पारसमणिनाथ मंदिर का इतिहास | Parasmaninath Temple History

पारसमणिनाथ मंदिर – Parasmaninath Temple

भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध पारसमणिनाथ मंदिर को पारसमनिधाम मंदिर भी कहा जाता है। बिहार के मधुबनी जिले के रहुआ संग्राम गाव स्थित है।

Parasmaninath Temple

पारसमणिनाथ मंदिर का इतिहास – Parasmaninath Temple History

इस मंदिर की खास बात यह है की पुरे बिहार और झारखण्ड दोनों राज्यों में सबसे बड़ा यही मंदिर है। इस मंदिर से जुडी एक और विशेष बात यह है की जिस जगह पर यह मंदिर बना हुआ है उसी जगह पर बहुत साल पहले एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ी गयी थी। वो लड़ाई राजा दरभंगा और भगवानपुर के राजा राहुल के बिच लड़ी गयी।

उन दोनों की बिच जो युद्ध हुआ, उसी लड़ाई के कारण इस जगह को आगे चलकर रहुआ संग्राम नाम दिया गया।

रहुआ संग्राम एक बहुत ही पुराना गाव है और अभी यह गाव मिथिलांचल का ‘सबसे आदर्श’ गाव माना जाता है।

इसी गाव के पूर्व उत्तर की दिशा में बाबा पारसमणिनाथ का मंदिर है। भारत के सभी प्राचीन मंदिरों में इस मंदिर को गिना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव का जो शिवलिंग है वो काफी महंगे पत्थर से बनाया गया है।

इस मंदिर में महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़े जोरो शोरो मनाया जाता है इस त्यौहार के दौरान हर रोज हजारों भक्त भगवान के दर्शन के लिए बड़े दूर से आते है। इस मंदिर को चलाने का काम पारसमणि फाउंडेशन ट्रस्ट करता है।

बिहार के इस प्रसिद्ध मंदिर में भगवान शिव का काफी बड़ा शिवलिंग है। साथ ही बिहार और झारखण्ड के सभी मंदिर इस भगवान शिव के मंदिर के सामने काफी छोटे दीखते है। शायद इसीलिए यह मंदिर इन दोनों राज्य में सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।

साथ ही इस मंदिर में भगवान शिव का जो शिवलिंग है वो जिस पत्थर से बना है वो भी अन्य शिवलिंगों से काफी भिन्न है। जिस पत्थर से यह शिवलिंग बना है वो पत्थर काफी महंगा है। इस तरह का पत्थर बड़ी मुश्किल से मिल पता है और इसी वजह से भगवान शिव की मूर्ति काफी सुंदर दिखती है।

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