विश्व पृथ्वी दिवस पर भाषण – Speech on Earth Day in Hindi

Speech on Earth Day in Hindi

22 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोगों को पर्यावरण सुरक्षा, धरती के प्रति जागरूक करने और इसे संरक्षित करने के बारे में बताया जाता है।

इसके साथ ही स्कूल/कॉलेजों समेत कई शैक्षणिक सरकारी और सामाजिक संगठनों मे इस तरह के कार्यक्रमों में विश्व पृथ्वी दिवस पर भाषण भी दिया जाता है। इसलिए हम आपको अपने इस पोस्ट में पृथ्वी दिवस पर भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Speech on Earth Day in Hindi

विश्व पृथ्वी दिवस पर भाषण – Speech on Earth Day in Hindi

सर्वप्रथम सभी को मेरा नमस्कार!

आदरणीय मान्यवर, सम्मानीय मुख्य अतिथि, प्रधानचार्या जी, सभी शिक्षक गण और यहां पर बैठे मेरे छोटे-बड़े भाई-बहनों और मेरे प्रिय दोस्तों आप सभी का मैं तहे दिल से आभार प्रकट करती हूं / करता हूं। बेहद खुशी हो रही है कि, आज मुझे विश्व धरती दिवस के मौके पर आप लोगों के सामने भाषण देने का शानदार अवसर प्राप्त हुआ है। मै अपने इस भाषण की शुरुआत पृथ्वी दिवस पर लिखे गए एक स्लोगन के माध्यम से करना चाहती हूं –

पृथ्वी दिवस को बनाइये खास, पर्यावरण को बचाकर पृथ्वी के लिए जगाइए नयी आस।

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि ब्रह्रांड में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है, जहां मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पति और पेड़-पौधों का जीवन संभव है। पृथ्वी ने मनुष्य को वो सारे साधन उपलब्ध करवाए हैं, और प्रकृति के रुप में कुछ नायाब तोहफे दिए हैं, जिससे मनुष्य आसानी से अपना जीवन का निर्वहन कर सके।

पृथ्वी, मनुष्य और जीव-जंतु के लिए एक ऐसा वातावरण उपलब्ध करवाती है, जहां मनुष्य खुली हवा में सांस ले सकता है, पीने के लिए पानी प्राप्त कर सकता है अपने खाने के लिए भोजन प्राप्त कर सकता है, और रहने के लिए घर बसा सकता है।

इसके अलावा जीवन के लिए उपयोगी वो समस्त चीजें प्राप्त कर सकता है, जो कि वह चाहता है।

अर्थात पृथ्वी एक मां की तरह मनुष्य, जीव-जंतु समेत समस्त प्राणियों को अपनी गोद में लेकर रक्षा करती है। लेकिन, दूसरी तरफ मनुष्य अपना फायदा कमाने और भौतिक सुख भोगने के कारण प्राकृतिक संसाधनों का जमकर दोहन कर रहा है।

मनुष्य आज अंधाधुंध पेड़-पौधे काट रहा है, नदियों के जल को रोक रहा है औक वाहनों आदि के अत्याधिक इस्तेमाल से प्रदूषण को बढ़ावा देने समेत तमाम ऐसी अमानवीय गतिविधियां कर रहा है, जिससे पृथ्वी के आस्तित्व खतरा में पड़ रहा है, जो कि काफी गंभीर चिंता का विषय है।

इसलिए पृथ्वी के संरक्षण के लिए और इसके महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) मनाया जाता है।

आपको बता दें कि विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 1970 में अमेरिका से की गई। अमेरिका सीनेटर, गेराल्ड नेलसन द्धारा इस दिवस की स्थापना की गई।

दरअसल, उस दौरान अमेरिका के बढ़ते औद्योगिकरण और विकास की वजह से भारी त्रासदी हुई थी और पर्यावरण पर कहर बरपा था, जिसके बाद गेराल्ड नेल्सन ने पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखकर इस दिवस को मनाने की पहल की थी।

वहीं अब इस दिवस को व्यापक स्तर पर दुनिया के करीब 192 देशों में मनाया जाता है, जिसमें स्वैच्छिक संगठन, पर्यावरण प्रेमी और शैक्षणिक संस्थान, प्रबुद्ध समाज अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हैं और लोगों को अपनी सबसे अमूल्य प्राकृतिक धरोहर पृथ्वी के रक्षा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

अर्थात पृथ्वी दिवस मनाने का मुख्य मकसद पृथ्वी और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर उन लोगों को चेताना है, जो कि औद्योगीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं। हां इसमें कोई शक नहीं है कि औद्योगीकरण से दुनिया भर की आर्थिकी तो मजबूत हुई है और विकास हुआ है, लेकिन इसकी वजह से दुनिया के खत्म होने का संकट बढ़ता जा रहा है,और यह धीमे-धीमे मानव जीवन के लिए अभिशाप बनता जा रहा है।

दरअसल, औद्योगीकरण देश के बेहतर भविष्य के लिए नहीं बल्कि इसकी बर्बादी की निशानी बनता जा रहा है, क्योंकि मनुष्य इसके चलते पर्यावरण की अनदेखी कर रहा है और प्रकृति से मिले नायाब उपहारों की बेकद्री कर रहा है। दरअसल, उद्योंगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ और मलवा सीधे प्राकृतिक जल स्त्रोंतों से मिलकर प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है और पेड़-पौधों के कटने से मौसम चक्र में बदलाव आ गया है, पर्यावरण में विषमता और असंतुलन की स्थिति पैदा रही है।

यही नहीं प्राकृतिक संसाधनों के जमकर हो रहे दोहन से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ी है, पृथ्वी का तापमान दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है और पिछले कुछ सालों में सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाने वाली ओजोन परत में भारी गिरावट आई हैं।

जिससे पर्यावरण की सुरक्षा खतरे में हैं, वहीं अगर लगातार ऐसा होता रहा है तो वो दिन दूर नहीं जब धरती का आस्तित्व पूरी तरह मिट जाएगा।

वहीं अब यह समस्या पूरी तरह खत्म तो नहीं की जा सकती, लेकिन पृथ्वी दिवस पर हम सब मिलकर अगर इस तरह के खतरे को कम करने का संकल्प जरूर ले सकते हैं।

इसके लिए हमें छोटे-छोटे प्रयास करने की जरूरत है, जैसे कि हम सब ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगा सकते हैं, औद्योगीकरण को कम करने में अपना सहयोग दे सकते हैं, गंदगी का पुर्नचक्रण कर सकते हैं, वाहनों के इस्तेमाल को सीमित कर सकते हैं अथवा ऊर्जा का संरक्षण समेत कई ऐसे प्रयास कर सकते हैं, जिससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित हो सके और पर्यावरण में संतुलन लाया जा सके, जिससे पृथ्वी को संरक्षित किया जा सके।

वहीं पृथ्वी को बचाने को लेकर लिखे गए एक स्लोगन के माध्यम से मै अपने भाषण को विराम देना चाहती हूं –

पृथ्वी में बसी है हम सबकी जान, सब मिलकर करो इसका सम्मान।।

धन्यवाद।

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