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आखिर क्या हैं “नीली क्रांति” जो भारत में तेजी से बढ़ रही…

Blue Revolution in India

देश के अलग अलग क्षेत्रो को बढ़ावा देने और उसमे उत्पादन बढाने के लिए अलग अलग क्रांतियाँ शुरू की गई, जिनमे खेती के लिए हरित क्रांति, अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए श्वेत क्रांति तो वैसे ही मछली के अधिक से अधिक उत्पादन के लिए शुरू की गई “नीली क्रांति” – Nili Kranti  जो की अपने आप में एक बड़ी क्रांति कही जा सकती है।

इस क्रांति का उद्देश्य भारी मात्रा में मछलियों के उत्पादन को बढ़ाना और उन्हें बाज़ार में बेचकर मुनाफा कमाना था। भारत के गाँव स्तर तक इस क्रांति को पहुचाने के लिए अलग अलग प्रयास किये जा रहे है।

आखिर क्या हैं “नीली क्रांति” जो भारत में तेजी से बढ़ रही – Blue Revolution in India

भारत में नीली क्रांति की शुरुआत किसने की – Who Started Blue Revolution in India

नीली क्रांति की शुरुआत में भारत में अरुण कृष्णन ने की थी लेकिन बाद में सरकार ने खुद इसे एक बड़ा प्रोजेक्ट बना दिया। अगर देखा जाय तो देश और विदेश समेत पूरी दुनिया में मछली खाने और इसकी सहायता से अलग अलग उत्पाद बनाने वाले लोगो की संख्या बहुत अधिक है और वो अलग अलग तरह की मछलियाँ चाहते है।

मछली की उपलब्धता आसानी से करवाने के साथ साथ इसे व्यापार से जोड़ा गया और इसके एक क्रांति का नाम दिया गया और जन्म हुआ “नीली क्रांति” का जो आज की आज भारत में सबसे अधिक उत्पादन वाली क्रांति है।

“नीली क्रांति” में कैसे होता है काम- Blue Revolution Definition

इस नीली क्रांति को जन जन तक पहुचाने के लिए सरकार ने भी बहुत प्रयास किये है। सरकारे हमेशा से ही ये बातें आमजन तक पहुचाती है की आखिर मछली पालन से उन्हें कैसे फायदा हो सकता है। इससे उन्हें व्यापार का नया साधन और आसपास के लोगो को रोजगार मिलता है।

इसमें किसी एक तालाब या फिर बावड़ी जैसी जगह जहाँ भी पानी हो वहां मछली डाली जाती है और उन्हें समय समय पर भोजन आदि दिया जाता है। इसके अलावा वहां ऐसी व्यवस्था भी की जाती है जिससे पक्षी वहां कम से कम आये और मछलियाँ सुरक्षित रहे।

मछली पालन के साथ साथ उनके प्रजनन में भी विशेष ध्यान दिया जाता है जिससे अधिक से अधिक संख्या में मछली उत्पादन हो सके और इससे अधिक मुनाफा जुटाया जा सके| अगर बात करे तो आज के समय में गाँव के छोटे छोटे किसान भी इस कार्य में आगे आ रहे है|

क्या है भारत की स्थिति –

मछली उत्पादन में आज भारत का विश्वभर में दूसरा स्थान है। पहले स्थान में चीन काबिज है। भले ही चीज पहले स्थान में हो लेकिन बीते कई सालों से हमारे देश में मछली का उत्पादन और इससे होने वाली कमाई बढ़ रही है।

भारत मछली निर्यात बहुत अधिक करता है। अगर बात करे तो हम सबसे अधिक मछली अमेरिका को निर्यात करते है जो की लगभग 26% है तो वही आसियान देशो को लगभग 25 और यूरोपीय देशो को लगभग 20 प्रतिशत है।

साल 2010-11 में मछली का निर्यात लगभग 8.13 लाख टन था जिससे हमारे देश को 12901 करोड़ की कमाई हुई थी तो वही अगले साल यानी की 2011-12 में यह बढ़कर लगभग 8.62 लाख टन हो गया जिससे कुल कमाई 16597 करोड़ रुपये हुई। इसके बाद यह कमाई और निर्यात लगातार बढ़ रहा है और साल 2014-15 में यह 10.51 टन हो गया जिससे कमाई 33441 करोड़ रुपये थी।

इसके बाद एक पांच साल का प्रोग्राम बनाया गया जिसमे यह तय किया गया की यह मुनाफा एक लाख करोड़ तक ले जाया जाएगा| देश में सबसे अधिक झींगा मछली का उत्पादन आँध्रप्रदेश और तमिलनाडु में होता है।

अगर सभी तरह की मछलियों के उत्पादन की दृष्टि से देखे तो सबसे पहला नाम आता है पश्चिम बंगाल, इसके बाद आंध्रप्रदेश, फिर आता है गुजरात और फिर केरल और तमिलनाडु का नाम आता है। अंतर्देशीय मछली का कुल उत्पादन लगभग 6.23 मिनियन टन है जबकि समुद्री मछली का उत्पादन लगभग 3.35 मिलियन टन है।

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