अमर्त्य सेन की जीवनी और कार्य
Amartya Sen भारत में सांप्रदायिक अलगाववाद की भावना जन्म ले चुकी थी। गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की मृत्यु के बाद बंगाल में भी सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। देश के उस माहौल को देखकर अमर्त्य सेन – Amartya Sen ने यह दृढ़ संकल्प लिया कि मैं मनुष्य की आर्थिक स्वतंत्रता के लिए काम करूंगा। शांति निकेतन से अपनी …