कांची कैलासनाथ मंदिर का इतिहास | Kanchi Kailasanathar Temple

Kanchi Kailasanathar Temple

कांची कैलासनाथ मंदिर, कांचीपुरम की प्राचीनतम संरचनाओ में से एक है। भारत के तमिलनाडु में द्रविड़ियन आर्किटेक्चरल आकार में बना यह एक हिन्दू मंदिर है। यह भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है और यह इसके एतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।

Kanchi Kailasanathar Temple

कांची कैलासनाथ मंदिर का इतिहास – Kanchi Kailasanathar Temple

कैलासनाथ मंदिर का निर्माण समर्थ परंपरा में भगवान शिव, विष्णु, देवी, सूर्य, गणेश और कार्तिकेय की पूजा के लिए किया गया।

मंदिर के निर्माण का श्रेय पल्लव साम्राज्य को दिया जाता है, जिन्होंने अपने साम्राज्य का निर्माण कांचीपुरम को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाकर किया। हिन्दू धर्म में कांचीपुरम को सात पवित्र शहरो में से एक माना जाता है।

कांची में जब पल्लव ने अपने क्षेत्र को उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में विस्तारित किया तब नरसिम्हा वरं प्रथम के शासनकाल में उन्होंने तमिल, आंध्र और कन्नड़ को विकसित कर कांचीपुरम को अपने साम्राज्य की राजधानी बनाया और वहा बहुत से मंदिर का भी निर्माण करवाया।

यह मंदिर 640-730 AD के समय का है और यहाँ इस समय का एक और मंदिर भी है, जिसे वैकुण्ठ पेरूमल मंदिरके नाम से जाना जाता है। इस प्रकार कांचीपुरम वैकुण्ठ पेरूमल मंदिर और कैलासनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

इस मंदिर का निर्माण 685-705 AD में किया गया। नरसिम्हावरं द्वितीय (राजसिम्हा) द्वारा दक्षिण भारत में बनाया गया यह पहला मंदिर है। उनके पुत्र महेंद्रवरं तृतीय ने मंदिर के सामने के मुख और गोपुरम (टावर) का निर्माण करवाया था।

इससे पहले मंदिरों का निर्माण या तो लकडियो से या तो पहाड़ो की कटाई कर किया गया था, जिनका उदाहरण हमें महाबलीपुरम में भी दिखाई देता है।

दक्षिण भारत में कैलासनाथ मंदिर किसी आदर्श से कम नही। स्थानिक धारणाओ के अनुसार युद्ध के समय विविध साम्राज्यों के लिए यह मंदिर सुरक्षित अभयारण्य की तरह था। मंदिर में एक सुरंग का निर्माण भी किया गया था, जिसका उपयोग सुरक्षित रूप से भागने के लिए किया जाता था।

इस मंदिर में बलुआ पत्थरो से यहाँ बहुत से नक्काशियाँ की गयी है, जिनमे अर्ध-पशु देवताओ की मूर्तियाँ भी शामिल है, जो द्रविड़ियन आर्किटेक्चरल पीरियड में काफी प्रसिद्ध थी। इस संरचना में कुल 58 छोटे मंदिर है, जो भगवान शिव के विविध रूपों को समर्पित है। यह मंदिर शहर के मुख्य आकर्षण केंद्रों में से एक है।

वर्तमान में कांची कैलासनाथ मंदिर की देखरेख आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया कर रहा है।

कांची कैलासनाथ मंदिर उत्सव- Kanchi Kailasanathar Temple festival

मंदिर में महाशिवरात्रि का उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, इस दौरान मंदिर में हजारो श्रद्धालु आते है। महाशिवरात्रि के दिन शाम में यहाँ एक भव्य पूजा का आयोजन भी किया जाता है।

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