Swami Vivekananda Thoughts
स्वामी विवेकानंद जी जिन्होंने पूरी दुनिया को अपने विचारों से प्रेरणा दी हैं। आज हम यहाँ उन्हीं के लिखें गए कुछ कथन दे रहे हैं जो आपको प्रेरणा देंगे।
स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरणादायक सुविचार | Swami Vivekananda Thoughts In Hindi
“विकास ही जीवन है और संकोच ही मृत्यु। प्रेम ही विकास है और स्वार्थपरता ही संकोच। अतएव प्रेम ही जीवन का एकमात्र नियम है। जो प्रेम करता है, वह जीता है, जो स्वार्थी है, वह मरता है। अतएव प्रेम के लिए ही प्रेम करो, क्योंकि प्रेम ही जीवन का एकमात्र नियम है।
“सत्य को हजार तरीके से बताया जा सकता है फिर भी हर एक सत्य ही होगा।”
Swami Vivekananda Ke Anmol Vachan
“भारत को कम से कम अपने सहस्त्र तरुण मनुष्यों की बलि की आवश्कता है, पर ध्यान रहे-‘मनुष्यों की बलि (दान) ‘पशुओं’ की नहीं।
“मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।”
Swami Vivekananda Thoughts on Love
“मुक्ति उसी के लिए है, जो दुसरों के लिए सब कुछ त्याग देता है और दुसरे, जो दिन-रात ‘मेरी मुक्ति, मेरी मुक्ति’ कहकर माथापच्ची करते रहते हैं। वे वर्तमान और भविष्य में होने वाले अपने सच्चे कल्याण की सम्भावना को नष्ट कर यत्र-तत्र भटकते फिरते हैं। मैंने स्वयं अपनी आंखों ऐसा अनेक बार देखा है।
“पीड़ितों की सेवा के लिए आवश्यकता पड़ने पर हम अपने मठ की भूमि तक भी बेच देंगे। हजारों असहाय नर नारी हमारे नेत्रों के सामने कष्ट भोगते रहें और हम मठ में रहें, यह असम्भव है। हम सन्यासी हैं,वृक्षों के नीचे निवास करेंगे और भिक्षा मांगकर जीवित रह लेंगे।”
Saying of Swami Vivekananda
“यदि हम अपनी प्रार्थना में कहें कि भगवान ही हम सबके पिता हैं और अपने दैनिक जीवन में प्रत्येक मनुष्य को अपना भाई न समझें, तो फिर उसकी सार्थकता ही क्या?
“अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है। जब तक जीवन है, सीखते रहो।”
Saying of Swami Vivekananda in Hindi
“कुछ मत मांगो, बदले में कुछ मत चाहो। तुम्हे जो देना है, दे दो, वह तुम्हारे पास लौटकर आएगा-पर अभी उसकी बात मत सोचो। वह वर्धित होकर-सह्स्त्रगुना वर्धित होकर वापस आएगा-पर ध्यान उधर न जाना चाहिए। तुम में केवल देने की शक्ति है। दे दो, बस बात वहीं पर समाप्त हो जाती है।”
“शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो सभी मनुष्यों में पहले से विद्यमान है।”
Swami Vivekananda Sayings for Youth
“महान बनो। त्याग बिना कोई भी महान कार्य सिध्द नहीं हो सकता। इस जगत की सृष्टि के लिए स्वयं उन विराट पुरुष भगवान को भी अपनी बलि देनी पड़ी। आओ, अपने एश-आराम, नाम-यश, एश्वर्य, यहां तक कि अपने जीवन को भी निछावर कर, मानव-श्रुंखला का एक सेतु निर्माण कर डालो, ताकि उस पर से होकर लाखों जीवात्माएं इस भवसागर को पार कर लें।”
“इच्छा का समुद्र हमेशा अतृप्त रहता है, उसकी माँगे ज्यों-ज्यों पूरी की जाती है, त्यों-त्यों और गर्जन करता है।”
- स्वामी विवेकानंद जी के प्रेरक प्रसंग
- स्वामी विवेकानंद जी का प्रेरणादायक भाषण
- स्वामी विवेकानंद के जीवन के 11 प्रेरणादायक संदेश
Swami Vivekananda Thoughts on Success in Hindi
“एक समय आता है, जब मनुष्य अनुभव करता है कि थोड़ी-सी मनुष्य की सेवा करना लाखों जप-ध्यान से कहीं बढ़कर है।” – स्वामी विवेकानंद
“दुनिया एक महान व्यायामशाला है, जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।”
Thoughts by Swami Vivekananda
“प्राचीन धर्मों ने कहा, “वह नास्तिक है, जो भगवान् में विश्वास नहीं करता।” नया धर्म कहता है, “नास्तिक वह है जो स्वयं पर विश्वास नहीं करता।”
“जब तक करोड़ों लोग भूखे और अज्ञानी रहेंगे, मैं उस प्रत्येक व्यक्ति को विश्वासघाती मानूंगा जो उनकी कीमत पर शिक्षित हुआ है और उनकी ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है।”
Suvichar of Swami Vivekananda in Hindi
“वेदान्त परमात्मा के सर्वव्यापक होने से भी आगे की बात समझाता है। वेदान्त के अनुसार, यह समूची सृष्टि परमात्मा का ही विभिन्न नाम-रूपों में प्रकट होना है। तभी तो सच्चा वेदांती सृष्टि के जड़-चेतन से आत्मवत् प्रेम करता है।”
“जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, कि तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।”
Swami Vivekananda Quotes in Hindi
“धर्म-ग्रंथ जिन सद्गुणों को अपनाने की बात करते हैं, वे अनायास उससे प्रवाहित होते हैं, जो वेदांत का आचरण करता है।”
“बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।”
suvichar of Swami Vivekananda
“वेदांत का आचरण सहज रूप से समस्त निराशाओं, चिंताओं, विषादों, तनावों से आपको सदा-सदा के लिए मुक्त करता है।
“जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।”
Thoughts by Swami Vivekananda in Hindi
“यदि केवल तुम जान लेते कि तुम कौन हो ! तुम आत्मा हो, तुम ईश्वर हो। यदि कोई अधार्मिक बात है, तो वह है तुमको मनुष्य कहना।”
“जब तक मनुष्य के जीवन में सुख, दुख नहीं आएगा तब तक मनुष्य को यह एहसास कैसे होगा कि जीवन में क्या सही है? और क्या गलत है?”