देवी चंडी के मंदिर का इतिहास | Chandi Mandir History

Chandi Mandir

चंडी देवी मंदिर भारत के चंडीगढ़ शहर के नजदीक में ही आता है। यह मंदिर शक्ति की देवता मा चंडी देवी को समर्पित किया गया है। चंडी देवी का यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और जागृत तीर्थस्थल है।

Chandi Devi Temple

देवी चंडी के मंदिर का इतिहास – Chandi Mandir History

देवी चंडी का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध और जागृत मंदिर है क्यु की मंदिर के नाम से चण्डीगढ़ शहर का नाम पड़ा है। ऐसा माना जाता है की देवी चंडी का मंदिर बहुत ही पुराना है।

यह मंदिर जिस जगह पर मौजूद है उसके कारण ही मंदिर की खूबसूरती में ओर भी बढ़ोतरी हुई है क्यु की मंदिर के इलाके में कुछ खास और देखनेलायक नज़ारे है और वो सभी शिवालिक की पहाडियों में ही आते है।

देवी के दर्शन लेने के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग आते है। लोगों की देवी पर अपार श्रद्धा है और लोगों का ऐसा विश्वास भी है की देवी की सच्चे मन से भक्ति की जाये तो देवी भक्तो की हर इच्छा पूरी करती है।

अगर कोई भक्त या पर्यटक चंडीगढ़ में आता है तो वो देवी के मंदिर ना आये ऐसा हो ही नहीं सकता।

घूमनेवाले लोगों के लिए तो चंडी मंदिर एक बहुत ही अच्छी जगह है क्यु की एक तो उनके देवी के दर्शन हो जाते है और यहाँ का अनोखा और सुंदर परिसर देखने का मौका भी मिलता है।

देवी का मंदिर चंडीगढ़ कालका रास्ते पर ही लगता है। मंदिर का सुन्दर परिसर और मंदिर की दीवारों पर की गयी नक्काशी देखनेवाले लोगों को अपने तरफ़ आकर्षित करती है।

नवरात्रि के दिनों में मंदिर की सुन्दरता और भी बढ़ जाती है, सभी लोग मंदिर की नवरात्री के दिनों में बहुत बड़ी सजावट करते है और इसी समय के दौरान सभीने देवी के दर्शन करने के लिए आना चाहिए।

क्यु की यही मंदिर को भेट देने का सबसे अच्छा समय है। नवरात्री के दौरान यहापर देवी की विशेष पूजा की जाती है।

मंदिर को भेट देने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Chandi mandir

चंडी माता मंदिर को भेट देने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि के दिनों में ही है। इसके अलावा भी मार्च और अक्तूबर के महीने में भी बहुत सारे लोग देवी के दर्शन करने के लिए आते है। इसी दौरान नवरात्रि का महोत्सव बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।

मंदिर तक कैसे पहुचे? – how to reach chandi mandir chandigarh

रास्ते से – चंडीगढ़ के दोनों राष्ट्रीय महामार्ग से मंदिर तक पंहुचा जा सकता है। मंदिर के अलावा भी यहापर बहुत सारे तीर्थस्थल है। मंदिर तक आने के लिए बस की भी सुविधा की गई है और बसों में हर तरह की सुविधा उपलब्ध है।

रेलगाड़ी से – शहर में रेलगाड़ी की भी बहुत अच्छी सुविधा की गयी। हिमालय क्वीन और शताब्दी एक्सप्रेस से चंडीगढ़ और दिल्ली के बिच में हर दिन चालू ही रहती है।

हवाई जहाज से -दिल्ली, अमृतसर और लेह से हवाई जहाज से चंडीगढ़ जाने की सुविधा की गयी है। यहापर 12 किमी की दुरी पर हवाई अड्डे की सुविधा है।

किसी भी देवी के मंदिर में नवरात्री उत्सव बड़े उत्सव के साथ तो मनाया जाता ही है। लेकिन चंडीगढ़ के इस जागृत चंडी देवी मंदिर में नवरात्री का उत्सव साल में दो बार बड़े धूम धाम से मनाया जाता है।

जब अक्तूबर और मार्च में दो बार नवरात्री का उत्सव मनाया जाता है तो सभी भक्त देवी का उपवास रखते है और उनका पुरे मन से ध्यान करते है। यह मंदिर शिवालिक पहाड़ी में होने के कारण इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है।

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2 thoughts on “देवी चंडी के मंदिर का इतिहास | Chandi Mandir History”

  1. good information sir. aapne chandi mandir jaane ka har raasta bata diya may be Aeroplane , train or By Road . if someone wants to go there i will sure share this post to them. Really helpful

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