हिन्दी दिवस पर कुछ कविताएँ | Hindi Diwas Poem

Hindi Diwas Poem

हिंदी भाषा विश्व की दूसरी सबसे बड़ी भाषा हैं। इसलिए हम 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस – International Hindi Day और 14 सितम्बर को हम राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। 1949 को इस दिन हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ। भारत और अन्य देशों में 80 करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।

हिन्दी भाषा हम सभी हिन्दुस्तानियों की पहचान है, यह भाषा हम सभी भारतीयों को एकसूत्र में बांधने का काम करती है, यह हमारी राष्ट्रीय एकता की पहचान भी है। हिन्दी हमारी मातृभाषा है, यह आमजन की भाषा है जो हमें अपनेपन का एहसास करवाती है, लेकिन आधुनिक युग में अंग्रेजी भाषा के बढ़ती जरूरत के साथ हिन्दी भाषा का महत्व कम होता जा रहा है, इसलिए हिन्दी भाषा की तरफ आज की युवा पीढ़ी का ध्यान आर्कषित करने के लिए हर साल हमारे देश में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाता है।

हिन्दी दिवस को पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, इस मौके पर स्कूल समेत तमाम शिक्षण संस्थानों में तमाम कई के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें कविताओं आदि के माध्यम से हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है।

भारत विविधताओं वाला देश है, जहां अलग-अलग  जाति, लिंग पंथ, धर्म के लोग रहते हैं, जिनके खान-पान, परंपरा, रहन-सहन, रीति-रिवाज, एवं भाषा एक दूसरे से बिल्कुल अलग है, लेकिन इन सबके बाबजूद भी हमारे देश के ज्यादातर लोग हिन्दी भाषा बोलते हैं, क्योंकि हिन्दी एक बेहद सरल औऱ सहज भाषा है, जिसे हर व्यक्ति बेहद सरलता के साथ समझ सकता है। वहीं इस भाषा की सहजता और सुगमता को देखते हुए भी इसे हिन्दुस्तान की राष्ट्र भाषा का दर्जा दिया गया है।

हिन्दी, हिन्दुस्तान की शान मानी जाती है, यह भाषा हमारी अनूठी संस्कृति और संस्कारों का अनूठा प्रतिबिंब है। वहीं इस भाषा के प्रति हर हिन्दुस्तानी के ह्रदय में सम्मान हैं।

इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में हिन्दी दिवस पर कुछ ऐसी कविताएं उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल न सिर्फ आप अपनी स्कूलों में आय़ोजित प्रोग्राम्स के दौरान कर सकते हैं बल्कि इन कविताओं को अपनी सोशल मीडिया साइट्स व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि पर शेयर कर लोगों को हिन्दी भाषा के महत्व को समझा सकते हैं और इसके प्रति उन्हें जागरूक कर सकते हैं। –

हिन्दी दिवस पर कुछ कविताएँ – Hindi Diwas Poem

Hindi Diwas Poem

Hindi Diwas Poem – “हिंदी भाषा”

हिंदुस्तानी हैं हम गर्व करो हिंदी भाषा पर,
उसे सम्मान दिलाना और देना कर्तव्य हैं हम पर।।
ख़त्म हुआ विदेशी शासन,
तोड़दो अब उन बेड़ियों को।।
खुले दिल से अपनाओ इस खुले आसमां को,
लेकिन ना छोड़ो धरती माँ के प्यार को।।
हिंदी हैं राष्ट्रभाषा हमारी,
इस पर करो जिन्दगी न्यौछावर सारी।।

Hindi Diwas Kavita – “राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी”

संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।
वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।

Poem on Hindi Diwas – “हिंदी हैं हम”

हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा,
कितना अच्छा व कितना प्यारा है ये नारा।
हिंदी में बात करें तो मूर्ख समझे जाते हैं।
अंग्रेजी में बात करें तो जैंटलमेल हो जाते।
अंग्रेजी का हम पर असर हो गया।
हिंदी का मुश्किल सफ़र हो गया।
देसी घी आजकल बटर हो गया,
चाकू भी आजकल कटर हो गया।
अब मैं आपसे इज़ाज़त चाहती हूँ,
हिंदी की सबसे हिफाज़त चाहती हूँ।।

~ दिविशा तनेजा

14 सिंतबर, 1949 को हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया था। इस दिन भारत की संविधान सभा में हिन्दी को भारत गणराज्य की अधिकारिक भाषा घोषित किया गया था, इसलिए तब से लेकर आाज तक इसे हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाता है।

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन के महत्व को समझते हुए इस दिन को हिन्दी दिवस के रुप में मनाने की इच्छा जाताई थी। आपको बता दें कि भारत में पहली बार हिन्दी दिवस, 14 सितंबर साल 1953 में मनाया गया था। वहीं हिन्दी भाषा को देश की अधिकारिक या राष्ट्रभाषा के रुप में इस्तेमाल करने का निर्णय भारतीय संविधान में 26 जनवरी 1950 से प्रभाव में आया है।

भारत के संविधान सभा में देवनागिरी लिपी में लिखी गई हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था, जिसके बाद हिन्दी भाषा देश में आम जन के संवाद का माध्यम बनती चली गई और इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ता चला गया और यह भारतीयों की सबसे पसंदीदा एवं दिलों की भाषा बन गई, जिसके माध्यम से भारतीय अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से उजागर कर पाते हैं।

हालांकि, स्कूल, कॉलेज, कॉपरेट सेक्टर की मीटिंग्स, इंटरव्यू आदि में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते इस्तेमाल से अब अंग्रेजी लोगों की जरूरत की भाषा बन चुकी है, जिसके चलते आज भी युवा पीढ़ी का ध्यान हिन्दी भाषा की तरफ से हट रहा है।

इसलिए हिन्दी के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी, दुनिया में बोली जाने वाले मुख्य भाषाओं में से एक है साथ ही हम सभी भारतीयों के सम्मान और स्वाभिमान की भाषा है। वहीं इस तरह की कविताएं लोगों के अंदर न सिर्फ हिन्दी भाषा के प्रति सम्मान पैदा करती हैं, बल्कि इसकी अहमियत को समझने में भी मद्द करती हैं।

Hindi Diwas Kavita – “जीवन की परिभाषा”

जन-जन की भाषा है हिंदी
भारत की आशा है हिंदी……
जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है
वो मजबूत धागा है हिंद ……
हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी
एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी…
जिसके बिना हिन्द थम जाए
ऐसी जीवनरेखा है हिंदी…
जिसने काल को जीत लिया है
ऐसी कालजयी भाषा है हिंदी…
सरल शब्दों में कहा जाए तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी…

~ अभिषेक मिश्र

Hindi Diwas par Kavita – “हिन्दी”

हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दोस्तान की जाई हूँ……
सबसे सुन्दर भाषा हिन्दी,
ज्यों दुल्हन के माथे बिन्दी,
सूर, जायसी, तुलसी कवियों की,
सरित-लेखनी से बही हिन्दी……
हिन्दी से पहचान हमारी,
बढ़ती इससे शान हमारी,
माँ की कोख से जाना जिसको,
माँ,बहना, सखि-सहेली हिन्दी……
निज भाषा पर गर्व जो करते,
छू लेते आसमाँ न डरते,
शत-शत प्रणाम सब उनको करते,
स्वाभिमान….. अभिमान है हिन्दी…
हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दोस्तान की जाई हूँ…

~ सुधा गोयल

विश्व में हिन्दी साहित्य दुनिया के सबसे समृद्ध साहित्य के रुप में जाना जाता है। कई महान विद्धानों और बड़े-बड़े साहित्यकारों ने अपने महान विचारों और भावनाओं को हिन्दी भाषा का इस्तेमाल कर समझाया है और लोगों के अंदर जीवन जीने के प्रति एक नई चेतना पैदा की है। इसके साथ ही हिन्दी भाषा के प्रति लोगों को प्रोत्साहित भी किया है। वहीं हिन्दी का साहित्य आज व्यक्तिगत, राजनीतिक एवं सामाजिक अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त हथियार के रूप में उभरा है।

हिन्दी भाषा, हमारे देश के युवाओं में नए विचारों को जन्म देने में मद्द करती है, इसके साथ ही हिन्दी भाषा के माध्यम से हम भारतीय अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से उजागर कर सकते हैं। हिन्दी भाषा न सिर्फ संवाद को सरल और सहज बना देती है बल्कि लोगों को आपस में जोड़ने का भी काम करती है।

वहीं हिन्दी भाषा हम सभी भारतीयों की पहचान हैं और भारतीय संस्कृति की विरासत है, लेकिन धीरे-धीरे इसका महत्व कम होता जा रहा है। आजकल अंग्रेजी भाषा की बढ़ती डिमांड के चलते हिन्दीभाषियों को गंवार और अनपढ़ के रुप में देखा जाने लगा है, हिन्दीभाषियों को वो सम्मान नहीं दिया जाता है और न ही उन्हें उतनी तवज्जो दी जाती है, हिन्दी बोलने वालों को तुच्छ नजरिए से देखा जाता है, जो कि बेहद निंदनीय है।

आज हमारा देश अंग्रजों की गुलामी से आजाद तो हो गया है, लेकिन हम सभी हिन्दुस्तानी अंग्रेजी के गुलाम बन बैठे हैं, इसलिए हिन्दी भाषा को उतना मान-सम्मान नहीं दे पा रहे हैं, जितना कि किसी भी देश को अपनी राषट्रभाषा को देना चाहिए।

हालांकि, आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो हिन्दी भाषा को उचित दर्जा दिलवाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वहीं हिन्दी दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से  हिन्दी भाषा के महत्व को बढ़ाने के लिए हिन्दी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं आप भी इस तरह की कविताओं को सोशल मीडिया साइट्स पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की कोशिश करें ताकि हम सभी के ह्रदय में अपनी मातृभाषा के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना पैदा हो सके।

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