जाकिर अब्दुल करीम नाइक / Zakir Naik एक भारतीय इस्लामिक उपदेशक और इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) के संस्थापक अध्यक्ष है। साथ ही वे तुलनात्मक धर्म पीस टिव्ही चैनल के संस्थापक भी है, जिनसे वे अबतक 100 मिलियन से भी ज्यादा दर्शको से जुड़ चुके है। उन्हें लोग तुलनात्मक धर्म के अधिकार वाला इंसान भी कहते थे। शायद भारत में सबसे प्रभावशाली सलाफी विचारधारको में से वे एक है। वे दुनिया के सर्वश्रेष्ट सलाफी इंजीलवादी कहलाते थे। दुसरे इस्लामिक उपदेशको से भिन्न, उनके प्रवचन बोल-चाल पर आधारित होते थे, वे बोलते समय ज्यादातर इंग्लिश भाषा का ही उपयोग करते थे, ना की उर्दू और अरबिक, और पारंपरिक परिधान की जगह पर वे सूट और टाई पहनते थे।
जाकिर अब्दुल करीम नाइक की जीवनी – Zakir Naik Biography in Hindi
सार्वजानिक वक्ता बनने से पहले, एक मेडिकल डॉक्टर के रूप में उन्होंने अभ्यास किया था। इस्लाम और तुलनात्मक धर्मो पर उन्होंने अपने बहुत से बुकलेट भी प्रकाशित किये थे। इस्लाम में सार्वजानिक रूप से उन्होंने साम्प्रदायवाद का विरोध किया था। उनके उपदेशो पर फ़िलहाल भारत, बांग्लादेश, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में बंदी लगा दी गयी है। इस्लामिक समुदाय से बाहर की बजाए इस्लामिक समुदाय में ही उनके बहुत से आलोचक है।
जीवनी –
जाकिर नाइक का जन्म भारत में महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ था। किशिनचंद चेलाराम कॉलेज से उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की और फिर टोपीवाला नेशनल कॉलेज और BYL नायर चैरिटेबल हॉस्पिटल से मेडिकल की पढाई पूरी की और मुंबई यूनिवर्सिटी से उन्होंने बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और सर्जरी (MBBS) की डिग्री हासिल की।
1991 में उन्होंने दवा के क्षेत्र में काम करना शुरू किया और तभी इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की भी स्थापना की। नाइक की पत्नी फरहत नाइक, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन में महिला विभाग में काम करती है।
2006 में नाइक ने कहा था की वे इस्लामिक उपदेशक अहमद दीदत से 1987 में मिलने के बाद प्रेरित हुए थे। (नाइक को कई बार “दीदत प्लस” का लेबल दिया गया था, जिसे स्वयं दीदत ने उन्हें दिया था।)
मुंबई ने नाइक ने इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल और यूनाइटेड इस्लामिक ऐड की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद इस्लामिक युवको को शिष्यवृत्ति प्रदान करना था। इसके साथ-साथ वे iERA के बोर्ड ऑफ़ मेम्बर और सलाहकार भी थे।
इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार नाइक “पीस टिव्ही नेटवर्क के पीछे के विचार और प्रेरक शक्ति है”, नाइक का चैनल “मानवी जीवन की सच्चाई, न्याय, नैतिकता, सामंजस्य और बुद्धिमत्ता का प्रचार करता है।” ऐसा उनकी वेबसाइट में दिखाया गया है। 2012 में भारत सरकार ने पीस चैनल पर भी बंदी लगा दी थी, न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार एक बेनाम भारतीय जर्नलिस्ट के हवाले से यह पता चला था की, मुंबई पुलिस ने पिछले कुछ सालो से उन्हें कांफ्रेंस आयोजित करने से वर्जित कर किया था और भारतीय सॅटॅलाइट प्रोवाइडर ने भी उनके चैनल पीस टिव्ही को टेलीविज़न पर प्रसारित करने से मना कर दिया था।
2016 में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ने नाइक ने खुद को एनआरआई बताया था।
विचार –
नाइक का कहना है की उनका लक्ष्य केवल उन मुस्लिम युवाओ की शिक्षा पर ध्यान देना है जो अपने ही धर्म के प्रति क्षमाशीलता की भावना रखते है और ऐसा मानते है की उनका धर्मं काफी पुराना हो चूका है। उनके अनुसार यह हर मुस्लिम नागरिक की जिम्मेदारी है की वह इस्लाम के प्रति हो रही गलतफहमियो को दूर करना, 11 सितम्बर 2001 को यूनाइटेड स्टेट में हुए आक्रमण के बाद उन्होंने सभी से विश्व में इस्लाम धर्म के प्रति फ़ैल रही गलत अवधारणा को ठीक करने की नम्र गुजारिश सभी इस्लाम नागरिको से की थी। नाइक के इसके बाद कहा भी था की, “तेज़ी से फ़ैल रहे इस्लाम विरोधी अभियान के बावजूद 34000 अमेरिकन लोगो ने सितम्बर 2001 से जुलाई 2002 तक इस्लाम को गले लगाया।” नाइक के अनुसार इस्लाम धर्म कारण और तर्क का धर्म है और कुरान में बताये गये 1000 छंद विज्ञान से जुड़े हुए है। इनमे से कुछ आर्टिकलो को मैगज़ीन में भी प्रकाशित किया गया है, जैसे की इस्लामिक आवाज़।
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