Abraham Lincoln Biography
”हार मानो नहीं तो कोशिश बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”
यह पंक्तियां अमेरिका के सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन पर एकदम सटीक बैठती हैं, क्योंकि उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन के तमाम संघर्षों के बाद इस मुकाम को हासिल किया बल्कि, अमेरिका का सबसे बड़े संकट अमेरिकन सिविल वॉर के दौरान सफल तरीके से नेतृत्व किया और अमेरिका समेत पूरी दुनिया में गुलामी की प्रथा अथवा दास प्रथा को खत्म करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी काफी प्रयास किए थे। यही नहीं अब्राहम लिंकन ने जातिगत और रंग भेदभाव के खिलाफ भी अपनी आवाज उठाई थी, वे सभी को एकसमान भाव से देखते थे।
अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) ने राष्ट्रपति बनने से पहले एक वकील, इलिअन्स स्टेट के विधायक, अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव्स के सदस्य के तौर पर भी काम कर किया था। वहीं उनका बचपन काफी गरीबी में बीता, यहां तक की दो वक्त की रोटी खाने के लिए भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था।
हम आपको अपने इस आर्टिकल में अब्राहम लिंकन के जीवन के संघर्षों से लेकर उनके राष्ट्रपति बनने तक के सफर के बारे मे बता रहे हैं –
अमेरिकन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय – Abraham Lincoln Biography In Hindi
नाम (Name) | अब्राहम थॉमस लिंकन (Abraham Lincoln) |
जन्म (Birthday) | 12 फरवरी, साल 1809, हार्डिन काउंटी, केंटुकी (अमेरिका) |
पिता का नाम (Father Name) | थॉमस लिंकन |
माता का नाम (Mother Name) | नैन्सी |
पत्नी का नाम (Wife Name) | मैरी टॉड |
बच्चे (Children Name) | रोबर्ट, एडवर्ड, विल्ली और टेड |
मृत्यु (Death) | 15 अप्रैल 1865 |
अब्राहम लिंकन का जन्म, परिवार और प्रारंभिक जीवन – Abraham Lincoln ka Jeevan Parichay
अब्राहम लिंकन, केंटुकी (अमेरिका) के हार्डिन काउंटी में 12 फरवरी, साल 1809 में एक बेहद गरीब परिवार में जन्में थे। वे थॉमस लिंकन और नैंसी लिंकन की संतान थे। उनके जन्म से थोड़े दिन बाद उनके परिवार को केंटुकी से इंडिआना के पैरी काउंटी में आना पड़ा था, जहां उन्हें आर्थिक हालात ठीक नहीं होने की वजह से काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था।
आपको बता दें कि जब अब्राहम लिंकन महज 9 साल के थे, तब उनके ऊपर से माता का साया उठ गया था, जिसके बाद उनके पिता ने साराह बुश जॉनसन से दूसरी शादी कर ली, वहीं उनकी सौतेली मां, लिंकन को अपने बच्चे की तरह ही प्यार करती थी और उन्हें पढ़ने के लिए काफी प्रेरित करती थी।
अब्राहम लिंकन की शिक्षा – Abraham Lincoln Education
आपको बता दें कि गरीबी की वजह से वे स्कूल नहीं जा सके, जिसके चलते उन्होंने लोगों से मांगी हुईं किताबों से घऱ पर रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी की। वहीं अब्राहम को बचपन से ही किताबें पढ़ने का बेहद शौक था, इसलिए किताबें पाने के लिए वह मीलों दूर पैदल ही चले जाते थे।
‘द लाइफ ऑफ जॉर्ज वाशिंगटन’ उनकी पसंदीदा किताबों में से एक थी। इसके साथ ही आपको बता यह भी बता दें कि अपना पेट पालने के लिए उन्होंने सुअर काटने से लेकर, मजदूरी, पोस्टर मास्टर, दुकानदार, सर्वेक्षक समेत लकड़हारे तक का काम किया।
अब्राहम लिंकन की शादी – Abraham Lincoln Marriage and Family
साल 1843 में अब्राहम लिंकन ने एक बेहद बड़े घराने की लड़की मैरी टॉड से शादी कर ली, जिनकी छवि समाज में एक महत्वकांक्षी और नकचढ़ी लड़की के रुप में थी।
लिंकन और मैरी टॉड को 4 संतानें भी प्राप्त हुईं, हालांकि लिंकन और मैरी टॉड के रिश्ते अच्छे नहीं थे और मैरी टॉड हमेशा लिंकन के पहनावे और रहन-सहन की वजह से उन्हें नीचा दिखाती थी और बात-बात पर झगड़ा भी करती थी, लेकिन शांत स्वभाव के अब्राहम पर इन सबका कोई असर नहीं होता था।
एक वकील के रुप में अब्राहम लिंकन – Abraham Lincoln as Lawyer
साल 1837 में दास प्रथा को खत्म करने के लिए अब्राहम लिंकन ने कई चुनाव लड़े लेकिन उन्हें कई बार हार का सामना करना पड़ा। वहीं इसके बाद उन्होंने गरीबों के आर्थिक विकास और उनको न्याय दिलाने के लिए वकील बनने का फैसला लिया।
जिसके लिए अब्राहम लिंकन ने साल 1844 में विलियम हेर्नदों के साथ वकालत की ट्रेनिंग दी। इसके बाद वे वकील बन गए। आपको बता दें कि महात्मा गांधी की तरह उन्होंने कभी झूठे केस नहीं लड़े और न ही कभी गरीब व्यक्तियों से वकालत के पैसे लिए। यही नहीं वे ज्यादातर केसों का निपटारा कोर्ट के बाहर ही कर देते थे। वकालत के दौरान उनके ईमानदारी और सच्चाई के कई किस्से प्रसिद्ध हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के रुप में अब्राहम लिंकन – Abraham Lincoln President of America
साल 1854 ने अब्राहम लिंकन फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए, लेकिन व्हिग पार्टी की तरफ से कई बार चुनाव में भी खड़े हुए, हालांकि इसके बाद यह पार्टी खत्म हो गई।
जिसके बाद साल 1856 में वे न्यू रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य बन गए, और उन्होंने अमेरिका में दास प्रथा अथवा गुलाम की प्रथा को खत्म करने के लिए कई काम किए।
आपको बता दें कि अमेरिका के दक्षिण राज्यों के लोग दास प्रथा के पक्षपाती थे, जबकि अमेरिका के उत्तरी राज्यों के आधे लोग दास प्रथा के विरोधी थे, दक्षिण राज्यों के गोरे निवासी उत्तर राज्यों के लोगों को गुलाम बना कर खेती का काम करवाना चाहते थे।
जिसको देखते हुए अब्राहम लिंकन को एहसास हो गया था, कि यह दास प्रथा अमेरिका के लोगों में फूट डाल रही है और देश के विकास को रोक रही है, जिसके बाद राष्ट्र को एकजुट करने के उद्देश्य से अब्राहम लिंकन ने एक प्रभावशाली भाषण दिया, जिसका लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा, इसके बाद से उनकी लोकप्रियता और भी अधिक बढ़ गई, वहीं उनके कामों को देखते हुए अब्राहम लिंकन को साल 1860 में अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति के रुप में चुना गया।
दास प्रथा को खत्म करने में निभाई मुख्य भूमिका – Slavery in America
अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बनने के बाद अब्राहम लिंकन ने दास प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए। 1 फरवरी, साल 1861 में फ्लोरिडा, टेक्सास, जेओर्गिया, लौइसिआन, अल्बामा और मिसिसिप्पी अलग हो गए। जिसके बाद में गृहयुद्ध शुरु हो गया।
इसके बाद अब्राहम लिंकन ने इस गुलामी को प्रथा को खत्म करने के लिए एक उन्मूलनवादी आन्दोलन चलाया।
अमेरिकी गृहयुद्ध के समय अब्राहम लिंकन ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका – Abraham Lincoln Role in American Civil War
दास प्रथा को खत्म करने के लिए अमेरिका के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों के बीच गृहयुद्ध हुआ, दरअसल दक्षिण राज्यों के गोरे लोग खेती करने के लिए, उत्तरी राज्यों के लोगों को बंधक बनाकर काम करवाना चाहते थे। दरअसल अमेरिका के दक्षिण राज्य के लोग खुद का एक अलग देश बनाना चाहते थे, जबकि उत्तरी राज्य के लोग गुलामी की प्रथा को खत्म कर एकजुट होना चाहते थे। जिसको लेकर अमेरिका के दोनो राज्यों में गृहयुद्ध हो गया।
काफी दिनों तक चले इस गृहयुद्ध में करीब 6 लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए, जिसके बाद दास प्रथा को लेकर लिंकन ने अथक प्रयास किए, और फिर यह गृहयुद्ध शांत किया गया, वहीं इसके बाद अमेरिका में दास प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने की घोषणा की गई।
अब्राहन लिंकन को सम्मान / पुरस्कार – Abraham Lincoln Awards
अब्राहम लिंकन के नाम पर अमेरिका में कई स्मारक चिन्ह बने हुए हैं। अमेरिका के करंसी पर न सिर्फ उनकी पिक्चर छपी होती है, बल्कि उनके नाम का डाक टिकट भी जारी किया गया था। इसके अलावा आपको बता दें कि उनकी सबसे मशहूर प्रतिमा माउंट रशमोर बनी हुई है, जो कि लिंकन मेमोरियल के नाम से मशहूर है।
यही नहीं वाशिंगटन डीसी के पीटरसन हाउस में भी उनके स्मारक के रुप में उनकी काफी बड़ी प्रतिमा बनी हुई है। इसके अलावा स्प्रिंगफील्ड इलिनॉय में अब्राहम लिंकन की लाइब्रेरी और मयूजियम भी बना हुआ है।
अब्राहम लिंकन का निधन – Abraham Lincoln Death History
अमेरिका के सबसे ईमानदार और पसंदीदा राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को 15 अप्रैल साल 1865 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के एक पिक्चर हॉल में मशहूर अभिनेता जॉन विल्केस बूथ द्धारा गोली मारकर हत्या कर दी गई।
हालांकि हत्या के 10 दिन बाद ही अपराधी जॉन विल्केस बूख वर्जीनिया के एक फॉर्म से पकड़ा गया, जहां अमेरिकी सैनिकों ने उन्हें एक मुठभेड़ में मार गिराया।
इस तरह एक महान और ईमानदार राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जीवनकाल खत्म हो गया। उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष की खरी कसौटियों को पार कर अमेरिका के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति बनने तक का मुकाम हासिल किया साथ ही देश के विकास में बाधा बन रही दास प्रथा को खत्म करने में अपनी अहम भूमिका निभाई, अब्राहम लिंकन जैसे महान व्यक्तियों के जीवन से वाकई सभी को प्रेरणा लेने की जरुरत है।
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