भारतीय टीम के मध्यम गति के गेंदबाज आर पी सिंह | R P Sing Biography

भारतीय टीम के बाये हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज रूद्र प्रताप सिंह को हम सब R P Sing – आर पी सिंह के नाम से जानते है। इनकी गेंदबाजी बहुत सारे अंतर्राष्ट्रीय बल्लेबाजो के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो चुकी है। इनके नाम पर विकेट लेने के कई सारे रिकॉर्ड है।

भारतीय टीम के मध्यम गति के गेंदबाज आर पी सिंह – R P Sing Biography

R P Sing

आर पी सिंह का करियर – R P Sing Career

2004 में जब बांग्लादेश में 19 साल के निचे की टीम का विश्व कप चल रहा था तब आर पी सिंह सबके नजरो में आ गए थे। उस वक्त इन्होने 24.75 की औसत से 8 विकेट लिए थे। इनके इस शानदार प्रदर्शन से सभी प्रभावित हुए थे।

2015 से आर पी सिंह उत्तर प्रदेश की टीम को छोड़कर गुजरात के लिए घरेलु क्रिकेट में और रणजी ट्राफी में खेल रहे है।

तीसरे एकदिवसीय मैच में आर पी सिंह को मेन ऑफ़ द मैच से सम्मानीत किया गया था। इन्होने पूरी श्रीलंका की टीम को केवल 196 रन पर ध्वस्त कर दिया था। इन्होने गेंद को अपनी उंगलियों से इतना स्विंग किया की श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज फटाफट आउट कर दिए और उस टीम के चार बहुत ही महत्त्वपूर्ण विकेट भी चटकाए। और सारी दुनिया को बता दिया की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मे इनका आगाज हो चूका है।

जनवरी 2006 में इन्होने करियर का पहला टेस्ट मैच पाकिस्तान के फैसलाबाद में खेला। उन्होंने उस दुसरे टेस्ट मैच में और उनके करियर के पहले टेस्ट मैच में कुल 5 विकेट लिए थे जिसके चलते इन्हें मेन ऑफ़ द मैच का सम्मान भी प्राप्त हुआ।

इंग्लैंड के दौरे के लिए इनका चयन किया गया था। लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए टेस्ट मैच में इन्होने 59 रन देकर 5 विकेट लिए थे। वो इनके करियर का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। इन्होने टेस्ट के करियर में पहली बार 5 विकेट लेने का काम कर दिखाया था। इसी तरह का बढ़िया प्रदर्शन इन्होने एकदिवसीय मेचो में भी दिखाया।

सितम्बर 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए आईसीसी टी20 विश्व कप में इन्हें शामिल किया गया था। उस श्रुंखला में आर पी सिंह सबसे ज्यादा विकेट लेनेवाले गेंदबाजो में नंबर 2 पर थे। उस 12 देशो की श्रुंखला में भारत ने अंतिम मैच में पाकिस्तान को हरा कर टी20 का विश्व कप जीता था।

अगस्त 2011 में इंग्लैंड के दौरे के लिए इन्हें फिर से भारतीय टीम में जगह मिली थी क्यु की उस वक्त ज़हीर खान चोटिल होने के कारण वो बाहर हो गए थे। पुरे 3 साल बाद आर पी सिंह की मैच खेलने के लिए वापसी हुई थी।

आई पी एल में वो कोच्ची टस्कर्स के लिए खेलते है। 2011 से वो डेक्कन चार्जर्स के लिए खेले। आई पी एल के दुसरे सीजन में आर पी सिंह बहुत ही सफ़ल गेंदबाज साबित हुए। इस पुरे सीजन में इन्होने 16 मेचो में सबसे ज्यादा 23 विकेट लेकर पर्पल केप अपने नाम पर कर ली थी।

इस प्रदर्शन के चलते इन्हें फिर से 2009 के टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में लिया गया था। वो आई पी एल में सबसे ज्यादा 52 विकेट लेने वाले अकेले गेंदबाज है।

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