देश के पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के सीएम रहे मनोहर पर्रिकर अपनी सादगी और समर्पण के लिए जाने जाते थे, भारतीय राजनीति में वे एक ऐसा चेहरा थे, जिन पर कभी किसी तरह का भ्रष्टाचार का धब्बा नहीं लगा, एक ईमानदार और आदर्श राजनेता के रुप में उन्होंने अपनी छवि बनाई थी।
पर्रिकर जी बेहद सरल, शांत और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे, और सादा जीवन जीने में विश्वास रखते थे, यही वजह है कि गोवा के सीएम पद पर रहते हुए भी उन्होंने कई साल तक मुख्यमंत्री आवास का इस्तेमाल नहीं किया, वे अपने खुद के एक छोटे से घर में ही रहते थे।
इसके साथ ही गोवा के सीएम पद पर आसीन रहते हुए भी वे स्कूटर से एक साधारण व्यक्ति की तरह अपने दफ्तर जाते थे, इसलिए लोग उन्हें “स्कूटर वाले सीएम” भी कहकर भी पुकारते थे, यही नहीं पर्रिकर जी राज्य का हाल-चाल जानने के मकसद से सड़क के किनारे लगे टी-स्टॉल से अक्सर चाय भी पीते थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी वीवीआईपी होने का फायदा नहीं उठाया।
आपको बता दें कि मनोहर पर्रिकर जी 4 बार गोवा के सीएम पद पर रह चुके थे, इसके अलावा उन्होंने देश के रक्षा मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी, वे भारतीय राजनीति के सबसे अधिक पढ़े-लिखे और एक मजबूत स्तंभ के रुप में जाने जाते थे।
सादगी और समर्पण की मिसाल रहे मनोहर पर्रिकर के जीवन का सफर – Manohar Parrikar Biography
नाम (Name) | मनोहर गोपाल कृष्ण प्रभु पर्रिकर |
जन्म (Birthday) | 13 दिसम्बर, 1955, मापुसा, गोवा |
मृत्यु (Death) | 17 मार्च 2019 |
पिता का नाम (Father Name) | गोपाल कृष्ण पर्रिकर |
माता का नाम (Mother Name) | राधा बाई पर्रिकर |
पत्नी (Wife Name) | मेधा पर्रिकर |
बेटे (Son Name) | अभिजीत पर्रीकर और उत्पल पर्रिकर |
शिक्षा (Education) | आईआईटी ग्रेजुएट, मुंबई 1978 |
करियर (Career) | राजनीतिज्ञ, गोवा के मुख्यमंत्री, देश के रक्षा मंत्री |
जन्म और फॅमिली –
मनोहर पर्रिकर 13 दिसंबर साल 1955 में गोवा राज्य के मापुसा गाव में एक साधारण से परिवार में जन्में। उनके पिता माता का नाम गोपाल कृष्ण पर्रिकर और माता का नाम राधा बाई पर्रिकर था। उनकी शादी 1981 में मेधा पर्रिकर के साथ हुयी।
उनकी दो संताने हैं जिनका नाम उत्पल पर्रिकर और अभिजित पर्रिकर हैं।
शिक्षा –
12 वी कक्षा तक इसी राज्य के लोयोला हाय स्कूल में पढाई करने के बाद उन्होंने मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में दाखिला लिया और अपनी इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की।
पर्रिकर जी देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने आईआईटी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई की थी।
RSS से हुई राजनीतिक करियर की शुरुआत –
युवा अवस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य बन गए थे। उन्होंने अपनी आईटीआईटी – बंबई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद संघ के प्रचारक के रुप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
अपनी पढ़ाई के आखिरी दिनों में ही वे आरएसएस के एक प्रमुख प्रशिक्षक भी बन गए थे। पर्रिकर जब 26 साल के थे तो इस संगठन ने उन्हें एक संघचालक बना दिया था।
इसके बाद साल 1988 में वे बीजेपी में शामिल हो गए और साल 1994 में पहली बार उन्हें गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिला था, उन्होंने इस विधानसभा चुनाव में जीत भी हासिल की, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन खास नहीं रहा, इसलिए पर्रिकर जी ने गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता के रुप में काम किया था।
इसके बाद उन्होंने गोवा में साल 1994 -2001 तक बीजेपी के जनरल सचिव और प्रवक्ता के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पहली बार सीएम बने –
आपको बता दें कि मनोहर पर्रिकर 24 अक्टूबर साल 2000 को, पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन इसके थोडे़ दिन बाद ही कैंसर से पीड़ित उनकी पत्नी की मौत हो गई, परिवारिक या फिर किसी अन्य कारणों की वजह से वे अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और 27 फरवरी 2002 को उन्होंने गोवा के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि 5 जून 2002 को, पर्रिकर जी को एक बार फिर से गोवा के सीएम के तौर पर चुना गया, लेकिन 4 विधायकों के इस्तीफा देने की वजह से इस बार भी उनके उनके 5 साल का कार्यकाल खतरे में पड़ गया था।
इसके बाद जून, 2007 में उन्हें गोवा के विधानसभा में विपक्ष नेता के रुप में निर्वाचित किया गया। मार्च 2012 में, गोवा में हुए विधानसभा में पर्रिकर की पार्टी ने फिर से जीत हासिल की और वे एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर चुने गए।
इसके बाद साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें देश के रक्षा मंत्री के रुप में नियुक्त किया, जिसके चलते उन्होंने गोवा के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि रक्षा मंत्री में रहते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।
इसके अलावा उन्होंने रक्षा मंत्री के तौर पर देश की सुरक्षा से जुड़े कई फैसले लिए थे।
इसके बाद साल 2017 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से जीत हासिल की, जिसके बाद विधायकों ने मनोहर पर्रिकर को राज्य का सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसके चलते उन्हें 13 मार्च 2017 को, केंद्रीय रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा और 14 मार्च, 2017 को पर्रिकर जी ने फिर से गोवा के सीएम की कुर्सी संभाली।
निधन –
साल 2018 से वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रहने लगे, हालांकि इलाज के दौरान भी वे अपने ऑफिस का काम करते रहते थे और राजनीति में सक्रिय रहते थे, नाक में नली लगाकर उन्होंने अपनी गोवा राज्य की विधानसभा में 2019-2020 का बजट भी पेश किया था, हालांकि काफी इलाज के बाद भी वे बच नहीं सके और 17 मार्च साल 2019 में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
मनोहर पर्रिकर जी वाकई भारतीय राजनीति के एक आदर्श नेता थे, जिनकी ईमानदारी और सादगी के लोग कायल थे, पर्रिकर जी के जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है, पर्रिकर जी की कमी इस देश को हमेशा खलती रहेगी।
ज्ञानी पंडित की टीम की तरफ से इस महान राजनेता को भावपूर्ण श्रद्धांजली।