बीरबल का इतिहास | Birbal History

Birbal History In Hindi
Birbal History In Hindi

बीरबल का इतिहास / Birbal History In Hindi

बीरबल का जन्म महेश दास के नाम से 1528 में, कल्पी के नजदीक किसी गाव में हुआ था। आज उनका जन्मस्थान भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में आता है। इतिहासकारो के अनुसार उनका जन्मगाव यमुना नदी के तट पर बसा टिकवनपुर था। उनके पिता का नाम गंगा दास और माता का नाम अनभा दवितो था। वे हिन्दू ब्राह्मण परीवार जिन्होंने पहले भी कविताये या साहित्य लिखे है, उनके तीसरे बेटे थे।

बीरबल / Birbal हिंदी, संस्कृत और पर्शियन भाषा में शिक्षा प्राप्त की थी। बीरबल कविताये भी लिखते थे, ज्यादातर उनकी कविताये ब्रज भाषा में होती थी, इस वजह से उन्हें काफी प्रसिद्धि भी मिली थी।

बीरबल मुग़ल शासक अकबर के दरबार के वो सबसे प्रसिद्ध सलाहकार थे। बीरबल भारतीय इतिहास में उनकी चतुराई के लिये जाने जाते है, और उनपर लिखित काफी कहानिया भी हमे देखने को मिलती, जिसमे बताया गया है की कैसे बीरबल चतुराई से अकबर की मुश्किलो को हल करते थे।

1556-1562 में अकबर ने बीरबल को अपने दरबार में कवी के रूप में नियुक्त किया था। बीरबल का मुग़ल साम्राज्य के साथ घनिष्ट संबंध था, इसीलिये उन्हें महान मुग़ल शासक अकबर के नवरत्नों में से एक कहा जाता था। 1586 में, उत्तरी-दक्षिणी भारत में लड़ते हुए वे शहीद हुए थे।

बीरबल की कहानियो का कोई सबूत हमें इतिहास में दिखाई नही देता। अकबर के साम्राज्य के अंत में, स्थानिक लोगो ने अकबर-बीरबल की प्रेरित और प्रासंगिक कहानिया बनानी भी शुरू की। अकबर-बीरबल की ये कहानिया पुरे भारत में धीरे-धीरे प्रसिद्ध होने लगी थी।

राजा बीरबल दान देने में अपने समय अद्वितीय थे और पुरस्कार देने में प्रसिद्ध थे। गान विद्या भी अच्छी जानते थे। उनके  दोहे प्रसिद्ध हैं। उनकी कहावतें और लतीफ़े सब में प्रचलित हैं।

Note: आपके पास राजा बीरबल के बारे / About King Birbal In Hindi मैं और Information हैं, या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे। धन्यवाद।

अगर आपको Life History Of Birbal in Hindi Language अच्छी लगे तो जरुर हमें WhatsApp Status और Facebook पर Share कीजिये।

Note: E-MAIL Subscription करे और पायें Essay With Short Biography About Birbal in Hindi and More New Article ईमेल पर।

20 thoughts on “बीरबल का इतिहास | Birbal History”

  1. MERI JANKARI AVAM YAHAN PRACHLIT KAHANIYON KE ANUSAR BIRBAL KA JANM MADHYAPRADESH KE SIDHI JILE KE SIHAWAL TAHSIL KE GHOGHARA NAMAK GRAM ME HUA THA. IS GRAM ME BIRBAL SE SAMBANDHIT BAHUT SAARE KISSE KAHANIYAN AAJ BHI PRACHLIT HAIN.UNKI PUJYA DEVI KA MANDIR AAJ BHI GHOGHARA ME MAUJOOD HAI AVAM KUCHH LOG YAHAN AAJ BHI UNKI AULAD HONE KA DAVA KARTE HAIN. SIDHI JILE ME YAH MANYATA HAI KI BIRBAL TATKALEEN REWA RAJYA KE MAHARAJA RAMCHANDRA SINGH JUDEV KE DARWAR ME HUA KARTE THE, BAAD ME UNKE DWARA HI BADSHAH AKBAR KO BHENT SWAROOP PRADAN KIYE GAYE THE. SIDHI JILA TATKLEEN REWA RAJYA KE ANTARGAT AATA THA. SIDHI JILE KO BAAJ BHI BIRBAL KE JANMBHOOMI KE NAAM SE JANA JATA HAI.

  2. good…. but u need to mention some important stories or kisse of birbal so that it will attracked by many people….. hope u will do this again!!!
    also apply my advice!!!
    actually i talked by expert so he told….

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top