जनसंख्या पर निबंध – Population Essay in Hindi

Population Essay in Hindi

जनसंख्या वृद्धि आज हमारे देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है, वहीं अगर इस समस्या पर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो मनुष्य इस धरती पर रहना मुश्किल हो जाएगा और मनुष्य के जीवन जीने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं बचेंगे, जिससे वे भुखमरी का शिकार हो जाएंगे।

वहीं बढ़ रही जनसंख्या को लेकर लोगों को जागरूक करने के मकसद से हमारी सरकार द्धारा समय-समय पर अभियान भी चलाए जाते हैं जिससे लोग परिवार नियोजन के लिए अपने आगे कदम बढ़ा सके।

इसके साथ ही स्कूल/कॉलेज समेत अन्य संस्थानों में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में जनसंख्या के विषय पर निबंध (Population Essay)लिखने के लिए भी कहा जाता है।

जिससे आज की युवा पीढ़ी जनसंख्या वृद्धि को लेकर जागरुक हो सके और जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जान सकें। वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में जनसंख्या पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Population Essay in Hindi

जनसंख्या पर निबंध – Population Essay in Hindi

प्रस्तावना

जनसंख्या वृद्धि किसी भी देश के विकास में तो बाधा बनती ही है, इसके साथ ही कई और बड़ी मुश्किलें भी पैदा करती हैं। वहीं भारत में काफी गंभीर और बड़ी समस्या बन चुकी है।

जनसंख्या वृद्धि -भारत की एक विकराल समस्या

आज हमारे देश भारत में लगातार बढ़ रही जनसंख्या एक विकराल समस्या बन चुकी है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से आज हमारा देश विकास के मामले में अन्य देशों की तुलना में काफी पीछे हैं।

भारत में जनसंख्या बढ़ने से गरीबी बढ़ रही है, बेरोजगारी की समस्या पैदा हो रही है, व्यापार विकास और विस्तार गतिविधियां जरूरत से ज्यादा धीमी होती जा रही है, आर्थिक मंदी आ रही है।

यही नहीं वन, जंगल, वनस्पतियां, जल संसाधन समेत तमाम प्राकृतिक संसाधनों का भी जमकर हनन हो रहा है और तो और खाद्य उत्पादन और वितरण भी, जनसंख्या के मुकाबले नाकाफी साबित हो रहा है। वहीं बढ़ती महंगाई भी जनसंख्या वृद्धि के सबसे मुख्य कारणों में से एक है।

प्राकृतिक संसाधनों का हनन तो हो ही रहा है साथ ही में मानव निर्मित संसाधन भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।

जनसंख्या वृद्धि के कारण ही आज हमें हर जगह घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा रहा है, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, अस्पतालों, धार्मिक या सामाजिक समारोह पर इतनी भीड़ रहती है कि कई बार पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती है।

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की आबादी 1 अरब से भी ज्यादा 1, 210, 193, 422 हैं। आबादी के मामले में भारत, विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है।

वहीं अगर ऐसा ही रहा है तो विशेषज्ञों के मुताबिक साल 2025 तक भारत, सबसे अधिक आबादी वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।

जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार के प्रयास:

• भारत सरकार ने जनसंख्या पर काबू पाने के लिए लड़कों के लिए न्यूतनतम आयु 21 साल और लड़कियों के लिए न्यूनतम आयु 18 साल तय की है, लेकिन भारत के पिछड़े और ग्रामीण इलाकों में इस नियम का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा है।

• भारत सरकार बच्चों को गोद लेने के लिए बढ़ावा दे रही है, लेकिन इससे भारतीयों की मानसिकता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, रुढ़िवादी सोच के चलते आज भी बच्चा गोद लेने से कतराते हैं।

भारत सरकार द्धारा शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार के यह नियम-कानून लागू नहीं हो रहे हैं।

निस्कर्ष

हम सभी भारतीयों को जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जागरूक होना चाहिए और इस पर नियंत्रण लगाने के लिए एकजुट होकर कदम उठाने चाहिए, नहीं तो आने वाले भविष्य में इसका बुरा नतीजा भुगतना पड़ सकता है।

जनसंख्या पर निबंध – Population Par Nibandh

प्रस्तावना

जनसंख्या, किसी भी एक जगह में रहने वाले जीवों की संख्या है। वहीं दुनिया के कई हिस्सों में कुछ कारणों की वजह से जनसंख्या ज्यादा है, तो कई हिस्सों में आबादी का घनत्व बेहद कम हैं। वहीं विश्व में भारत, चीन समेत कुछ ऐसे देश हैं जहां आबादी इतनी बढ़ गई है कि यह गंभीर चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि जनसंख्या बढ़ने से खाने और रहने के स्त्रोतों की कमी पड़ने लगती है साथ ही जरूरत से ज्यादा आबादी किसी भी देश के विकास में बाधा पैदा करती है।

जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दुष्परिणाम – Disadvantages of Population

बेरोजागारी:

देश में लगातार बढ़ रही जनसंख्या से बेरोजगारी की समस्या पैदा हो रही है, क्योंकि आबादी बढ़ने से अशिक्षित और अनपढ़ों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे बेरोजगारी की समस्या विकराल रुप धारण करती जा रही है।

गरीबी:

जाहिर सी बात है जब आबादी बढ़ती है तो, उसके हिसाब से साधन जुटा पाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि एक सीमित मात्रा में ही हमें प्रकृति से संसाधन मिल पाते हैं। इसकी वजह से गरीबी की समस्या पैदा हो रही है।

महंगाई:

आबादी बढ़ने की वजह से महंगाई की दर लगातार इसलिए बढ़ती जा रही है, क्योंकि उत्पादन सीमित है जबकि खपत ज्यादा है, इसलिए वितरण आबादी के मुताबिक नहीं हो पा रहा है और महंगाई सातवें आसमान को छू रही है।

प्रदूषण में वृद्धि:

बढ़ रही आबादी से उद्योंगों की संख्या भी बढ़ रही है। इसके साथ ही वाहनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। वहीं इनसे निकलने वाली विषैली गैसें पर्यावरण को दूषित कर रही हैं।

जलवायु में बदलाव:

जाहिर है कि बढ़ती आबादी का सीधा प्रभाव प्रकृति पर पड़ता है, क्योंकि आजकल मनुष्य अपने ऐश और आराम के लिए प्रकृति का दोहन करने में नहीं चूक रहा है। जिसका सीधा असर जलवायु पर पड़ रहा है और इससे मौसम चक्र में भी परिवर्तन आ रहा है।

पर्यावरण पर प्रभाव:

लगातार बढ़ रही आबादी पर्यावरण पर बुरा असर डाल रही है, क्योंकि मनुष्य चंद लालच और सुख-सुविधाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का हनन करने से नहीं चूक रहा है और पेड़-पौधों को काट रहा है, जिसका बुरा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है।

वन्यजीवों की प्रजातियों में कमी:

सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि आज, मानव की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जबकि वन्य जीवों की कई प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं, क्योंकि मनुष्य अपने स्वार्थ के चलते वनों को नष्ट कर रहा है, जिसकी वजह से वन्य जीवन अपने निवास की गिरती गुणवत्ता और नुकसान की वजह से विलुप्त होते जा रहे हैं।

जीवन स्तर में कमी:

लगातार बढ़ रही आबादी से गरीबी, बेरोजगारी आदि की समस्याएं बढ़ रही हैं, जिससे लोगों के जीवन स्तर में कमी आई है।

निस्कर्ष

बढ़ रही आबादी तमाम समस्याओं को जन्म दे रही है, अगर समय रहते इस समस्या को काबू नहीं किया गया तो आने वाले भविष्य में न जाने कितने लोग घुटन और भुखमरी की वजह से मर जाएंगे। इसलिए हम सभी को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।

जनसंख्या पर निबंध – Essay on Population

प्रस्तावना

जाहिर है कि जनसंख्या किसी भी देश का मुख्य आधार होती है, जो वस्तुओं का उत्पादन करती है, वितरण करती है, साथ ही उपभोग भी करती है, इसलिए जनसंख्या को देश का साधन एवं साध्य दोनों माना जाता है लेकिन जरूरत से ज्यादा जनसंख्या किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक विकास में रुकावट पैदा करती है साथ ही कई बड़ी समस्याएं पैदा करती है।

जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण – Causes of Population Growth

शिक्षा का अभाव:

बढ़ती आबादी का सबसे बड़ा कारण शिक्षा की कमी है। क्योंकि शिक्षा से ही परिवार नियोजन के सही तरीके अपनाए जा सकते हैं, रुढिवादी विचारों से ऊपर उठा जा सकता है, कम उम्र में शादी और गरीबों जैसी समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।

बढ़ती जन्म दरें:

चिकित्सा प्रणाली में सुधार होने की वजह से जन्म दरों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं अगर आकंड़ों पर गौर करें तो 2016 में भारत में एक निश्चित समय अवधि में जन्म दर 19.3 प्रति 1000 थी, जबकि उतनी ही समय अवधि में 1000 लोगों के बीच 7.3 लोगों की ही मृत्यु हो रही है। जाहिर है कि हर पल लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

शिशु मृत्यु दर में कमी:

चिकित्सा विज्ञान ने इतनी अधिक तरक्की कर ली है कि शिशु मृत्यु दर में कमी आ गई है। वहीं यह भी जनसंख्या में बढ़ोतरी के प्रमुख कारणों में से एक है।

जनसंख्या को नियंत्रित करने के उपाय – How to Control Population

परिवार नियोजन:

जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन के सही तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।

शिक्षा का प्रसार करना:

जब लोग शिक्षित होंगे तब वे रुढिवादी विचारधाराओं से ऊपर उठ सकेंगे, परिवार नियोजन के महत्व को समझेंगे साथ ही अपने बच्चों की पढ़ाई आदि पर ध्यान देंगे और कम बच्चे पैदा करेंगे जिससे जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सकेगी।

रुढ़िवादी मानसिकता को बदलना:

जाहिर है समाज की दकियानूसी और रुढिवादी सोच जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा दे रही है। आज भी कई परिवारों में महिलाओं को बच्चे पैदा करने की मशीन समझा जाता है। और बच्चों को भगवान की देन माना जाता है।

कम उम्र में शादी की अवधारणा को बदलना:

कम उम्र में भी लड़के-लड़की की शादी करना आबादी बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक हैं। हालांकि हमारी भारत सरकार ने इसके लिए कानून भी बनाया है, लेकिन ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में आज भी कम उम्र में ही लड़के-लड़की की शादी कर दी जाती है। जिस पर सख्त जांच होनी चाहिए।

बढ़ती आबादी के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता फैलाना:

लगातार बढ़ रही जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए जनसंख्या वृद्धि से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसके लिए टीवी, रेडियो, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।

निस्कर्ष

जनसंख्या पर नियंत्रण करने के लिए अगर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो,हमारा देश विकास के मामले में पिछड़ता जाएगा और जीवन स्तर में लगातार कमी आती जाएगी। वहीं सरकार को भी इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए सख्त नियम कानून बनाना चाहिए। ताकि हमारा देश विकास के पथ पर आगे बढ़ सके।

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