Essay on Summer Vacation
गर्मियों की छुट्टियों का अमूमन हर बच्चे को बेसब्री से इतंजार रहता है, हर बच्चा समर वेकेशन के लिए पहले से ही अपने प्लान बनाना शुरु कर देता है, कोई अपने परिवार के साथ पहाड़ी जगहों पर घूमने का प्लान बनाता है तो कोई अपने नानी-दादी के घर जाने के बारे में सोचता है।
गर्मियों की छुट्टियों के लिए हर कोई अपने-अपने स्तर पर प्लान बनाता है और उसे मुकम्मल करने की कोशिश करता है। इसके अलावा कई बच्चे अपनी गर्मियों की छुट्टियों का सदुपयोग करने के लिए कई तरह के लैग्वेंज कोर्सेस, इंग्लिश स्पीकिंग कोर्सेस सीखते हैं या फिर कई बच्चे अपनी हेल्थ फिटनेस को लेकर स्वीमिंग कोर्सेस और स्पोटर्स एक्टिविटी भी करना पसंद करते हैं।
गर्मियों की लंबी छुट्टी के दौरान हर कोई अपने-अपने तरीके से आनंद लेता है। वहीं कई बार स्कूलों में अध्यापकों द्धारा गर्मियों की छुट्टी के विषय पर निबंध – Essay on Summer Vacation लिखने के लिए बच्चों से कहा जाता है तो इसलिए हम आपको अपने इस लेख में अलग-अलग शब्द सीमाओं के अंदर गर्मियों पर निबंध उपलब्ध करवाएंगे। ताकि आप अपनी जरूरत के अनुसार इन निबंध से मद्द ले सकें जो कि नीचे लिखे गए हैं –
गर्मियों की छुट्टियों पर निबंध – Essay on Summer Vacation in Hindi
गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 1 (250 शब्द) – Garmi Chutti par Nibandh (250 Word)
समर वेकेशन ऐसा टाइम होता है, जिसमें बच्चे सबसे ज्यादा खुश दिखाई देते हैं, उनके चेहरे में सबसे ज्यादा खुशी झलकती है क्योंकि न ही उन्हें होमवर्क पूरा करने की टेंशन होती है और न ही सुबह जल्दी उठने का डर सताता है।
स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चे को अपनी गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार रहता है और तो और कई बच्चे इसके लिए कई महीने पहले से ही योजना बनाना शुरु कर देते हैं तो वहीं पेरेंट्स भी बच्चों को एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए लालच देते हैं कि क्लास में टॉप करने पर वे उन्हें गर्मियों की छुट्टियों के ट्रिप ले जाएंगे।
आपको बता दें कि हर स्कूल में गर्मियों की छुट्टियों के अपनी समय अवधि होती है, लेकिन ज्यादातर स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां करीब 45 दिनों की होती है। इतनी लंबी छुट्टियों में कई बच्चे कम्यूटर कोर्स सीखते हैं तो कई बच्चे स्वीमिंग क्लासेस ज्वाइन करते हैं तो कई बच्चे अलग-अलग तरह की लैंग्वेज सीखने की कोशिश करते हैं या फिर कई बच्चे पेंटिंग बनाना, कुकिंग क्लासेस, डांस क्लासेस, ऐरोबिक्स क्लास, मेंहदी क्लास, ब्यूटी क्लास ज्वाइन करना भी पसंद करते हैं।
दरअसल, गर्मियों के दौरान तापमान बहुत ज्यादा होता है, इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए इस दौरान सभी स्कूल-कॉलेज बंद हो जाते हैं, ताकि बच्चे इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकें और आराम कर सके। इसके साथ ही गर्मियों में बच्चे अपने एक्स्ट्रा एक्टिविटी पर भी ध्यान दे सकें। समर वेकेशन में बच्चे अपने कमजोर विषय पर भी ध्यान देकर उसमें सुधार लाने की कोशिश करते हैं।
अगले पेज पर और भी Summer Vacation पर निबंध …..
गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 2- (400 शब्द) – Essay on Summer Vacation No.2 (400 Word)
करीब डेढ़ महीने की लंबी छुट्टियां यानि की गर्मियों की छुट्टियां जिसका हर बच्चे को पूरी साल बेस्रबी से इंतजार रहता है, एनुअल एग्जाम खत्म होने के बाद लगने वाली गर्मियों की छुट्टियों की प्लानिंग, बच्चे कई दिन पहले से ही करने लग जाते हैं।
स्कूल की आखिरी घंटी बजने पर खुश होने वाले बच्चों के लिए यह समय काफी सुखद और अच्छा होता है। गर्मियों की छुट्टियां स्कूल में साल भर एक जैसा रूटीन और होम वर्क करने की टेंशन से छुटकारा मिलने का समय होता है, जिसका हर कोई आनंद उठाना चाहता है।
यही वजह है कि गर्मियों के दौरान बच्चों के लिए कई स्पोर्ट्स कैम्प, और एजुकेशनल कैम्प भी आयोजित करवाए जाते हैं। इसके अलावा बच्चों के माइंड को विकसित करने के लिए कई तरह की एक्टिविटीज भी करवाई जाती हैं।
ताकि बच्चों का शारीरिक और मानिसक तौर पर अच्छी तरह से विकास हो सके। इसके अलावा कई बच्चे जो गणित, अंग्रेजी या फिर किसी अन्य विषय पर कमजोर होते हैं, उनके लिए गर्मियों की छुट्टियों का समय बेहद कीमती होता है, क्योंकि वह इसी दौरान अपने कमजोर विषयों को अच्छे से रिकवर कर सकते हैं।
इसके अलावा बच्चों के ढेर सारे प्लान होते हैं, जैसे कि कोई ट्रिप की योजना बनाता है या फिर कोई गर्मियों की छुट्टियों में सेल्फ डिफेंस जैसे ताइक्वांडो आदि की क्लासेस ज्वाइन करता है, कुल मिलाकर गर्मियों की छुट्टियां का मकसद बच्चों को तपती धूप से बचाना यानि की स्वस्थ रखना और उन्हें पढ़ाई के अलावा भी अन्य चीजों में परिपक्व बनाना होता है।
इसके साथ ही गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को पढ़ाई के अलावा अन्य क्षेत्रों में अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का मौका मिलता है, जिससे कि उन्हें मल्टीराउंडर बनने में भी मद्द मिलती है। इसके अलावा बच्चों को इस दौरान बच्चों को अपनी दादी-नानी के घर जाकर उनके साथ वक्त बिताने का भी मौका मिलता है, क्योंकि पूरे साल तो बच्चे अपने स्कूल, ट्यूशन की पढ़ाई में ही व्यस्त रहते हैं।
गर्मी की छुट्टियां बच्चों की भावनाओं से भी जुड़ी रहती हैं, इस दौरान वे खुलकर मस्ती करते हैं और खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। यह समय हर बच्चे के जिंदगी में खुशियों से भरा होता है, क्योंकि ज्यादातर पेरेट्स अपने बच्चों की गर्मियों की छुट्टियों को खास बनाने की कोशिश करते हैं ताकि बच्चे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सके और उनका बेहतर तरीके से विकास हो सके।
और आगे आने वाले साल की पढ़ाई के लिए वह पूरे जोश, उत्साह और नई ऊर्जा के साथ एडमिशन लेकर उसमें बेहतर कर सकें और खुद की प्रतिभा का लोहा मनवा सकें।
गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 3- (500 शब्द) – Essay on Summer Vacation No.3 (500 Word)
यूं तो कभी त्योहारों पर या फिर विेशेष अवसरों पर तो छुट्टियां मिलती रहती हैं, लेकिन सप्ताहिक अवकाश या फिर त्योहारों पर मिले अवकाश में सिर्फ थकान मिटा सकते हैं और फिर दूसरे दिन वही दिनचर्या स्कूल के लिए सुबह जल्दी उठना, बैग रेडी करना, होमवर्क करना, ट्यूशन पढ़ना, प्रोजक्ट कम्लीट करना और इसके अलावा पढ़ाई के बोझ के अलावा पेरेट्स का अच्छे अंक लाने का प्रेशर रहना पूरे साल इसी दिनचर्या से मन ऊब जाता है और इस शेड्यूल से कुछ अलग करने का मन करता है जैसे कि अपने पसंद की डांस क्लासेस, स्पोर्ट्स क्लब ज्वाइन करना आदि।
और इन सबके लिए सबसे बेस्ट समय होता है गर्मियों की छुट्टियां, क्योंकि यह काफी लंबे समय के लिए होती हैं और इसी दौरान बच्चों को अन्य क्षेत्र में खुद को विकसित करने का मौका मिलता है।
इस बार गर्मियों की छुट्टियों को लेकर मैने(रमेश) अपने भाई के साथ कई प्लान बनाए थे, जैसे कि रोज सुबह क्रिकेट खेलना, फिर दोपहर में आइसक्रीम खाना, मैंगोशेक पीना और तरबूज खाना और फिर शाम को ताइक्वांडो क्लास करना और पार्क में बैठकर अपने दोस्तों से मिलना आदि, इसके अलावा मेरे मम्मी-पापा ने मेरे और मेरे भाई के लिए गोवा का ट्रिप प्लान किया था, जहां जाकर मुझे बेहद अच्छा लगा और यह गर्मियों की छुट्टियां मानो मेरी अब तक की छुट्टियों में बेस्ट थी।
क्योंकि गोवा के ट्रिप के दौरान मैने अपने मम्मी-पापा और भाई के साथ समुद्र के लहरों के बीच जमकर मौज-मस्ती की। इन लम्हों को यादगार बनाने के लिए ढेर सारी पिक्चर्स क्लिक की इसके साथ ही मैने अपने परिवार वालों के साथ मनोरंजन के लिए वॉटर स्पोर्ट्स भी किए, जिन्हें कर मुझे बेहद अच्छा लगा, ऐसा लगा कि मानो मै कोई अलग दुनिया में आ गया हूं।
वहां मैने पैराग्लाइडिंग की, डोलफिन देखी और स्पीड वोट पर पहले तो मुझे थोड़ा सा डर लगा लेकिन फिर मुझे बहुत मजा आया, ऐसा अनुभव मैने पहली बार किया। यही नहीं समुद्र के पास मैने अपना पसंदीदा बर्गर और कोल्ड ड्रिंक भी पी।
मै इस दौरान अपनी पढ़ाई की सारी टेंशन को भूलकर सिर्फ मौज-मस्ती के मूड में था। इस दौरान मैने कई अलग-अलग देश के लोगों और अलग-अलग धर्मों के लोगों से भी बातचीत की, डांस किया और अपनी मम्मी-पापा के साथ गोवा में पन्जिम बीच में क्रूज का आनंद लिया।
6 घंटे के इस क्रूज में मेरे हर एक सेकेंड का अनुभव बेहद अच्छा था, मेरे अंदर इस दौरान कई सकारात्मक विचार आ रहे थे और मेरे अंदर नई ऊर्जा का संचार भी हो रहा था। यह सब मुझे बेहद अच्छा लग रहा था। इस ट्रिप के 5 दिन कैसे बीत गए मुझे पता ही नहीं चला।
इसके बाद जब मैं अपने इस ट्रिप से वापस लौटा तो मै दिल्ली में अपनी नानी के यहां 4 दिन रूका जहां मैने उन्हें अपने इस ट्रिप के अनुभव को बताया और नानी के हाथों का स्वादिष्ट खाना खाया, नानी ने मुझे गिफ्ट में एक नोवेल और क्रिकेट किट भी दी है, जो कि मुझे बेहद अच्छी लगी।
यह छुट्टियां मेरी अभी तक की सबसे अच्छी छुट्टियों में से एक थी। इसके बाद वापस घर लौटकर मैने अपना प्रोजक्ट वर्क खत्म किया। आपको बता दूं कि मै इस बार की अपनी छुट्टियों से बेहद खुश और संतुष्ट हूं।
गर्मियों की छुट्टियों निबंध नंबर 4 (600 शब्द) – Essay on Summer Vacation No. 4 (600 Word)
गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को साल भर रहता है और इसकी प्लानिंग बच्चे पहले से ही कर लेते हैं। कई अपने परिवार और दोस्तों के साथ पहाड़ी इलाके में जाने का प्लान बनाते हैं तो कई अपने दादा-नानी या फिर किसी रिश्तेदार के यहां जाने की योजना बनाते हैं।
वहीं गर्मियों की छुट्टियां काफी लंबी होती है, इसलिए बच्चे इस मौके पर कई अलग-अलग तरह की एक्टिविटी भी सीखने की कोशिश करते हैं। आपको बता दें कि यह निबंध गर्मियों की छुट्टियों में उत्तराखंड की यात्रा का लुफ्त उठाने पर आधारित है –
यह निबंध रमेश (बदला हुआ नाम) की उत्तराखंड यात्रा पर आधारित है –
मै (रमेश) अपने परिवार के साथ गर्मियों की छुट्टियां व्यतीत करने नैनीताल गया। जहां मै अपने एक रिश्तेदार के यहां रुका और अपनी गर्मियों की छुट्टी मौज-मस्ती करते गुए बिताईं। होम वर्क नहीं करने की खुशी, पेरेंट्स का पढा़ई का प्रेशर या फिर एग्जाम का बोझ को भूलकर मै बहुत खुश था।
और इसके साथ नैनीताल का टूर मानो सोने पर सुहागा। मैने अपनी गर्मियों की छुट्टी के करीब 20 दिन नैनीताल में अपनी बुआ के यहां अपने मम्मी-पापा और अपने बुआ के बच्चों के साथ व्यतीत किए। जो कि मेरे सबसे खास पलों में से एक है।
यह यात्रा करीब 15 दिनों की थी। मैने अपनी यह यात्रा दिल्ली से नैनीताल तक ट्रेन से की औऱ अपनी इस यात्रा के दौरान मैने अपने मम्मी-पापा के साथ ट्रेन में भेलपुरी, पूरी आलू का आनंद लिया। इसके अलावा मैने अपने भाई-बहन और मम्मी-पापा के साथ ढेर सारी पिक्चर्स क्लिक की, ताकि मै अपनी इस यात्रा के खास पलों को यादगार बना सकूं और इन लम्हों को हमेशा अपने पास रख सकूं।
इसके बाद जब मै अपने बुआ के घर पहुंचा, तो उन्होंने मेरे लिए मेरी पसंद का मैगोशेक बनाया, जिसे पीकर मुझे काफी अच्छा लगा। इसके अलावा उन्होंने मेरी मनपसंद राजमा, चावल बनाए यही सिलसिला मेरे नैनीताल की पूरी यात्रा के दौरान चलता रहा।
रोज-रोज बुआ मेरा मनपसंद खाना बनाती और शाम के वक्त मुझे घुमाने ले जाती और मै उनके अपने चचेरे भाई-बहनों के साथ बास्केट बॉल, फुटबॉल कबड्डी, खो-खो जैसे खेल खेलता।
वहीं एक दिन मै अपने भाई-बहनों के साथ नैनी झील और वॉटर फॉल देखने गया। जहां जाकर मुझे बेहद अच्छा लगा और मै हमेशा अपने खाली वक्त में यहां आना पसंद करूंगा। नैनी झील में मैने अपने मां-पापा के साथ बोटिंग भी की, जिसे कर मुझे काफी मजा आया, यहां का दृश्य मानो मुझे काफी मोहित कर रहा था, चारों तरफ हरियाली और नैनी झील की खूबसूरती देख मैने बहुत सारी पिक्चर्स क्लिक की और इसके बाद मैने आइसक्रीम खाई और शिकंजी भी पी।
मैने अपने नैनीताल के ट्रिप के दौरान वहां की संस्कृति से भी सीखने की कोशिश की, इस दौरान मै कई अलग-अलग धर्मों के लोगों से भी मिला, जिनसे मैने उनके धर्म और संस्कृति के बारे में खुलकर बात की और अपने विचार भी साझा किए।
नैनीताल के ट्रिप से मै बेहद खुश हूं, क्योंकि इस ट्रिप ने मेरी गर्मियों की छुट्टियों का मजा दोगुना कर दिया और मुझे इससे काफी कुछ सीखने को भी मिला। मुझे लगता है कि यह छुट्टियां अभी तक कि मेरी सभी छुट्टियों में से बेस्ट थी।
इन छुट्टियों से मै पूरी तरह संतुष्ट हूं और बेहद खुश भी हूं। मुझे अपनी छुट्टियों के दौरान अपने सभी परिवारजनों और रिश्तेदारों से मिलने का मौका मिला, इस दौरान मैने अपने मनपसंद फल खाए, तैराकी की, अपने मनपसंद खेल खेले और नैनीताल में होने वाले कुछ मौसमी फलों का भी लुफ्त उठाया।
इतने सारे सुखद पलों का अनुभव रहा कि मेरी आंतरिक आत्मा पूरी तरह से संतुष्ट हो गई और फिर जब मै अपने ट्रिप से वापस लौटा तो मैने फ्रेश मूड के साथ अपने समर वेकेशन प्रोजेक्ट पर काम किया और अपनी बड़ी बहन की मद्द से समर वेकेशन का अपना होम वर्क पूरा किया।
इस तरह मेरी पूरी गर्मियों की छुट्टियां खुशीपूर्वक बीती और अब स्कूल खुलने वाले थे, जिसको लेकर अब मेरे मन में पॉजिटिव फीलिंग आ रही थी, ऐसा लग रहा था मानो इन छुट्टियों से मुझे अपनी 1 साल तक तक की पढ़ाई के लिए एनर्जी मिल गई हो। अब मै पूरी तरह से फिट और अच्छा महसूस कर रहा हूं।
धन्यवाद।
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