कंगना राणावत की जीवनी – Kangana Ranaut biography in Hindi
नाम (Name) | कंगना राणावत |
जन्म तारीख(Date of birth) | 23 मार्च, 1987 |
जन्म स्थान (Place) | भाम्बला, हिमाचल प्रदेश |
पिता का नाम (Father’s Name) | अमरदीप राणावत |
माता का नाम(Mother’s Name) | आशा राणावत |
पति का नाम (Husband Name) | अविवाहित |
भाई (Brother) | अक्षत राणावत |
बहन (Sister) | रंगोली राणावत |
स्कूल (School) | डी.ए.वी स्कूल , चंडीगढ़ |
कालेज (College) | ऐलाइट स्कूल ऑफ माडलिंग |
कंगना राणावत प्रारंभिक जीवन – Kangana Ranaut in Hindi
कंगना राणावत का जन्म 23 मार्च 1986 को हिमाचल प्रदेश के मंदी जिले के भाम्बला ग्राम में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनकी माता आशा रनौत एक स्कूल टीचर और पिता अमरदीप राणावत एक व्यापारी थे। उनकी एक बड़ी बहन, रंगोली 2014 से कंगना की मेनेजर है और उनका छोटा भाई, अक्षत है।
उनके परदादा सरजू सिंह रनौत, लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्य थे और उनके दादाजी इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस के अधिकारी थे। भाम्बला की प्राचीन हवेली में ही उनका पालन पोषण हुआ है और अपने बचपन की जिंदगी को राणावत “साधारण और खुश” बताती है। राणावत के अनुसार जब वह बड़ी हो रही थी तब वह “जिद्दी और विद्रोही” थी।
उनके अनुसार यदि मेरे पिताजी मेरे भाई के लिये प्लास्टिक गन लाते थे और मेरे लिये एक छोटी गुडिया लाते थे, तो मै उसे कभी भी अपनाती नही थी। बल्कि मै इस भेदभाव का प्रश्न पूछती थी।
कंगना राणावत की शिक्षा – Kangana Ranaut Education
चंडीगढ़ की DAV स्कूल से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और वही उन्होंने अपना मुख्य विषय विज्ञान को बनाया और उसी विषय में उनको काफी रूचि भी थी। पहले वह अपने माता-पिता की इच्छा के अनुसार डॉक्टर बनना चाहती थी।लेकिन 12 वी में वह केमिस्ट्री की यूनिट टेस्ट में फेल हो गयी और तभी से रनौत ने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट देने की बजाये अपने करियर को पुनः निर्धारित करने की ठानी।
इसके बाद कुछ समय के लिये वह 16 साल की उम्र में ही दिल्ली आ गयी। उस समय वह मेडिकल के क्षेत्र में नही जाना चाहती थी। दिल्ली में, राणावत को कुछ पता नही था की वह कौनसे क्षेत्र में अपना करियर बनाये, लेकिन अचानक ही एक मॉडलिंग एजेंसी उनके अंदाज़ और लुक्स से काफी प्रभावित हो गयी।
इसके बाद उन्होंने कुछ मॉडलिंग असाइनमेंट किये लेकिन उन्हें इस क्षेत्र में ज्यादा रूचि नही थी क्योकि उन्हें ऐसा लगता था की इस क्षेत्र में क्रिएटिविटी के लिये कोई खास जगह नही है। इसीलिए इसके बाद राणावत ने एक्टिंग पर ध्यान देने की ठानी और अस्मिता थिएटर ग्रुप में शामिल हो गयी, जहा डायरेक्टर अरविन्द गौर ने उन्हें प्रशिक्षित किया था।
इसके बाद उन्होंने गौर के थिएटर वर्कशॉप में भी भाग लिया था और बहुत से नाटको में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। एक प्रदर्शन के समय जब मेल एक्टर गायब था, तब रनौत ने अपने रोल के साथ-साथ उस एक्टर का रोल भी निभाया था। जिसके लिये दर्शको से भी उन्हें सकारात्मक प्रतिसाद मिला था।
बाद मे वह एक्टिंग में ही अपना करियर बनाने के लिये मुंबई आ गयी और उन्होंने सबसे पहले खुद को आशा चंद्रा की ड्रामा स्कूल में चार महीने के एक्टिंग कोर्स के लिये दाखिल करवाया। कहा जाता है की फिल्म इंडस्ट्री में रनौत के प्रारंभिक वर्ष मुश्किलों से भरे पड़े थे। वह जानती थी की इंग्लिश भाषा का उन्हें उतना ज्ञान नही है और उन्हें एक्ट्रेस बनने के लिये भी कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा था।
2013 में डेली न्यूज़ को दिये गए इंटरव्यू में रनौत ने कहा था की :“इस इंडस्ट्री के लोग चाहते है की मुझे बोलने का कोई हक़ नही है और मै किसी की अन चाही चीज हूँ। मै जानती हूँ की मै अच्छी तरह से इंग्लिश नही बोल पाती और इसीलिए लोग मेरा मजाक भी उड़ाते है। इसीलिए अस्वीकार के साथ डील करना मेरी जिंदगी का अब एक अहम हिस्सा बन चूका है…..। मैंने जाना है की तारीफों से मेरा संबंध होना काफी मुश्किल है।
आज जब मुझे देखकर लोग कहते है की मैंने कुछ तो हासिल किया है और मैंने अपने बलबूते पर कुछ तो अलग किया है, तब मुझे ऐसा लगता है की मैंने अपनेआप को कही बांधकर रखा है। ये सारी बाते मुझे डराती है। ”संघर्ष के दिनों में राणावत को एक्टर आदित्य पंचोली और उनकी पत्नी ज़रीना वहाब का साथ मिला था और कंगना उन्हें अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानती थी।
लेकिन मीडिया ने कुछ समय बाद पंचोली और कंगना के प्यार की अफवाहे लोगो के बीच फैलाई थी। लेकिन कंगना ने इस विषय पर बोलने से मना कर दिया था। कहा जाता है की 2007 में कंगना ने आदित्य पंचोली के खिलाफ शारीरिक जबरदस्ती करने की कंप्लेंट पुलिस में दर्ज करवायी थी। इस घटना के कारण कुछ समय तक कंगना मीडिया में छाई हुई थी।
कुछ समय बाद उनके रिश्तेदार भी उनके द्वारा चुने गए करियर से नाराज़ थे और इसीलिए आने वाले कुछ वर्षो तक कंगना को अपने परिवार का साथ भी नही मिला था। लेकिन 2007 में कंगना की फिल्म लाइफ इन ए…मेट्रो रिलीज़ होने के बाद कंगना को फिर से अपने परिवार का साथ मिलने लगा था।
कंगना राणावत फ़िल्मी कैरिअर – Kangana Ranaut Career
कंगना राणावत ने 2006 में आयी थ्रिलर फिल्म “गैंगस्टर” से डेब्यू किया था। जिसके लिये उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड भी मिला था। इसके बाद 2006 में आयी फिल्म “वोह लम्हे” में उन्होंने एक भावुक किरदार की भूमिका निभाई, इसके बाद “लाइफ इन….मेट्रो” (2007) और “फैशन” (2008) जैसी उन्होंने बहुत सी सुपरहिट फिल्मे की है।
इसके लिये उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रिय अवार्ड और इसी श्रेणी में उन्हें एक फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला है। इसके बाद कंगना ने कमर्शियल सफल फिल्म “राज़: दी मिस्ट्री कंटिन्यू” (2009) और अजय देवगण के साथ “वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई” (2010) की। इसके बाद उन्होंने 2011 में बॉक्स ऑफिस हिट फिल्म “तनु वेड्स मनु” में आर. माधवन के साथ एक कॉमिक रोल निभाया।
बाद में उन्होंने हृतिक रोशन की साइंस फिक्शन फिल्म क्रिश 3 (2013) में एक उत्परिवर्ती जंतु का किरदार निभाया था। जो बॉलीवुड की सबसे सफलतम फिल्म में से एक है। 2014 में आयी फिल्म क्वीन में उनके प्रदर्शन के लिये उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर और नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला।
2015 में रनौत ने “तनु वेड्स मनु रिटर्न्स” में ड्यूल रोल निभाया, जो किसी भी महिला की सबसे सफलतम बॉलीवुड फिल्म रही, इसके लिये उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड और बेस्ट एक्ट्रेस का लगातार दूसरा फिल्मफेयर और नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला।
कंगना राणावत को मिले हुए अवार्ड्स – Kangana Ranaut Awards
राणावत तीन नेशनल फिल्म अवार्ड की हक़दार रह चुकी है: फैशन (2008) के लिये बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और क्वीन (2014) के लिये बेस्ट एक्ट्रेस और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिये भी बेस्ट एक्टर का अवार्ड उन्हें मिला था।
इसके साथ ही वे चार फिल्मफेयर अवार्ड भी जीत चुकी है: गैंगस्टर (2006) के लिये बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड, फैशन (2008) के लिये बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवार्ड, क्वीन (2014) के लिये बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिये बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) अवार्ड।
Kangana Ranaut
कंगना राणावत एक भारतीय फिल्म एक्ट्रेस है। उन्होंने बॉलीवुड फिल्मो में अपना करियर बनाया है और वह भारत की सबसे महँगी अभिनेत्रियों में से एक है। भारत के सबसे प्रसिद्ध सेलिब्रिटीज में कंगना भी शामिल है। उन्हें बहुत से अवार्ड भी मिल चुके है, जिनमे 3 राष्ट्रिय फिल्म अवार्ड और चार श्रेणियों के फिल्मफेयर अवार्ड्स भी शामिल है।
कंगना राणावत की जीवनी – Kangana Ranaut biography in Hindi
नाम (Name) | कंगना राणावत |
जन्म तारीख(Date of birth) | 23 मार्च, 1987 |
जन्म स्थान (Place) | भाम्बला, हिमाचल प्रदेश |
पिता का नाम (Father’s Name) | अमरदीप राणावत |
माता का नाम(Mother’s Name) | आशा राणावत |
पति का नाम (Husband Name) | अविवाहित |
भाई (Brother) | अक्षत राणावत |
बहन (Sister) | रंगोली राणावत |
स्कूल (School) | डी.ए.वी स्कूल , चंडीगढ़ |
कालेज (College) | ऐलाइट स्कूल ऑफ माडलिंग |
कंगना राणावत प्रारंभिक जीवन – Kangana Ranaut in Hindi
कंगना राणावत का जन्म 23 मार्च 1986 को हिमाचल प्रदेश के मंदी जिले के भाम्बला ग्राम में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनकी माता आशा रनौत एक स्कूल टीचर और पिता अमरदीप राणावत एक व्यापारी थे। उनकी एक बड़ी बहन, रंगोली 2014 से कंगना की मेनेजर है और उनका छोटा भाई, अक्षत है।
उनके परदादा सरजू सिंह रनौत, लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्य थे और उनके दादाजी इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस के अधिकारी थे। भाम्बला की प्राचीन हवेली में ही उनका पालन पोषण हुआ है और अपने बचपन की जिंदगी को राणावत “साधारण और खुश” बताती है। राणावत के अनुसार जब वह बड़ी हो रही थी तब वह “जिद्दी और विद्रोही” थी।
उनके अनुसार यदि मेरे पिताजी मेरे भाई के लिये प्लास्टिक गन लाते थे और मेरे लिये एक छोटी गुडिया लाते थे, तो मै उसे कभी भी अपनाती नही थी। बल्कि मै इस भेदभाव का प्रश्न पूछती थी।
कंगना राणावत की शिक्षा – Kangana Ranaut Education
चंडीगढ़ की DAV स्कूल से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और वही उन्होंने अपना मुख्य विषय विज्ञान को बनाया और उसी विषय में उनको काफी रूचि भी थी। पहले वह अपने माता-पिता की इच्छा के अनुसार डॉक्टर बनना चाहती थी।लेकिन 12 वी में वह केमिस्ट्री की यूनिट टेस्ट में फेल हो गयी और तभी से रनौत ने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट देने की बजाये अपने करियर को पुनः निर्धारित करने की ठानी।
इसके बाद कुछ समय के लिये वह 16 साल की उम्र में ही दिल्ली आ गयी। उस समय वह मेडिकल के क्षेत्र में नही जाना चाहती थी। दिल्ली में, राणावत को कुछ पता नही था की वह कौनसे क्षेत्र में अपना करियर बनाये, लेकिन अचानक ही एक मॉडलिंग एजेंसी उनके अंदाज़ और लुक्स से काफी प्रभावित हो गयी।
इसके बाद उन्होंने कुछ मॉडलिंग असाइनमेंट किये लेकिन उन्हें इस क्षेत्र में ज्यादा रूचि नही थी क्योकि उन्हें ऐसा लगता था की इस क्षेत्र में क्रिएटिविटी के लिये कोई खास जगह नही है। इसीलिए इसके बाद राणावत ने एक्टिंग पर ध्यान देने की ठानी और अस्मिता थिएटर ग्रुप में शामिल हो गयी, जहा डायरेक्टर अरविन्द गौर ने उन्हें प्रशिक्षित किया था।
इसके बाद उन्होंने गौर के थिएटर वर्कशॉप में भी भाग लिया था और बहुत से नाटको में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था। एक प्रदर्शन के समय जब मेल एक्टर गायब था, तब रनौत ने अपने रोल के साथ-साथ उस एक्टर का रोल भी निभाया था। जिसके लिये दर्शको से भी उन्हें सकारात्मक प्रतिसाद मिला था।
बाद मे वह एक्टिंग में ही अपना करियर बनाने के लिये मुंबई आ गयी और उन्होंने सबसे पहले खुद को आशा चंद्रा की ड्रामा स्कूल में चार महीने के एक्टिंग कोर्स के लिये दाखिल करवाया। कहा जाता है की फिल्म इंडस्ट्री में रनौत के प्रारंभिक वर्ष मुश्किलों से भरे पड़े थे। वह जानती थी की इंग्लिश भाषा का उन्हें उतना ज्ञान नही है और उन्हें एक्ट्रेस बनने के लिये भी कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा था।
2013 में डेली न्यूज़ को दिये गए इंटरव्यू में रनौत ने कहा था की :“इस इंडस्ट्री के लोग चाहते है की मुझे बोलने का कोई हक़ नही है और मै किसी की अन चाही चीज हूँ। मै जानती हूँ की मै अच्छी तरह से इंग्लिश नही बोल पाती और इसीलिए लोग मेरा मजाक भी उड़ाते है। इसीलिए अस्वीकार के साथ डील करना मेरी जिंदगी का अब एक अहम हिस्सा बन चूका है…..। मैंने जाना है की तारीफों से मेरा संबंध होना काफी मुश्किल है।
आज जब मुझे देखकर लोग कहते है की मैंने कुछ तो हासिल किया है और मैंने अपने बलबूते पर कुछ तो अलग किया है, तब मुझे ऐसा लगता है की मैंने अपनेआप को कही बांधकर रखा है। ये सारी बाते मुझे डराती है। ”संघर्ष के दिनों में राणावत को एक्टर आदित्य पंचोली और उनकी पत्नी ज़रीना वहाब का साथ मिला था और कंगना उन्हें अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानती थी।
लेकिन मीडिया ने कुछ समय बाद पंचोली और कंगना के प्यार की अफवाहे लोगो के बीच फैलाई थी। लेकिन कंगना ने इस विषय पर बोलने से मना कर दिया था। कहा जाता है की 2007 में कंगना ने आदित्य पंचोली के खिलाफ शारीरिक जबरदस्ती करने की कंप्लेंट पुलिस में दर्ज करवायी थी। इस घटना के कारण कुछ समय तक कंगना मीडिया में छाई हुई थी।
कुछ समय बाद उनके रिश्तेदार भी उनके द्वारा चुने गए करियर से नाराज़ थे और इसीलिए आने वाले कुछ वर्षो तक कंगना को अपने परिवार का साथ भी नही मिला था। लेकिन 2007 में कंगना की फिल्म लाइफ इन ए…मेट्रो रिलीज़ होने के बाद कंगना को फिर से अपने परिवार का साथ मिलने लगा था।
कंगना राणावत फ़िल्मी कैरिअर – Kangana Ranaut Career
कंगना राणावत ने 2006 में आयी थ्रिलर फिल्म “गैंगस्टर” से डेब्यू किया था। जिसके लिये उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड भी मिला था। इसके बाद 2006 में आयी फिल्म “वोह लम्हे” में उन्होंने एक भावुक किरदार की भूमिका निभाई, इसके बाद “लाइफ इन….मेट्रो” (2007) और “फैशन” (2008) जैसी उन्होंने बहुत सी सुपरहिट फिल्मे की है।
इसके लिये उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रिय अवार्ड और इसी श्रेणी में उन्हें एक फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला है। इसके बाद कंगना ने कमर्शियल सफल फिल्म “राज़: दी मिस्ट्री कंटिन्यू” (2009) और अजय देवगण के साथ “वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई” (2010) की। इसके बाद उन्होंने 2011 में बॉक्स ऑफिस हिट फिल्म “तनु वेड्स मनु” में आर. माधवन के साथ एक कॉमिक रोल निभाया।
बाद में उन्होंने हृतिक रोशन की साइंस फिक्शन फिल्म क्रिश 3 (2013) में एक उत्परिवर्ती जंतु का किरदार निभाया था। जो बॉलीवुड की सबसे सफलतम फिल्म में से एक है। 2014 में आयी फिल्म क्वीन में उनके प्रदर्शन के लिये उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर और नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला।
2015 में रनौत ने “तनु वेड्स मनु रिटर्न्स” में ड्यूल रोल निभाया, जो किसी भी महिला की सबसे सफलतम बॉलीवुड फिल्म रही, इसके लिये उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड और बेस्ट एक्ट्रेस का लगातार दूसरा फिल्मफेयर और नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला।
कंगना राणावत को मिले हुए अवार्ड्स – Kangana Ranaut Awards
राणावत तीन नेशनल फिल्म अवार्ड की हक़दार रह चुकी है: फैशन (2008) के लिये बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और क्वीन (2014) के लिये बेस्ट एक्ट्रेस और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिये भी बेस्ट एक्टर का अवार्ड उन्हें मिला था।
इसके साथ ही वे चार फिल्मफेयर अवार्ड भी जीत चुकी है: गैंगस्टर (2006) के लिये बेस्ट फीमेल डेब्यू अवार्ड, फैशन (2008) के लिये बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवार्ड, क्वीन (2014) के लिये बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिये बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) अवार्ड।