कान्हा राष्ट्रीय उद्यान | Kanha National Park

Kanha National Park

भारत जैसे बड़े देश में कई सारे राज्य है। हमारे यहाँ वातावरण में विविधता होने के कारण हर राज्य का मौसम एक दुसरे से बिलकुल अलग है। इस विविधता के कारण हर राज्य में घने घने जंगल पाए जाते है। इसी तरह का जंगल मध्य प्रदेश में भी देखने को मिलता है।

मगर इस जंगल को आरक्षित किया गया है और इसे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – Kanha national park नाम दिया गया। इस उद्यान में कई सारे प्रजाति के प्राणी और पक्षी पाए जाते है। इस उद्यान के ऐसे कुछ प्राणी है जो केवल इसी कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते है।
Kanha National Park

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – Kanha national park

यह सबसे मशहूर कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के सातपुडा पर्वतो में स्थित है। यह उद्यान यहाँ के टाइगर रिज़र्व के लिए काफी प्रसिद्ध है और इसके साथ ही यह दुनिया के सबसे अच्छे जंगलो में से एक माना जाता है।

यह उद्यान मंडला और कालाघाट दोनों जिलो के बिच में आता है और इसीलिए इस उद्यान को सन 1879 में आरक्षित वन घोषित कर दिया था और बाद में सन 1933 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया था और बाद में सन 1955 में इसे राष्ट्रीय उद्यानघोषित कर दिया।

मैकल की पहाड़ी में स्थित कान्हा राष्टीय उद्यान लगभग 940 वर्ग किमी है। अगर यहाँ का पूरा इलाका जोड़ा जाए तो इस उद्यान का कुल क्षेत्र 1945 वर्ग किमी हो जाता है।

इस उद्यान में कई सारे देखने लायक जगह है और साथ ही यहाँ का घना जंगल तो किसी निसर्ग प्रेमी को आनंदित कर देगा। यहाँ पर पाये जाने वाले झरने इस उद्यान की खूबसूरती को ओर बढ़ाने का काम करते है और साथ ही इस जंगल साफ़ सुथरा रखने का काम भी इन्ही झरनों का है।

सभी तरह के प्राणी और वनस्पति इस उद्यान में देखने को मिलते है। यहाँ पर यात्रियों का विशेष ध्यान रखा जाता है और इसीलिए दुनिया के सभी कोने से यात्री इस उद्यान को देखने के लिए आते है। यहाँ की सबसे खास और देखनेलायक जो जगह है वो बम्मी दादर है, इसे सनसेट पॉइंट भी कहते है।

अभी इस उद्यान में कई सारी जाती और प्रजाति की प्राणियों का संरक्षण किया जाता है। जो जातिया ख़तम होने की राह पर है उन्हें भी इस उद्यान में संभाला जाता है। पुरे एशिया में सबसे खुबसूरत उद्यान में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का भी नाम लिया जाता है। यहापर ज्यादा बाघ होने के कारण भी हमारे देश को बाघों का देश भी कहा जाता है।

इस उद्यान की सबसे खास बात यह है की यहापर सभी तरफ़ घास से भरे मैदान है। यहाँ के घास के मैदान में काला हिरन, दलदल का हिरन, सांभर और चीतल आम तौर पर पाए जाते है। इस उद्यान को देखकर रुडयार्ड किपलिंग ने जंगल बुक किताब लिखी थी जो हमें जंगल में रहने वाले मोगली की याद दिलाती है।

भारत में बहुत सारी जगह पर सर्कस और प्राणी संग्रहालय होते है तो वहापर बाघ देखने को मिलते है। लेकिन कभी ऐसा भी हो सकता है की आप जंगल घूम रहे है और अचानक आपके सामने बाघ आ जाए। इस तरह बाघ देखने हो तो भारत में कई सारे जंगल है जहापर खुले आम बाघों को घूमते हुए देखा जाता है। इसी तरह के दृश्य आपको कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में भी देखने को मिलते है।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य आकर्षण – Highlights of Kanha National Park

इस उद्यान में बाघ, आलसी भालू, जंगली बिल्ली, जंगली भैस और बैल, सांभर, चीतल, बारसिंघा, भौकने वाला हिरन, काला हिरन, चौसिंघा, निलगाई, हिरन, लोमड़ी, पोर्कुपिने, लकड़बग्धा, अजगर, खरगोश, नेवला और तेंदुआ जैसे जंगली प्राणी देखने को मिलते है।

इस उद्यान में मोर, सारस, तिल, पितलो, तालाब के पौधे, जंगली मुर्गी, हरा कबूतर, रोक कबूतर, अंगूठी कबूतर, कोयल, पपीहा, उल्लू और फ्लाई काचेर्स किंगफ़िशर जैसे पंछी भी बड़ी संख्या में देखने को मिलते है।

इस कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सबसे खास और देखनेलायक कोई प्राणी है तो वो बारसिंघा और हिरन ही है। कान्हा में पाए जाने बारसिंघा बहुत ही अद्भुत प्राणी है जो इस उद्यान में बम्बू और सागौन के जंगलो में पाया जाता है। कुछ बीस साल पहले की बात है तब सभी बारसिंघा ख़तम होने की कगार पर थे मगर उन्हें बचाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाये गए जिससे अब वो पूरी तरह से खतरे के बाहर है।

इस उद्यान के मैदान में ठंडी के दिनों में बारसिंघा बड़ी संख्या में देखने को मिलते है और साथ ही इस दौरान बाघों की गतिविधिया भी काफी बढ़ जाती है। एक बाघिन अपने दो बच्चो के साथ एक दिन में पुरे जंगल की तीन बार सैर करती है। हिरन भी निडर होकर खुलेआम जंगल की सैर करती है। जंगल बुक में जिस तरह शेर खान को एक चतुर, धोकेबाज और बहादुर बाघ के रूप में दिखाया गया है उसी तरह बाघ इस जगल में नहीं मिलते।

इस कान्हा उद्यान में एक संग्रहालय है जिसमे इस जंगल की जानकारी और यहाँ पर रहनेवाले लोगो की संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है। यह संग्रहालय हर बुधवार बंद रहता है।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान देखने का सही समय – Right time to see Kanha National Park

यहाँ का वातावरण काफी गरम रहता है इसीलिए गर्मी के दिनो मे यहाँ का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23.9 डिग्री रहता है। ठंडी के दिनों में यहाँ का मौसम काफी अच्छा होता है। ठंडी में यहाँ का तापमान 23।9 डिग्री और 11.1 डिग्री रहता है। यहाँ पर हर साल करीब 152 सेमी की बारिश होती है। बारिश के दिनों में जुलाई के मध्य से अक्तूबर तक यह उद्यान बंद रखा जाता है।

इस कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न तरह के पंछी पाए जाता है। कुछ पंछियों की जातीया केवल इसी उद्यान में ही पायी जाती। जो जाती इस उद्यान में पायी जाती है वो किसी भी अन्य जगह पर देखने को नहीं मिलती। बारसिंघा जैसे अद्भुत प्राणी इसी उद्यान में पाए जाते है।

एक समय ऐसा था जब उनकी संख्या बहुत कम हो गयी थी लेकिन अब बढ़ चुकी है। विभिन्न जाती के हिरन भी इसी उद्यान में ही पाए जाते है। इस उद्यान में एक संग्रहालय भी है जो यहाँ के सभी प्राणी और वनस्पति की जानकरी रखता है साथ ही इस प्रदेश के लोगो की जानकरी भी इस संग्रहालय से प्राप्त की जाती है।

Read More:

Hope you find this post about ”Kanha National Park” useful. if you like this article please share on Facebook & Whatsapp. and for latest update download: Gyani Pandit free Android app.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top