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मनमोहन सिंह की जीवनी

दो बार देश के प्रधानमंत्री के रुप में अपनी सेवाएं दे चुके मनमनोहन सिंह जी एक अच्छे राजनीतिज्ञ के तौर पर ही नहीं बल्कि एक महान अर्थशास्त्री और विचारक के रुप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इनके द्धारा लिए गए फैसलों से देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया, इसलिए उन्हें भातीय वित्तीय का वास्तुकार भी कहा जाता है। यही नहीं 10 साल तक देश के पीएम के रुप में भी उन्होने देश की शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किए हैं। तो आइए जानते हैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में-

मनमोहन सिंह की जीवनी – Manmohan Singh Biography in Hindi

एक नजर में –

पूरा नाम (Name) मनमोहन सिंह
जन्मतिथि (Birthday) 26 सितम्बर 1932 गाह, पंजाब, पाकिस्तान
पिता (Father Name) गुरुमुख सिंह
माता (Mother Name) अमृत कौर,
विवाह (Wife Name) गुरशरण कौर
बेटियां (Childrens) उपिंदर सिंह, अमृत सिंह, दमन सिंह
पुरस्कार (Awards) 1987- पदम भूषण

जन्म, परिवार, प्रारंभिक जीवन –

देश के महान अर्थशास्त्री के रुप में अपनी पहचान बनाने वाले मनमोहन सिंह जी 26 सितंबर, 1932 में पंजाब के चकवाल जिले के गह गांव (वर्तमान पाकिस्तान में) में एक सिख परिवार में जन्में थे। बेहद कम उम्र में ही उनके सिर से उनकी मां अमृत कौर का साया उठ गया था, जिसके बाद उनकी दादी मां ने उनकी परिवरिश की थी। वहीं साल 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था, उस दौरान उनका परिवार पाकिस्तान से भारत के अमृतसर में आकर बस गया।

शादी –

मनमोहन सिंह जी का गुरुशरण कौर से साल 1958 में विवाह हुआ। शादी के बाद दोनों की उपिंदर, अमृत और दमन नाम की तीन बेटियां पैदा हुईं। इनकी एक बेटी मानव अधिकार के क्षेत्र में वकील के रुप में अपनी सेवाएं दे रही है, तो दूसरी बेटी लेखक है, जबकि तीसरी बेटी दिल्ली यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर भी है।

शिक्षा –

मनमोहन सिंह जी बचपन से ही होनहार छात्र थे, जिनकी पढ़ने में काफी रुचि थी। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अमृतसर के हिन्दू कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए जहां की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से उन्होंने अर्थाशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री हासिल की।

पढ़ाई पूरी होने के बाद वे इंडिया वापस आ गए और फिर उन्होंने करीब 3 साल तक पंजाब यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं दी। फिर साल 1960 में डी फिल की डिग्री हासिल करने के उद्देश्य से एक बार फिर से वे इंग्लैंड चले गए और यहां के न्यूफील्ड कॉलेज में एडमिशन लेकर ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री हासिल की।

पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1966 में मनमोहन सिंह जी भारत वापस लौट आए और यहां पर वे व्यापार एवं विकास पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) में शामिल हो गए और इसमें करीब 3 सालों तक काम किया। इसके बाद 1969 से 1971 तक  उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर काम किया।

राजनैतिक करियर –

प्रमुख काम –

पुरस्कार/सम्मान –

किताबें –

मनमोहन जी एक अच्छे राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ अच्छे लेखक भी हैं। उनके द्धारा लिखी गईं कुछ किताबों के नाम इस प्रकार हैं-

जीवन पर आधारित कुछ किताबें –

देश के प्रधानमंत्री के रुप में देश का कुशल नेतृत्व कर चुके मनमोहन सिंह जी के महान व्यक्तित्व पर कई किताबें लिखी गईं हैं, जो कि इस प्रकार हैं-

फिल्म –

मनमोहन सिंह जी के राजनैतिक जीवन पर लिखी गई किताब ”द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” पर उनकी बायोपक फिल्म बनी है। यह फिल्म ”द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” नाम से 11 जनवरी,2019 में रिलीज हुई हैं। विजय रत्नाकर गुतते के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अक्षय खन्ना, अनुपम खेर एवं सुजैन बेरनेर्ट ने मुख्य भूमिका अदा की है।

इस फिल्म में मनमोहन सिंह जी की राजनैतिक कमियों के बारे में दर्शाया गया है, इसलिए यह फिल्म रिलीज होने के पहले कई विवादों में भी घिरी रह चुकी है। वहीं यह फिल्म मनमोहन सिंह जी की छवि को खराब करने में नाकाम साबित हुई।

प्रधानमंत्री के रुप में देश का नेतृत्व कर चुके मनमोहन सिंह जी अपने प्रतिभाशाली व्यक्तित्व और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में न सिर्फ देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश की जनता हमेशा ही उनके द्धारा किए गए कामों के लिए कृतज्ञ रहेगी।

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