी की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
• हिम किरीटनी,
• हिम तरंगिनी,
• युग चारण,
• साहित्य देवता
• दिप से दिप जले
• कैसा चाँद बना देती है
• पुष्प की अभिलाषा
हरिवंश राय बच्चन हिन्दी भाषा के एक कवि होने के साथ साथ अच्छे लेखक थे। हिंदी कवी सम्मलेन के विख्यात कवी हरिवंश राय श्रीवास्तव उर्फ़ बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव बाबूपट्टी में हुआ था। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है।
हरिवंश राय बच्चन की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
• मधुशाला (1935)
• निशा निमंत्रण (1938)
• दो चट्टानें (1965)
• बहुत दिन बीते (1967)
• सतरंगिनी (1945)
• हलाहल (1946)
• बंगाल का काव्य (1946)
महादेवी वर्मा स्वतंत्रता सेनानी तथा हिंदी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवियित्रियो में से एक थी। महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च, 1907 को फरुखाबाद में हुआ था। आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीराबाई के नाम से भी जाना जाता है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की समान प्रकाशमान है। सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं।
महादेवी वर्मा की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- नीहार (1930)
- रश्मि (1932)
- नीरजा (1934)
- सांध्यगीत (1936)
- दीपशिखा (1942)
- सप्तपर्णा (अनूदित-1959)
- प्रथम आयाम (1974)
- अग्निरेखा (1990)
जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, कथाकार, निबन्धकार तथा नाटकार,थे। जयशंकर प्रसाद का जन्म 30 जनवरी 1889 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी, में हुआ था। वे एक युगप्रवर्तक कवि थे जिन्होंने एक ही साथ कविता, उपन्यास, कहानी और नाटक के क्षेत्र में हिंदी को गौरव करने लायक रचनाये दीं।
जयशंकर प्रसाद की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- कानन कुसुम
- महाराणा का महत्त्व
- झरना
- आंसू
- लहर
- कामायनी
- प्रेम पथिक
- एक घुट
सुमित्रानंदन का जन्म 20 मई 1900 में भारत के उत्तराखंड राज्य में हुआ था। उनका जन्म ऐसी जगह पर हुआ था की जहा पर वनस्पति और वन्य जिव की कोई कमी नहीं थी। इसीलिए उनका रुझान प्रक्रति की तरफ़ कुछ ज्यादा ही था। उन्होंने बहुत ही काम उम्र में कविता लिखना शुरू कर दिया था। ‘पल्लव’, ‘ग्रंथि’ आदि जैसी मशहूर कविता उन्होंने ख़ुद लिखी है। ऐसे महान कवी का अंत 28 दिसंबर 1977 में हुआ।
रामधारी सिंह दिनकर देशभक्त और विद्वान इंसान और साथ ही एक हिंदी कवी, निबंधकार थे, जिन्हें भारत के मुख्य आधुनिक कवियों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 23 सितंबर, 1908 बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया ग्राम में हुआ था। स्वतन्त्रता के बाद वो राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये।
रामधारी सिंह दिनकर की कुछ लोकप्रिय कविताएँ:
- विजय सन्देश (1928)
- प्राणभंग (1929)
- रेणुका (1935)
- हुंकार (1938)
- रसवंती (1939)
- द्वन्दगीत (1940)
- कुरुक्षेत्र (1946)
- धुप छाह (1946)
- सामधेनी (1947)
- बापू (1947)
रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 कोलकाता में हुआ था। वो एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं।
रवीन्द्रनाथ टागोर की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- चल तू अकेला!
- अनसुनी करके
- अरे भीरु
- नहीं मांगता
- विपदाओं से रक्षा करो, यह न मेरी प्रार्थना
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ने हिंदी कविता में छायावाद की शुरुवात की थी। उनकी तरह पंत, महादेवी वर्मा और प्रसाद जैसे महान कवी भी छायावाद किस्म की कविता करते थे। उनका जन्म 16 फरवरी 1896 में पश्चिम बंगाल के मिदनापुर शहर में हुआ था। वैसे देखा जाये तो उनकी शुरुवाती पढाई बंगाली भाषा में हुई लेकिन बाद में अलाहाबाद में रहने को आ गए और फिर तबसे उन्होंने हिंदी में कविता लिखनी शुरू कर दी थी। उन्होंने जिंदगी की आखिरी सास 15 अक्तूबर 1961 को ली थी।
सरोजिनी नायडु पहली भारतीय महिला कॉग्रेस अध्यक्ष और ‘भारत की कोकिला’ इस विशेष नाम से पहचानी जाती है। सरोजिनी नायडु का जन्म भारत के हैदराबाद नगर में हुआ था। उनके दूसरे तथा तीसरे कविता संग्रह ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया।
सरोजिनी नायडू की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- द गोल्डन थ्रेशोल्ड
- द बर्ड ऑफ टाइम
- द ब्रोकन विंग आदी काव्य संग्रह
अब्दुल रहीम खान –ए- खाना
इस मशहुर कवी का जन्म लाहोर शहर में 17 दिसंबर 1556 में हुआ था।(लाहोर पहले भारत का ही हिस्सा था लेकिन अब पाकिस्तान में आता है।) उन्हें सभी ‘रहीम’ नाम से ही जानते थे। ऐसा माना जाता था की वो भगवान कृष्ण के उत्तराधिकारी थे। सन 1627 में वो गुजर गए।
मीरा बाई कृष्ण-भक्ति की प्रमुख कवयित्री हैं। मीराबाई का जन्म संवत् 1504 में पाली में कुरकी नामक गाँव में हुआ था। मीरा बाई ने कृष्ण-भक्ति के स्फुट पदों की रचना की है।
संत मीराबाई की कुछ लोकप्रिय कविताएँ:
• नरसी का मायरा
• गीत गोविंद टीका
• राग गोविंद
• राग सोरठ के पद
अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। जो पंजाबी और हिंदी में लिखती थी। अमृता प्रीतम का जन्म 1919 में गुजरांवाला पंजाब (भारत) में हुआ। अमृता प्रीतम उन साहित्यकारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ।
अमृता प्रीतम की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- लोक पीड़ (1944)
- मैं जमा तू (1977)
- लामियाँ वतन
- कस्तूरी
- सुनहुड़े
तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान कवि थे। वे अपनी कविताओ के साथ साथ अपने दोहों के लिये भी जाने जाते है । इनका जन्म उत्तर प्रदेश के सोरों शूकरक्षेत्र, वर्तमान में कासगंज (एटा) में हुआ था। उनके द्वारा लिखित महाकाव्य रामचरितमानस के लिये वे पुरे भारत में लोकप्रिय है।
तुलसीदास की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- रामलीला नहछु
- वैराग्य संदीपनि
- बरवै रामायण – Tulsidas Ramayana
- पार्वती मंगल
- जानकी मंगल
- रामाज्ञा
- दोहावली – Tulsidas Ke Dohe
- कवितावली
- गीतावली
- कृष्ण गीतावली
- ‘हनुमान चालीसा’ आदी। Hanuman Chalisa Tulsidas
मैथिलीशरण गुप्त भारत के आधुनिक हिंदी कवियों में से एक है। उनका जन्म ३ अगस्त सन १८८६ में उत्तर प्रदेश के झाँसी के चिरगाँव में हुआ था। उनकी किताब भारत-भारती (1912) आज़ादी के स्वतंत्रता संग्राम के वक्त काफी प्रभावशाली साबित हुई थी, और इसी वजह से महात्मा गांधी ने उन्हें राष्ट्रकवि की पदवी भी दी थी।
मैथिलीशरण गुप्त की कुछ लोकप्रिय कविताएँ :
- साकेत
- रंग में भंग
- मातृभूमि
- गुरुकुल
- किसान
- पंचवटी
कालिदास महान नाटककार और कवि थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर रचनाएं की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप दिखते हैं।
कालिदास की कुछ लोकप्रिय कविताएँ:
- श्यामा दंडकम्
- ज्योतिर्विद्याभरणम्
- श्रृंगार रसाशतम्
- सेतुकाव्यम्
- श्रुतबोधम्
- श्रृंगार तिलकम्
- कर्पूरमंजरी
- पुष्पबाण विलासम्
कबीर जैसे महान कवी को तो सभी जानते है। लेकिन उससे भी बड़ी बात थी की वो एक दिव्य कवी थे। ऐसे दिव्य और महान कवी का जन्म भारत मे सन 1440 में हुआ था। उन्हें सारी दुनिया संत कबीर नाम से जानती है। बीजक, सखी ग्रंथ, अनुराग सागर और गड्वाली उनके सबसे मशहुर कविता संग्रह है। सन 1518 में ऐसे दिव्य कवी और संत ने दुनिया को अलविदा कहा।