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गुजरात में घूमने लायक वो जगहें जहाँ एक बार जरूर जाएँ आप!

Tourist Places in Gujarat

टेलेविज़न पर अमिताभ बच्चन को कई बार अपने कहते सुना होगा की “कुछ दिन तो गुजारिये गुजरात में”। ये बात सच है की गुजरात जैसे खूबसूरत राज्य में कुछ दिन तो जरूर गुजारने चहिये। भारत के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित राज्य ‘गुजरात’  यहाँ के प्रमुख तीर्थस्थलों एवं व्यापारिक पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य विभिन्न सांस्कृतिक परम्पराओं का अद्भुत मिश्रण है।

पर्यटन के उद्देश्य से यह देश का दसवा सबसे प्रसिद्ध राज्य है, जहाँ तक़रीबन 18.9 मिलियन लोग आते है। यहाँ पर घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं जो आपको अलौकिक सुख देती हैं।

यह राज्य उत्तर में राजस्थान, दक्षिण में महाराष्ट्र, एवं पूर्व में मध्यप्रदेश से घिरा हुआ है। इसके अलावा इसके उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान एवं दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर स्थित है। गुजरात भारत का 7वां सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ की राजधानी गांधीनगर है।

गुजरात को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मभूमि के रूप में भी जाना जाता है, इनका जन्म पोरबंदर में हुआ था। इसके अलावा गांधी जी का साबरमती आश्रम पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।

गुजरात मे ऐसी कई चीजें हैं जो देश-विदेश के पर्यटकों को गुजरात की तरफ जाने को मजबूर करती है, और पर्यटकों की भ्रमण सूची में गुजरात का नाम सर्वोपर करती हैं, फिर वो चाहे दुनिया का सबसे बड़ा सफेद रेगिस्तान हो, या फिर भारत का सबसे लंबा समुद्रतट हो, या फिर समुद्र के किनारे बने हुए मंदिर। ये सभी चीजें दर्शको के आकर्षण का केंद्र बन जाते है, और पर्यटक स्वतः ही गुजरात खिंचे चले आते हैं।

आइये जानते हैं किन जगहों में आप जा सकते हैं घूमने-

गुजरात के दर्शनीय स्थल – Tourist Places in Gujarat

गुजरात को भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं व्यापारिक मापदंडों के आधार पर कई भागों में विभाजित किया गया है। एक तरफ जहाँ इसकी प्राकृतिक सुन्दरता लोगो के मन को लुभाती है, तो वही दूसरी तरफ यहाँ का इतिहास हमारे पूर्वजो के संघर्ष एवं संस्कृति की कहानी को बयां करता है। इसके अतिरिक्त यहाँ की व्यापारिक पृष्ठभूमि हमारे देश के आर्थिक शक्ति को प्रदर्शित करते हैं।

अगर बात की जाए कपड़े के उत्पादन के क्षेत्र में तो गुजरात इस क्षेत्र में भारत का एक जाना-माना राज्य है। वहीं साड़ियों के कारोबार में गुजरात भारत का सबसे बड़ा राज्य है। शायद यही वजह है कि देश के किसी भी कोने से आये पर्यटक खुद को यहाँ आने के बाद खरीददारी करने से नही रोक पाते हैं।

गुजरात राज्य अपने रंग-बिरंगे पहनावे एवं विशिष्ट खान-पान के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के लोगो की रंग-बिरंगी एवं पारम्परिक पोशाकें पर्यटकों को लुभाने में महत्वपूर्ण हैं। जहाँ एक तरफ रंग-बिरंगी एवं सुंदर कढ़ाई से परिपूर्ण घाघरा-चोली महिलाओं के श्रृंगार को पूर्ण करती हैं, तो वही दूसरी तरफ पगड़ी, प्लेटेड जैकेट, एवं लम्बी आस्तीन के कुर्ते के साथ चूड़ीदार पुरुषों के पोशाक को लुभावना बनाता है। अगर आप गुजरात भ्रमण के लिए जाते हैं तो खरीददारी के तौर पर वहाँ की पारम्परिक पोशाक लेना न भूले, यह आपके यात्रा को यादगार बना देगा।

यदि खान-पान की बात की जाए तो इस मामले में यहाँ पर काफी विविधता देखने को मिल जाती है। गुजरात के मुख्य व्यंजनो में शामिल हैं- ढोकला, खांडवी, बासुंदी, सुरती लोचो, थेपला, खाखरा एवं फाफड़ा है। इसके अलावा भी कई ऐसे व्यंजन हैं जो गुजराती खान-पान की शोभा को बढ़ाते हैं। आप गुजरात मे आने के बाद खुद को यहाँ के खान-पान का मुरीद बनने से नही रोक पाएंगे।

गुजरात कैसे पहुँचे – How to reach Gujarat

गुजरात पहुँचने के लिए आप फ्लाइट अथवा ट्रेन का सहारा ले सकते हैं।

गुजरात मे घूमने की दृष्टि से प्रमुख पर्यटन स्थल- Places to visit in Gujarat

गुजरात पर्यटन के उद्देश्य से काफी खास स्थान हैं। यहाँ पर कई ऐसे मंदिर बने हुए हैं जो कि बहुत खास एवं भव्य हैं। मंदिरों के अलावा भी गुजरात मे कई ऐसी चीजें हैं जो घूमने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं।

आईये हम उन स्थानों के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं जो गुजरात के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में शामिल हैं-

इसे गिर का जंगल भी कहा जाता है। इसके अलावा इसे “दा होम ऑफ़ एशियाटिक लायंस” या “गिर नेशनल पार्क” के नाम से भी जाना जाता है। गुजरात जाकर एक बार इस जगह सफारी का मजा जरूर लेना चहिये। दुनियाभर में मशहूर इस फारेस्ट में आपको नीलगाय, चीतल हिरन, शेर, बारासिंघा जैसे जानवर देखने को मिलते हैं। इस जगह जाकर आपको बहुत मजा आएगा। यह जगह जूनागढ़ से साठ किलोमीटर दूर स्थित है।

इस मंदिर का निर्माण 1026 ई० में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने कराया था। यह मंदिर पुष्पावती नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर के आराध्य देव सूर्य देव हैं।

यह मंदिर ईरानी शैली में बना हुआ है, जो कि दो भागों में विभाजित है। इसका पहला भाग गर्भगृह है जबकि दूसरा भाग सभामंडप का है। मंदिर का गर्भगृह 51 फिट 9 इंच लंबा एवं 25 फिट 8 इंच चौड़ा है। वही अगर बात की जाए मंदिर के सभामंडप की तो इनमे कुल 52 स्तंभ बने हुए हैं। इन स्तंभों पर विभिन्न देवी-देवताओं के चित्र एवं रामायण तथा महाभारत के प्रसंगों को चित्रित किया गया है।

यह मंदिर भारत के मुख्य सूर्य मंदिरों में से एक है। रामायण काल से संबंधित कई घटनाएं इस मंदिर से जुड़ी हुई हैं, जिनका उल्लेख पुराणों में किया गया है।

सूर्य मंदिर से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां:

नागेश्वर मंदिर भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

इस मंदिर का मुख्य उत्सव महाशिवरात्रि का पर्व है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर की सजावट एवं यहाँ का आयोजन देखने लायक होता है।

नागेश्वर मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में पायी जाने वाली पर्वत शृंखला ‘गिरनार’ जैन धर्म का सिद्ध स्थान है। गिरनार पर्वत की ऊंचाई 1031 मीटर है। इस पर्वत शृंखला के पास नेमिनाथ मंदिर स्थित है। इसके अलावा पहाड़ की चोटी पर कई जैन मंदिर बने हुए हैं। साथ ही यह दत्तात्रेय का मंदिर एवं गोमुखी गंगा भी हैं, जो की हिंदुओ के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक हैं।

अगर आप प्राकृतिक सुंदरता एवं भक्तिपूर्ण वातावरण का दर्शन करना चाहते हैं तो गिरनार उसके लिए एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है। प्राचीन काल से ही इन पर्वतों की शोभा का अदभुत वर्णन है।

गिरनार से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां:

अगर गुजरात जाने की बात आती है तो इस जगह जाने का विचार जरूर बनाना चाहिए। सफ़ेद संगमरमर के पत्थरों से निर्मित यह महल अपने आप में बहुत खूबसूरत है। इसका निर्माण महाराजा सयाजीराव गायकवाड ने करवाया था। इस महल में ऐसी ऐसी शिल्प कलाएं हैं जिन्हें देखकर आप हैरान रह जातें है। यह बहुत अद्भुत हैं। एक बार आपको इस जगह जाना चाहिए।

इसकी स्थापना 1499 में हुई थी। यह बावड़ी गुजरात के अडालज नामक गाँव मे स्थित है। सीढ़ी के आकार में बने इस भवन की संरचना काफी सुंदर है। इस भवन की सुंदरता को देखने के लिए दूर-दूर से दर्शक आते हैं।

अडालज वाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

यह एक समुद्र तट है जो की पूरे भारत में सबसे खूबसूरत समुन्द्र तटों में से एक कहा जाता है। यह अह्मदुपुर-मांडवी बीच के नाम से जाना जाता है। समुन्द्र के साफ़ पानी का नजारा और बीच में चलने वाली ठंडी हवाएं आपको आकर्षित करती हैं। इस जगह आप तैराकी का मजा ले सकते हैं।

गुजरात को महात्मा गांधी का स्टेट भी कहा जाता है। भारत की आजादी के प्रणेता राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जहाँ रहते थे उस जगह को साबरमती आश्रम के नाम से जाना जाता है। यहं पर गाँधी जी की सभी यादें हैं। उनका बिस्तर, उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया टेलीफोन, जहाँ वो बैठते थे, सोते थे, टहलने जाया करते थे।

इसके अलावा गाँधी के सत्याग्रह से जुड़ी कई सारी छोटी बड़ी यादें हैं। यहाँ जाकर आप भारत के आजाद होने की कहानी को विस्तार से समझ सकते हैं।

यह एक बावड़ी है जिसे यूनेस्को ने विश्व की धरोहर में शामिल कर रखा है। रानी की वाव को देखकर लगता है की इसका निर्माण कैसे किया गया होगा। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था। इसके अंदर एक मंदिर और सीढ़ियों की सात कतारें हैं। इन्हें देखकर आप अचंभित रह जाते हैं। इस जगह आपको जरूर जाना चहिये। यह गुजरात के पाटन गाँव में मौजूद है।

कांकरिया झील का निर्माण 1451 ई० में सुल्तान अहमद खां के द्वारा करवाया गया था। यह झील गुजरात राज्य की सबसे बड़ी झील है जो कि लगभग 2.25 किलोमीटर परिधि की है।

इस झील के बीचोबीच द्वीप महल बना हुआ है जो इसकी खूबसूरती को चार गुना बढ़ देता है, साथ ही झील के चारो तरफ लगे हुए सुंदर बगीचे प्राकृतिक सुंदरता का एक अनुपम उदाहरण पेश करते हैं।

इस जगह की एक विशेषता यह भी है कि झील के समीप ही बाल वाटिका एवं चिड़ियाघर भी स्थित है। साथ ही इस झील के अंदर बोटिंग की भी सुविधा उपलब्ध है जो कि यहाँ आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद है।

छुट्टियों का आंनद लेने के लिए यदि आप गुजरात आते हैं, तो आपको इस जगह पर घूमने का आनंद जरूर लेना चाहिए।

कांकरिया झील से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

इस मंदिर की स्थापना नवंबर 1992 में हुई थी। इस मंदिर के प्रमुख देवता स्वामीनारायण जी हैं। यह मंदिर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

अक्षरधाम मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

इसको गायकवाड़ द्वारा 1890 में बनवाया गया था। इसको बनवाने में कुल 14 वर्ष का समय लग गया था। यह उस समय मे पायी जाने वाली सभी सुविधाओं से परिपूर्ण महल था।

इस महल को यूरोपीय इंटीरियर के आधार पर बनाया गया है। यह महल 500 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। साथ ही इसमे एक संग्रहालय भी बनाया गया है। इस महल में अन्य घूमने लायक जगह- सयाजी बाग एवं सूरसागर झील है। सयाजी बाग भारत के बेहतरीन बागों में से एक है। वही अगर बात की जाए सूरसागर झील की तो इस झील के बीचोबीच भगवान शिव की 120 फिट लम्बी प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसकी वजह से इस झील का महत्व और भी बढ़ गया है।

लक्ष्मी विलास पैलेस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

आईना महल – Aina Mahal

इस महल की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी जिसकी संरचना भारतीय एवं यूरोपीय शैली के मिश्रित रूप पर आधारित थी।

2001 में आये भूकंप के दौरान इस महल का ज्यादातर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था हालांकि महल का कुछ हिस्सा ऐसा रह गया था जो कि ज्यादा क्षतिग्रस्त नही हुआ था। महल के इन्ही हिस्सो की मरम्मत कर के इसे एक संग्रहालय बना दिया गया है।

आईना महल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

इस उद्यान की स्थापना चावड़ा वंश के राजा वनराज ने  की थी। इस वन को 2004 में यूनिस्को द्वारा वैश्विक धरोहर में शामिल कर लिया गया है। इस वन की पहाड़ियां लाल एवं पीले चट्टानों से बनी हुई है।

उस पुरातत्व उद्यान में 11 प्रकार की विभिन्न इमारते बनी हुई है जिनमे मंदिर, मस्जिद, सहित कई इमारतें शामिल हैं। इस उद्यान में निर्मित सभी इमारते नागर शैली में निर्मित किये गए हैं। जिस पहाड़ी पर इस उद्यान को स्थापित किया गया है वह पहाड़ी समुद्रतल से 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां:

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