नए साल पर खुबसुरत कविताओं का संग्रह!

New year Poem

नया साल जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। चाहे वह बच्चे हों या फिर बड़े हों, हर कोई नए साल के आागमन का इंतजार करता है।

हर कोई अपने-अपने तरीके से नए साल का जश्न मनाता है। दरअसल नया साल मनाने के पीछे यह माना गया है कि अगर साल का पहला दिन जोश, उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो साल भर इसी उत्साह और खुशियों के साथ ही बीतेगा। इसलिए हम आज के अपने इस लेख में नए वर्ष पर कुछ खूबसरत कवितायेँ – New year Poem लाये हैं ताकि आपका आनेवाला यह नया साल खूबसूरती के साथ बीते।

New year Poem

नए साल पर खुबसुरत कविताओं का संग्रह – New year Poem in Hindi

Happy New year Poem

आओ, नूतन वर्ष मना लें

आओ, नूतन वर्ष मना लें!
गृह-विहीन बन वन-प्रयास का
तप्त आँसुओं, तप्त श्वास का,
एक और युग बीत रहा है, आओ इस पर हर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
उठो, मिटा दें आशाओं को,
दबी छिपी अभिलाषाओं को,
आओ, निर्ममता से उर में यह अंतिम संघर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
हुई बहुत दिन खेल मिचौनी,
बात यही थी निश्चित होनी,
आओ, सदा दुखी रहने का जीवन में आदर्श बना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!

~ हरिवंशराय बच्चन

New year Inspirational Poems

नए वर्ष की शुभ कामनाएँ

(वृद्धों को)
रह स्वस्थ आप सौ शरदों को जीते जाएँ,
आशीष और उत्साह आपसे हम पाएँ।
(प्रौढ़ों को)
यह निर्मल जल की, कमल, किरन की रुत है।
जो भोग सके, इसमें आनन्द बहुत है।
(युवकों को)
यह शीत, प्रीति का वक्त, मुबारक तुमको,
हो गर्म नसों में रक्त मुबारक तुमको।
(नवयुवकों को)
तुमने जीवन के जो सुख स्वप्न बनाए,
इस वरद शरद में वे सब सच हो जाएँ।
(बालकों को)
यह स्वस्थ शरद ऋतु है, आनंद मनाओ।
है उम्र तुम्हारी, खेलो, कूदो, खाओ।

~ हरिवंशराय बच्चन

New year Poems for Kids

नया साल उन बच्चों के नाम

नया साल…..
उन बच्चो के नाम
जिनके पास
न ही है रोटी
न ही है ,
कोई खेल खिलोने
न ही कोई बुलाए
उन्हें प्यार से
न कोई सुनाये कहानी
पर बसे हैं ,
उनकी आंखों में कई सपने
माना कि अभी है
अभावों का बिछोना
और सिर्फ़ बातो का ओढ़ना
आसमन की छ्त है
और घर है धरती का एक कोना
पर ….
उनके नाम से बनेगी
अभी कागज पर
कुछ योजनायें
और साल के अंत में
वही कहेंगी
जल्द ही पूरी होंगी यह आशाएं …
इसलिए ,उम्मीद की एक किरण पर .
नया साल उन बच्चो के नाम ………..

~ रंजना भाटिया

Nav Varsh Poem in Hindi

नव वर्ष

नव वर्ष
वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन उत्कर्ष नव।
नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।
नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।
गीत नवल,
प्रीत नवल,
जीवन की रीति नवल,
जीवन की नीति नवल,
जीवन की जीत नवल!

~ हरिवंशराय बच्चन

Varsh ki Kavita in Hindi

नवल हर्षमय नवल वर्ष यह

नवल हर्षमय नवल वर्ष यह,
कल की चिन्ता भूलो क्षण भर;
लाला के रँग की हाला भर
प्याला मदिर धरो अधरों पर!
फेन-वलय मृदु बाँह पुलकमय
स्वप्न पाश सी रहे कंठ में,
निष्ठुर गगन हमें जितने क्षण
प्रेयसि, जीवित धरे दया कर!

~ सुमित्रानंदन पंत

Famous New year Poems

नवीन वर्ष

तमाम साल जानता कि तुम चले,
निदाघ में जले कि शीत में गले,
मगर तुम्हें उजाड़ खण्ड ही मिले,
मनुष्य के लिए कलंक हारना।
अतीत स्वप्न, मानता, बिखर गया,
अतीत, मानता, निराश कर गया,
अतीत, मानता, निराश कर गया,
तजो नहीं भविष्य को सिंगारना।
नवीन वर्ष में नवीन पथ वरो,
नवीन वर्ष में नवीन प्रण करो,
नवीन वर्ष में नवीन रस भरो,
धरो नवीन देश-विश्व धारणा।

~ हरिवंशराय बच्चन

New year Poem

फिर वर्ष नूतन आ गया

फिर वर्ष नूतन आ गया!
सूने तमोमय पंथ पर,
अभ्यस्त मैं अब तक विचर,
नव वर्ष में मैं खोज करने को चलूँ क्यों पथ नया।
फिर वर्ष नूतन आ गया!
निश्चित अँधेरा तो हुआ,
सुख कम नहीं मुझको हुआ,
दुविधा मिटी, यह भी नियति की है नहीं कुछ कम दया।
फिर वर्ष नूतन आ गया!
दो-चार किरणें प्यार कीं,
मिलती रहें संसार की,
जिनके उजाले में लिखूँ मैं जिंदगी का मर्सिया।
फिर वर्ष नूतन आ गया!

~ हरिवंशराय बच्चन

New year Love Poem

साथी, नया वर्ष आया है

साथी, नया वर्ष आया है!
वर्ष पुराना, ले, अब जाता,
कुछ प्रसन्न सा, कुछ पछताता
दे जी भर आशीष, बहुत ही इससे तूने दुख पाया है!
साथी, नया वर्ष आया है!
उठ इसका स्वागत करने को,
स्नेह बाहुओं में भरने को,
नए साल के लिए, देख, यह नई वेदनाएँ लाया है!
साथी, नया वर्ष आया है!
उठ, ओ पीड़ा के मतवाले!
ले ये तीक्ष्ण-तिक्त-कटु प्याले,
ऐसे ही प्यालों का गुण तो तूने जीवन भर गाया है!
साथी, नया वर्ष आया है!

~ हरिवंशराय बच्चन

New year Wishes Poems

साल मुबारक!

जैसे सोच की कंघी में से
एक दंदा टूट गया
जैसे समझ के कुर्ते का
एक चीथड़ा उड़ गया
जैसे आस्था की आँखों में
एक तिनका चुभ गया
नींद ने जैसे अपने हाथों में
सपने का जलता कोयला पकड़ लिया
नया साल कुझ ऐसे आया…
जैसे दिल के फ़िक़रे से
एक अक्षर बुझ गया
जैसे विश्वास के काग़ज़ पर
सियाही गिर गयी
जैसे समय के होंटो से
एक गहरी साँस निकल गयी
और आदमज़ात की आँखों में
जैसे एक आँसू भर आया
नया साल कुछ ऐसे आया…
जैसे इश्क़ की ज़बान पर
एक छाला उठ आया
सभ्यता की बाँहों में से
एक चूड़ी टूट गयी
इतिहास की अंगूठी में से
एक नीलम गिर गया
और जैसे धरती ने आसमान का
एक बड़ा उदास-सा ख़त पढ़ा
नया साल कुछ ऐसे आया…

~ अमृता प्रीतम

New year Poem for Child

कल नया साल आएगा

वो कल भी भूखा सोया था फुटपाथ में
अचानक खूब पटाखे चले रात में
झूमते चिल्लाते नाचते लोगों को देखा तो हर्षाया
पास बैठी ठिठुरती मां के पास आया
बता न माई क्या हुआ है क्या बात है
मां बोली बेटा आज साल की आखरी रात है
कल नया साल आएगा
बेटा बोला मां क्या होता है नया साल
अरे सो जा मेरे लाल
मैं भीख मांगती हूँ तू हर रोज़ रोता है
साल क्या हम जैसों की ज़िन्दगी में कुछ भी नया नहीं होता है

~ शैलेश लोढ़ा

Funny New year Poem

हैं ये शुभ-कामनाएं नए साल में

आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में
बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में
गीत गाते रहें, गुनगुनाते रहें
हैं ये शुभ-कामनाएं नए साल में
रेत, मिटटी के घर में बहुत रह लिए
घर दिलों में बनायें नए साल में
अब न बातें दिलों की दिलों में रहें
कुछ सुने, कुछ सुनाएँ नए साल में
जान देते हैं जो देश के वास्ते
गीत उनके ही गायें नए साल में
भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस
हम उन्हें याद आयें नए साल में

~ कुमार अनिल

Happy New year Poem

नव वर्ष की नव सुबह

नव वर्ष की नव सुबह
मैं ये इज़हार करता हूँ
मैं आज भी सिर्फ
तुमसे से ही प्यार करता हूँ
है साल नया है नयी उमंग
दिल पर छाया है सिर्फ तुम्हारा रंग
चाहे बीतें युग या गुज़रें महीने और साल
बदलेगा ना मेरे इस दिल का हाल
ये धड़केगा तुम्हारे लिये
ये तड़पेगा तुम्हारे लिये
ये वादा मैं तुमसे
आज अभी करता हूँ
नव वर्ष की नव सुबह मैं
ये ऐतबार करता हूँ
तुम भी ये मुझे बतलाओगी कि
मैं सिर्फ तुमसे प्यार करती हूँ

~ अनुष्का सूरी

Short New Year Poems

आओ, नूतन वर्ष मना लें!

गृह-विहीन बन वन-प्रयास का
तप्त आँसुओं, तप्त श्वास का,
एक और युग बीत रहा है, आओ इस पर हर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
उठो, मिटा दें आशाओं को,
दबी छिपी अभिलाषाओं को,
आओ, निर्ममता से उर में यह अंतिम संघर्ष मना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
हुई बहुत दिन खेल मिचौनी,
बात यही थी निश्चित होनी,
आओ, सदा दुखी रहने का जीवन में आदर्श बना लें!
आओ, नूतन वर्ष मना लें!

~ हरिवंशराय बच्चन

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1 thought on “नए साल पर खुबसुरत कविताओं का संग्रह!”

  1. बहुत ही बढ़िया संग्रह शेयर किया है सर आपने.
    सारी कविताये बहुत ही अछि है पढ़ के अच्छा लगा.

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