जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को उनकी दूरदर्शी सोच और प्रभावशाली व्यक्तित्व की वजह से आधुनिक भारत का शिल्पकार माना जाता है। उन्होंने न सिर्फ भारत की मजबूत नींव का निर्माण किया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के एक यशस्वी योद्धा के रुप में भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलवाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिय।

नेहरू जी ने अपने कुशल और प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर छोड़ा है। वहीं नेहरू जी बच्चों से अत्याधिक प्यार करते थे, जिसकी वजह से उनके जन्मदिन को बालदिवस के रुप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रभावशाली जीवन को समझने, उनके द्धारा किए गए संघर्षों से प्रेरणा लेने और उनके विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से आजकल स्कूल / कॉलेजों में आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं अथवा परीक्षाओं में पंडित नेहरू जी के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस पोस्ट में अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते है –

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

भूमिका

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एक दूरगामी सोच वाले बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देश के बुनियादी ढांचे को बनाने में अपना महत्पूर्ण योगदान दिया और कई सालों तक अंग्रजों की गुलामी और अत्याचार सह रहे भारत देश को आजाद करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यही नहीं राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन वे कभी अपने इरादे से पीछे नहीं हटे और सच्चे दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहे और अपने आजाद भारत का सपना पूरा किया।

पंडित नेहरू, भारत के एक सच्चे और महान देशभक्त होने के साथ-साथ एक प्रख्यात दार्शनिक, मशहूर इतिहासकार, सुविख्यात कानूनविद और राजनायिक भी थे। इसके अलावा उन्होंने अपनी पहचान एक महान लेखक के रुप में भी बनाई थी।

इसके साथ ही उन्होंने अपने दूरगामी और महान विचारों से आधुनिक और विकसित भारत के बीज बोए थे। इसलिए उन्हें एक समाजवादी, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणतंत्र के वास्तुकार भी माना जाता है।

नेहरू जी का प्रारंभिक जीवन – Jawaharlal Nehru Information

आदर्शवादी छवि के महानायक और राष्ट्रनेता जवाहर लाल नेहरू ने 14 नवंबर, साल 1889 में इलाहाबाद के एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में जन्म लिया था। वहीं चाचा नेहरू का बच्चों से अत्याधिक स्नेह और प्यार होने की वजह से उनके जन्मदिवस को बालदिवस के रुप में भी मनाया जाता हैं।

पंडित नेहरू जी, महान स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी और मशहूर वकील मोतीलाल नेहरू और स्वरुप रानी की सबसे बड़ी संतान के रुप में पैदा हुए थे। पंडित नेहरू जी बचपन से ही बाकी बच्चों से अलग थे और आसाधारण प्रतिभा वाले ओजस्वी महापुरुष थे, जो कि बाद में आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के साथ एक सर्वश्रेष्ठ राजनेता, दूरगामी सोच वाले लेखक और आधुनिक भारत के निर्माता बने। जिनके कहना था कि –

“नागरिकता देश की सेवा में निहित होती हैं।”

वकील के रुप में नेहरू जी –

अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद जवाहर लाल नेहरू ने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज में लॉ में एडमिशन लिया। इसके बाद उन्होनें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। वहीं 1912 में वे भारत लौटे और वकालत शुरु की, लेकिन वे ज्यादा दिन तक वकालत नहीं कर सके।

क्योकिं उनके अंदर देश प्रेम की भावना निहित थी और वे अंग्रेजों के अत्याचार और दमनकारी नीतियों और गुलामी की बेड़ियों से भारत देश को आजाद करवाना चाहते थे। वहीं जलियांवाला हत्याकांड ने उन पर गहरा प्रभावा डाला था।

जिसके बाद वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और महात्मा गांधी जी के नेतृत्व वाले अहिंसात्मक आंदोलन में सक्रिय रुप से शामिल हो गए। और इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से खुद को देश की सेवा में समर्पित कर दिया।

नेहरू जी का प्रेरणादायक व्यक्तित्व –

जवाहर लाल नेहरू जी आदर्शों पर चलने वाले एक सैद्धान्तिक और नैतिकवादी छवि वाले महानायक थे, जिन्हें खुद पर पूर्ण भरोसा था, वहीं वे जिस काम को करने के बारे में सोचते थे, उसको पूरा करके ही छोड़ते थे।

उनके ह्रद्य में राष्ट्र प्रेम और देश की सेवा करने की भावना समाहित थी। नेहरू जी के जीवन का एकमात्र लक्ष्य भारत को उन्नति की पथ पर ले जाना और भारत को लोकतांत्रिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी रुप से संपन्न राष्ट्र बनाना था।

अपनी दूरगामी सोच और महान विचारों के चलते ही नेहरू जी ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में एक मजबूत भारत की नींव रखी, आज उसी का नतीजा है कि भारत की गिनती आर्थिक रुप से मजबूत, विकसित और शक्तिशाली राष्ट्रों में होने लगी है।

नेहरू जी ने अपने यशस्वी, ओजस्वी और प्रभावशाली और प्रेरणादायक व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर छोड़ा है, इसलिए आज भी लोग उनको अपना आदर्श मानकर उनके महान विचारों का अनुसरण करते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हैं।

उपसंहार

भारत के पहले प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के महानायक पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने जिस तरह अपने दूरदर्शी सोच, कठोर प्रयास और संघर्षों के बाद भारत को शक्तिशाली और मजबूत राष्ट्र बनानें में अपने अपूर्व योगदान दिया, उससे हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। वहीं हम सभी को उनके आदर्शों पर चलकर भारत के विकास में अपना सहयोग देना चाहिए।

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

प्रस्तावना-

14 नवंबर 1889 इलाहाबाद में जन्में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, भारतीय राजनीति का एक चमकता सितारा थे, जिन्होंने अपनी कुशल राजनीति से भारत की नींव मजबूत करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके साथ ही अपने कठोर प्रयास और तमाम संघर्षों के बाद गुलाम भारत को आजाद करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनैतिक करियर और राष्ट्रीय आंदोलन में नेहरू जी की भागीदारी:

जवाहर लाल नेहरु साल 1912 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए। इसके बाद वे गांधी जी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से काफी प्रभावित हुए और फिर बाद में साल 1920-1922 के दौरान वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का हिस्सा बन गए। हालांकि इस आंदोलने के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

आपको बता दें कि नेहरू जी कांग्रेस के 6 बार अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। वहीं साल 1942 में वे भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी द्धारा चलाए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का हिस्सा बने।

और इस दौरान उन्हें ब्रिटिश पुलिस द्धारा गिरफ्तार कर लिया गया, करीब 3 साल के लंबे समय तक वे अहमदनगर के जेल में रहे। इस दौरान अपनी सबसे प्रसिद्ध किताब “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” लिखी। इस किताब में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान अपनी भारत यात्रा के अनुभवों के साथ-साथ भारत की संस्कृति, धर्म और भारत की आजादी के लिए संघर्ष के बारे में बखान किया है।

आपको बता दें कि नेहरू जी का राजनैतिक करियर और स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेना काफी संघर्षपूर्ण रहा, नेहरू जी को अपने जीवन में करीब 9 बार जेल जाना पड़ा।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में नेहरू जी:

साल 1947 में जब भारत गुलामी की बेडि़यों से आजाद हुआ, तब लोकतंत्रात्मक भारत के निर्माण के लिए देश में पहली बार प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ, जिसमें कांग्रेस के सरदार वल्लभई पटेल और आचार्य कृपलानी को सबसे ज्यादा वोट मिले लेकिन, महात्मा गांधी के कहने पर दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया और फिर पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश को पहला प्रधानमंत्री चुना गया।

इसके बाद लगातार 3 बार वे प्रधानमंत्री बने, इस पद पर रहते रहते हुए उन्होंने आधुनिक भारत की भावी सोच के साथ एक मजबूत भारत की नींव रखी, भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की और विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास को भी प्रोत्साहित किया।

इसके अलावा पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कांगो समझौते, कोरियाई युद्ध और स्वेज नहर विवाद सुलझाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और 27 मई साल 1964 को प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए ही उनकी मौत हो गई।

उपसंहार-

पंडित नेहरू जी के प्रेरणादायक और प्रभावशाली व्यक्ति से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। इसके साथ ही हम सभी को उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, तभी हम भारत को आर्थिक रुप से मजबूत और सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में अपना सहयोग कर सकेंगे।

जवाहर लाल नेहरु पर निबंध – Jawaharlal Nehru par Nibandh

प्रस्तावना-

पंडित जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी जी को अपना आदर्श मानते थे। भारत देश को आजाद करने के लिए गांधी जी के शांतिप्रिय आंदोलनो ने उन पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा था, जिसके चलते नेहरू जी ने खुद को पूरी तरह से राष्ट्र के प्रति समर्पित कर दिया था और बाद में उन्हें देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने का भी गौरव हासिल हुआ था।

नेहरू जी और महात्मा गांधी जी की मित्रता:

भारत रत्न से सम्मानित पंडित नेहरू साल 1916 में कांग्रेस की एक मीटिंग के दौरान महात्मा गांधी से मिले, जिसके बाद वे उनके महान विचारों औऱ उनके द्धारा चलाए गए शांतिप्रय आंदोलन से काफी प्रभावित हुए और फिर वे महात्मा गांधी जी के करीब आते चले गए औऱ बाद में दोनों के बीच काफी अच्छे परिवारिक संबंध बन गए थे।

दोनों के बीच गहरी मित्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महात्मा गांधी के कहने पंडित नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया था, जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल और आचार्य कृपलानी में से किसी एक को प्रधानमंत्री बनाया जाना तय किया गया था।

हालांकि नेहरू जी और गांधी जी की विचारधारा पूरी तरह मेल नहीं खाती थी, दरअसल नेहरू जी आधुनिक विचारधारा वाले महापुरुष थे और महात्मा गांधी प्राचीन भारत के धार्मिक और पारंपरिक सोच वाले महानायक थे।

पंडित नेहरु जी ने विदेश नीति के माध्यम से किया भारत का उत्थान:

भारत को एक विकसित, समृद्ध और अर्थव्यवस्था से मजबूत राष्ट्र बनाने में नेहरू जी का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने भारत के कल्याण के लिए विदेश नीति के माध्यम से दुनिया के छोटे-बड़े सभी राष्ट्रों से अच्छे संबंध स्थापित किए और दुनिया के सभी गुटों से सहयोग लेकर गुट निरपेक्ष आंदोलन की नींव डाली थी, और भारत को विदेश नीति में पूरी दुनिया के सामने एक नायक के रुप में दिखाया।

एक प्रभावशाली लेखक के तौर पर पंडित नेहरू:

पंडित जवाहर लाल नेहरू राष्ट्र के महानायक, एक प्रभावशाली वक्ता और आधुनिक भारत के निर्माता होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी थे। जिन्होंने अपनी दूरगामी सोच और महान विचारों के माध्यम से कई ऐसी रचनाएं लिखी, जिनका लोगों पर गहरा असर पड़ा था।

आपको बता दें कि उन्होंने अपनी कई महत्वपूर्ण किताबों की रचना जेल में ही थी। साल 1944 में उन्होंने अपनी सबसे मशहूर और लोकप्रिय किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया की रचना की। जिसमें उन्होंने आजादी के लिए भारत के संघर्ष, भारत की संस्कृति परंपरा आदि का बेहद सजीव तरीके से वर्णन किया किया है।

साल 1936 में उनकी आत्मकथा प्रकाशित की गई। ‘भारत और विश्व’, ‘भारत की एकता और स्वतंत्रता’, ‘विश्व इतिहास एक झलक’ आदि नेहरू जी की प्रमुख रचनाएं थी।

उपसंहार

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु जी ने अपने ओजस्वी विचारों और दूरदर्शी सोच से आधुनिक भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया, उनकी आधुनिक विचारधारा की बदौलत ही हम सभी आज आधुनिक तकनीकों से लैस और आर्थिक रुप से मजबूत भारत में रह रहे हैं।

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