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भगवान् से जोड़ने वाले एकदम नए 20+ आध्यात्मिक अनमोल वचन

Spiritual Thoughts in Hindi

भगवान्, अल्लाह्, गॉड, ऐसे कई नामो से हम उसे बुलाते हैं। पर सच तो यह हैं, की हम उसे किसी भी नजर से देखें। उसके लिये हम सब एक हैं। और हम पर वो एक जैसी क्रिपा बरसाता हैं.. आज उसी के नाम पर कुछ आध्यात्मिक अनमोल वचन – Spiritual Thoughts जो आपके मन को शांति देंगे।

आध्यात्मिक अनमोल विचार – Spiritual Thoughts in Hindi

Spiritual Thoughts in the Hindi Language

“जीवन से प्रेम करने का अर्थ हैं भगवान से प्रेम करना।”

“दूसरों की आध्यात्मिकता का हृदय से आदर करने से ही मनुष्य में आध्यात्मिकता उत्पन्न होती है।”

“आध्यात्मिक जीवन पूर्ण निःस्वार्थता है।”

Hindi Spiritual Thoughts

आध्यात्मकिता व्यक्ति को यह एहसास करवाती है कि वे खुद ही अनंत आनंद का स्त्रोत है, साथ ही उसके मन को शीतल एवं पवित्र बनाने का काम करती है। आध्यात्मकिता से ही परमात्मा की महिमा को समझा जा सकता है और इसका एहसास प्राप्त किया जा सकता है।

वहीं आध्यात्मिकता पर महापुरुषों द्धारा लिखे गए यह विचार व्यक्ति को आध्यात्म प्राप्त करने के लिए  प्रेरित करते हैं और आत्मसंतुष्टि प्रदान करने में मद्द करते हैं, इन विचारों को आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी शेयर कर सकते हैं।

Hindi Spiritual Thoughts

“ईश्वर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज न होना क्योंकि ईश्वर वह नहीं देता जो आपको अच्छा लगता हैं बल्कि वह देता हैं जो आपके लिये हमेशा अच्छा हैं।”

“उपदेश वाणी से नहीं आचरण से प्रस्तुत किया जाता है।”

“जैसे एक शमां बिना अग्नि के नहीं जल सकती, उसी तरह इंसान भी एक आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।”

Hindi Spiritual Thoughts

किसी महान पुरुष ने कहा है कि, ईश्वर का नाम तो सभी लेते  हैं, लेकिन सिर्फ उनके नाम लेने से ही ईश्वर को नहीं पाया जा सकता है, बल्कि ईश्वर तक पहुंचने के लिए आध्यात्म का भाव होना बेहद जरूरी है। बिल्कुल सही तथ्य है, आध्यात्मकिता सही मायने में व्यक्ति को जीना सिखाती है, एवं सही मार्गदर्शन प्रदान करती है, इसलिए हर किसी  को  आध्यात्मिकता के महत्व को समझना चाहिए।

Hindi Spiritual Thoughts

“भगवान् के सामने जो इन्सान झुकता हैं वो सबको अच्छा लगता हैं, लेकिन जो सब के सामने झुकता हैं वो इन्सान भगवान् को अच्छा लगता हैं।”

“कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, सत्य ही भक्ति हैं।”

Spiritual Thoughts in Hindi

आध्यात्मकिता के द्धारा ही व्यक्ति खुद पर पूरी तरह कंट्रोल कर सकता है और अपने मन को शांत कर सकता है, और परम सुख की प्राप्ति कर सकता है। इसके साथ ही आध्यात्मकिता ही संतोषजनक तरीके से जीना सिखाती है, अगर जिंदगी में खुश रहना है तो आध्यात्मकिता बहुत जरूरी है।

Spiritual Thoughts in Hindi

“हर कोई कहता हैं की ईश्वर नजर नहीं आता लेकिन सच तो यह हैं की संकट के समय कोई साथ नहीं देता तब किसी न किसी रूप में भगवान् ही साथ देता हैं।”

“प्रभु से यह मत कहो कि समस्या विकट है, बल्कि समस्या से कह दो कि प्रभु मेरे निकट हैं।”

Hindi Thoughts on Spiritual

आध्यात्मिकता से परिपूर्ण व्यक्ति पवित्र एवं साहसी होता है, जो अपनी जिंदगी में सभी चुनौतियों को आसानी से प्राप्त कर लेता, साथ ही खुद पर विजय प्राप्त कर सकता है, वहीं जो खुद पर जीत हासिल कर लेता है, वो व्यक्ति दुनिया का कोई भी काम कर सकता है।

Hindi Thoughts on Spiritual

“डर विश्वास से विपरीत होता हैं जब हमें डर लगता हैं तब हम भगवान् तक ये संदेश भेजते हैं की हम उसपर विश्वास नहीं करते हैं।”

“फल लगने पर वृक्ष की डालिया नीचे की ओर झुक जाती है, वैसे ही सज्जन पुरूष धन और ज्ञान आते ही विनम्र हो जाते हैं।”

Adhyatmik Thought

Adhyatmik Thought

“त्याग दिये सब सपने कुछ अलग करने के लिये, राम ने बहुत कुछ खो दिया श्री राम बनने के लिये।”

“जो चिंता करता है वह दुखी है। जो चिंतन करता है वह सुखी है।”

Adhyatmik Suvichar

Adhyatmik Suvichar

“जिस दिन अंतर मिट जायेंगा पूजा और अजान में उस दिन सच्चा स्वर्ग बनेगा अपने हिंदुस्तान में।”

“संसार को छोड़ने से परमात्मा नहीं मिलता परंतु परमात्मा के मिलने से दुनिया अपने आप छूट जाती है।”

अगले पेज पर और भी Spiritual Thoughts

Adhyatmik Vichar in Hindi

Adhyatmik Vichar in Hindi

“क्रोध से भ्रम पैदा होता हैं, भ्रम से बुद्धि भ्रष्ट होती हैं जब बुद्धि भ्रष्ट होती हैं तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट हो जाता हैं तब व्यक्ति का पतन हप जाता हैं।”

“भगवान के दरवार में सभी कर्मों का लेखा-जोखा रहता है।”

Spiritual Thoughts in Hindi with Images

Spiritual Thoughts in Hindi with Images

“सार्थक और प्रभावी उपदेश वह हैं जो अपने वाणी से नहीं अपने आचरण से प्रस्तुत किया जाता हैं।”

“जब भक्ति भोजन में प्रवेश में करती हैं तो भोजन प्रसाद बन जाता हैं, जब भक्ति पानी में प्रवेश करती हैं तो वह पानी अमृत बन जाता हैं, जब भक्ति घर में प्रवेश करती हैं तो घर मंदीर बन जाता हैं, और जब वही भक्ति इंसान के मन में प्रवेश करती हैं तो वो इंसान भक्त बन जाता हैं।”

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