Essay on Corruption in Hindi
भ्रष्टाचार, देश की एक बड़ी और गंभीर समस्या बन चुकी है, आज देश का कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा है जहां भ्रष्टाचार व्याप्त नहीं हो, देश के कोने-कोने में भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जो कि देश के आर्थिक, सामाजिक विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है।
आज के दौर में हर कोई अपना मलतब साधने के लिए और फायदा उठाने के लिए गलत तरीके से अपने पद और पॉवर का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे लगातार भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
हालांकि, भ्रष्टाचार की समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने नोटबंदी की, कालाबाजारी के खिलाफ कई सख्त नियम-कानून बनाए इसके साथ ही भ्रष्ट और रिश्वतखोर अधिकारियों के लिए नए सिस्टम भी लागू किए, बाबजूद इसके भ्रष्टाचार की समस्या मुंह बाएं खड़ी हुई हैं, क्योंकि मनुष्य का लालचपन और स्वार्थ की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है, जो कि असामनता को जन्म दे रही है और यह असामानता समाजिक, आर्थिक और प्रतिष्ठा के मदभेद को बढ़ावा दे रही है।
सोने की चिड़िया कहे जाने वाला देश भारत में तो भ्रष्टाचार इस कदर फैल गया है कि यहां छोटे से छोटे कर्मचारियों से लेकर देश के शीर्ष पदों पर काबिज व्यक्ति भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वहीं भ्रष्टाचार के प्रति लोगों को जागरूक करने और छात्रों के लेखन कौशल में सुधार करने के मकसद से अक्सर स्कूलों में विद्यार्थियों निबंध लिखने – Essay on Corruption के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम अपने इस लेख में आपको भ्रष्टाचार पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं जो कि निम्नलिखित है –
भ्रष्टाचार पर निबंध – Essay on Corruption in Hindi
भ्रष्टाचार पर निबंध नंबर 1(1500 शब्द) – Essay on Corruption 1 (1500 Word)
भ्रष्टाचार यानि कि बिगड़ा हुआ आचरण, अर्थात ऐसा आचरण जो अनुचित और अनैतिक है। जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए और खुद को लाभ पहुंचाने के मकसद से न्याय व्यवस्था के खिलाफ जाता है या फिर किसी को हानि पहुंचाने के मकसद से अनैतिक काम करता है तो वह भ्रष्टाचारी कहलाता है।
भ्रष्टाचार ने भारत में पूरी तरह से अपनी जड़े जमा ली हैं, और अब देश से इसका खात्मा करना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है। भ्रष्टाचार की वजह से ही आर्थिक और तकनीकी विकास होने के बाबजूद आज भी हमारा देश विकसित देशों से काफी पीछे है।
देश के कोने-कोने पर भ्रष्टाचार इतना फैल गया है कि आज छोटे से छोटे अधिकारी से लेकर देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे नेता लोग भी भ्रष्टाचार में लिप्त है। वहीं अब टीवी और न्यूजपेपर में करोड़ो, अरबों के घोटाले की खबरे छपना आम बात हो गईं है, हर दिन देश में नया घोटाला सामने आता है।
अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए लोग जमकर घोटाला कर रहे हैं, जिससे देश के सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में बाधा पैदा हो रही है और हमारा देश भारत अंदर से खोखला होता जा रहा है।
भारत में हुए सबसे बड़े और चर्चित घोटाले – Scandals in India
भारतीय कोयला आवंटन घोटाला – साल 2004 से 2009 के बीच कोयला ब्लॉक का गलत तरीके से आवंटन किया गया।सीएजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सरकारी खजाने को करीब 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए का भारी नुकसान पहुंचा।
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला –
यह देश का सबसे बड़ा आर्थिक घपला माना जाता था। साल 2008 में कैग ने अपनी एक रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल उठाए थे, दरअसल 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस बांटे गए थे।
जिसमें कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को करीब 1 लाख 76000 करोड़ रुपए का भारी नुकसान झेलना पड़ा था। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा समेत दिग्गज लोग शामिल थे।
वक्फ बोर्ड भूमि घोटाला-
गैर कानूनी तरीके से कई हजार एकड़ जमीन का आवंटन कर दिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 सालों में वक्फ बोर्ड ने लगभग 22 हजार संपत्तियों पर कब्जा कर उन्हें निजी संस्था और लोगों को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को करीब 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
कॉमनवेल्थ घोटाला –
साल 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम में बड़ा घोटाला किया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉमनवेल्थ खेलों में करीब 70 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई, जबकि हकीकत में इसकी आधी राशि ही कॉमनवेल्थ गेम और खिलाड़ियों पर खर्च की गई।
तेलगी घोटाला –
इस घोटले का मुख्य आरोपी अब्दुल करीम तेलगी को ठहराया गया था, साल 2002 में यह घोटाला सामने आया। दऱअसल, तेलगी के पास स्टाम्प पेपर बेचने का लाइसेंस था, लेकिन उसने इसका अवैध और गलत तरीके से इस्तेमाल किया और नकली स्टाम्प पेपर छापे और बैंकों और संस्थाओं को बेचना शुरु कर दिया था, इसमें करीब 20 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था।
सत्यम घोटाला –
साल 2009 में हुए इस घोटले में करीब 14000 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
बोफोर्स घोटाला –
1980 और 90 के दशके में इस घोटले का खुलासा किया गया था। साल 1986 में राजीव गांधी सरकार ने 400 तोपें खरीदने का सौदा किया था। इस घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी आरोप लगे थे। इसके में करीब 100 से 200 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था।
चारा घोटाला –
1996 में इस घोटाले का खुलासा हुआ जिसमें बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालु प्रसाद यादव शामिल थे, इसमें करीब 900 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था।
इसके अलावा भी अन्य कई घोटाले किए गए हैं, जिससे देश को आर्थिक रुप से काफी नुकसान हुआ है। इन घोटालों और भ्रष्टाचार की वजह से ही आज हमारे देश में गरीबी, भुखमरी जैसी समस्याएं जन्म ले रही हैं।
भ्रष्टाचार के प्रभाव – Effects of corruption
आज के दौर में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो कि भ्रष्टाचार से अछूता हो, हर क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी वजह से राष्ट्रीय चरित्र का तो हनन हो ही रहा है, इसके साथ ही देश आर्थिक रुप से भी विकास नहीं हो रहा है।
लगातार बढ़ रही भ्रष्टाचार की समस्या का खामियाजा गरीब और ईमानदारी जनता भुगत रही है और तमाम तरह की समस्याएं पैदा हो रही है। भ्रष्टाचार कई तरह से देश और लोगों को प्रभावित कर रहा है। वहीं हम आपको नीचे भ्रष्टाटार से पड़ने वाले कुछ प्रभाव के बारे में बता रहे हैं –
- देश का राष्ट्रीय, सामाजिक और आर्थिक रुप से विकास में बाधा रहो रही है।
- देश की आम जनता को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
- बेरोजगारी की समस्या विकाराल रुप धारण कर रही है।
- गरीबी, भुखमरी बढ़ रही है।
- नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
- असमानता का जन्म हो रहा है।
- वास्तविक प्रतिभा का हनन हो रहा है।
- आत्महत्याओं के ग्राफ में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
- बाजार में मिलावटी सामान मिल रहा है।
- रिश्वतखोरों की संख्या बढ़ रहा है।
- आस्था, धर्म और विश्वास के नाम पर लोगों का शोषण हो रहा है।
- राष्ट्रीय चरित्र का हनन हो रहा है।
- जरूरतमंदों और गरीबों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ।
भ्रष्टाचार के मुख्य कारण – Reasons for Corruption
आज के आधुनिक युग में हर कोई ऐश, आराम और सुखभरी जिंदगी जीना चाहता है, वहीं कई बार इन्हीं सुख-सुविधाओं को पाने के लिए इंसान के अंदर लालच की भावना विकसित होती है और वे कई ऐसे गलत काम करने लगते हैं जो कि भ्रष्टाचार जैसी गंभीर संमस्या को जन्म देती है, वहीं इसके पीछे कई ऐसे कारण छिपे हुए हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे कुछ प्वाइंट के माध्यम से बता रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –
- मनुष्य का भौतिक सुखों के प्रति आर्कषण।
- मनुष्य की लालची और स्वार्थी प्रवृत्ति का बढ़ना।
- मनुष्य की इच्छाओं का बढ़ना।
- ऐश और आराम भरी जिंदगी जीने की आदत।
- झूठा दिखावा और प्रतिष्ठा पाने की वजह से बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
- नैतिक मूल्यों का पतन।
- पैसे को अधिक मूल्य देना।
- धन के बल पर किसी उच्च पद और प्रतिष्ठा की चाहत।
- बिना मेहनत किए अधिक धन कमाने की चाह।
- झूठी सामाजिक प्रतिष्ठा पाने के लिए।
- भ्रष्टाचार के प्रति कड़े नियम-कानून नहीं बनना।
- गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी बढ़ना।
- जनसंख्या में वृद्धि से भी भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा।
- राष्ट्रभक्ति का अभाव।
- मानवीय संवदनाओं और भावनाओं में गिरावट।
- समाज में लोगों के बीच आर्थिक असमानता की भावना से बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
- जल्दी आगे बढ़ने की होड़ में बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
- ज्यादा फायदा कमाने की वजह से बढ़ रहा भ्रष्टाचार।
इसके अलावा भी भ्रष्टाचार बढ़ने के कई और भी कारण है, जिससे इसकी जड़ी गहराती जा रही हैं। वहीं भ्रष्टाचार की समस्या को खत्म करने के लिए जब तक सब लोग एक जुट होकर नहीं लड़ेगे और अपने लालची स्वभाव को नहीं सुधारेंगे, तब तक इस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है।
भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय – How to Stop Corruption
भ्रष्टाचार की समस्या जिस तरह से हमारे देश में पांव पसार रही है, उसको खत्म करने के लिए हम सभी को मिलकर एक साथ सहयोग करना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार की समस्या समाज में किसी एक व्यक्ति से शुरु होकर पूरे समाज में फैल जाती है।
वहीं इसके लिए समय-समय पर हमारी सरकारें उचित कदम भी उठाती हैं, जिसके बाद थोड़े दिन तक तो व्यवस्था ठीक चलती है, लेकिन फिर बाद में मनुष्य की लालची प्रवृत्ति और भौतिकवादी सुख पाने की लालसा से यह समस्या पनपने लगती है, इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए हम आपको नीचे कुछ उपायों को बता रहे हैं जो कि इस प्रकार है –
- ईमानदार लोगों को प्रोत्साहित कर उन्हें पुरस्कृत करना।
- नैतिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना विकसित कर।
- त्याग, कठोर आत्मनियंत्रण और आत्मबल की जरूरत।
- सत्य के साथ जीने की आदत।
- कम में ही गुजारा करने की आदत।
- आर्थिक असमानता को दूर करने की जरूरत।
- कर्मचारियों को अच्छा वेतन दिया जाए।
- रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं।
- जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण कर।
- हर विभाग और कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाए।
- भ्रष्टाचार के प्रति कठोर से कठोर नियम बनाए जाए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर।
- कालाबाजारी और मिलावटी पर रोक लगाकर।
- काले धन के प्रति सख्त नियम बनाकर।
निष्कर्ष – Conclusion
भ्रष्टाचार की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को काफी हानि पहुंच रही है। भ्रष्टाचार की वजह से न सिर्फ हमारे देश की नैतिकता और प्रतिभा का हनन हो रहा है बल्कि मानवीय संवेदनाएं भी नष्ट होती जा रही है। जिस पर जल्द से जल्द लगाम लगाने की जरूरत है।
अगले पेज पर आपके लिए और Bhrashtachar Par Nibandh….
भ्रष्टाचार पर निबंध नंबर 2 – (500 शब्द) – Bhrashtachar Par Nibandh (500 Word)
प्रस्तावना- Introduction
भ्रष्टाचार एक विकराल समस्या बनती जा रही है, देश का आर्थिक रुप से विकास नहीं हो रहा है और ईमानदार, सच्चे और प्रतिभावान व्यक्तियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला रहा है।
भ्रष्टाचार ने आज हर क्षेत्र में अपनी गहरी जड़े जमा ली हैं, जिसे हटाना अब बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।भ्रष्टाचार अगर ऐसा ही बढ़ता गया तो आने वाले दिनों में देश के लिए काफी संकट पैदा हो सकता है।
भ्रष्टाचार का अर्थ – Meaning of Corruption
भ्रष्टचार दो शब्दों से मिलकर बना है – भ्रष्ट + आचार।भ्रष्ट यानि की बिगड़ा या बुरा और आचार यानि की व्यवहार, आचरण।
बिगड़े हुए आचरण को ही भ्रष्टाचार कहा जाता है। अर्थात जो लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अपने पद और पॉवर का अनैतिक तरीके से इस्तेमाल करते हैं, वे भ्रष्टाचारी कहलाते हैं। वहीं आज के युग में भ्रष्टाचारियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है।
आज हर क्षेत्र में लोग अपने फायदे के लिए किसी के धन अथवा उसकी भावनाओं का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार फैल रहा है।
भ्रष्टाचार का प्रभाव – Influence of Corruption
भ्रष्टाचार से देश में गरीबी और भुखमरी जैसी गंभीर समस्याएं उत्पनन हो रही हैं, सच्ची प्रतिभा का नाश हो रहा है, भ्रष्टाचारी लोग आगे बढ़ रहे हैं। नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। देश को आर्थिक रुप से काफी नुकसान पहुंच रहा है।मानवीय संवेदना खत्म हो रही हैं।
लोग अपने मतलब और फायदे के लिए दूसरे के स्वास्थ्य और उसकी प्रगति और विकास से जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं।भ्रष्टाचार का सीधा प्रभाव देश और व्यक्ति के विकास पर पड़ रहा है।
भारत में भ्रष्टाचार और चर्चित घोटाले
भारत में भ्रष्टाचार पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ रहा है, हर क्षेत्र भ्रष्टाचार में संलिप्त है। सरकारी अथवा गैर सरकारी सभी विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।छोटे कर्मचारी से लेकर देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग भी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं। जिससे देश के आर्थिक विकास को काफी क्षति पहुंची है।भारत में कोयला घोटला, चारा घोटाला, 2 जी स्पेक्ट्रम, बोफोर्स घोटाला समेत तमाम ऐसे घोटाले हैं, जिसमें देश के कई दिग्गजों का नाम भी शामिल है।वहीं इससे देश की छवि धूमिल हो रही है।
भ्रष्टाचार के मुख्य कारण – Reasons for Corruption
- मनुष्य का स्वार्थी और लालची प्रवृत्ति का होना
- समाज में फैली असमानता
- भौतिक सुखों की आदत
- ऐश और आराम की जिंदगी जीने की चाहत
- झूठी शान-शौकत और प्रतिष्ठा
- बिना मेहनत किए ज्यादा पैसा कमाने की चाहत
- भ्रष्टाचार के प्रति कठोर नियम-कानून नहीं होना।
- धन को सबसे ज्यादा महत्व देना
भ्रष्टाचार रोकने के उपाय – How to Stop Corruption
- भ्रष्टाचार के लिए कठोर से कठोर नियम बनाए जाएं और सजा का प्रावधान किया जाए।
- नैतिकता और शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया जाए।
- सच्ची प्रतिभा को आगे बढ़ने का मौका दिया जाए।
- ईमानदारों को प्रोत्साहित किया जाए।
- असमानता की भावना दूर करने की जरुरत।
- लोगों में त्याग, आत्मनियंत्रण की भावना विकसित की जाए।
- कालाबाजारी पर लगाम लगाई जाए।
निष्कर्ष – Conclusion
भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है, जिस पर जल्द से जल्द काबू पाने की जरूरत है,क्योंकि इससे न सिर्फ हमारा देश आर्थिक रुप से पिछड़ रहा है बल्कि देश के नैतिक मूल्यों का भी पतन हो रहा है और अमानवीय कृत्यों को बढ़ावा मिल रहा है।
भ्रष्टाचार पर निबंध (400 शब्द) – Bhrashtachar Essay in Hindi (400 Word)
आजकल हर कोई अपना मतलब साधने के लिए और फायदा उठाने के लिए गलत तरीके से अपने पद और ताकत का इस्तेमाल कर रहा है।जिससे देश और व्यक्ति का विकास रुक रहा है और नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
भ्रष्टाचार की वजह से चोरी, डकैती, मर्डर, जैसे जघन्य अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है, क्योंकि लोग अपने ऐश और आराम और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए और अधिक धन कमाने की चाहत में गलत तरीका अपना रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार पनप रहा है और मानवीय संवेदनाएं नष्ट हो रही हैं।
भ्रष्टाचार की वजह से देश के ईमानदार व्यक्ति पिस रहे हैं, और रिश्वरखोर और भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। झूठी समाजिक प्रतिष्ठा और दिखावे के लिए लोगों में भ्रष्टाचार की भावना विकसित हो रही है।
वहीं आज के युग में लोग भौतिक सुखों के इतने आदि हो चुके हैं कि वे अपनी सुख-सुविधा के लिए गलत तरीकों को अपना रहे हैं। यहां तक की कई लोग तो अपने फायदे के लिए दूसरों के धन का भी गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, आज कोई भी ऐसा विभाग नहीं बचा है, जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हो, चाहे सरकारी हो अथवा गैरसरकारी सभी विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
भारत में 2 जी स्पेक्ट्रम, चारा घोटाला, बोफोर्स घोटाला, कोयला घोटाला समेत कई ऐसे घोटाला सामने आए जिसमें देश के सर्वोच्च पद पर काबिज राजनेताओं के नाम भी शामिल हैं।
ज्यादा पैसा पाने की चाहत में हर कोई अपनी जेब भर रहा है, जिससे देश आर्थिक रुप से कमजोर हो रहा है और देश की छवि लगातार धूमिल हो रही है, इससे देश की मर्यादा का भी उल्लंघन हो रहा है।
भ्रष्टाचार की वजह से ही हमारे देश में भुखमरी और गरीबों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और देश मे उन्नत और विकसित देशों से कहीं ज्यादा पीछे है।इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारे देश ने पिछले कुछ सालों से काफी तरक्की की है, और कई आईटी कंपनियां भी हमारे देश में आई हैं जो देश को निरंतर प्रगति की ओर ले जा रही हैं।
लेकिन शर्मिंदगी इस बात की है कि इन सबके बाबजूद भी हमारे देश में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी वजह से देश उतनी तेजी से विकास नहीं कर पा रहा है, जितना कि उसे करना चाहिए।
वहीं इस पर लगाम लगाने की जरूरत है तभी हमारा देश उन्नत और विकसित देशों की लिस्ट में शुमार हो सकेगा।
भ्रष्टाचार पर निबंध (300 शब्द) – Essay on Bhrashtachar in Hindi (300 Word)
प्रस्तावना –
भ्रष्टाचार, आज देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, जिससे देश की नैतिक और समाजिक मूल्यों का जमकर हनन हो रहा है, इसके साथ ही देश की प्रतिष्ठा और छवि भी धूमिल हो रही है।
भ्रष्टाचार की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान देश के ईमानदार और सच्चे लोगों को हो रहा है और उनकी भावना को ठेस पहुंच रही है, जो सही मार्ग अपनाकर अपनी प्रतिभा के बल पर आगे बढ़ना चाहते हैं।
भ्रष्टाचार की प्रमुख वजह
इंसान का बढ़ रहा लालचपन और अत्याधिक स्वार्थी प्रवृत्ति ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।आज लोग अपने भौतिक सुखों को भोगने की चाह में गलत तरीके से सच्चे लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनके धन का अनैतिक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से भ्रष्टाचार की समस्या लगतार देश में अपने पांव पसारती जा रही है।
इसके अलावा लोग अपनी झूठी प्रतिष्ठा और दिखावे के लिए गलत तरीके से धन अर्जित कर रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का हो, मनोरंजन का हो या फिर अन्य कोई क्षेत्र हर क्षेत्र में छोटे से छोटे कर्मचारियों से लेकर सर्वोच्च पदों पर काबिज अधिकारी भी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं, अधिक धन की चाहत में लोग गलत तरीके से अपने पद और ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
भ्रष्टाचार पर कैसे लगेगी लगाम
- ईमानदार लोगों को प्रेरित कर
- नैतिक मूल्यों के महत्व पर दिया जाए जोर
- ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षित कर
- भ्रष्टाचार के प्रति कठोर नियम कानून बनाकर
- समाज में फैली असमानता को दूर कर
- त्याग और आत्मनियंत्रण की जरूरत
निष्कर्ष –
भ्रष्टाचार पर जल्द से जल्द लगाम लगाने की जरूरत है, नहीं तो हमारा देश आर्थिक रुप से कमजोर होता चला जाएगा और देश का विकास रुक जाएगा और अपराधों को बढ़ावा मिलेगा। इस दिशा में हम सभी को सहयोग करने की जरूरत है, तभी भ्रष्टाचार जैसी विकराल समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
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