असल में क्या हैं? बिटकॉइन करेंसी

Bitcoin

इस दुनिया में कई सारे अलग अलग देश है, और इन देशो में लेन देन के लिए अलग अलग मुद्रा का उपयोग किया जाता है। कुछ मुद्राओं के बारे में आपने सुना भी होगा, जैसे भारतीय रूपया, US डॉलर, यूरो, पाउंड वगैरे। इस लेख में हम बात करने वाले है बिटकॉइन के बारे में, जो कि एक Cryptocurrency है। हम बिटकॉइन को आसान से आसान भाषा में समझने की कोशिश करेंगे। इसमें हम कई चीज़े समझने की कोशिश करेंगे , जैसे की बिटकॉइन क्या है, इसकी क्या जरूरत है, या ये कैसे काम करता है, इसे भी हम लोग आसान भाषा में समझ लेंगे।

असल में क्या है बिटकॉइन करेंसी? – What is Bitcoin in Hindi

Bitcoin क्या होता है? – What is Bitcoin?

तो, पहला सवाल तो यही है की बिटकॉइन क्या है? इसका सरल उत्तर ये है कि बिटकॉइन एक Cryptocurrency है। पर अब तो एक और सवाल आ जाता है कि ये Cryptocurrency क्या होती है? तो इस शब्द को, Cryptocurrency को तोड़ कर समझते है। तो Cryptocurrency इस शब्द को तोड़ने के बाद हमे मिलता है Crypto और Currency. यहा पर Crypto का मतलब हम समझ सकते है सीक्रेट! और करेंसी का मतलब होता है करेंसी(याने की एक धन व्यवस्था का प्रकार )!

बिटकॉइन को हम कुछ ऐसे समझ सकते है, कि वो एक वर्चुअल करेंसी है, जो पैसे की तरह इस्तेमाल करने के लिए बनायीं गयी है, ऐसे कि वो किसी एक व्यक्ति, या कुछ व्यक्तियों, या किसी के भी नियंत्रण के बहार है।

बिटकॉइन की क्या ज़रुरत है? (What is the need of bitcoin?)

अब ये Crypto क्या है ये तो हमने थोड़ा समझ लिया है, पर बिटकॉइन की क्या ज़रुरत है, ये समझने के लिए हमे पहले समझना होगा की पैसे मतलब क्या? हम हमारी रोज़ की ज़िन्दगी में पैसे का इस्तेमाल करते है, पर पैसे होते क्या है?

जब भी हम कोई चीज़, या कोई सर्विस लेते है, तो उसके बदले में हम पैसे देते है। तो हम ये कह सकते है, कि हम किसी महत्वपूर्ण वस्तु या काम के बदले पैसे देते है। पर कई सालो पहले जब ये नोट या सिक्के नहीं हुआ करते है, तब लेन देन कैसे चलता था? इसे जरा हम लोग समझ लेते है।

आपने बार्टर सिस्टम, या bartering के बारे में शायद सुना होगा। तो काफी सालो पहले, जब नोट, या सिक्के नहीं थे, तब बार्टर सिस्टम चलता था। इसमें क्या होता था, चीज़ो का या काम का सीधा लेन देन होता था, बिना पैसे के। जैसे की अगर मै, जो सेब उगाता हु, और दूसरा व्यक्ति है, जो गेहू उगाता है, तो अगर मुझे गेहू चाहिए, तो मैं गेहू उगाने वाले के पास जाकर उसे बोल दूंगा कि मुझे ३० किलो गेहू चाहिए, और उसके बदले में मैं तुम्हे १० किलो सेब दूंगा.

अब यहापर अगर उस व्यक्ति को भी सेब चाहिए होंगे, तो हमारे बीच लेन देन हो भी जाएगा। पर यहापर दिक्कत तब होगी, अगर मुझे गेहू तो चाहिए, पर उस व्यक्ति को सेब नहीं चाहिए, तो ये लेन देन नहीं हो पाएगा। तो इसके वजह से फिर गोल्ड (सोना) इस्तेमाल होने लगा, मतलब अगर मुझे गेहू चाहिए, तो उसके बदले मैं उसे गोल्ड दूंगा, जो वो आगे भी लेन देन के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

अब ये भी ठीक है, पर गोल्ड को एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाना काफी मुश्किल होता था, और किसी बहुत छोटी चीज़ के लिए गोल्ड देने के लिए तोडना भी पड़ सकता था। तो इसके लिए ऐसा सोचा गया, कि कोई गवर्नमेंट, या authorities होगी, जिनके पास हम अपना गोल्ड रखेंगे, और उसके बदले हमे नोट मिलेंगे, जिनसे हम लेन देन कर सकते थे। अब ये बहुत आसान हो गया था, क्योंकि नोट को कही भी लेकर जाना भी आसान था, जिससे लेन देन में आसानी होती थी।
आज जो हम नोट इस्तेमाल करते है, उदहारण के लिए समझ लेते है १०० रुपये का नोट है, तो उसकी कीमत १०० रुपये इसलिए है, क्योकि सरकार, बैंक या authorities कहती है की उसकी कीमत १०० रुपये है। तो मतलब ये है की ये चीज़ थोड़ी विश्वास (trust) पर भी आधारित है।

अब तो उससे भी आगे बढ़कर हम ऑनलाइन पैसे भरते है। पर हम जब ऑनलाइन कही पैसे भेजते है, तो यहाँ पर दो व्यक्तियों के बीच होने वाले लेन देन में यहापर trusted थर्ड पार्टीज(authorities) होती है।

पर अगर ऐसे कुछ होता, जिसमे दो व्यक्तियों के बीच के लेन देन में कोई भी तीसरी व्यक्ति (trusted थर्ड पार्टी) ना होती, और सीधा लेन देन हो सकता, जो आधारित हो क्रिप्टोग्राफ़िक proof पर, ना कि विश्वास पर।

तो यहापर बात आती है बिटकॉइन की। तो बिटकॉइन एक १०० % डिजिटल करेंसी है, जो आधारित है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर, और क्रिप्टोग्राफ़ी के जरिये सुरक्षित करी जाती है।

बिटकॉइन को अगर हम थोड़ा formally बताने की कोशिश करे, तो बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है, जिसकी मदद से इंटरनेट पर दुनिया में कही भी दो व्यक्ति या पक्षों के बीच लेन देन हो सकता है, वो भी बीचमे कोई तीसरा पक्षआये बिना।

तो जब हम जानते है, की बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, तो अब जरा हम ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को समझने की कोशिश करते है।
तो ब्लॉकचैन को हम ऐसे समझ सकते है, कि ब्लॉकचैन में हमारी जानकारी कुछ इस प्रकार रखी जाती है, कि उस जानकारी के साथ छेड़खानी करना बहुत मुश्किल हो जाता है। यहापर हर ब्लॉक में बहुत सारे transactions रखे जाते है, और उन्हें डुप्लीकेट करके नेटवर्क में काफी सारे कम्प्यूटर्स में डिस्ट्रीब्यूट कर दिया जाता है।

अब यहापर क्या है, की जब दो व्यक्तियों के बीच लेन देन होता है, तो इसे verify किया जाता है। अब यहापर कुछ व्यक्ति होते है, जिन्हे हम miners कहते है, जो हमारे transactions को प्रोसेस करते है, और इसके लिए विशेष प्रकार के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके प्रोब्लेम्स को solve करते है। इसके बदले में उन्हें कुछ बिटकॉइंस मिलते है।

पर अब यहापर एक दिक्कत ऐसी हो सकती है, कि पहले तो बस बैंक, या authorities को ही पता थे हमारे डिटेल्स, पर अभी तो नेटवर्क में सारे कम्प्यूटर्स में हमारे transactions स्टोर हुए है। तो क्या यहापर privacy की दिक्कत नहीं है? तो ऐसे नहीं है, यहापर हमारी जो जानकारी होती है, उसे encrypt किया जाता है। इसे हम लोग कुछ ऐसे समझ सकते है, कि हमारी जानकारी में कुछ ऐसे बदलाव कर दिए जाते है (कुछ नियमो को ध्यान में रखते हुए), और ऐसे बना दिया जाता है जिसे पढ़कर लगे कि इसका तो कोई मतलब ही नहीं बनता!

बिटकॉइन किसने बनाया? – Who created Bitcoin?

बिटकॉइन के बारे में इतना पढ़ने सुनने के बाद शायद आपको ये सवाल आ रहा होगा कि बिटकॉइन बनाया किसने? जितना दिलचस्प ये सवाल है, उतना ही दिलचस्प इसका जवाब भी है। अगर आप इस सवाल को इंटरनेट पर सर्च करते है, तो आपको इसका उत्तर मिलेगा की बिटकॉइन को सातोशी नकामोटो ने बनाया है, पर दिलचस्प बात तो ये है कि सातोशी नकामोटो ये एक उपनाम(pseudonym) है, जो बिटकॉइन बनाने वाले या वालो द्वारा इस्तेमाल किया गया है। सातोशी नकामोटो के बारे में बहुत कम ही पता है।

बिटकॉइन को २००९ में लॉन्च किया गया था, और अगर आपके दिमाग में ये भी प्रश्न आ रहा है, कि अगर बिटकॉइन एक cryptocurrency है, तो पहली cryptocurrency कौनसी है? तो इसका जवाब भी बिटकॉइन ही है! इसके बाद कई और cryptocurrencies आयी है।

कितने बिटकॉइंस बन सकते है? – How many Bitcoins will ever be Created?

अब सवाल ये आ सकता है, कि जो हमारे नोट होते है, वो तो कितने भी बनाये जा सकते है. तो बिटकॉइन कितने बन सकते है? क्या बिटकॉइन भी अनलिमिटेड होते है? तो बात ऐसी है, कि बिटकॉइन कितने बन सकते है, इसका एक फिक्स आकड़ा है, जो है २१ मिलियन (२.१ करोड़)

बिटकॉइन के क्या नुकसान है? – Disadvantages of Bitcoin

बिटकॉइन की कीमत में बहुत परिवर्तन होते रहता है

बिटकॉइन की कीमत में हर वक़्त परिवर्तन होता रहता है, तो हम कह सकते है, कि बिटकॉइन बहुत volatile करेंसी है। तो यहापर अगर हम पैसे निवेश करते है, तो हमे नहीं पता होगा कि आने वाले वक़्त में हमारे पैसे ख़त्म हो जाएंगे या बढ़ेंगे।

बिटकॉइन से पर्यावरण को होने वाला नुकसान

बिटकॉइन को माइन करने में बहुत बिजली खर्च होती है, जो की अभी पर्यावरण के हित में नहीं है, तब तक, जब तक वो बिजली रिन्यूएबल माध्यम से न बनायीं जाती हो।

बिटकॉइन का गैरकानूनी कामो में इस्तेमाल

अब जैसे की बिटकॉइन के लेन देन में कोई भी तीसरा दल या तीसरी व्यक्ति शामिल नहीं होती (ये peer to peer होता है), तो बिटकॉइन का इस्तेमाल दुर्भाग्यवश गैरकानूनी कामो में भी इस्तेमाल किया जाता है।

निष्कर्ष

हम देख सकते है, की बिटकॉइन कुछ समस्याओं का समाधान भी है, और बिटकॉइन के कुछ नुकसान भी है। अब ये निर्भर करता है इसपर कि बिटकॉइन का किस प्रकार इस्तेमाल किया जाता है। पर कई लोगो का कहना है कि बिटकॉइन या cryptocurrency भविष्य में क्रांति ला सकते है। हमने बिटकॉइन को आसान से आसान भाषा में समझने की कोशिश की है, और हम आशा करते है, कि बिटकॉइन के बारे में आपको हम महत्वपूर्ण जानकारी आसान भाषा में दे पाए।

बिटकॉइन से जुड़े कुछ बार बार पूछे जाने वाले सवाल – FAQ About Bitcoin

प्र. cryptocurrency क्या है?

उत्तर : Cryptocurrency को हम एक डिजिटल करेंसी की तरह समझ सकते है, जो क्रिप्टोग्राफ़ी द्वारा सुरक्षित की जाती है।

प्र. बिटकॉइन किन technologies पर आधारित है?

उत्तर: हम ये कह सकते है कि बिटकॉइन आधारित है ब्लॉकचैन और क्रिप्टोग्राफ़ी पर।

प्र. दुनिया में कितनी cryptocurrencies है?

उत्तर: वैसे देखा जाए, तो दुनिया में १०, ००० से भी ज्यादा cryptocurrencies है।

प्र. दुनिया की पहली cryptocurrency कौनसी थी?

उत्तर: दुनिया की पहली decentralized cryptocurrency बिटकॉइन है।

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