प्रेम का प्रतीक ताजमहल पर निबंध – Essay on Tajmahal in Hindi

Essay on Tajmahal in Hindi

प्रेम का प्रतीक ताजमहल जो आज भारत की शान बना हैं, विश्व की सबसे सुंदर और लोकप्रिय ऐतहासिक इमारतों में से एक है, जिसके भव्य सुंदरता को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं और इसके सौंदर्य को देखकर आश्चचर्यचकित रह जाते हैं।

मुगलों के समय में बनी इस भव्य और अतिसुंदर इमारत ताजमहल के बारे में बच्चों को जानकारी देने के मकसद से बच्चों से स्कूल-कॉलेजों में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता अथवा परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम अपनी इस पोस्ट में ताजमहल के विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं।

Essay on Tajmahal in Hindi

प्रेम का प्रतीक ताजमहल पर निबंध – Essay on Tajmahal in Hindi

प्रस्तावना

ऐतिहासिक एवं विश्व धरोहर “ताजमहल” अपनी भव्य सुंदरता और आर्कषण की वजह से दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यह मुगल शासक शाहजहां और मुमताज की बेमिसाल प्रेम कहानी की याद दिलवाता है, वहीं यह प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

ताजमहल के भव्य आर्कषण को निहारने दूर-दूर से पर्यटक आते हैं और इसकी खूबसूरती के कायल हो जाते हैं। ताजमहल, उत्तरप्रदेश के आगरा में स्थित हैं, वहीं इस ऐतिहासिक इमारत के आगरा शहर में स्थित होने की वजह से न सिर्फ शहर को एक अलग पहचान मिली है बल्कि यहां के पर्यटन उद्योग को भी काफी बढ़ावा मिला है।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर ताजमहल का इतिहास – History of Tajmahal

दुनिया की इस भव्य और शानदार ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल का इतिहास शाहजहां और मुमताज बेगम की प्रेम कहानी से जुड़ा हुआ है। सफेद संगममर के पत्थरों से बनी हुई इस भव्य इमारत का निर्माण पांचवे मुगल सुल्तान शाहजहां ने करवाया था।

शाहजहां, ने अपनी विवेकशीलता से कुशल कूटनीति और रणनीति के चलते साल 1628 से 1658 तक भारत का राज किया और इस दौरान मुगल सम्राज्य का भारत में विस्तार किया। वहीं कई ऐसी इमारतों का निर्माण किया जो कि इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गईं।

उन्हीं में से एक ताजमहल भी है, जो अपनी भव्य सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व की वजह से दुनिया के 7 आश्चर्यों में से एक है। जिसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी सभी पत्नियों में सबसे प्रिय पत्नी मुमताज महल की याद मे करवाया था।

यह मुमताज बेगम की बनवाई गई बेहद भव्य और आर्कषक कब्र है, इसलिए इस खास इमारत को “मुमताज का मकबरा” भी कहते हैं। आपको बता दें कि मुमताज बेगम, ने जब अपने 14वें बच्चे को जन्म दिया तभी उनकी मौत हो गई थी।

जिसके बाद मुगल बादशाह शाहजहां काफी उदास रहने लगे, क्योंकि शाहजहां अपनी बेगम मुमताज महल से बेइंतहा प्यार करते थे और अपने प्रेम को सदा अमर रखने के लिए उन्होंने उनकी याद में आगरा में ताजमहल बनवाने का फैसला लिया। इसलिए, इसे प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

ताजमहल का निर्माण काम – Construction of Taj Mahal

दुनिया की 7 सबसे खूबसूरत और आश्चर्यों में से एक इस ऐतिहासिक इमारत ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां द्धारा साल 1632 में शुरु करवाया गया था। इस भव्य मकबरे के निर्माण के लिए सुंदर संगममर के पत्थऱों का इस्तेमाल किया गया है, जिसे उस समय आगरा के राजा द्धारा बाहर से मंगवाया गया था।मोहब्बत की मिसाल माने जाने वाले ताजमहल की दीवारों पर बेहद सुंदर ढंग से खास नक्काशी की गई है।

इस भव्य मकबरे का हर एक कोना बेहद बारीकी से डिजाइन किया गया है। इसलिए इसके निर्माण में करीब 23 साल लगे थे। वैसे तो मुमताज बेगम के इस खास मकबरे का निर्माण काम साल 1643 में ही संपन्न हो गया था, लेकिन इसका ऐतिहासिक वास्तुकला और वैज्ञानिक महत्व के हिसाब से निर्माण करने में करीब 11 साल का ज्यादा वक्त और लगा था और इसका निर्माण काम साल 1653 तक पूरा किया गया था।

आपको बता दें कि ताजमहल को डिजाइन करने में कई अति प्राचीन, प्रसिद्ध, मुगलकालीन, तुर्किस, इस्लामिक और भारतीय कलाओं का समावेश किया गया है।

मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज महल की कब्र को बनाने में दिल खोल कर पैसा खर्च किया था, इस भव्य मकबरे के निर्माण में करीब 320 लाख रुपए की लागत लगी थी, जिसकी कीमत आज करीब 52.8 अरब रुपए एवं 827 मिलियन डॉलर है।

वहीं करीब 20 हजार मजदूरों ने इस ऐतिहासिक और भव्य इमारत का निर्माण किया, मुगल शिल्पकार उस्ताद अहमद लाहैरी के नेतृत्व ने इन मजदूरों ने काम किया, वहीं इसके बारे में यह भी कहा जाता है, जिन मजदूरों ने ताजमहल बनाया था।

इसका निर्माण काम पूरा होने के बाद मुगल सुल्तान शाहजहां ने अपने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे, ताकि ताजमहल जैसी कोई अन्य इमारत दुनिया में नहीं बन सके, यह एक भी वजह है कि ताजमहल दुनिया की सबसे अलग और अदभुत इमारत है।

उपसंहार

भारतीय, इस्लामिक, मुगल और परसी वास्तुकला का अप्रितम उदाहण ताजमहल अपने आप में एक अलग और अद्भुत स्मारक है, जिसे शहाजहां और मुमताल महज की मोहब्बत की मिसाल माना जाता है, इसकी शाही बनावट इसको अन्य इमारतों से अलग बनाती है।

वहीं शाहजहां भी इसकी खूबसूरती का बेहद कायल था, और अपने लिए भी इसी तरह का काले रंग की कब्र का निर्माण करवाना चाहता है, लेकिन औरंगजेब द्धारा कैद करने की वजह से उसका यह सपना पूरा नहीं हो सका।

ताजमहल पर निबंध – Taj Mahal Paragraph

प्रस्तावना

भारत की इस सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल की शाही बनावट और सुंदरता की वजह से पूरी दुनिया में एक अलग पहचान बनी हुई है।

दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक ताजमहल की संरचना और प्रारुप – 7 Wonders of the World

बहुमूल्य और सफेद संगममर पत्थरों की इस भव्य और ऐतिहासिक इमारत की वास्तुकला हिन्दु-मुस्लिम संस्कृति का बेजोड़ नमूना है, साथ ही इसकी संरचना बेहद पुरानी मुगल कला और परसिया पर आधारित है।

प्रेम का प्रतीक माने जाने वाला ताजमहल की खासियत यह है कि इसके निर्माण के लिए बहुमूल्य एवं बेहद महंगे सफेद संगममर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जो कि हमेशा चमकते रहते हैं और कभी काले नहीं पड़ते।

इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि इस भव्य स्मारक के निर्माण में करीब 28 अलग-अलग तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। जबकि उस दौरान मुगल काल में बनी लगभग सभी इमारतों का निर्माण में ज्यादातर लाल बलुओ पत्थरों का निर्माण होता था। इस भव्य स्मारक की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है अथवा कई हजार कलाकार अथवा कारीगरों द्धारा शाही डिजाइन दी गई है।

इसलिए यह ऐतिहासिक स्मारक अपने आप में अनूठा और बेजोड़ है, जिसकी सुंदरता और भव्यता को देखकर हर कोई मंत्रमुंग्ध हो जाता है, और इसकी तरफ खींचा चला आता है।

दुनिया के 7 अजबूों में से एक ताजमहल के बाहर सुंदर लाल पत्थरों से बना एक काफी ऊंचा दरवाजा है, जो कि बुलंद दरवाजा नाम से मशहूर है।

अर्धगोलाकार ताजमहल की गुंबद 275 फुट ऊंची विशाल गुंबद है, इसके साथ ही कई छोटी-छोटी अन्य गुंबद भी हैं, जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। इस विशाल गुंबद के नीचे दो बेहद प्यार करने वाले प्रेमियों की कब्र बनी हुई हैं, लेकिन इन कब्रों को वास्तविक नहीं समझा जाता है। असली समाधि नीचे तहखाने में बनी हुई है, जहां आमतौर पर जाने की अनुमति नहीं है।

ताजमहल के अलग-अलग हिस्से

  • मुमताज महल का मकबरा:

मुगल कालीन, भारतीय, इस्लामिक, मुस्लिम, परसी कला आदि वास्कुला से निर्मित ताजमहल का मुख्य केन्द्र मुमताज महल का मकबरा है, करीब 42 एकड़ में फैले हुए इस मकबरे के ऊपर विशाल गुंबद इसकी सुंदरता को चार चांद लगा रही है।

  • विशाल गुंबद:

एक उल्टे कलश की तरह, मुमताज महल के मकबरे की चोटी पर सफेद संगरमर के पत्थरों से बनी भव्य और विशाल गुंबद है।

  • मीनार:

अर्धगोलाकार ताजमहल के चारों कोनों पर करीब 40 मीटर ऊंची बाहर की तरफ झुकी हुईं चार मीनारें हैं, जो कि इस शानदार स्मारक की सुंदरता को बढ़ा रही हैं।

  • बाहरी संरचना:

ताजमहल मुगलकालीन, हिन्दू-मुस्लिम, परसी वास्तुलला का अप्रितम उदाहरण है, जिसकी सफेद पत्थरों पर सुंदर नक्काशी एवं रत्नों को जड़कर बनाया गया है।

उपसंहार

ताजमहल पूरी दुनिया में सिर्फ अपनी भव्यता एवं सुंदरता की वजह से ही पहचान नहीं रखता है, बल्कि इसने भारत के पर्यटन उद्योग को भी खासा बढ़ावा दिया है। देश -विदेश के लोग मोहब्बत की मिसाल माने जाने वाले इस बेहद खास इमारत ताजमहल की सैर करने आते हैं, और इसकी सुंदरता की तारीफ किए बिना नहीं रह पाते।

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