दोस्तों, क्या आप बता सकते है की एक सामान्य इंसान बिना सोये कितने दिनों तक रह सकता है। शायद एक दिन या ज्यादा से ज्यादा 2 दिन.. इससे ज्यादा नहीं लेकिन क्या आप विश्वास करेंगे की एक व्यक्ति ऐसा भी है जो एक या दो दिन नहीं बल्कि पुरे 43 सालों से सोया नहीं है। जी हाँ दोस्तों दुनिया में एक इंसान ऐसा भी है जो 43 सालों से एक मिनट के लिए भी नहीं सोया है।
आश्चर्य किन्तु सत्य, आप कभी नींद लिए बिना रह सकते हैं? नहीं ना। हम में से कुछ लोग तो ऐसी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन इस दुनिया में एक ऐसा इन्सान हैं जो पिछले 43 सालों से सोया ही नहीं। पड़ गए ना सोच में? आईये आगे उस इन्सान के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।
एक इन्सान जो 43 सालों से नहीं सोया “थाई न्गोक” – Thai Ngoc
थाई न्गोक एक अनिद्राकारी इंसान है। निश्चित रूप से यह अविश्वसनीय है। वियतनामी न्यूज़ संस्था के अनुसार उन्होंने 43 साल तक जागते रहने का दावा किया है। थाई न्गोक 1973 में हुए बुखार के बाद से सोए नही है, उनमे बिना सोए रहने की क्षमता पायी जाती है। बहुत लम्बे समय तक नींद न आने पर थाई न्गोक परेशान रहने लगे उन्होंने डाक्टर्स को बताया तब उन्हें पता चला की उन्हें इंसोमेनिया है जिसके चलते वे सोते नहीं है।
थाई न्गोक नामक व्यक्ति का जन्म वियतनाम के कुओंग प्रांत के कूओसों जिले के ट्रुंग गाँव में हुआ था। थाई न्गोक को पिछले 43 सालो में एक बार भी गहरी नींद नही लगी है। वर्तमान में 72 साल की उम्र में भी वे अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को पूरा करते है, जिनमे आज भी वे सूअर के फीड के बोरो को 4 किलोमीटर लंबे रास्ते से रोज ले जाते है।
वे दिन में तो सामान्य इंसान की तरह काम करते ही है लेकिन नींद ना आने के करण वे रात को भी काफी समय काम कर के ही बिताते है। पहले वे रात में इसलिए काम करते थे क्यों की दिन का समय तो सब के साथ बीत जाता था लेकिन रात को वे बहुत परेशान होते थे इसलिए खुद को व्यस्त रखने के लिए वे रात को भी काम करने लगे। रात में जाग कर काम करने के कारण भी थाई को कोई थकान या परेशानी नहीं होती। वे खुद को स्वस्थ ही महसूस करते है। किसी करणवश यदि वे रात में घर पर ही रहते है तो वे स्मोकिंग या चाय का सहारा ले के रात गुजरतें हैं।
थाई न्गोक रात में बिना सोए या नींद लिए बिना ही वह पूरी तरह से स्वस्थ रह सकता है। उनके बारे में जानने योग्य एक और तथ्य यह भी है की सालो तक चली आ रही अनिद्रा की बीमारी के अलावा उन्हें दूसरी कोई बीमारी नही है और ना ही वे कभी बीमार पड़े। वह मानसिक रूप से बहुत मजबूत और शक्तिशाली है।
इस असामान्य प्रसिद्धि के चलते उन्होंने वैज्ञानिको को भी उलझन में डाल दिया है। इस असामान्य चमत्कार की शुरुवात 1973 में हुई, जब उन्हें बुखार आया था। लगभग तभी से उन्होंने लगभग 11,700 से भी ज्यादा निद्राहीन राते गुजारी है।
थाई न्गोक कहते है की, “नींद आने के लिए मैंने नींद की गोलिया लेना और वियतनामी परंपरा का पालन पोषण करना भी शुरू किया, लेकिन इनसे मुझे कोई मदद नही मिली, बल्कि इनसे तो मुझे कुछ मिनटों की भी नींद नही आयी।” और साथ ही वो कहते है की, “मुझे नही पता की अनिद्रा मेरे स्वास्थ के लिए अच्छा है या बुरा। लेकिन मै आज भी पूरी तरह से स्वस्थ हूँ और दूसरो की तरह ही साधारण भी हूँ।”
जबकि अक्टूबर 2006 में थाई न्गोक ने बताया था की, नींद न आने की वजह से उन्हें “पानी के बिना जीने वाले पौधे” की तरह लगने लगता है। साल 2010 में कई विदेशी मैगजीन ने उनके फोटोज को असाधारण व्यक्ति के रूप में प्रकाशित किया था।
थाई न्गोक और उनकी पत्नी ऊँची पहाडियों पर 5 एकर के फार्म में रहते है। वे रोज अपने सुअरों को खाना खिलाते है और रोजमर्रा के बाद स्फूर्ति के साथ करते है। क़ुए ट्रुंग के उनके अपने घर में उनके 6 बच्चे भी रहते है।
डॉक्टर की माने तो वे इन्सोमिनिया नाम की बीमारी के मरीज है, इसमें इंसान को नींद न आने की बीमारी हो जाती है। हालाँकि इस बीमारी के और भी पेशेंट है दुनिया में लेकिन फिर भी यह एक रेयर बिमारियों में से है, जिसके पेशेंट कम ही है। थाई न्गोक 43 वर्षों से बीना सोये भी बिलकुल सामान्य जिन्दगी व्यतीत कर रहे हैं। थाई कहते है की शुरू में तो उन्हें इस बीमारी के कारण बहुत तनाव रहता था, जब सब सो जाया करते थे और उन्हें बड़ी परेशानी होती थी, लेकिन अब धीरे धीरे उन्हें इसकी आदत हो गई है।
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