स्वामी विवेकानंद पर निबंध – Essay on Swami Vivekananda in Hindi

Essay on Swami Vivekananda in Hindi

स्वामी विवेकानंद जी एक आदर्शवादी, नैतिकवादी, और सैद्धान्तिवादी महापुरुष थे, जिन्होंने अपने आत्म चिंतन और दर्शन से समस्त दुनिया को सच्चाई के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया और अपनी दया, परोपकार, सदाचारी आचारण से कई युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बन गए।

स्वामी विवेकानंद जी के महान जीवन पर प्रकाश डालने और उनके ओजस्वी विचारों से बच्चों को अवगत कराने के उद्देश्य से अक्सर स्कूल / कॉलेजों में आयोजित परीक्षाओं अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में स्वामी विवेकानंद के विषय पर निंबध लिखने के लिए कहा जाता है। इसलिए, हम अपने इस आर्टिकल पर अलग-अलग शब्दों में स्वामी विवेकानंद जी पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं –

Essay on Swami Vivekananda in Hindi

स्वामी विवेकानंद पर निबंध – Essay on Swami Vivekananda in Hindi

प्रस्तावना

स्वामी विवेकानंद महान विचारों वाले एक तेजस्वी और बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने आध्यात्मिक चिंतन और दर्शन से न सिर्फ दुनिया को सही रास्ता दिखाया बल्कि लोगों को जीवन जीने की कला भी सिखाई।

इसके साथ ही उन्होंने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। स्वामी विवेकानंद जी का जीवन उपलब्धियों से भरा पड़ा है, जिससे हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।

स्वामी विवेकानंद का शुरुआती जीवन – Swami Vivekananda Information

प्रकांड विद्दान और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद जी ने 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता के एक वकील के परिवार में नरेन्द्र दत्त के रुप में जन्मे थे। वहीं विवेकानंद जी के महान व्यक्तित्व की वजह से वे कई युवाओं के प्रेरणास्त्रोत थे, इसलिए उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर माया जाता है, ताकि देश के युवाओं के अंदर एक नया जोश भर सकें।

स्वामी विवेकानंद जी कोलकाता हाईकोर्ट के प्रतिष्ठित वकील विश्वनाथ दत्त और भुवनेश्वरी देवी की संतान थे। जिन पर अपनी धर्मपरायाण और आदर्शवादी मां का काफी प्रभाव पड़ा था, वहीं उन्होंने अपनी मां के मार्गदर्शन में ही अपनी आरंभिक शिक्षा घर पर ही ग्रहण की थी।

विवेकानंद जी बचपन से ही बेहद प्रतिभावान और गुणी बालक थे, जिन्होंने बाद में अपने आत्मज्ञान, आत्मचिंतन और दर्शन से न सिर्फ भारत को पूरी दुनिया के सामने गौरान्वित किया बल्कि वे भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद हिंदू धर्म का संदेश देने वाले महापुरुष बने।

वहीं स्वामी विवेकानंद जी ने उच्च शिक्षा हासिल करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी, पढ़ाई-लिखाई में अत्याधिक दिलचस्पी होने की वजह से ही उन्होंने 3 साल का कोर्स 2 साल में ही पूरा कर लिया और अपनी वकालत की पूढ़ाई पूरी की।

स्वामी विवेकानंद जी को संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। इसके अलावा वे हिन्दू शास्त्रों, वेदों और ग्रंथों के अच्छे जानकार माने जाते था। उनकी विलक्षण प्रतिभा के चर्चे बचपन से ही थे।

स्वामी विवेकानंद पर निबंध – Swami Vivekananda Par Nibandh

प्रस्तावना

स्वामी विवेकानंद एक दूरदर्शी सोच वाले एक महान हिन्दू नेता और संत थे, जिन्होंने पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया और लोगों को इसके महत्व को बताया। इसके अलावा उन्होंने अपने अध्यात्मिक ज्ञान और दर्शन के माध्यम से लोगों की धर्म के प्रति समझ विकसित की।

स्वामी विवेदानंद अपने विचारों के माध्यम से अक्सर भारतीयों को आपसी भाईचारा और मिलजुल कर रहने का संदेश देने वाले महापुरुष थे।

स्वामी विवेकानंद का अद्भुत व्यक्तित्व – Great Personality Of Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद आदर्शों पर चलने वाले एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच और महान विचारों से आधुनिक भारत का निर्माण किया और अपने अद्भुत व प्रभावशाली विचारों से अपने प्रेरक व्यक्तित्व की छाप हर किसी पर छोड़ी।

आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंद जो भी काम करते थे, पूरी लगन और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करते थे, इसी गुण की वजह से वे महान और कई लोगों के लिए आददर्श बने।

स्वामी विवेकानंद जी प्रेरक एवं अद्भुत व्यक्तित्व का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि वे अपने लक्ष्यों के प्रति अडिग थे, और उनका मानना था कि सफलता हासिल करने के लिए व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य का होना बेहद जरूरी है। इसके अलावा उनके अंदर परोपकार की भावना समाहित थी, स्वामी विवेकानंद जी का कहना है कि

“देने का आनंद पाने के आनंद से बड़ा होता है”

यही नहीं स्वामी विवेकानंद जी सादा जीवन जीने में भरोसा रखते थे, और भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर रहना पसंद करते थे, उनका मानना था कि भौतिकवादी सोच मनुष्य को लालची बना देती है।

स्वामी विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस से उनका रिश्ता – Ramakrishna and Vivekananda

साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्धान और महान समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद जी शुरु से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे, उन्हें दुनिया की हर चीज को जानने के बारे में बेहद उत्सुकता रहती थी और जब तक वे अपनी इच्छा को शांत नहीं कर लेते थे, तब तक वे इसके लिए प्रयत्नशील रहते थे।

वहीं एक बार उन्होंने महर्षि देवेन्द्र नाथ से सवाल पूछा कि “क्या कभी आपने ईश्वर को देखा है?” और फिर बाद में वे इस सवाल का जवाब जानने के लिए रामकृष्ण परमहंस से मिले, और उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने रामकृष्ण परमहंस को अपना गुरु मान लिया और उन्हीं के आदर्शों का पालन कर अध्यात्म हासिल किया और बाद में वह नरेन्द्र दत्त से स्वामी विवेकानंद कहे जाने लगे।

रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना – Ramakrishna Math or Ramakrishna Mission

स्वामी विवेकानंद जी रामकृष्ण परमहंस के सच्चे शिष्य थे, जिन्होंने अपने गुरु की की मौत के बाद उनके नाम से रामकृष्ण संघ की स्थापना की, जिसका बाद में रामकृष्ण मठ रख दिया गया।

यही नहीं उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण की सोच के साथ अपने गुरु के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। आपको बता दें कि इस मिशन का एकमात्र लक्ष्य शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में विकास कर दिया था।

इस तरह विवेकानंद जी अपने जीवन भर अपने गुरु को याद रखा और अपने गुरु के बताए गए मार्गों पर चलते रहे।

स्वामी विवेकानंद जी के शिकागो भाषण का प्रभाव – Swami Vivekananda Speech in Chicago

महान विचारक और एक प्रखर वक्ता स्वामी विवेकानंद जी ने अपनी वाकशक्ति का इस्तेमाल कर वेदांत के हिन्दू दर्शन से अमेरिका को परिचित कराया। साल 1893 में स्वामी विवेकानंद जी ने, शिकागो में विश्व धर्म सम्मलेन में अपने अध्यात्म और महान ज्ञान का भरा भाषण दिया, और इससे सांप्रदायिकता और कट्टरतावाद पर जमकर प्रहार किया।

उनके इस भाषण का इतना प्रभाव पड़ा कि आधुनिक भारत के हिन्दू धर्म को पुर्नजीवित किया गया। वहीं अपने प्रभावशाली भाषण और व्याख्यानों के चलते उनकी प्रसिद्धि पूरी दुनिया में फैल गई।

स्वामी विवेकानंद के अध्यात्मिक काम – Swami Vivekananda Work

भारतीय संस्कृति और हिन्दुत्व के महत्व को समझाया:

महान विचारक स्वामी विवेकानंद जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिन्दी साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की। उनकी प्रभावशाली रचनाओं का लोगों पर गहरा असर पड़ा और लोगों के अंदर भारतीय संस्कृति को महत्व को समझने की भावनाएं विकसित हुईं।

इसके साथ ही स्वामी विवेकानंद जी ने जातिवाद और संप्रदायिकता का भी कट्टर विरोध किया था और सभी लोगों को आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ मिलजुल कर रहने की सलाह दी।

इसके अलावा उन्होंने लोगों को हिन्दुत्व के महत्व को समझाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और प्राचीन धार्मिक परंपराओं पर आधुनिक सोच विकसित की।

स्वामी विवेकानद जी की दिलचस्प और रोचक तथ्य – Swami Vivekananda Facts

स्वामी विवेकानंद के प्रभावशाली और प्रेरक विचार:

महान विचारक, समाज सुधारक और आधुनिक भारत के निर्माता, प्रकांड विद्धान स्वामी विवेकानंद जी के महान विचारों आज भी युवाओं के अंदर आगे बढ़ने का जोश भर देते हैं और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

वहीं स्वामी विवेकानंद जी ने विश्व भ्रमण के दौरान ऊंच-नीच, जातिवाद, अशिक्षा समेत तमाम बुराइयां देखी, जिसको उन्होंने सुधारने की कोशिश की, और अपने अध्यात्म ज्ञान से भारत को पूरी दुनिया के सामने साबित किया।

स्वामी विवेकानंद से हिन्दु विचारधारा के महापुरुष थे, जिन्होंने सम्पूर्ण विश्व को हिन्दुत्व के महत्व को बताया और हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया के सामने किया साथ ही उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान और आडम्बरों का जमकर विरोध किया।

यही नहीं स्वामी विवेकानंद जी विलक्षण प्रतिभा के धनी एक ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति की सुंगध पूरे विश्व में फैलाई और अपनी रचनाओं से आधुनिक विचाधारा का गहरा प्रभाव आज के युवाओं पर डाला और उन्हें एक नई राह दिखाई।

निष्कर्ष

वहीं स्वामी विवेकानंद जी के महान जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।

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