भारत के ऐतिहासिक स्थल | Historical places in India information

Historical places in India

दोस्तों भारत एक प्राचीनतम और महान सभ्यता का देश हैं। यहा महान राजा और योद्धाओं ने अपनी छाप अपनी वास्तु से छोड़ी हैं। भारत के इतिहास में कई ऐसी इमारतों का निर्माण किया गया है, जिनकी वजह से भारत को एक अलग पहचान मिली है। उनके महान निर्माणकार्य आज भी उसी शान से इतिहास को बया करते हैं। और इसिलये सारी दुनिया को भारत का आकर्षण हमेशा से रहा।

इन ऐतिहासिक इमारतों से न सिर्फ इतिहास की महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी जुड़ी हुई है, बल्कि यह भारत की अद्भुत और प्राचीन शिल्प कौशल का परिचय भी देती हैं। साथ ही भारत के ऐतिहासिक महत्व को बढ़ावा देती हैं।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में भारत के कुछ प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार है-

Historical places in India

भारत के ऐतिहासिक स्थल – Historical places in India information

यहा नाचे Historical places in India की सूचि दी हैं। अगर आपको किसी Historical places के बारे में पढ़ना हैं तो उस के नाम पर क्लिक करे।

  • ताजमहल

ताजमहल, भारत के मुख्य ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों में से एक है। यह भारत की शान का प्रतीक है।

ताजमहल अपनी बेमिसाल खूबसूरती और अद्भुत संरचना के कारण दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यह उत्तरप्रदेश के आगरा शहर में स्थित है, इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने अपनी सबसे प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था।

इसलिए इसे प्रेम और मोहब्बत का प्रतीक भी माना जाता है।  ताजमहल के अद्भुत सौन्दर्य को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। वहीं ताजमहल की वजह से  भारत में टूरिज्म को भी काफी बढ़ावा मिला है। ताजमहल की भव्यता और इसके अद्भुत आर्कषण की वजह से इसे विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

ताजमहल के निर्माण, इसके इतिहास एवं इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – ताजमहल का इतिहास

  • कुतुब मीनार

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार देश के प्रमुख ऐतिहासिक एवं मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मुगलकाल में बनी एशिया की सबसे ऊंची मीनार है।

इसकी अद्भुत बनावट और आर्कषण की वजह से इसे यूनेस्कों की विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्धारा शुरु करवाया गया था, जिसको अंतिम रुप फिरोज शाह तुगलक ने दिया था।

वहीं इसके बाद 1508 ईसवी में आए भयंकर भूकंप की वजह से इसकी इमारत काफी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद सिकंदर लोदी ने कुतुबमीनार की मरम्मत करवाई थी।

करीब 73 मीटर ऊंची इस मीनार के परिसर कुतुब कॉम्लेक्स को भी यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की साइट में शामिल किया गया है। कुतुबमीनार के बारे में और अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- क़ुतुब मीनार का इतिहास

  • चारमीनार

भारत के मुख्य ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों की लिस्ट में चारमीनार का नाम सबसे ऊपर आता है। यह भारत के मुख्य आर्कषणों में से एक है, जो तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित है।

यह एक ऐसी ऐतिहासिक धरोहर है, जिसने हैदराबाद को पूरे देश में एक अलग पहचान दिलवाई है। इसकी भव्यता को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं, यह अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ऐतिहासिक इमारत है।

इसकी अद्भुत संरचना एवं उत्कृष्ट वास्तुशिल्प की वजह से यह इमारत देश के 10 मुख्य ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।

इस भव्य ऐतिहासिक स्मारक को कुतुब शाह ने उस दौरान बनवाया था, जब उन्होंने अपनी राजधानी गोलकुंडा से हैदराबाद स्थानांतरित किया था। चारमीनार से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – चारमीनार का इतिहास

  • लाल किला

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला भारत का गौरव है। यह देश की आजादी का प्रतीक है। मुगलकाल में बनी यह अद्भभुत इमारत अपनी भव्यता और अद्धितीय आर्कषण की वजह से पूरी दुनिया में जानी जाती है।

इसकी बेमिसाल खूबसूरती के लिए इसे यूनस्को द्धारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल किया गया है। यह भारत के प्रमुख ऐतिहासिक में पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी भव्यता एवं बनावट को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

आपको बता दें कि यह विश्व के उत्कृष्ट एवं भव्य किलों में से एक है। इस शाही किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने शासनकाल के दौरान करवाया था, यह किला मुगलकालीन वास्तुकला और सृजनात्मकता का अनुपम उदाहरण है।

लाल किले का निर्माण, इसका इतिहास एवं इससे जुड़ी अन्य रोचक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करिए – लाल किले का इतिहास

  • आगरा का किला

उत्तरप्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह किला भारत के मुख्य ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह अपनी अद्धितीय संरचना और सुंदर बनावट की वजह से पूरे देश में मशहूर है।

इस किले को मुगलों के मुख्य निवास स्थान के साथ-साथ किला-ए-अकबरी, किला रूज, और आगरा का लाल किले के रुप में जाना जाता है। इस भव्य किले का निर्माण शक्तिशाली मुगल सम्राट अकबर ने करवाया था।

यह मुगलकालीन वास्तुशैली का अति उत्कृष्ट मनूना है। अपनी अद्भुत बनावट और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस स्मारक को यूनेस्को द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

आगरा के किले के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें- आगरा के किले का इतिहास

  • इंडिया गेट

दिल्ली में स्थित इंडिया गेट भारत की मुख्य ऐतिहासिक एवं शहीद स्मारक के रुप में जाना जाता है। यह देश के राष्ट्रीय स्मारकों में से एक है। इसे ”अखिल भारतीय युद्ध स्मारक” के रुप में भी जाना जाता हैं।

इस भव्य इमारत का निर्माण इंडियन ब्रिटिश आर्मी के उन सैनिकों के सम्मान और उन्हें श्रंद्धाजली देने के लिए किया गया है, जो कि पहले विश्व युद्द एवं तीसरे एंग्लों-अफगान युद्द के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए थे।

इंडिया गेट हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली मेजबानी के लिए भी विख्यात है। करीब 42 मीटर ऊंचे इस विशाल गेट को फांसीसी स्मारक आर्क डी-ट्रायोम्फ की तर्ज पर डिजाइन किया गया है।

इंडिया गेट के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – इंडिया गेट का इतिहास

  • हवा महल

राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में स्थित हवा महल भारत की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है, जिसे इसकी शाही बनावट की वजह से जाना जाता है। अपनी अद्धितीय बनावट के लिए मशहूर यह विशाल महल राजपूतों की शान का भी प्रतीक माना जाता है।

यह विशाल किला राजस्थान के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध आर्कषणों में से एक है। इसे ”पैलेस ऑफ विंड्स” के तौर पर भी जाना जाता है। इस विशाल महल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह विश्व की बिना किसी नींव के बिना बनी सबसे ऊंची इमारतों में से एक है।

पिंक सिटी में स्थित यह महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरों के इस्तेमाल कर बनाया गया है। इस भव्य महल के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – जयपुर के हवा महल का इतिहास

  • जल महल

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित हवा महल अपने ऐतिहासिक महत्व और आर्कषण की वजह से पूरे देश में मशहूर है। यह राजस्थान के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी अद्धितीय संरचना एवं भव्य् बनावट को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

18वीं सदी में आमेर के महाराजा जय सिंह द्धितीय ने इस अद्भतु महल का निर्माण जयपुर के मानसरोवर के बीच में करवाया था। इस किले का मनमोहक नजारा यहां आने वाले सभी पर्यटकों का मन मोह लेता है।

राजस्थान के इतिहास को समेटे हुए  यह किले पांच मंजिला है। इस किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें- जलमहल का रोचक इतिहास

  • सांची स्तूप

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास स्थित सांची स्तूप भारत की मुख्य ऐतिहासिक स्मारको में से एक है, जिसे अपने अद्भुत बनावट एवं उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए पूरी दुनिया भर में जान जाता है।

इस अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व की वजह से यूनेस्कों द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक के पास भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं।

भारत की सबसे प्राचीन संरचना सांची स्तूप को तीसरी सदी में सम्राट अशोक महान द्धारा बनवाया गया था। सांची स्तूप से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – महान साँची स्तूप का इतिहास

  • खजुराहो के मंदिर

मध्यप्रदेश के खजुराहो के मंदिर अपनी अनूठी मूर्तिकला और अनुपम शिल्पकारी के लिए पूरे विश्व भर में विख्यात है। यह भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों का विशाल समूह है।

इन मंदिरों की दीवारों पर बनी कामोत्तेजक मूर्तियां यहां आने वाले सैलानियों के मुख्य आर्कषण का केन्द्र है। खजुराहों के मंदिरों को अपनी भव्यता और आर्कषण की वजह से यूनेस्कों की विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है।

आपको बता दें कि खजुराहों के विश्व प्रसिद्ध मंदिर मुख्य रुप से जैन और हिन्दू धर्म के मंदिरों का समूह है, जिनका मंदिर चंदेल सम्राज्य के शासन के समय में किया गया है। इसके बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – खजुराहो मंदिर का रोचक इतिहास

  • रानी की वाव

रानी की वाव भारत के गुजरात शहर के पाटन गांव में स्थित है। इस प्राचीन ऐतिहासक इमारत का निर्माण 11वीं सदी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव की याद में उनकी पत्नी रानी उदयमती ने करवाया था।

सरस्वती नदी के किनारे स्थित इस बावड़ी को इसकी अद्भुत एवं विशाल संरचना की वजह से यूनेस्को द्धारा साल 2014 में विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल किया गया है।

यह अपने आप में एक अनूठी संरचना है, जो कि भूमिगत पानी के स्त्रोतों से थोड़ी अलग है। इस विशाल ऐतिहासिक संरचना के अंदर 500 से भी ज्यादा मूर्तिकलाओं का बेहद शानदार ढंग से प्रदर्शन किया गया है।

रानी की वाव के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करेंरानी की वाव का इतिहास

  • कोणार्क सूर्य मंदिर

कोणार्क का सूर्य मंदिर देश की सबसे प्राचीन और मुख्य ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह अपनी अद्भुत बनावट, भव्यता और आर्कषण की वजह पूरी दुनिया भर में मशहूर है।

सूर्य देवता को समर्पित यह भव्य मंदिर उड़ीसा के पुरी जिले के कोणार्क कस्बे में स्थित है। रथ आकार में बने होने की वजह से इस मंदिर को भगवान का रथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।

इसके साथ ही इस मंदिर से  एक ऊंचा काला टॉवर भी दिखाई देता है, जिसकी वजह से इसे ब्लैक पैगोडा नाम से जाना जाता है। इसकी बेमिसाल खूबसूरती एवं अद्भुत महत्व की वजह से कोणार्क का सूर्य मंदिर को साल 1984 में यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया  गया है। इस मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – कोणार्क सूर्य मंदिर का इतिहास

  • बीबी का मकबरा

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित इस मकबरे को ”दक्कन के ताज” से नाम से जाना जाता है। इस मकबरे का निर्माण मुगल औरंगजेब के शहजादे आजमशाह ने अपनी मां बेगम रबिया की याद में बनवाया है।

दुनिया के सात अजबूों में से एक ताजमहल से प्रेरित होकर बनवाए गए इस ऐतिहासिक इमारत को ”गरीबों का ताजमहल” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस मकबरे के मुख्य गुंबद को छोड़कर अन्य हिस्सा प्लास्टर से तैयार किया गया है।

इसके निर्माण में कई गई खर्च कटौती से न तो इसकी चमक आगरा के ताजमहल जैसी है और न ही यह पूरी तरह संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है।लेकिन फिर भी, यह स्मारक भी विशिष्ट मुगल वास्तुकला का एक अनुपम उदाहरण है। बीबी के मकबरा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – बीबी का मकबरा का इतिहा

  • हुमायूं का मकबरा

राजधानी दिल्ली में स्थित हुंमायूं का मकबरा भारत के प्रमुख ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मुगल शासक हुमायूं की कब्र है, जिसे उनकी पत्नी हमादा बानू बेगम के द्धारा बनवाया गया है।

यह मकबरा भारत का पहला गार्डन मकबरा है, जिसके निर्माण में लाला पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसके अद्भुत संरचना और आर्कषण की वजह से  इसे यूनेस्को द्धारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है।

यह मुगलकालीन वास्तुशैली से निर्मित मुख्य इमारतों में से एक है। इसकी खूबसूरती को देखने काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। हुमायूं के मकबरा से जुड़ी रोचक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – हुमायूँ के मकबरा का रोचक इतिहास

  • ग्वालियर का किला

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित ग्वालियर का किला देश के सबसे प्राचीन एवं प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। इसका निर्माण 8 वीं सदी में राजा मान सिंह तोमर द्धारा किया गया है।

करीब 35 मीटर ऊंचाई वाला यह भव्य किला 10 वीं सदी के पहले से भी आस्तित्व में है। इस ऐतिहासिक किले पर कई राजाओं ने शासन किया।

इतिहासकारों की माने तो इस विशाल किले का निर्माण गुजरी महल का रानी मृगनयनी द्धारा करवाया गया था। इस किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – ग्वालियर किल्ले का इतिहास

  • आमेर का किला

राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर की अरावली पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह किला राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध एवं भव्य किलों में से एक है, जो कि अपनी अद्भुत बनावट एवं खूबसूरत संरचना के लिए पूरे देश भर में मशहूर है।

इस विशाल किले के आर्कषण को देखने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। इस अद्भुत किले का निर्माण राजा मान सिंह द्धारा हिन्दू-राजपूताना वास्तुशैली से किया गया है।

यह विशाल दुर्ग सृजानात्मक हिन्दू वास्तुशैली का अनूठा उदाहरण है। इस किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – आमेर के किल्ले का इतिहास

  • अंजताएलोरा की गुफाएं

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित अजंता और एलोरा की गुफाएं दुनिया भर में अपनी अद्भुत चित्रकारी और शिल्पकारी के लिए प्रसिद्ध है। इन गुफाओं की अद्भुत बनावट को देखकर हर कोई इनका कायल हो जाता है।

इन विश्व प्रसिद्ध गुफाओं में हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म से संबंधित चित्रण के अद्भुत नमूने देखने को मिलते हैं। इन गुफाओं में पत्थरों में बेहद खूबसूरत नक्काशी की गई है, वहीं इसकी अद्धितीय कारीगिरी और शिल्पकारी के लिए इसे यूनेस्कों द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है।

बड़े-बड़े पहाड़ों को काटकर बनाई गईं अजंता की गुफाओं में जहां 30 गुफाओं का बेजोड़ समूह है, तो वहीं एलोरा की गुफाओं में 34 मोनैस्ट्रीज और मंदिर है, जो कि पहाड़ के किनारे करीब 2 किलोमीटर के हिस्से में फैले हुए हैं।

इन अद्भुत गुफाओं का निर्माण 5वीं से 10वीं सदी के बीच किया गया था। इन गुफाओं के बारे में और अधिक जानकारी के लिए क्लिक करिए इस लिंक पर – अजंता गुफावो का रोचक सत्य

  • कमल मंदिर

दिल्ली में स्थित कमल मंदिर (लोटस टेम्पल) अपनी कमल के फूल की आकृति के लिए पूरी दुनिया भर में जाना जाता है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों में से एक है, जिसकी खूबसूरती को निहारने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।

इसकी अदभुत वास्तुकला और अनूठी शिल्पकारी के चलते यूनेस्कों द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शुमार किया गया है। लोटस टेम्पल की सबसे खास बात यह है कि यहां हर मजहब के लोग प्रार्थना करने आ सकते हैं।

वहीं यह विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां न तो किसी भगवान की प्रतिमा रखी गई है, और ना ही यहां किसी तरह की पूजा-अर्चना की जाती है।

यहां लोग सिर्फ अपने मन की शांति के लिए आते हैं और घंटों बैठकर यहां की खूबसूरती का आनंद उठाते हैं।

कमल मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – कमल मंदिर रोचक इतिहास

  • फतेहपुर सीकरी

आगरा से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी मुगलों की राजधानी रह चुका है। इस शाही शहर की खास बात यह है  कि यह पूरा शहर ही लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है।

आपको बता दें कि फतेहपुर सीकरी की स्थापना 16वीं सदी में मुगल सम्राट अकबर द्धारा की गई थी। फतेहपुर सीकरी मुख्य रुप से ऐतिहासिक स्मारक बुलंद दरवाजा और जोधाबाई के महल, जामा मस्जिद और सलीम चिश्ती के मकबरे के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है।

फतेहपुर सीकरी में एक से बढ़कर एक खूबसूरत इमारते बनी हुई हैं, जो कि मुगलकालीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। यह स्थान अपने आर्कषण और भव्यता की वजह से अकबर की स्थापत्य कला का एक अच्छा सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।

फतेहपुर सीकरी के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – फतेहपुर सिकरी का रोचक इतिहास

  • स्वर्ण मंदिर अमृतसर

अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर भारत के प्रमुख ऐतिहासिक और मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अपनी अद्भुत बनावट और रहस्यों के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर हैं।

यह सिख धर्म का मुख्य धार्मिक स्थान भी है, जिसकी खूबसूरत शिल्पकारी और वास्तुकला देखते ही बनती है। विश्व प्रसिद्ध इस गोल्डन टेम्पल का इस्तेमाल सोने की धातु का इस्तेमाल कर किया गया है।

इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है, यहां मत्था टेकने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। इसे हरमिंदर साहेब और श्री दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है।

स्वर्ण मंदिर से जुड़ी रोचक बात यह है कि यहां दुनिया की सबसे बड़ी किचन है, जहां रोजना करीब 1 लाख से भी ज्यादा लोगों को लंगर करवाया जाता है।

स्वर्ण मंदिर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – स्वर्ण मंदिर का इतिहास

  • गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई

मुंबई के ताज होटल के सामने स्थित गेटवे ऑफ इंडिया भारत की प्राचीन एवं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है।

अंग्रेजों के समय में बना यह भव्य गेट भारत के मुख्य आर्कषण का केन्द्र भी है, इसे देखने दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं और इसकी सुंदरता की तारीफ करते हैं।

आपको बता दें कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इस विशाल गेट का निर्माण प्रवेश और निकास के उद्देश्य से साल 1924 में किया गया था। भारत की आजादी के बाद आखिरी ब्रिटिश जहाज इसी गेट से होकर गुजरा था।

26 मीटर ऊंचे इस ऐतिहासिक स्मारक को अरब सागर से समुद्री मार्ग से आने वाले जहाजों आदि के लिए भारत का द्धार भी कहा जाता है। यह ऐतिहासिक स्मारक ताकत, शक्ति और शांति का अद्भुत चित्रण है।

गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – गेटवे ऑफ इंडिया का इतिहास

  • मैसूर पैलेस

भारत के कर्नाटक में स्थित मैसूर पैलेस भी भारत की सबसे प्राचीनतम और ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जो कि अपनी भव्यता और आर्कषण की वजह से पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

इसे सौंदर्य को देखने हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। इस शाही किले को अंबा विलास पैलेस के नाम से जाना जाता है।

यह विशाल पैलेस कर्नाटक के टूरिज्म को तो बढ़ावा देता ही है, इसके साथ ही देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को भी बेहद शानदार ढंग से प्रदर्शित करता है।

मैसूर पैलेस की दीवारों पर बनी चमत्कारिक तस्वीरें और स्वर्ण राजसिंहासन इसकी सबसे बड़ी विशेषता हैं।

मैसूर पैलेस के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – मैसूर पैलेस का इतिहास

  • गोल गुम्बद कर्नाटक

भारत के कर्नाटक राज्य के बीजापुर में स्थित गोल गुंबद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा और भारत का पहला सबसे बड़ा मकबरा है।

यह प्राचीन और भव्य गुंबद भारत के पर्यटकों के मुख्य आर्कषण का केन्द्र है, जिसे दक्खिन वास्तुकला का विजय स्तंभ के रुप में भी जाना जाता है।

आदिलशाही वंश के सातवें शासक और बीजापुर के सुल्तान मुहम्मद आदिलशाह के इस अनूठे और निहायती खूबसूरत मकबरे को बनने में करीब 20 साल का समय लगा था।

देश के इस सबसे विशाल मकबरे की विशेषता यह है कि इसकी गैलरी में 7 बार आवाज गूंजती है और एक तरफ से बिल्कुल साफ आवाज सुनाई देती है।

गोल गुंबद के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – गोल गुम्बद का इतिहास

  • विक्टोरिया मेमोरियल

पश्चिम बंगाल में स्थित विक्टोरिया मेमोरियल रानी विक्टोरिया को समर्पित एक बेहद आर्कषक एवं भव्य ऐतिहासिक स्मारक है, जो कि भारत के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है।

ब्रिटिश और मुगल वास्तुशैली से बने इस भव्य स्मारक का निर्माण ब्रिटिश सम्राज्य की सफलता का जश्न मनाने के लिए किया गया था। इस शानदार ऐतिहासिक स्मारक पर विजय दूत की प्रतिमा बनी हुई है।

कोलकाता में स्थित यह स्ममारक मुगल, ब्रिटिश, पाश्चात्य वास्तुशैली से बना अद्भुत स्मारक है। इस स्मृति स्मारक को ताजमहल की तर्ज पर सफेद संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया है।

विक्टोरिया मेमोरियल के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें – विक्‍टोरिया मेमोरियल का इतिहास

  • जैसलमेर किला

राजस्थान के जैसलमेर में स्थित जैसलमेर किला अपनी अद्भुत बनावट और अद्धितीय वास्तुशिल्प के लिए पूरी दुनिया भर में विख्यात है। इसकी खूबसूरती को निहारने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।

यह किला विश्व के सबसे बड़े किले एवं राजस्थान के प्रमुख आर्कषणों में से एक है। इस विशाल दुर्ग के अंदर बेहद सुंदर हवेलियां, बड़े-बड़े भवन एवं मंदिर आदि बने हुए हैं, जो कि इस किले को अन्य किलों से अलग बनाती हैं।

इस किला का ऐतिहासिक महत्व होने के साथ-साथ यह अपने भारतीय, इस्लामी और फारसी वास्तुशैली के बेजोड़ मिश्रण के लिए भी जाना जाता है।

जैसलमेर के किले के बारे में और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करिए – जैसलमेर किले का इतिहास

और अधिक लेख :

I hope these “Historical places in India in Hindi language” will like you. If you like these “Short Historical places in India information in Hindi language” then please like our Facebook page & share on Whatsapp.

12 thoughts on “भारत के ऐतिहासिक स्थल | Historical places in India information”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top