कमांडर अभिनंदन की जाबांजी की कहानी

”मिग-21 से एफ-16 उड़ाओ तब अभिनंदन नाम कहाओ ”

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडकर अभिनंदन वर्तमान के साहस और जाबांजी के किस्से आज पूरे देश में हो रहे हैं। उन्होंने अपने साहस, जज्बे और हुनर के बल पर न सिर्फ दुश्मन देश पाकिस्तान को झुकने पर मजूबर कर दिया बल्कि पाकिस्तान का अत्याधिक आधुनिक फाइटर प्लेन F-16 को मार गिराकर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों पर पानी फेर कर अपनी वीरता और साहस का परिचय दिया।

दुश्मन देश की हिरासत में रहकर भी भारत के इस जाबांज बेटे अभिनंदन का मनोबल एक पल के लिए भी कमजोर नहीं पड़ा और वह निर्भीक और अपने मजबूत इरादों के साथ डटे रहे।

IAF Pilot Abhinandan Varthaman

भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन की जाबांजी की कहानी – IAF Pilot Abhinandan Varthaman

आपको बता दें कि 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सीमा में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था।

भारत की एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान ने पलटवार करने की नापाक कोशिश की और पाकिस्तानी वायुसेना की तरफ भारत की वायुसीमा का उल्लंघन किया गया और भारत में घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसे खदेड़ने के लिए हुए हवाई संघर्ष में भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान ने पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान मार गिराया।

हालांकि इस दौरान भारतीय वायुसेना का विमान मिग-21 क्रैश हो गया। इस संघर्ष के फलस्वरुप विंग कमांडर अभिनंदन का पैराशूट पाकिस्तान की सीमा पर आगे बढ़ गया और वह पाकिस्तान के एक गांव में कूद पड़े, इसके बाद उन्हें दुश्मन देश पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में ले लिया था, लेकिन फिर 1 मार्च को उनके जज्बे और हौसले को देखके हुए शांति का हवाला देकर पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया था।

आपको बता दें कि जब आईएफ पायलट अभिनंदन वर्तमान का पैराशूट पाकिस्तान के गांव में गिरा था तो उन्हें खुद भी नहीं पता था कि वे हिन्दुस्तान में है या फिर पाकिस्तान में है, जिसके बाद उन्होंने आस-पास के लोगों से पूछा और फिर उन्हें पता चला कि वे पाकिस्तान के एक गांव में आ गए।

वहीं इसी दौरान उन्हें भीड़ ने पकड़ लिया, वहीं इस दौरान उन्होंने देश की सुरक्षा से संबंधित अत्याधिक संवेदनशील दस्तावेजों को नष्ट कर किया, कुछ कागजात वह खा गए, जबकि कुछ जरूरी कागजात उन्होंने पानी में फेंक दिए, ताकि देश की सुरक्षा से संबधित किसी भी तरह की जानकारी पाकिस्तान के हाथ नहीं लग सके।

वह अपने मजबूत इरादों के साथ पाकिस्तानियों के सामने खड़े रहे और करीब 60 घंटे बाद सकुशल अपने वतन लौटे। वहीं इस दौरान पाकिस्तान के लोगों ने तमाम तरह के वीडियो जारी कर उनका मनोबल गिराने की भी कोशिश की थी, लेकिन उनके साहस के सामने पाकिस्तानियों की सभी कोशिशें नाकाम रहीं और आखिर में पाकिस्तान को अपना सिर झुकाने पर मजबूर होना पड़ा है।

आपको बता दें कि अभिनंदन का जन्म 21 जून 1983 को हुआ था। उन्होंने 19 जून 2004 में वायुसेना में ज्वाइन किया था। वहीं अभिनंदन का परिवार पिछली तीन पीढि़यों से दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से सुरक्षा बलों में शामिल है विंग कमांडर अभिनंदन के पिता एस. वर्तमान एयर मार्शल रह चुके हैं, उन्होंने कारगिर के युद्ध में साहस का परिचय दिया था।

आपको बता दें कि वे कारगिल युद्ध के दौरान मिराज स्काड्रन के चीफ ऑपरेशन्स ऑफिसर थे,इसके साथ ही उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल भी मिल चुका है।

उनकी माता डॉ. शोभा मेडिसन सैन्स फ्रंटियर के साथ दुनिया के कई युद्ध और दुर्घटनाग्रस्त इलाकों में डॉक्टर के तौर पर सेवाएं दे चुकी हैं। वहीं अभिनंदन की पत्नी मरवाह भी 15 साल तक एयरफोर्स में बतौर स्क्वॉड्रन लीडर सेवाएं दे चुकी हैं। फिलहाल, अब वो एक निजी कंपनी में अफसर हैं।

फिलहाल आज पूरा देश अभिनंदन की बहादुरी, जज्जे और हौसले को सलाम कर कर रहा है। आज हर हिंदुस्तानी का सीना – गर्व से चौड़ा है और देश को इस जांबाज विंग कमांडर पर फक्र है। अभिनंदन की जाबांजी आने वाली कई पीढ़ियो को प्रेरित करेगी।

4 thoughts on “कमांडर अभिनंदन की जाबांजी की कहानी”

  1. Bhartiye ving commander Abhinandan ki ye bahaduri is desh ke yuyao ko salo tak insipire karta rahega. I selute to him. Jankari padkar accha laga. Aise hi or bhi jankari share karte rahiye.

  2. अभिनंदन की वीरता का आज दुनिया लोहा मान रही है..आज हर हिन्दुस्तानी का सीना फ़क्र से चौड़ा है…आपने अपने लेख में बिल्कुल सही कहा हमारी आने बाली पीढ़ी को अभिनंदन की जाँबाज़ी प्रेरित करेगी

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