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पेले का जीवन परिचय

पेले 20वीं सदी के महान फुटबॉलर है, जिन्हें ”किंग ऑफ फुटबॉल” एवं ”ब्लैक पर्ल” के नाम से जाना जाता है। पेले को फुटबॉल की दुनिया में वहीं सम्मान प्राप्त है, जैसे कि क्रिकेट में सचिन तेन्दुलकर जी को है। पेले अपने अद्भुत खेल  प्रतिभा की वजह से विश्व के महानतम और सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ी हैं, उनके लाखों-करोड़ों प्रशंसक है। उन्होंने अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा के चलते फुटबॉल में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। वे सबसे कम उम्र के फुटबॉल वर्ल्डकप जीतने वाले खिलाड़ी होने के साथ-साथ दुनिया के इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने करियर में 3 बार फुटबॉल वर्ल्डकप जीतने का खिताब अपने नाम किया है। इसके साथ ही पेले को ब्राजील में फुटबॉल की शुरुआत करने का भी श्रेय दिया जाता है। पेले ने अपने जीवन में तमाम संघर्षों का सामना करते एक महान और सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर के रुप में अपनी पहचान बनाई है। पेले का जीवन वाकई प्रेरणादायक है। तो आइए जानते हैं पेले के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में-

पेले का जीवन परिचय – Pele Biography in Hindi

एक नजर में –

पूरा नाम (Name) एडिसन “एडसन” अरांटिस डो नैसिमेंटो
जन्म (Birthday) 23 अक्टूबर, 1940, ट्रेस कोराकोएस, ब्राजील
पिता (Father Name) डॉनडीनहो
माता (Mother Name) डोना सेलेस्टी अरांटिस
विवाह (Wife Name) तीन पत्नियां रोजमेरी डोस रेइस, अस्सिरिया लेमोस सेइक्सास, मर्सिया ओकी
पेशा (Occupation) फुटबॉल खिलाड़ी
उपलब्धि (Awards) सदी के एथलीट, ब्राजील का स्वर्ण पदक, लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार।

जन्म, परिवार एवं शुरुआती जीवन –

फुटबॉल की दुनिया के भगवान माने वाले महान खिलाड़ी पेले 23 अक्टूबर, 1940 को ब्राजील के ट्रेस कोरकोएस शहर में एडसन अरांटीस डो नैसीमेंटो के रुप में जन्में थे। उनके पिता डॉनडीनहो खुद भी एक फुटबॉल खिलाड़ी थे, हांलाकि वे फुटबॉल के क्षेत्र में कुछ खास नहीं कर पाए। वहीं दिलचस्प बात यह है कि पेले ने शुरुआत में अपने पिता से ही फुटबॉल खेलना सीखा था। बचपन में पेले का निक नेम डीको था, उन्हें पेले नाम स्कूल के दोस्तों से मिला था। ऐसा माना जाता है कि पेले के प्रिय फुटबॉल खिलाड़ी ”वास्को डामा बिले” थे, जिनके नाम का उनके द्धारा गलत उच्चारण करने पर उनके दोस्त उन्हें पेले नाम से पुकारने लगे, हालांकि शुरुआत में वे मना करते थे, लेकिन बाद में दुनिया उन्हें पेले नाम से ही जानने लगी। शुरुआत में महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले ने अपने जीवन में तमाम संघर्षों और मुसीबतों का सामना किया था। उनके घर की आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि उनके पास एक फुटबॉल खरीदने तक के पैसे नहीं थे, बचपन में वे अपने मौजे में अखबार के कागज, रद्दी आदि को भरकर उसे अंगूर की लताओं से बांधकर फुटबॉल बनाकर खेलते थे। अपने बचपन के दिनों में पैसे कमाने के लिए पेले चाय की दुकानों में वेटर बनने समेत कई काम किए हैं। वहीं कहते हैं कि अगर किसी चीज की करने की चाह हो तो मंजिले खुद व खुद मिल जाती है। वैसे ही शुरु से ही महान फुटबॉलर बनने का सपना संजोय बैठे पैले के सामने आई तमाम तरह की चुनौतियां उनके लक्ष्य के आड़े नहीं आ सकी और उनके आत्मसमर्पण, त्याग, मेहनत के बल पर आज उन्हें आज द किंग ऑफ फुटबॉल के नाम से जाना जाता है।

विवाह एवं बच्चे –

अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा के लिए दुनिया भर में मशहूर पेले ने 3 शादियां की है। साल 1966 में उन्होंने रोजमेरी डोस रईस के साथ शादी की, जिनसे उन्हें दो बेटियां पैदा हुईं, हालांकि उनकी यह शादी ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी और आपसी मतभेद के चलते साल 1982 में रोजमेरी और पेले दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए। वहीं इसके बाद साल 1981 से 1986 तक तकरीबन 5 साल पेले और क्सुक्सा के अच्छे लव रिलेशन में रहे। फिर साल 1994 में पेले ने मनोवैज्ञानिक अस्सिरिया लेमोस सेइक्सास के साथ विवाह कर लिया, इससे उन्हें  2 जुड़वां बच्चे पैदा हुए। उनकी दूसरी शादी भी ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी और उनका यह रिश्ता भी टूट गया। इसके साथ साल 2016 में पेले ने  मर्सिया ओकी से शादी की है।

करियर –

पेले, शुरु में इनडोर लीग के लिए खेलते थे। पेले की फुटबॉल खेलने की अद्भुत प्रतिभा के चलते उन्हें बौरू एथलेटिक क्लब जूनियर में जगह मिली, और यहां उन्हें वाल्डेमर डी ब्रिटो ने ट्र्निंग दी और यहीं से उन्हें एक शानदार फुलबॉलर बनने में मद्द मिली है। पेले ने अपना पहला फुटबॉल मैच  सैन्टोस क्लब टीम की तरफ से खेला था और उन्होंने अपने पहले मैच गोल भी किया था। वहीं इस सफलता के बाद उन्हें ब्राजील की राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया और इसके बाद पेले ने अपने फुटबॉल करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से वे फुटबॉल के एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर उभरे।

ब्राजील में फुटबॉल की देन –

ब्राजील में फुटबॉल खेल की शुरुआत करने का श्रेय पेले को दिया जाता है। दरअसल जब पेले ब्राजील टीम में शामिल हुए थे, तब तक ब्राजील देश फुटबॉल में काफी पीछे था। वहीं साल 1958 में पेले के अद्बुत फुटबॉल खेलने की प्रतिभा के चलते ब्राजील पहली बार चैंपियन बना था। 1958 के वर्ल्डकप में पेले ने कई रिकॉर्ड तोड़े थे।

महत्वपूर्ण उपलब्धियां –

मनाया जाता है पेले डे –

फुटबॉल के भगवान माने जाने वाले पेले की फुटबॉल खेलने की अद्भुत प्रतिभा के सम्मान के लिए 19 नवंबर, 1969 को सांतोस में पेले डे के रुप में मनाया जाता है। दरअल पेले के 1000 गोल हो जाने के बाद सैंटोस में पेले डे  मनाया जाता है। ब्राजील के खेल मंत्री के रुप में : खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए साल 1995 में महान फुटबॉलर पेले को ब्राजील के खेल मंत्री के रुप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने इस पद पर रहते हुए करीब 3 साल तक 1998 तक अपनी सेवाएं दी।

कुछ महत्वपूर्ण एवं दिलचस्प तथ्य –

फुटबॉल किंग के नाम से मशहूर पेले खुले विचारों वाले बेहद विनम्र और सहज स्वभाव के व्यक्तित्व हैं, जिनके अंदर देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी है। दरअसल इनके खेल की अद्भुत प्रतिभा को देखते हुए कई बार इटली और अल्जीरिया के क्लब ने उन्हें मोटी रकम का लालच देकर खरीदना चाह, लेकिन वे कभी भी इनके प्रलोभन में नहीं आए और अपने देश ब्राजील के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा के सथ खेलते रहे। वहीं जिस तरह पेले ने  अपने जीवन में तमाम संघर्षों का सामना करते हुए एक महान फुटबॉलर के रुप में अपनी पहचान बनाई है एवं अपने करियर में असीम सफलताएं हासिल की हैं। उनके जीवन और महान व्यक्तित्व से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।
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