समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी विचार

Karl Marx Quotes in Hindi

कार्ल मार्क्स एक महान वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और दार्शनिक होने के साथ-साथ समाजवाद के प्रणेता थे।

उन्होंने मजदूरों के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर न सिर्फ अपनी आवाज बुलंद की बल्कि अपनी थ्योरी के माध्यम से राजनैतिक परिस्थियों के बारे में समझाया।

यही नहीं उन्होंने आर्थिक मजबूती और मानवी स्वभाव को लेकर भी अपनी थ्योरी बताई। उन्हें साम्यवाद के जनक के तौर पर भी जाना जाता है।

उनका मानना था कि धर्म लोगों का अफीम है और लोकतंत्र समाजवाद का एकमात्र रास्ता है, उनके कुछ ऐसे ही महान विचार प्रेरणा देने वाले हैं।

वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में कार्ल मार्क्स के कुछ विचारों को उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया साइट्स ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर भी शेयर कर सकते हैं।

समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी विचार – Karl Marx Quotes in Hindi

Karl Marx ke Vichar
Karl Marx ke Vichar

“लोगों की ख़ुशी के लिए पहली आवश्यकता धर्म का अंत है।”

“धर्म किसी दबे हुए प्राणी की साँस है, निष्ठुर दुनिया का दिल है, बेजान परिस्थिति की जान है। यह लोगो के लिये अफीम के समान है।”

“धर्म लोगों का अफीम है।”

Karl Marx ke Vichar

Karl Marx Quotes in Hindi
Karl Marx Quotes in Hindi

“नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।”

“यदि कोई स्थायी है तो वह मै ही हु और मै कोई मार्क्सवादी नही हु।”

“यूरोप को एक काली छाया सता रही है, साम्यवाद की छाया।”

Karl Marx Quotes on Communism

जर्मन के महान अर्थशास्त्री एवं राजनैतिक क्रांतिकारी कार्ल मार्क्स 5 मई, 1818 को त्रेवेस (प्रशा) के एक यहूदी परिवार में जन्में थे।

उन्होंने न सिर्फ पूंजीवाद के खिलाफ जमकर विरोध किया, बल्कि कम्यूनिज्म के लिए आधारभूत विचार विकसित किए।

20 सदीं के दौरान कार्ल मार्क्स के महान क्रांतिकारी विचारों ने वैश्विक राजनैतिक परिदृश्य पर काफी प्रभाव डाला था। उन्होंने महिलाओं और मजदूरों के हित के लिए भी काफी काम किए।

उनका मानना था कि अनुभव सबसे सुखी और खुशहाल लोगों की प्रशंसा करता है। इसके साथ ही उनका मानना था कि, आजादी जरूरत की चेतना होती है।

उनके इस तरह के विचार ही जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

Karl Marx Quotes on Communism
Karl Marx Quotes on Communism

“शांति का अर्थ साम्यवाद के विरोध का नहीं होना है।”

“पूँजी एक मरा हुआ मजदुर है, जो पिशाच की तरह है, जोम केवल श्रम चूसकर ही जिन्दा रहता है और जितने ज्यादा समय तक जीता है उतना ज्यादा श्रम चुसता है।”

“नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।”

Karl Marx Quotes

Karl Marx Quotes
Karl Marx Quotes

“इंसान अपना खुदका इतिहास बना सकता है लेकिन वह जैसा चाहता है उसे वैसा नही बना सकता।”

“साम्यवाद के सिद्धांत को एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है : सभी निजी संपत्ति को समाप्त करना।”

“अगर कोई चीज निश्चित है तो ये कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ।”

Karl Marx Thought in Hindi

महान दार्शनिक, विचारक कार्ल मार्क्स जी ने बाद में ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। उनका मानना था कि धर्म ही लोगों का अफीम है।

इसके साथ ही कार्ल मार्क्स ने लोगों की खुशी के लिए पहली जरूरत धर्म का अंत बताया था।

कार्ल मार्क्स के कुछ ऐसे ही विचारों का जो भी व्यक्ति गंभीरता से अनुसरण करता है, वो अपने जीवन में तरक्की जरुर करता है।

Karl Marx Thought in Hindi
Karl Marx Thought in Hindi

“मानसिक पीड़ा का एकमात्र मारक शारीरिक पीड़ा है।”

“पिछले सभी समाजो का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है।”

“ज़रुरत तब तक अंधी होती है जब तक उसे होश न आ जाये। आज़ादी ज़रुरत की चेतना होती है।”

Karl Marx Thought

Karl Marx Thought
Karl Marx Thought

“अमीर गरीब के लिए कुछ भी कर सकते हैं लेकिन उनके ऊपर से हट नहीं सकते।”

“दर्शनशास्त्रियो ने केवल इस दुनिया की अलग-अलग तरह से व्याख्या दी है। असल में बात यह है की इसे कैसे बदला जा सकता है।”

“सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है।”

Quotes of Karl Marx in Hindi

Quotes of Karl Marx in Hindi
Quotes of Karl Marx in Hindi

“इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।”

“बहुत सारी उपयोगी चीजों के उत्पादन का परिणाम बहुत सारे बेकार लोग होते हैं।”

“लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है।”

Thoughts of Karl Marx in Hindi

Thoughts of Karl Marx in Hindi
Thoughts of Karl Marx in Hindi

“कारण का हमेशा अस्तित्व होता है लेकिन इसका कारण हमेशा कारण ही नही होता।”

“हर किसी से उसकी क्षमता के अनुसार, हर किसी को उसकी ज़रुरत के अनुसार।”

अगले पेज पर और भी…

2 thoughts on “समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स के क्रांतिकारी विचार”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top