कैमरे का इतिहास – History of Camera

History of Camera in Hindi

आज कैमरा हर किसी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है, कैमरे द्धारा किसी भी लम्हें को संजो कर रखा जा सकता है और यादगार बनाया जा सकता है।

वहीं आज हर कोई अपने स्मार्टफोन से सेल्फी लेने का आदि हो चुका है और तो और आज कैमरे पर ही पूरी की पूरी फिल्म और टीवी इंडस्ट्री टिकी हुई है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कैमरा की शुरुआत कैसे हुई और इसे किसने बनाया, अगर नहीं तो इसके लिए पढ़िए ये पूरा पोस्ट –

कैमरे का इतिहास – History of Camera

History of Camera

कैमरे के प्रकार – Types Of Camera

  • डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लैक्स कैमरा
  • मूवी कैमरा
  • सिंगल लैंस रिफ्लैक्स कैमरा
  • टॉय कैमरा
  • ट्विन लैंस रिफ्लैक्स कैमरा
  • सीसीटीवी कैमरा
  • वीडियो कैमरा

कैमरा का इतिहास – History Of Camera in Hindi

बदलते युग के साथ कैमरे के आकार और मॉडल भी बदलते गए और आज नई मॉडर्न तकनीक से लैस अलग-अलग तरीके के कैमरे बाजार में उपलब्ध हैं, यहीं नहीं आज कैमरे मोबाइल के साथ-साथ कई डिवाइसेस में भी उपलब्ध हैं।

करीब 391 BC में सबसे पहले कैमरे के बारे में चाइनीज फिलोस्फर मोजी (Chinese Philosopher Mozi) ने अपनी किताब में लिखा था, लेकिन 11 वीं शताब्दी में अरब के भौतिकशास्त्री Ibn-al-Haytham ने कई तकनीकी जानकारी दी।

जिससे 15 वीं शताब्दी में लिओनार्डो दा विंची (Leonardo Da Vinci) काफी प्रभावित हुए, वहीं इसके बाद 1550 में कुछ लोगों ने इन तकनीकों और लैंसों के द्धारा दीवारों पर इमेजेस बनाना का एक तरीका ढूंढ लिया था।

पहला कैमरा अब्सकर के रुप में आया – World First Camera

इसके बाद 18वीं सदीं में इमेज को ट्रेस करने के लिए कैमरा अबस्कर का इस्तेमाल होने लगा।

आपको बता दें कि पहले कैमरा लगभग कमरे के साइज के होते थे, लेकिन आधुनिकता और बदलते युग के साथ कैमरे के आकार छोटे होते चले गए, साथ ही मॉडल बदलते गए। साल 1816 में निप्से ने कैमरा इमेज से पहली फोटोग्राफ निकाली थी।

वहीं कई सालों की रिसर्च के बाद साल 1826 में सर जोसेफ (Joseph Nicephore Niepce) ने कैमरा बनाने में सफलता हासिल की।

आपको बता दें कि ये कैमरा किसी भी इमेज को कैप्चर करने में करीब 8 घंटे का समय लेता था।

कैलोटाइप्स का इस्तेमाल – Calotype Camera

इसके बाद साल 1839 में लुइस डैगुरे ने पहला प्रैक्टिकल फोटोग्राफिक प्रोसेस बनाया, जिसे उन्होंने डैगुरियोटाइप नाम दिया। वहीं साल 1840 में हैनरी फॉक्स ने कैलोटाइप्स नाम की एक नई प्रोसेस विकसित की, जिसकी मद्द से एक ही पिक्चर की बहुत सारी प्रतियां बनाईं जा सकती थी।

पेपर फिल्म का इस्तेमाल – Paper Film Camera

इसके बाद साल 1885 में जॉर्ज इस्टमैन (George Eastman) ने पेपर फिल्म बनाने की शुरुआत की। जो कि काम में लेना बेहद सरल और आसान था। वहीं साल 1888 में उन्होंने Kodak कंपनी खोली, जो कि आगे चलकर काफी प्रसिद्ध हुई।

वहीं इस कैमरे में लगाई गई पेपर फिल्म के माध्यम से 100 पिक्चर्स क्लिक किए जा सकते थे, और इसके खत्म होने पर फिल्म को बदला जा सकता था। इसके बाद जॉर्ज इस्टमैन ने सैलुलेट फिल्म का प्रोडक्शन शुरु किया, जिसके बाद कैमरा काम में लेना और ज्यादा आसान हुआ और इसमें खास बात यह रही कि इसमें फिल्म को बार-बार बदलने का भी कोई झंझट नहीं था।

धीरे-धीरे इस कंपनी ने न सिर्फ अमेरिका में अपनी पहचान विकसित की बल्कि पूरी दुनिया में इसे लोगों द्धारा खूब पसंद किया जाने लगा।

TLR और SLR – TLR and SLR

इसके बाद साल 1928 में पहला रिफ्लैक्स कैमरा TLR के रूप में आया, जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया। इसके बाद साल 1933 में SLR का डिजाइन बनना शुरु किया गया था, जिसमें 127 रॉलफिल्म लगी हुई थीं।

फिर इसके 3 साल बाद साल 1936 में 135 फिल्म्स के साथ एक नया मॉडल मार्केट में डिजाइन किया गया।

वहीं साल 1954 में जापान की एक कंपनी Asahi ने सबसे पहले एक SLR कैमरा बनाया, जो कि इमेज में किसी भी व्यक्ति, वस्तु या ऑब्जेक्ट को फोकस आसानी से कर सकता था।

ड्राइ प्लेट्स का इस्तेमाल एवं पोलारॉइड मॉडल – Dry Plate Camera And Polaroid Camera

साल 1855 में ड्राइ प्लेट्स का इस्तेमाल हुआ, इसके अलावा इन कैमरों के साइज छोटे होने लगे और पॉकेट, हैट, वॉट आदि में लगाए जाने वाले डिटेक्टिव कैमरा का भी अविष्कार किया जाने लगा।

वहीं साल 1948 में एडविन लैंड के द्धारा बनाया हुआ एक नया कैमरा भी विकसित किया गया, जिसमें तुरंत पिक्चर्स निकल आते थे।

आधुनिक डिजिटल कैमरा – Digital Camera

कोडक कंपनी के इंजीनियर स्टीवन सैसन (Steaven Sasson) ने साल 1975 में एक डिजिटल कैमरा बनाया, जो कि पहले बनाए गए सभी कैमरे से अलग थे। इनमें फिल्म का इस्तेमाल नहीं होता था।

आपको बता दें कि शुरुआत में डिजिटल कैमरों का रिजोलुशन करीब 0.1 मेगा पिक्सल का था और इसका वजन करीब 4 किलोग्राम था, इस कैमरे में जो भी पिक्चर्स और इमेजेस होती थी, पहले कैसेट्स में सेव होती थी और फिर इसके बाद इन्हें टीवी में देखा जा सकता था।

इसके बाद इनमें वाईफाई, ब्लूटूथ, आदि से फोटो शेयरिंग की सुविधा दी जाने लगी।लेकिन Kodak ने डिजिटल इमेजिंग में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।

इसके बाद साल 1989 में जापान की कंपनी निकॉन (Nikon) ने पहला DSLR कैमरा लॉन्च किया, जिसके बाद इसे लोगों द्धारा खूब पसंद किया गया।

और इसके बाद कई मॉडर्न तकनीक के साथ नए-नए DSLR कैमरे बनाए जाने लगे। वहीं साल 2002 से DSLR कैमरे का इस्तेमाल टीवी, फिल्मों आदि में किया जाने लगा।

इसके साथ ही डिजिटल कैमरा में कम लागत की वजह से इनका इस्तेमाल फोन में भी किया जाने लगा।

वहीं इसी दौरान साल 2000 में Sharp नाम की कंपनी ने जापान में दुनिया का पहला कैमरा फोन बनाया। इसके बाद साल 2003 में इलैक्ट्रॉनिक कंपनी Sony Ericsson ने सबसे पहले फ्रंट कैमरा फोन लॉन्च किया और इसके बाद तो हाई रेजोलुशन के कई कैमरे फोन लॉन्च किए गए, वहीं आज बेहद कम ही लोग ऐसे होंगे जिनके बाद शायद कैमरा फोन नहीं हो।

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