कौनसे हैं भारत के सबसे लंबे पुल – Longest Bridge in India

Longest Bridge in India

किसी भी देश की संरचना पुल के बिना अधूरी सी लगती है। मुख्य रुप से पुल के निर्माण का यात्रा के समय को कम करने के लिए और या फिर किसी नदी, या समुद्र के ऊपर बनाकर एक तरफ से दूसरे तरफ जाने के लिए करते हैं।

पुल के निर्माण से कई लाभ हैं, इससे न सिर्फ अशिक्षत व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध होता है, बल्कि कई शिक्षित इंजीनियर और आर्किटेक्ट को भी अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है। यही नहीं पुल के निर्माण पूरा होने से काफी ईंधन की बचत होती है, जिससे पर्यावरण पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है।

वहीं भारत में भी ऐसे कई पुलों का निर्माण किया गया है, जिनका इस्तेमाल एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए किया जाता है, इन पुलों को बनाने में करोड़ों, अरबों रुपए की लागत आती है।

आज हम आपको अपने इस लेख में भारत के सबसे लंबे पुलों के बारे में बता रहे हैं –

कौनसे हैं भारत के सबसे लंबे पुल – Longest Bridge in India

Longest Bridge in India
Longest Bridge in India

ढोला-सदिया पुल / भूपेन हजारिका सेतु – Dhola Sadiya Bridge / Bhupen Hazarika Bridge

भूपेन हजारिका सेतु (Bhupen Hazarika Setu) भारत का सबसे लंबा पुल है, जो कि भारत के मशहूर संगीतकार, गायक और फिल्मकार भूपने हजारिका के नाम पर बनाया गया है, भूपेन हजारिका की प्रतिभा की वजह से उन्हें 2019 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है।

भूपने हजारिका सेतु को ढोला सदिया पुल के नाम से भी जानते हैं। जो कि भारत की ब्रम्हपुत्र की एक सहायक नदी “लोहित नदी”पर बनाया गया है, आपको बता दें कि यह पुल असम के ढोला और अरुणाचल प्रदेश के सादिया शहर को आपस में जोड़ता है।

26 मई, साल 2017 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के सबसे लंबे पुल का उद्घघाटन किया था। साल 2011 से इस पुल को बनाने की शुरुआत की गई थी, जिसको बनाने में करीब 2056 करोड़ रुपए की लागत आयी है।

ढोला-सदिया पुल के बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश दोनो राज्यों की बीच की दूरी करीब 165 किलोमीटर कम हो गई है, जिसकी वजह से अब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने में महज 5 घंटे लगते हैं।

ढोला-सदिया पुल के बनने से दूरस्थ और पिछड़े इलाकों को सड़क के माध्यम से जोड़ने में भी काफी मदत मिली है, जिससे विकास कार्यों को बढ़ावा मिला है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र के उत्तरी क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी गति मिली है।

ढोला-सदिया पुल की लंबाई / चौड़ाई –

भूपेन हजारिका पुल की कुल लंबाई 9.15 किलोमीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 12.9 मीटर है।

ढोला-सदिया पुल बनने के फायदे

  • ढोला-सदिया पुल के निर्माण से औद्योगिक निवेश में बढ़ोतरी हुई है।
  • इस पुल के बनने से परिवहन नेटवर्क को मजबूती मिली है, जिससे विकास को गति मिल रही है।
  • ढोला-सदिया पुल के निर्माण से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय सेना को हुआ है क्योंकि यह पुल काफी मजबूत है, इसके साथ ही यह पुल सेना के 60 टन टैंकों के भार को संभालने की क्षमता भी रखता है।
  • इस पुल के बनने से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जिससे राज्य की आमदनी बढ़ रही है और विकास कार्यों तेजी से हो रहे हैं।
  • ढोला-सदिया पुल के निर्माण से असम से अरुणाचल प्रदेश की यात्रा महज 5 घंटे में ही तय की जा सकती है।

महात्मा गांधी सेतु – Mahatma Gandhi Setu

महात्मा गांधी सेतु भारत का दूसरा सबसे लंबा पुल है, इस पुल को गांधी सेतु या गंगा सेतु के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल बिहार में गंगा नदी के ऊपर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना हुआ है, यही नहीं यह एशिया का सबसे बड़ा पुल है।

महात्मा गांधी सेतु की लंबाई 5.75 किलोमीटर और चौड़ाई 25 मीटर है, जो कि पटना से हाजीपुर को जोड़ता है। आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड कंपनी ने किया था, इस पुल को बनाने में करीब 10 साल का समय लगा था।

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1982 में महात्मा गांधी सेतु का उद्घाटन किया था। पुल के निर्माण में करीब 87.22करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है।

आपको बता दें कि महात्मा गांधी सेतु पुल राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का हिस्सा भी रह चुका है। यह पुल पटना शहर को उत्तर बिहार और नेपाल के अन्य पर्यटन स्थल को सड़क माध्यम से जोड़ता है। वहीं वर्तमान में इस पुल से रोजाना करीब 1 से डेढ़ लाख वाहन गुजरते हैं।

बांद्रा-वर्ली समुद्र सेतु – Bandra–Worli Sea Link

बांद्रा वर्ली सी लिंक भारत का तीसरा सबसे लंबा पुल है, जो महाराष्ट्र राज्य के मुंबई के दो क्षेत्र बांद्रा और वर्ली को आपस में जोड़ता है। आपको बता दें कि इस पुल की लंबाई 5.57 किलोमीटर है और चौड़ाई करीब 66 फीट है।

इस पुल में करीब 8 लेन बनाई गई है। बांद्रा-वर्ली पुल को बनाने की शुरुआत साल 2000 में हुई थी, जबकि यह पुल 24 मार्च, 2010 तक पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था, इस पुल को पूरी तरह से तैयार करने में करीब 10 साल का समय लग गया था।

हालांकि इस पुल का उद्घाटन पुल बनने के दौरान ही 30 जून, 2009 में कर दिया गया था, उद्घाटन के समय 8 लेन में से 4 लेन बनकर तैयार हो चुके थे। इस पुल को बनाने में करीब 16 अरब रुपए की धनराशि का खर्चा आया है।

आपको बता दें कि इस पुल का निर्माण हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्धारा किया गया था। पहले मुंबई के बांद्रा से वर्ली पहुंचने में करीब 80 मिनट का समय लगता था, लेकिन इस पुल के बनने से सिर्फ 6-7 मिनट में यह दूरी पूरी की जा सकती है।

बोगिबील सेतु – Bogibeel Bridge

भारत की ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगिबील सेतु भारत का चौथा सबसे बड़ा पुल है, इस पुल की लम्बाई 4.94 किलोमीटर (16,210 फीट) है। आपको बता दें यह भारत के पहला और एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेलवे और रोड पुल है।

इस पुल के ऊपर 3 लाइन की एक सड़क है और 4.94 किलोमीटर लंबे इस पुल के नीचे दोहरी रेल लाइन है। आपको बता दें कि यह पुल ब्रह्पुत्र नदी के जलस्तर से करीब 32 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है।

भारत का सबसे बड़ा रेलवे और सड़क पुल असम के धेमाजी और डिब्रुगढ़ को आपस मे जोड़ने का काम करता है। इस पुल के निर्मण काम की शुरुआत साल 2002 में की गई थी, जिसे साल 2018 के अंत में पब्लिक के लिए खोल दिया गया था। इसके निर्माण काम में 50 बिलियन से भी ज्यादा रुपए की लागत आ चुकी है।

आपको बता दें कि इस पुल की खासियत यह है कि इस तरह की तकनीक से स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले पुल को बनाया गया है। इसके अलावा इस पुल की टेस्टिंग का काम जर्मनी ने किया है।

विक्रमशिला सेतु – Vikramshila Setu

विक्रमशिला सेतु भारत की गंगा नदी पर बना भारत का पांचवा सबसे लंबा पुल है। इस पुल की कुल लंबाई 4.7 किलोमीटर (15,400 फीट) है। यह पुल बिहार के भागलपुर मे स्थित है।

इस पुल के निर्माण की शुरुआत साल 2001 में की गई थी। महात्मा गांधी सेतु के बाद विकमशिला सेतु बिहार का दूसरा सबसे लंबा पुल है।

आपको बता दें कि 4.7 किलोमीटर लंबे इस पुल में दो लेन बने हुए है, यह पुल गंगा नदी के विपरीत किनारे पर चल रहीं दो बड़ी सड़कें NH-80 और NH-31 के बीच एक लिंक के रुप में काम करता है।

विक्रमशिला पुल भागलपुर को पूर्णिया और कैथीर से भी जोड़ता है, इस पुल की वजह से लोगों को काफी सुविधा हुई हैं, क्योंकि इसकी वजह से यात्रा की दूरी काफी कम रह गई है।

विक्रमशिला पुल के माध्यम से रोजाना भारी तादाद में लोग आवागमन करते हैं, वहीं इस पुल में बढ़ते यातायात की वजह से ही इसके बगल मे एक नया पुल बनाने पर विचार विमर्श किया जा रहा है। जून 2018 मे इसकी मंजूरी भी दे दी गई है।

वेंबनाद रेलवे ब्रिज – Vembanad Rail Bridge

वेंबनाद पुल भारत का छठवां और केरल का पहला सबसे लंबा पुल है, यह केरल के सुंदर झील वेंबनाद के ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा इसे भारत का सबसे लंबा रेल ब्रिज माना जाता है।
केरल के कोच्चि में बने ‘वेंबनाद रेलवे ब्रिज’ की लम्बाई 4.62 किलोमीटर और चौड़ाई महज 6 फीट ही है। यह पुल केरल के दो क्षेत्र एडप्पाली और वल्लारपदम को आपस मे जोड़ता हैं, इसलिए इसे एडप्पाली-वल्लारपदम पुल के नाम से भी जाना जाता है।

आपको बता दें कि इस पुल को बनाने की शुरुआत जून 2007 में की गई थी, इस पुल को बनाने में करीब 4 साल लग गए थे। 31 मार्च साल 2010 में यह पुल पूरी तरह से बन चुका था। वहीं 11 फरवरी, साल 2011 में इस पुल को पब्लिक के लिए खोल दिया गया था।

वहीं इस सबसे लंबे रेलवे ब्रिज वेंबनाद की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके नीचे से बड़े समुद्री जहाज भी गुजर सकते हैं। आपको बता दें कि यह लाइन पूरी तरह से माल ढुलाई के लिए काम करती है।

दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल – Digha Sonpur Bridge

दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल भारत की गंगा नदी पर बना सातवां सबसे लंबा पुल है, जिसे जे पी सेतु और लोकनायक जय प्रकाश नारायण सेतु भी कहते है। यह पुल बिहार में पटना और सोनपुर को आपस में जोड़ता है।

दीघा-सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल की लम्बाई 4.5 किलोमीटर (14,948 फीट) और चौड़ाई 33 फीट है। इस पुल की खासियत यह है कि यह पुल रेल और सड़क दोनों की सुविधाएं उपलब्ध करवाता है।
बिहार में बने इस दीघा सोनपुर पुल का निर्माण काम साल 2003 मे शुरू हुआ था, इसे बनाने में करीब 13 साल का लंबा समय लगा था, यह पुल अगस्त 2015 में पूरी तरह बनकर तैयार हो गया।

इसके बाद इस पुल को 3 फरवरी 2016 में पब्लिक के लिए खोल दिया गया था। आपको बता दें कि इस पुल को बनाने में करीब 1,570 करोड़ की धनराशि खर्च हुई थी। इस पुल का लोकार्पण पीएम मोदी ने किया था, जबकि र्स्वगीय पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के द्धारा इस पुल का शिलान्यास किया गया था।

आरा-छपरा सेतु – Ara Chapra Bridge

आरा-छपरा सेतु, भारत की गंगा नदी पर बना आठवां सबसे लंबा पुल है। इस पुल को वीर कुँवर सिंह सेतु के नाम से भी जाना जाता है। बिहार में बना यह पुल यहां के भोजपुर जिले के बाबुरा और सारण जिले के डोरीगंज को आपस में जोड़ने का काम करता है।

इस पुल की कुल लम्बाई 4.3 किलोमीटर (14,270फीट) है। आरा-छपरा सेतु बनने की वजह से लोगों को काफी सुविधा हुई है, इसके बनने से आरा और छपरा की दूरी करीब 100 किलोमीटर तक कम हो गई है।

आपको बता दें कि इस पुल को बनने में करीब 7 साल का समय लग गया। आरा-छपरा पुल को बनाने की शुरुआत साल 2010 मे हुई थी, जो कि साल 2017 में पूरी तरह बनकर तैयार हो गया था।

इसे 11 जून, 2017 में जनरल पब्लिक के लिए खोल दिया गया था। इस पुल को बनाने में करीब 860 करोड़ रुपए की राशि का खर्च आया था।

गोदावरी ब्रिज – Godavari Bridge

भारत की गोदावदी नदी पर बने तीन पुलों में से एक है। यह भारत का नौवां सबसे बड़ा पुल है, जिसकी लम्बाई 4.13 किलोमीटर (13,566 फीट) है। कोवुर-राजमुंदरी के नाम से भी जाना जाता है।

गोदावरी का यह पुल कोव्वुर को पूर्वी गोदावरी जिले में दीवाचेरवु से राजामंड्री बाईपास एक्सप्रेस रोड मे जोड़ देती है।

आपको बता दें कि गोदावरी नदी पर बने इस पुल को बनाने का काम साल 2009 मे शुरू हुआ था, जो कि साल 2012 मे बनकर तैयार हो गया था, हालांकि इसे आम जनता के लिए साल 2015 में खोला गया है। इस पुल को बनाने में करीब 800 करोड़ रुपए की लागत आई है।

मुंगेर गंगा सेतु – Munger Ganga Bridge

मुंगेर गंगा सेतु भारत में गंगा नदी पर बना हुआ भारत का दसवां सबसे लंबा पुल है। इस पुल की लंबाई 3.6 किलोमीटर और चौड़ाई 12 मीटर है। यह पुल दो शहर मुंगेर और जमालपुर को आपस में जोड़ता है।

इस पुल का शिलान्यास र्स्वगीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने साल 2002 में किया था। पुल बनने के बाद 12 मार्च, साल 2016 में इस पुल में रेल मालगाड़ी की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी।

यह पुल आम जनता के लिए 11 अप्रैल साल 2016 को खोल दिया गया था। इस पुल की खासियत यह है कि इसमें सड़क और रेल दोनों की सुविधा उपलब्ध करवाई गईं हैं, लेकिन कुछ कमियों की वजह से अभी सड़क सुविधा शुरु नहीं की जा सकी है।

5 thoughts on “कौनसे हैं भारत के सबसे लंबे पुल – Longest Bridge in India”

  1. hi Shivangi,
    bahut hi acha article likha hai apne , gyanipandit par maine jab bhi visit kiya hai kush na kush knowlagable article hi padhne ko mila hai india ke longest bridges ke bare me bahut jankari mili. aise hi article share karte rhe

  2. बेहतरिन जानकारी दी है आपने.
    इससे बहुत कुछ सीखने को मिला।
    थैंक्स ज्ञानीपण्डित टीम

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