Site icon India's beloved learning platform

एक गाँव जहाँ हर एक घर में है आईएएस, आईपीएस अधिकारी, दुनियाभर में हो रहे चर्चे

IAS Village in Jaunpur

जब आईएएस या आईपीएस का रिजल्ट आता है तो अख़बार में नाम आता है की जिले के बेटे या बेटी ने शहर का नाम किया रोशन और पूरे शहर का सीना गर्व से फूल जाता है। शहर से एक आईएस या आईपीएस हो जाने पर जब इतनी ख़ुशी होती हैं तो सोचिये उस गाँव के लोग कितने खुश होते होंगे जहाँ हर एक घर में आईएस और आईपीएस ऑफिसर है।

यूपी के लखनऊ से लगभग 240 किलोमीटर दूर माधोपट्टी गाँव में कुल 75 घर हैं और यहाँ 47 लोग आईएएस और आईपीएस अधिकारी है।

एक गाँव जहाँ हर एक घर में है आईएएस, आईपीएस अधिकारी, दुनियाभर में हो रहे चर्चे – IAS Village in Jaunpur

इस गाँव में हर एक घर में आपको आईएएस या आईपीएस अधिकारी मिल जाएगा। इसके अलावा यहाँ से लोग बैंकिंग, सेना और बड़े बड़े पदों पर भी है। पूरे भारत में युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने इस गाँव के सफलता की कहानी 1914 में शुरू हुई थी।

इस साल यहाँ से मुस्तफा हुसैन पीसीएस में चयनित हुए थे और इसके बाद लगातार यह सिलसिला चलता आ रहा है। मुस्तफा ने इस गाँव में जो रिवाज शुरू किया था वो आज भी गाँव के युवाओं में बसा हुआ है।

मुस्तफा के चयनित होने के बाद मानो जैसे इस गाँव में कोई जूनून आ गया हो और हर एक माँ बाप अपने बच्चे को आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनाने में जुट गए। साल 1952 में इन्दुप्रकाश सिंह का चयन आईएएस में हुआ और उनकी 13वीं रैंक आई और इससे युवाओ को और अधिक जोश आ गया और उन्होंने इस गाँव की संस्कृति को आगे ले जाने का निश्चय सा कर लिया।

इंदु फ्रांस जैसे कई देशो में भारत की राजदूत भी रहे। इंदु के बाद उनके चारो सगे भाइओ ने आईएस में चयनित होकर गाँव का नाम बढाया और विनय सिंह तो बिहार के मुख्य सचिव भी बने।

इंदु के बाद विनय सिंह और विनय के बाद शशिकांत सन 1964 में आईएएस अधिकारी बने और इसके बाद शशिकांत की बेटा साल 2002 में आईएस में 31वीं रैंक लेकर आया। 2013 में गांव की बहू शिवानी सिंह ने पीसीएस परीक्षा पास करके गांव को सुर्खियों में बनाए रखा।

आईएएस और आईपीएस के अलावा बाकी बड़े पदों पर भी इस गांव के लोग है। 22 साल के अमित पाण्डेय ने पांच किताबें लिख रखी है और हर कोई उन्हें अपना रोल मॉडल मानता है। इस गांव के अन्मजेय सिंह विश्व बैंक मनीला में, डॉक्टर निरू सिंह लालेन्द्र प्रताप सिंह वैज्ञानिक के रूप भाभा इंस्टीट्यूट तो ज्ञानू मिश्रा राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो में सेवाएं दे रहे हैं। यहीं जन्में देवनाथ सिंह गुजरात में वरिष्ठ अधिकारी है।

गांव का हर एक शख्स गर्व से सीना चौड़ा करके चलता है। गाँव में कई सारे बाहरी लोग आते हैं और वो यहाँ की कहानी जानना चाहते हैं।

Read More:

Hope you find this post about “IAS Village in Jaunpur” useful. if you like this articles please share on Facebook & Whatsapp. and for the latest update download : Gyani Pandit free android App

Exit mobile version

https://www.neinver.com/

https://www.tavernakyclades.com/

https://www.kidsfunhouse.com/

https://agungbatin.mesuji-desa.id/batin/

https://butcherbar.com/

https://bukoposo.desa.id/poso/

https://nekretnine.mirjanamikulec.com/

https://famousfidorescue.org/

https://eadvocat.rd.ua/

https://miep.spb.ru/

https://www.medswana.co.bw/

https://ppikotadepok.or.id/