आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर जहाँ खंभे हवा में झुलते हैं!

Lepakshi Temple

भारत, चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिरों से भरा देश है, भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपने चमत्कारों और कहानियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको आंध्र प्रदेश की अनंतपुर में बने ऐतिहासलिक और चमत्कारी मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो कि अनोखे रहस्य के लिए पूरे देश में मशहूर है।

Lepakshi Temple

आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर जहाँ खंभे हवा में झुलते हैं! – Lepakshi Temple History

क्या आप कभी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई खंभा बिना किसी सहारे से आखिर कैसे खड़ा हो सकता है, ऐसी कल्पना भी नहीं जा सकती लेकिन हकीकत यह है कि रहस्यमयी लेपाक्षी मंदिर के खंभे हवा में झूलते हैं।

इस मंदिर के खंबे बिना किसी सहारे से खड़े हुए हैं। इसलिए लेपाक्षी मंदिर को हैंगिंग पिलर टेम्पल भी कहा जाता है। आपको बता दें कि ये मंदिर कुल 70 खम्भों पर खड़ा है, लेकिन उनमें से एक स्तंभ ऐसा भी है जो हवा में लटका हुआ है। ये मंदिर का निर्माण 16वीं सदी में किया गया है।

लेपाक्षी मंदिर के खंभे से जुड़ी लोगों की धार्मिक आस्था – Lepakshi Temple Hanging Pillar

इस रहस्यमयी मंदिर के अद्भुद चमत्कार की पुष्टि करने के लिए लोग खंभे के नीचे से कपड़ा और अन्य चीज भी निकालते हैं। यहां लोगों का मानना है कि इस हैंगिंग पिलर के नीचे से कपड़ा या अन्य चीज निकालने से सुख-संपदा प्राप्त होती है। यहां भक्तों की इस मंदिर से धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है। यही वजह है कि वे हैंगिंग पिलर के नीचे ऐसी गतिविधियां करते हैं।

रहस्मयी, चमत्कारी मंदिर का निर्माण – Veerabhadra Temple, Lepakshi

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के पास स्थित इस रहस्यमयी मंदिर का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के दौरान 1518 में किया गया था। वहीं ये मंदिर पहाड़ी पर स्थित है इसलिए यह कूर्म सैला के नाम से भी जाना जाता है। जबिक पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्त्य ने करवाया था। आपको बता दें कि लेपाक्षी मंदिर भगवान वीरभद्र को समर्पित है। यहां देवी को भद्रकाली कहा जाता है।

लेपाक्षी मंदिर से जुड़ा है पौराणिक महत्व – Lepakshi Temple Story

पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस रहस्यमयी स्थल का संबंध रामायण काल से है। कहा जाता है, जब रावण ने माता सीता का अपहरण किया था, तो वो इसी जगह से होकर गुजरा था, जहां जटायु ने रावण का रास्ता रोका था। यहीं रावण और जटायु के बीच भीषण युद्ध भी हुआ था। इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि माता सीता के पैर के निशान आज भी इस जगह पर मौजूद हैं। वहीं यहां मिले पैरों के निशान को लेकर इतिहासकारों ने अपने अलग-अलग मत भी दिए हैं।

इस रहस्यमयी स्थल का नाम कैसे पड़ा लेपाक्षी – Lepakshi Meaning

पौराणिक कथा के मुताबिक जब रावण और जटायु के बीच युद्धा हो रहा था। इस दौरान जटायु घायल होकर इसी स्थान पर गिर गए थे और फिर माता सीता की तलाश में श्रीराम यहां पहुंचे थे तो उन्होंने ले पाक्षी कहते हुए जटायु को अपने गले से लगा लिया। जिसकी वजह से इस रहस्यों से भरे स्थल का नाम लेपाक्षी पड़ा गया। मुख्यरूप से “ले पाक्षी” एक तेलुगू शब्द है जिसका अर्थ उठो पक्षी है।

लेपाक्षी मंदिर में अद्भुत राम लिंगेश्वर शिवलिंग भी मौजूद

आंध्रप्रदेश का ये मंदिर कई रहस्यों से जुड़ा हुआ है साथ ही इसका धार्मिक महत्व भी कम नहीं हैं। आपको बता दें कि राम लिंगेश्वर नाम का एक अद्भुत शिवलिंग भी यहां मौजूद है। ये भी कहा जाता है कि जटायु के अंतिम संस्कार के बाद भगवान राम ने खुद इस शिवलिंग की स्थापना की थी। वहीं यहां पास में एक और शिवलिंग स्थापित है, जिसकी स्थापना हनुमान ने की थी। इस शिवलिंग को हनुमालिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है। यहां शेषनाग की एक अद्भुत प्रतिमा भी है, जिसका निर्माण कई साल पहले किया गया था।

लेपाक्षी मंदिर के स्वयंभू शिवलिंग से भी जुड़ी लोगों की धार्मिक आस्था

ये रहस्यमयी और चमत्कारी लेपाक्षी मंदिर सिर्फ हैंगिग पिलर की वजह से ही मशहूर नहीं है बल्कि बड़ी सख्या में लोगों की यहां से आस्था भी जुड़ी हुई है। आपको बता दें कि इस मंदिर मे स्वयंभू शिवलिंग भी मौजूद है। जो कि भगवान वीरभद्र ( शिव का रौद्र रूप) का अवतार माना जाता है।

कई सालों तक शिवलिंग खुले आकाश के तले विराजमान थे। बाद में विजयनगर साम्राज्य के काल में यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया। ऐसा भी कहा जाता है बाकी मंदिरों से इसलिए अलग पहचान रखता है क्योंकि इस मंदिर का निर्माण किसी अदभुद चमत्कार से करवाया गया था।

लेपाक्षी मंदिर में नृत्य मंडप का रहस्य

इस अदभुत चमत्कारी लेपाक्षी मंदिर में पर एक नृत्य मंडप स्थित है, जिसे शिव-पार्वती से जोड़ कर देखा जाता है। आपको बता दें कि यहां की धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह इसी जगह हुआ था। इसलिए विजयनगर के राजाओं ने यहां एक विवाह मंडप का निर्माण करवाया। और इस विवाह मंडप को एक ऐसा अद्भुत रूप दिया गया, जैसे यहां देवी-देवता नृत्य कर रहे हों। वहीं इस मंदिर के कमल में एक ग्रेविटी पाई गई है जिसका वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं।

आंध्रप्रदेश का ये लेपाक्षी मंदिर चमत्कारों और रहस्यों से भरा पड़ा है। वहीं अंग्रेजों ने भी इस अद्भभुत रहस्य को जानने की कई बार कोशिश की वे इसे किसी और जगह पर ले जाना भी चाहते थे और तो और इंजीनियर ने भी इस मंदिर के अद्भुत चमत्कार को जानने की कई बार कोशिश की लेकिन इंजीनियर की सारी कोशिशों ने इस मंदिर के चमत्कारों के आगे अपने घुटने टेक दिए।

आपको बता दें कि आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में बना लेपाक्षी मंदिर काफी विशाल है इसके अद्भुत चमत्कार और विशाल महिमा को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। इस मंदिर परिसर में भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान वीरभद्र को समर्पित तीन मंदिर है। इसके साथ ही इस मंदिर से लोगों की धार्मिक मान्यता भी जुड़ी हुई है।

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