Site icon India's beloved learning platform

भारत के राष्ट्रपति और जीवनी

राष्ट्रपति राष्ट्र प्रमुख माना जाता है एवं भारत में राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक कहलाता है, जो कि भारत के सशस्त्र बलों का कमांडर-इन-चीफ एवं राज्यों का प्रमुख होता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक गणराज्य में राष्ट्रपति के पास कुछ प्रमुख शक्तियां होती हैं और कुछ अहम जिम्मेदारियां होती हैं।

राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्धारा भारत में राष्ट्रपति 5 सालों के लिए मनोनीत किया जाता है। जबकि प्रधानमंत्री की नियुक्त राष्ट्रपति द्धारा की जाती है, एवं अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्धारा की जाती है। वहीं राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करता है, जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है। वहीं देश में युद्ध, विद्रोह अथवा आपात स्थिति में राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा कर सकता है।

राष्ट्रपति के पास कार्यकारी शक्तियों के अलावा विधायी, न्यायिक, वित्तीय, कूटनीतिक शक्तियां भी होती है। वहीं भारत में किसी भी कानून को लागू करने के लिए राष्ट्रपित के हस्ताक्षर की जरूरत होती है, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बिना भारत में कोई भी नया कानून नहीं लागू किया जा सकता है।

आपको बता दें कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति थे, जबकि देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव प्रतिभा पाटिल जी को प्राप्त हुआ है।

इस आर्टिकल में हम अपने देश में संविधान लागू होने के बाद बनाए गए पहले राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान तक के सभी राष्ट्रपति, उनके कार्यकाल, उनके द्धारा किए गए मुख्य कामों और उनके जीवन से जुड़े कुछ खास तथ्यों के बारे में बताएंगे, लेकिन इससे पहले आप इस लिस्ट पर अपनी नजर डालिए –

भारत के राष्ट्रपति और जीवनी – List of President of India in Hindi

यह निचे भारत के राष्ट्रपति की सूचि दी है, आप इस राष्ट्रपतियो के नाम पर क्लिक करके उनकी जीवनी पढ़ सकते है।

भारत के अब तक के राष्ट्रपति और उनके कार्याकाल की लिस्ट –

1. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद –

प्रमुख विशेषता-

राजेन्द्र प्रसाद जी को न सिर्फ देश के पहले राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त है, बल्कि वे इस पद पर अभी तक दो बार मनोनीत किए जाने वाले पहले पहले व्यक्ति भी हैं। राजेन्द्र प्रसाद जी देश के पहले राष्ट्रपति होने के साथ-साथ भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

राजेन्द्र प्रसाद जी ने भारत छोड़ो आंदोलन, नमक सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लेकर ब्रिटिश अधिकारियों को उनके सामने घुटने टेकने को विवश कर दिया था। हालांकि, इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। संविधान सभा के अध्यक्ष रह चुके राजेन्द्र प्रसाद जी ने समाज के हित के लिए कई काम किए, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा का जमकर प्रचार-प्रसार किया एवं शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार किया।

इसके अलावा उन्होंने कई सरकारी दफ्तरों की भी स्थापना की। राजेन्द्र प्रसाद प्रसाद जी को उनके द्धारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए साल 1962 में भारत रत्न भी दिया गया था।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

डॉ. राजेंद्र प्रसाद जीवनी

2. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (दूसरे राष्ट्रपति) – 

प्रमुख विशेषता –

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन लोकतंत्रात्मक गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति थे, जिन्हें देश के दूसरे राष्ट्रपति के रुप में काम करने का गौरव प्राप्त हुआ था। उनकी ख्याति एक महान शिक्षक के रुप में पूरे देश में फैली हुई थी। इसलिए उनके जन्म (Birthday)दिवस 5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस के रुप में मनाते है।

भारत के दूसरे राष्टपति होने के साथ-साथ, वे एक महान भारतीय दर्शनशास्त्री भी थे, जिन्होंने दर्शनशास्त्र पर कई किताबें भी लिखी हुई हैं। उन्हें शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वामी विवेकानंद जी को अपना गुरु मानते थे। आपको बता दें कि राधाकृष्णन जी को भारतीय संस्कृति और सभ्यता से बेहद लगाव था, वे हिन्दुत्व को देश में बढ़ाना चाहते थे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

3. डॉ. ज़ाकिर हुसैन (भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति) – 

प्रमुख विशेषता:

डॉक्टर जाकिर हुसैन भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति थे, जिन्होंने देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय काम किए। उनका सपना भारत को पूर्ण रुप से शिक्षित राष्ट्र बनाना था। वे एक राष्टपति होने के साथ-साथ एक महान शिक्षाविद भी थे, जो कि जामिया-मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रह चुके थे।

जाकिर साहब देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिनकी राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए मृत्यु हो गई थी। जिस समय डॉ. जाकिर हुसैन देश के राष्ट्रपति थे, उस समय प्रधानमंत्री के रुप में देश की कमान श्री मति इंदिरा गांधी संभाल रहीं थी।

उन्हें भारतीय राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए भारत के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से भी सम्मानित किया जा चुका था।

डॉक्टर जाकिर हुसैन जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

जाकिर हुसैन का जीवन परिचय

4. वी वी गिरी –

प्रमुख विशेषता:

वारहगिरी वेंकट गिरी को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन की अचानक मौत की वजह से पहले करीब 2 महीने के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया और फिर इसके बाद उन्हें 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक देश के पूर्णकालिक राष्ट्रपति के रुप में चुना गया था। देश में मजदूरों को हक दिलवाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण कदम उठाए थे।

वी. वी. गिरी देश के चौथे राष्ट्रपति होने के साथ-साथ एक प्रतिष्ठित वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक्टिव मेंबर भी थे। इसके अलावा उन्हें देश की आजादी की लड़ाई में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

वारहगिरी वेंकट गिरी जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

व्ही.व्ही. गिरी का जीवन परिचय

5. मोहम्मद हिदायतुल्ला (कार्यवाहक राष्ट्रपति) –

मोहम्मद हिदायतुल्ला को देश के पहले मुस्लिम चीफ जस्टिस होने का गौरव प्राप्त था, उन्होंने साल 1968 से लेकर 1980 तक भारत के चीफ जस्टिस के रुप में काम किया था। इसके साथ ही उन्होंने दो बार देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बन अपनी कुशल रणनीति के साथ देश का नेतृत्व किया था।

इसके अलावा मुहम्मद हिदायतुल्लाह ने देश के छठवें उपराष्ट्रपति का पदभार भी संभाला था। राष्ट्रपति बनने से पहले वे उत्तरप्रदेश, कर्नाटक और केरल के राज्यपाल के रुप में भी अपने सेवाएं प्रदत्त कर चुके थे। मोहम्मद हिदायातुल्ला चीफ चस्टिस, कार्यवाहक राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति होने के साथ-साथ एक अच्छे न्यायशास्त्री, भाषा वैज्ञानिक और महान लेखक भी थे। जिन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका था।

मोहम्मद हिदायातुल्ला जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

मोहम्मद हिदायतुल्लाह की जीवनी

6. डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद –

डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, भारत रत्न सम्मानित राष्ट्रपति डॉक्टर जाकिर हुसैन के बाद भारत के ऐसे दूसरे राष्ट्रपति थे, जिनकी अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी। जब वे राष्ट्रपति के रुप में देश का कार्यभार संभाल रहे थे, उस समय भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया था।

डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचारों से प्रभावित होकर राजनीति में आए थे। इके साथ ही उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलनों में हिस्सा लिया।

इस दौरान उन्हें जेल की यातनाएं भी सहनी पड़ी थी। डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, ने शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।

डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

फखरुद्दीन अली अहमद की जीवनी

7. बी डी जत्ती –

डॉक्टर फ़ख़रुद्दीन अली अहमद जी की मृत्यु के बाद बासप्पा दानप्पा जत्ती (बी डी जत्ती) को देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रुप में चुना गया था। उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति के रुप में भी कार्यभार संभाला था।

उन्हो्ंने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत नगरपालिका के सदस्य के रूप में की थी। वे मैसूर राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। इसके उन्होंने ओडिशा के राज्यपाल और पॉंडिचेरी के उप राज्यपाल के रुप में भी काम किया था।

बी डी जत्ती जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

बसप्पा दनाप्पा जत्ती की जीवनी

8. नीलम संजीव रेड्डी –

नीलम संजीव रेड्डी भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं दक्षिण भारत के एक प्रेरक क्रांतिकारी होने के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। नीलम संजीव रेड्डी भारत के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्हें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर पहली बार सफलता हाथ नहीं लगी थी, जबकि दूसरी बार उम्मीदवार बनाए जाने पर राष्ट्रपति पद के लिए इनका चयन किया गया था।

इसके अलावा उन्होंने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और लोकसभा के अध्यक्ष के रुप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की थी, फिर बाद में नीलम संजीव रेड्डी जनता पार्टी में जुड़ गए थे और भारत के राष्ट्रपति का पद संभाला था।वे भारत के सबसे युवा राष्ट्रपति थे, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के कई बड़े विभागों में भी काम किया था।

नीलम संजीव रेड्डी जी ने महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर आजादी की लड़ाई में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था, इसके साथ ही विदेशी वस्त्रों का पूर्ण रुप से बहिष्कार किया था।

नीलम संजीव रेड्डी जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

नीलम संजीव रेड्डी जीवन परिचय

9. ज्ञानी जैल सिंह –

ज्ञानी जैल सिंह भारत के एक महान राजनेता थे, जिन्हें भारत के पहले सिख राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त है। राष्ट्रपति के रुप में अपनी सेवाएं देने से पहले वे यूनियन कैबिनेट में ग्रह मंत्री समेत कई अहम पदों पर काम कर चुके थे। उनके नेहरू – गांधी परिवार से काफी करीबी और अच्छे रिश्ते थे।

ज्ञानी जेल सिंह ने भारत की आजादी की लड़ाई में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। इसके साथ ही उन्होंने दलित वर्ग के अधिकार के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी। ज्ञानी जैल सिंह ने अपने राजनीतिक करियर के बेहद कम समय में काफी उपलब्धियों को हासिल किया था। हालांकि उनका राष्ट्रपति के रुप में कार्यकाल संघर्षपूर्ण और चुनौतीपूर्ण रहा।

उनके कार्यकाल में भारत की भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या और साल 1984 में गुजरात में हुए सिख दंगे जैसे बड़े घटनाक्रम हुए।

ज्ञानी जैल सिंह जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

ज्ञानी जैल सिंह की जीवनी

10. आर वेंकटरमण –

आर वेंकटरमण ने लोकतंत्रात्मक भारतीय गणराज्य में राष्ट्रपति के रुप में अपनी सेवाएं साल 1987 से लेकर 1992 तक दी थी। वे एक मशहूर राजनेता थे, जो कि लंबे समय तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रुप में भी काम कर चुके थे। इसके अलावा उन्होंने लोकसभा के सदस्य, उपराष्ट्रपति समेत कई प्रमुख मंत्री पद पर भी काम किया था।

आर वेंकटरमण ने मद्रास राज्य में वाणिज्यिक कर, श्रम, सहकारिता, यातायात जैसे तमाम महत्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी भी संभाली थी। इसके साथ ही रामास्वामी वेंकटरमण भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन समेत ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ कई आंदोलनों में हिस्सा लिया था।

रामास्वामी वेंकटरमन के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

रामास्वामी वेंकटरमण की जीवनी

11. डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा –

डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा ने राष्ट्रपति के रुप में देश का कुशल नेतृत्व किया था। वे एक मशहूर राजनेता होने के साथ-साथ एक महान पत्रकार भी थे, जिन्होंने भारतीय इतिहास, साहित्य एवं सामाजिक मुद्दो्ं को लेकर अपनी किताबों में लिखा था। शंकर दयाल शर्मा जी ने अपने कार्यकाल में मुख्य रुप से शिक्षा, लोकनिर्माण एवं कानून के लिए कई काम किए। वहीं भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने से पहले वे कई बड़े मंत्री पदों पर भी काम कर चुके थे।

डॉक्टर शंकर दयाल के अंदर देशभक्ति की भावना निहित थी, तभी उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। साल 1942 में महात्मा गांधी द्धारा चलाए गए “भारत छोड़ो आंदोलन” में डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

इसके अलावा शंकर जी ने भोपाल से नवाबों का शासन खत्म करने के लिए भोपाल को एक अलग रिसायत बनाने की मांग करते हुए जनता आंदोलन का भी नेतृत्व किया। इस दौरान उन्हें जेल की यातनाएं भी सहनी पड़ीं।

डॉक्टर शंकर दयाल जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

शंकर दयाल शर्मा की जीवनी

12. के आर नारायण –

प्रमुख विशेषता –

के आर नारायण देश के पहले दलित और मलयाली राष्ट्रपति थे, वे अक्सर खुद को “कार्यकारी राष्ट्रपति” भी संबोधित करते थे। के आर नारायण जी एक अच्छे मार्गदर्शक थे, जो अपनी दूरदर्शी सोच और कुशल प्रतिभा से अपने शासनकाल में मानक और प्रोटोकॉल खुद ही सेट करते थे। के आर नारायण की छवि देश में एक लोकप्रिय और जनता के चहेते राजनेता के रुप में बनी हुई थी।

राष्ट्रपति होने के अलावा उन्होंने उपराष्ट्रपति और IFS (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी के रुप में वह जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और तुर्की समेत कई देशों में भारत के राजदूत बनकर काम किया था। इसके साथ ही उन्होंने लोकसभा सदस्य के रुप में कई अहम मंत्री पदों पर भी अपने सेवाएं प्रदत्त कीं।

उन्हें देश का सर्वश्रेष्ठ राजनायिक भी कहा जाता था। के आर नारायण ने एक पत्रकार के रुप में महात्मा गांधी जी का भी साक्षात्कार (इंटरव्यू) किया था।

के आर नारायण जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

कोचेरिल रमण नारायण की जीवनी

13. डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम –

‘भारत रत्न’ से सम्मानित डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद, भारत के इकलौते एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जो कि किसी राजनीति बैकग्राउंड से नहीं थे। वे भारत के एक मशहूर वैज्ञानिक थे, जिन्होंने भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र बनाने और विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इसके साथ ही अब्दुल कलाम जी ने भारत में अग्नि मिसाइल को उड़ान दी थी, इसलिए उन्हें भारत का मिसाइल मैन भी कहा गया है। डॉ. एपीजे अब्दुल अलाम आजाद जी द्धारा तकनीकी एवं विज्ञान में अपना विशेष योगदान दिया, जिसके लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न समेत पदम भूषण, पदम विभूषण आदि से सम्मानित किया गया।

और दुनिया में करीब 30 से ज्यादा विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा। उनके इस महत्पूर्ण योगदान की वजह से ही साल 2002 में उन्हें भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद जी ने अपनी दूरगामी सोच से भारत के विकास को एक नई दिशा दी और करोड़ों लोगों के प्रेरणास्त्रोत बने।

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आजाद जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी

14. प्रतिभा पाटिल –

प्रतिभा पाटिल जी देश के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति पद) पर आसीन होने वाली पहली महिला (First female president of India) हैं। उन्होंने साल 2004 से 2008 तक राजस्थान के राज्यपाल के रुप में भी अपनी सेवाएं प्रदत्त की हैं।

अपने पिता से प्रेरित होकर राजनीति में आईं प्रतिभा जी ने अपने राजनीतिक जीवन में शिक्षा, शहरी विकास और आवास, पर्यटन, समाज कल्याण, जन स्वास्थ्य, सांस्कृतिक समेत कई अहम पदों पर काम किया है। एक अच्छी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ वे एक अनुभवी और बेहतरीन वकील भी हैं।

प्रतिभा पाटिल जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

प्रतिभाताई पाटिल की जीवनी

15. प्रणब मुखर्जी –

प्रणब मुखर्जी एक प्रख्यात एवं अनुभवी राजनीतिज्ञ थे उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा, वाणिज्यिक मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर कई दशकों तक देश की सेवा की। राष्ट्रपति के रुप में अपनी सेवाएं देने से पहले वे मनमोहन सिंह की सरकार में वित्त मंत्री के रुप में भी काम कर चुके हैं।

साल 2012 में पी.ए. संगमा को करीब 70 फीसदी वोटों से हराकर वे राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए थे। प्रणव मुखर्जी के भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ काफी करीबी रिश्ते थे। वे एक अच्छे राजनेता होने के साथ-साथ वे एक अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।

प्रणब मुखर्जी जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

प्रणब मुखर्जी की जीवनी

16. रामनाथ कोविंद –

प्रमुख विशेषता-

भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई साल 2017 को भारत के राष्ट्रपति के 14 वें राष्टपति बने। वे कोच्चेरिल रमन नारायण के बाद भारत के दूसरे दलित राष्ट्रपति बने। वे एक अनुभवी और कुशल राजनीतिज्ञ हैं, उन्होंने करीब 12 साल तक संसद के सदस्य के रुप में अपनी सेवाएं दी, इस दौरान उन्होंने होम अफेयर्स पार्लियामेंट्री कमेटी, अनुसूचित जाति और जनजाति पार्लियामेंट्री कमेटी, लॉ एंड जस्टिस पार्लियामेंट्री कमेटी के तौर पर भी काम किया है।

राष्ट्रपति बनने से पहले वे बिहार के राज्यपाल के रुप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ वे एक अच्छे वकील भी रहे हैं। जिन्होंने करीब 16 साल तक वकालत की है। इसके अलावा रामनाथ कोविंद ने समाज के दलित और पिछले वर्ग के लोगों के लिए काफी काम किया एवं शिक्षा का जमकर प्रसार-प्रसार किया और वर्तमान में भी वे देश के विकास के लिए निंरतर कार्यरत हैं।

रामनाथ कोविंद जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें:

राम नाथ कोविंद की जीवनी

Exit mobile version

https://www.neinver.com/

https://www.tavernakyclades.com/

https://www.kidsfunhouse.com/

https://agungbatin.mesuji-desa.id/batin/

https://butcherbar.com/

https://bukoposo.desa.id/poso/

https://nekretnine.mirjanamikulec.com/

https://famousfidorescue.org/

https://eadvocat.rd.ua/

https://miep.spb.ru/

https://www.medswana.co.bw/