Maharani Victoria ki Kahani
महारानी विक्टोरिया ने अपने गुणों, स्वभाव और व्यक्तिमत्व की छाप छोड़कर ब्रिटन प्रतिष्ठा बढ़ा दी। ब्रिटिश साम्राज्य का बहोत बढ़ा विस्तार, ताज की नाजूक स्थिती और दुनिया का व्यापक परिवर्तन का समय ऐसी अस्थिर स्थिती में व्हिक्टोरिया राणीने ब्रिटिश सत्ता पुरे शक्ति के साथ संभाली। उनके क्षमता का निशान समयपर भी इतना पडा की उस समय को ‘विक्टोरियन युग’ कहा जाता है। ब्रिटन में सामाजिक और राजकीय बड़ा बदलाव इसी समय में हुआ।
महारानी विक्टोरिया की जीवनी – Queen Victoria Biography in Hindi
महारानी विक्टोरिया के बारेमें – Queen Victoria Information in Hindi
पूरा नाम (Name) | अलेक्जेंड्रिना विक्टोरिया |
जन्म (Birthday) | 24 मई 1819 |
जन्मस्थान (Birthplace) | मास |
पिता (Father Name) | प्रिंस एडवर्ड, केंट और स्ट्रेथियर्न के ड्यूक |
माता (Mother Name) | सैक्स सोबुर्ग सालफेल्ड की राजकुमारी विक्टोरिया |
महारानी विक्टोरिया का इतिहास – Queen Victoria History in Hindi
महारानी विक्टोरिया के राज्यकाल के समय पूरी दुनिया में अंग्रेजी साम्राज्य बहोत दूर तक फैला। उसी वजह से एक समय को ऐसा भी कहने आया की “अंग्रेजी साम्राज्य के उपर सुरज कभी नहीं डूबता”। उनके समय में ब्रिटन की अर्थव्यवस्था आगे औद्योगीकरण में बदल गयी। उसका आगे दुनियापर दूर तक परिणाम हुवा। दुनिया के उन्नत राष्ट्र के रूप में इंग्लंड आगे आया। राणी के ज्यादा समय तक चली सत्ता में वहा की लोकशाही परिपक्व और व्यापक बनी। उस समय सुवर्ण महोत्सव मनाने का भाग्य व्हिक्टोरिया को मिला।
महारानी विक्टोरिया का जन्म 1819 को हुवा। वो 18 साल की उम्र में इंग्लंड की राणी बनी। नये राणी का जनता ने बड़े धुमधाम से स्वागत किया। ‘विक्टोरियन युग’ यहाँ से प्रारंभ हुवा।
विक्टोरियन युग – Victorian Era
राजसिंघसन की जिम्मेदारी गंभीरता से लेकर राणी विक्टोरियाने प्रशासन की सभी छोटी-छोटी बातो पर ध्यान दिया। राणीने सुत्र हाथ में लिये तब इंग्लंड के इतिहास में राजाओं का मान था। लेकीन उनका महत्त्व कम करने वाली रक्तहीन क्रांती हुई थी। 1832 के बाद इंग्लंड का संसदीय सुधार मानदंड से संसद का संघटन और स्वरूप बदल रहा था। खुले व्यापार नीति की जोरदार हवा इंग्लंड में फ़ैल रही थी। उस वजह से 1833 के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापार रियायत रदद् करके इंग्लिश नागरिको को व्यापार खुला कर दिया। ये बदलाव विक्टोरिया राणी के आने के बाद बहोत बढ़ गया और वो स्फुर्तिदायी रहा।
राणी निश्चित रूप से कठोर राजनीतिज्ञ थी। राणी विक्टोरिया भारतीय राज्यो की ‘महारानी’ जाहिर हुई। उन्होंने इसका घोषणापत्र अपने नाम पर प्रसारित किया। ये घोषणापत्र आगे भारत में के ब्रिटिश राज का स्तंभ बना।
आफ्रिका खंड के इजिप्त, सुदान, नाताल, दक्षिण आफ्रिका आदी। महत्वपूर्ण प्रांत उनके साम्राज्य के नीचे आये थे। इंग्लंड ने पूर्व आशिया में भी अपना प्रभाव बढ़ा दिया। उन्नीसवी सदी के आखिर में इस वैभव का कलश माना गया तो उसका नेतृत्त्व राणी विक्टोरिया की तरफ जाता है।
23 जनवरी 1901 को विक्टोरिया राणी का देहांत हुवा। एक महान युग का अंत हुवा।